< हिज़ि 26 >

1 और ग्यारवें बरस में महीने के पहले दिन ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
و در سال یازدهم در غره ماه واقع شدکه کلام خداوند بر من نازل شده، گفت:۱
2 कि 'ऐ आदमज़ाद, चूँकि सूर ने येरूशलेम पर कहा है, 'अहा हा! वह क़ौमों का फाटक तोड़ दिया गया है, अब वह मेरी तरफ़ मुतवज्जिह होगी, अब उसकी बर्बादी से मेरी मा'मूरी होगी।
«ای پسر انسان چونکه صور درباره اورشلیم می‌گوید هه، دروازه امت‌ها شکسته شد و حال به من منتقل گردیده است. و چون او خراب گردیدمن توانگر خواهم شد.۲
3 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि देख, ऐ सूर मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और बहुत सी क़ौमों को तुझ पर चढ़ा लाऊँगा, जिस तरह समन्दर अपनी मौजों को चढ़ाता है।
بنابراین خداوند یهوه چنین می‌گوید: هان‌ای صور من به ضد تومی باشم و امت های عظیم بر تو خواهم برانگیخت به نهجی که دریا امواج خود رابرمی انگیزاند.۳
4 और वह सूर की शहर पनाह को तोड़ डालेंगे, और उसके बुरजों को ढादेंगे और मैं उसकी मिट्टी तक ख़ुर्च फेंकूँगा और उसे साफ़ चट्टान बना दूँगा।
و حصار صور را خراب کرده، برجهایش را منهدم خواهند ساخت و غبارش رااز آن خواهم رفت و آن را به صخره‌ای صاف تبدیل خواهم نمود.۴
5 वह समन्दर में जाल फैलाने की जगह होगा क्यूँकि मैं ही ने फ़रमाया, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, और वह क़ौमों के लिए ग़नीमत होगा।
و او محل پهن کردن دامها در میان دریا خواهد شد، زیرا خداوند یهوه می‌فرماید که من این را گفته‌ام. و آن تاراج امت هاخواهد گردید.۵
6 और उसकी बेटियाँ जो मैदान में हैं, तलवार से क़त्ल होंगी और वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
و دخترانش که در صحرامی باشند به شمشیر کشته خواهند شد. پس ایشان خواهند دانست که من یهوه هستم.»۶
7 क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, मैं शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र को जो शहनशाह है, घोड़ों और रथों और सवारों और फ़ौजों और बहुत से लोगों के गिरोह के साथ उत्तर से सूर पर चढ़ा लाऊँगा;
زیرا خداوند یهوه چنین می‌فرماید: «اینک من نبوکدرصر پادشاه بابل، پادشاه پادشاهان را ازطرف شمال بر صور با اسبان و ارابه‌ها و سواران وجمعیت و خلق عظیمی خواهم آورد.۷
8 वह तेरी बेटियों को मैदान में तलवार से क़त्ल करेगा और तेरे चारों तरफ़ मोर्चाबन्दी करेगा, और तेरे सामने दमदमा बाँधेगा और तेरी मुख़ालिफ़त में ढाल उठाएगा।
و اودختران تو را در صحرا به شمشیر خواهد کشت. و برجها به ضد تو بنا خواهد نمود. و سنگرها دربرابر تو خواهد ساخت. و مترسها در برابر تو برپاخواهد داشت.۸
9 वह अपने मन्जनीक को तेरी शहर पनाह पर चलाएगा, और अपने तबरों से तेरे बुर्जों को ढा देगा।
و منجنیقهای خود را برحصارهایت آورده، برجهایت را با تبرهای خودمنهدم خواهد ساخت.۹
10 उसके घोड़ों की कसरत की वजह से इतनी गर्द उड़ेगी कि तुझे छिपा लेगी जब वह तेरे फाटकों में घुस आएगा, जिस तरह रखना करके शहर में घुस जाते हैं, तो सवारों और गाड़ियों और रथों की गड़गड़ाहट की आवाज़ से तेरी शहरपनाह हिल जाएगी।
و اسبانش آنقدر زیادخواهد بود که گرد آنها تو را خواهد پوشانید. وچون به دروازه هایت داخل شود چنانکه به شهررخنه دار درمی آیند، حصارهایت از صدای سواران و ارابه‌ها و کالسکه‌ها متزلزل خواهدگردید.۱۰
11 वह अपने घोड़ों के सुमों से तेरी सब सड़कों को रौन्द डालेगा, और तेरे लोगों की तलवार से क़त्ल करेगा और तेरी ताक़त के सुतून ज़मीन पर गिर जाएँगे।
و به سم اسبان خود همه کوچه هایت راپایمال کرده، اهل تو را به شمشیر خواهد کشت. و بناهای فخر تو به زمین خواهد افتاد.۱۱
12 और वह तेरी दौलत लूट लेंगे, और तेरे माल — ए — तिजारत को ग़ारत करेंगे और तेरे शहर पनाह तोड़ डालेंगे तेरे रंगमहलों को ढा देंगे, और तेरे पत्थर और लकड़ी और तेरी मिट्टी समन्दर में डाल देंगे।
وتوانگری تو را تاراج نموده، تجارت تو را به یغماخواهند برد. و حصارهایت را خراب نموده، خانه های مرغوب تو را منهدم خواهند نمود. وسنگها و چوب و خاک تو را در آب خواهندریخت.۱۲
13 और तेरे गाने की आवाज़ बंद कर दूँगा और तेरी सितारों की आवाज़ फिर सुनी न जायेगी।
و آواز نغمات تو را ساکت خواهم گردانید که صدای عودهایت دیگر مسموع نشود.۱۳
14 और मैं तुझे साफ़ चट्टान बना दूँगा तू जाल फैलाने की जगह होगा और फिर ता'मीर न किया जाएगा क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
و تو را به صخره‌ای صاف مبدل خواهم گردانید تا محل پهن کردن دامها بشوی و بار دیگربنا نخواهی شد. زیرا خداوند یهوه می‌فرماید: من که یهوه هستم این را گفته‌ام.»۱۴
15 ख़ुदावन्द ख़ुदा सूर से यूँ फ़रमाता है: कि जब तुझ में क़त्ल का काम जारी होगा और ज़ख्मी कराहते होंगे, तो क्या बहरी मुल्क तेरे गिरने के शोर से न थरथराएँगे?
