< हिज़ि 16 >

1 फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Otra vez vino a mí la palabra de Yahvé, diciendo:
2 कि ऐ आदमज़ाद! येरूशलेम को उसके नफ़रती कामों से आगाह कर,
“Hijo de hombre, haz que Jerusalén conozca sus abominaciones;
3 और कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा येरूशलेम से यूँ फ़रमाता है: तेरी विलादत और तेरी पैदाइश कनान की सरज़मीन की है; तेरा बाप अमूरी था और तेरी माँ हित्ती थी।
y di: “El Señor Yahvé dice a Jerusalén: “Tu origen y tu nacimiento es de la tierra del cananeo. Un amorreo fue tu padre, y tu madre fue una hitita.
4 और तेरी पैदाइश का हाल यूँ है कि जिस दिन तू पैदा हुई तेरी नाफ़ काटी न गई, और न सफ़ाई के लिए तुझे पानी से गु़स्ल मिला, और न तुझ पर नमक मला गया, और तू कपड़ों में लपेटी न गई।
En cuanto a tu nacimiento, el día que naciste no te cortaron el ombligo. No te lavaron en agua para limpiarte. No fuiste salado en absoluto, ni envuelto en mantas en absoluto.
5 किसी की आँख ने तुझ पर रहम न किया कि तेरे लिए यह काम करे और तुझ पर मेहरबानी दिखाए बल्कि तू अपनी विलादत के दिन बाहर मैदान में फेंकी गई, क्यूँकि तुझ से नफ़रत रखते थे।
Ningún ojo se apiadó de ti, para hacerte alguna de estas cosas, para compadecerse de ti; sino que fuiste arrojado al campo abierto, porque fuiste aborrecido el día en que naciste.
6 तब मैंने तुझ पर गुज़र किया और तुझे तेरे ही ख़ून में लोटती देखा, और मैंने तुझे जब तू अपने खू़न में आग़िश्ता थी कहा, 'जीती रह! हाँ, मैंने तुझ खू़न आलूदा से कहा, 'जीती रह!
“‘“Cuando pasé junto a ti y te vi revolcándote en tu sangre, te dije: ‘Aunque estés en tu sangre, vive’. Sí, te dije: ‘Aunque estés en tu sangre, vive’”
7 मैंने तुझे चमन के शगूफ़ों की तरह हज़ार चन्द बढ़ाया, इसलिए तू बढ़ीं, और कमाल और जमाल को पहुँची तेरी छातियाँ उठीं और तेरी ज़ुल्फें बढ़ीं लेकिन तू नंगी और बरहना थी।
Hice que te multiplicaras como lo que crece en el campo, y creciste y te engrandeciste, y alcanzaste una excelente belleza. Se te formaron los pechos y te crecieron los cabellos; pero estabas desnuda y descubierta.
8 फिर मैंने तेरी तरफ़ गुज़र किया और तुझ पर नज़र की, और क्या देखता हूँ कि तू 'इश्क़ अंगेज़ उम्र को पहुँच गई है; फिर मैंने अपना दामन तुझ पर फैलाया और तेरी बरहनगी को छिपाया, और क़सम खाकर तुझ से 'अहद बाँधा ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है और तू मेरी हो गई।
“‘“Cuando pasé junto a ti y te miré, he aquí que tu tiempo era el tiempo del amor; y extendí mi manto sobre ti y cubrí tu desnudez. Sí, me comprometí contigo y entré en un pacto contigo”, dice el Señor Yahvé, “y te hiciste mía.
9 फिर मैंने तुझे पानी से गु़स्ल दिया, और तेरा खू़न बिल्कुल धो डाला और तुझ पर 'इत्र मला।
“‘“Luego te lavé con agua. Sí, lavé a fondo tu sangre, y te ungí con aceite.
10 और मैंने तुझे ज़र — दोज़ लिबास से मुलब्बस किया, और तुख़स की खाल की जूती पहनाई, नफ़ीस कतान से तेरा कमरबन्द बनाया और तुझे सरासर रेशम से मुलब्बस किया।
También te vestí con bordados y te puse sandalias de cuero. Te vestí con lino fino y te cubrí con seda.