خداوند یهوه به صور چنین می‌گوید: «آیاجزیره‌ها از صدای انهدام تو متزلزل نخواهد شدهنگامی که مجروحان ناله کشند و در میان توکشتار عظیمی بشود؟۱۵
16 तब समन्दर के हाकिम अपने तख़्तों पर से उतरेंगे और अपने जुब्बे उतार डालेंगे और अपने ज़रदोज़ पैराहन उतार फेकेंगे, वह थरथराहट से मुलब्बस होकर ख़ाक पर बैठेगे, वह हरदम काँपेंगे और तेरी वजह से हैरत ज़दा होंगे।
و جمیع سروران دریا ازکرسیهای خود فرود آیند. و رداهای خود را ازخود بیرون کرده، رخوت قلابدوزی خویش رابکنند. و به ترسها ملبس شده، بر زمین بنشینند وآن فان لرزان گردیده، درباره تو متحیر شوند.۱۶
17 और वह तुझ पर नोहा करेंगे और कहेंगे, 'हाय, तू कैसा हलाक हुआ जो बहरी मुल्कों से आबाद और मशहूर शहर था, जो समन्दर में ताक़तवर था; जिसके बाशिन्दों से सब उसमें आमद — ओ — रफ़त करने वाले ख़ौफ़ खाते थे!
پس برای تو مرثیه خوانده، تو را خواهند گفت: ای که از دریا معمور بودی چگونه تباه گشتی! آن شهر نامداری که در دریا زورآور می‌بود که باساکنان خود هیبت خویش را بر جمیع سکنه دریامستولی می‌ساخت.۱۷
18 अब बहरी मुल्क तेरे गिरने के दिन थरथरायेंगे हाँ, समन्दर के सब बहरी मुल्क तेरे अन्जाम से परेशान होंगे।
الان در روز انهدام توجزیره‌ها می‌لرزند. و جزایری که در دریامی باشد، از رحلت تو مدهوش می‌شوند.۱۸
19 “क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जब मैं तुझे उन शहरों की तरह जो बे चराग़ हैं, वीरान कर दूँगा; जब मैं तुझ पर समन्दर बहा दूँगा और जब समन्दर तुझे छिपा लेगा,
زیراخداوند یهوه چنین می‌گوید: چون تو را شهرمخروب مثل شهرهای غیرمسکون گردانم ولجه‌ها را بر تو برآورده، تو را به آبهای بسیارمستور سازم،۱۹
20 तब मैं तुझे उनके साथ जो पाताल में उतर जाते हैं, पुराने वक़्त के लोगों के बीच नीचे उतारूँगा, और ज़मीन के तह में और उन उजाड़ मकानों में जो पहले से हैं, उनके साथ जो पाताल में उतर जाते हैं; तुझे बसाऊँगा ताकि तू फिर आबाद न हो, लेकिन मैं ज़िन्दों के मुल्क को जलाल बख़्सूँगा।
آنگاه تو را با آنانی که به هاویه فرو می‌روند، نزد قوم قدیم فرود آورده، تو را دراسفلهای زمین در خرابه های ابدی با آنانی که به هاویه فرو می‌روند ساکن خواهم گردانید تا دیگرمسکون نشوی و دیگر جلال تو را در زمین زندگان جای نخواهم داد.۲۰
21 मैं तुझे जा — ए — 'इबरत करूँगा और तू हलाक होगा, हर चन्द तेरी तलाश की जाए तो तू कहीं हमेशा तक न मिलेगा, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”
و خداوند یهوه می‌گوید: تو را محل وحشت خواهم ساخت که نابود خواهی شد و تو را خواهند طلبید اما تاابدالاباد یافت نخواهی شد.»۲۱

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