11 मैंने तुझे ज़ेवर से आरास्ता किया, तेरे हाथों में कंगन पहनाए और तेरे गले में तौक़ डाला।
Te engalané con adornos, te puse brazaletes en las manos y te puse una cadena en el cuello.
12 और मैंने तेरी नाक में नथ और तेरे कानों में बालियाँ पहनाई, और एक खू़बसूरत ताज तेरे सिर पर रख्खा।
Puse un anillo en tu nariz, pendientes en tus orejas y una hermosa corona en tu cabeza.
13 और तू सोने — चाँदी से आरास्ता हुई, और तेरी पोशाक कतानी और रेशमी और चिकन — दोज़ी की थी; और तू मैदा और शहद और चिकनाई खाती थी, और तू बहुत खू़बसूरत और इक़बालमन्द मलिका हो गई।
Así te engalanaste con oro y plata. Tus ropas eran de lino fino, de seda y de bordados. Comías harina fina, miel y aceite. Eras muy hermosa, y prosperaste hasta llegar a la realeza.
14 और क़ौम — ए — 'आलम में तेरी खू़बसूरती की शोहरत फैल गई, क्यूँकि, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि तू मेरे उस जलाल से जो मैंने तुझे बख़्शा कामिल हो गई थी।
Tu fama se extendió entre las naciones por tu belleza, pues era perfecta, por mi majestad que había puesto sobre ti”, dice el Señor Yahvé.
15 लेकिन तूने अपनी खू़बसूरती पर भरोसा किया और अपनी शोहरत के वसीले से बदकारी करने लगी, और हर एक के साथ जिसका तेरी तरफ़ गुज़र हुआ ख़ूब फ़ाहिशा बनी और उसी की हो गई।
“‘“Pero tú confiaste en tu belleza, y te hiciste la prostituta por tu fama, y derramaste tu prostitución sobre todo el que pasaba. Era de él.
16 तूने अपनी पोशाक से अपने ऊँचे मक़ाम मुनक़्क़श और आरास्ता किए, और उन पर ऐसी बदकारी की, कि न कभी हुई और न होगी।
Tomasteis algunas de vuestras vestimentas y os hicisteis lugares altos engalanados con diversos colores, y jugasteis a la prostitución en ellos. Esto no debe suceder, ni debe ser.
17 और तूने अपने सोने — चाँदी के नफ़ीस ज़ेवरों से जो मैंने तुझे दिए थे, अपने लिए मर्दों की मूरतें बनाई और उनसे बदकारी की।
También tomasteis vuestras hermosas joyas de mi oro y de mi plata, que yo os había dado, y os hicisteis imágenes de hombres, y os prostituisteis con ellas.
18 और अपनी ज़र — दोज़ पोशाकों से उनको मुलब्बस किया, और मेरा 'इत्र और ख़ुशबू उनके सामने रख्खा।
Tomaste tus vestidos bordados, los cubriste y pusiste mi aceite y mi incienso delante de ellos.
19 और मेरा खाना जो मैंने तुझे दिया, या'नी मैदा और चिकनाई और शहद जो मैं तुझे खिलाता था, तूने उनके सामने ख़ुशबू के लिए रख्खा: ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि यूँ ही हुआ।
También mi pan que te di, harina fina, aceite y miel, con el que te alimenté, lo pusiste delante de ellos como aroma agradable; y así fue”, dice el Señor Yahvé.
20 और तूने अपने बेटों और अपनी बेटियों को, जिनको तूने मेरे लिए पैदा किया लेकर उनके आगे कु़र्बान किया, ताकि वह उनको खा जाएँ, क्या तेरी बदकारी कोई छोटी बात थी,
“‘“Además, has tomado a tus hijos y a tus hijas, que me has dado a luz, y los has sacrificado para que sean devorados. ¿Acaso tu prostitución es un asunto menor,
21 कि तूने मेरे बच्चों को भी ज़बह किया और उनको बुतों के लिए आग के हवाले किया?
que has matado a mis hijos y los has entregado, haciéndolos pasar por el fuego a ellos?
22 और तूने अपनी तमाम मकरूहात और बदकारी में अपने बचपन के दिनों को, जब कि तू नंगी और बरहना अपने खू़न में लोटती थी, कभी याद न किया।
En todas tus abominaciones y tu prostitución no te has acordado de los días de tu juventud, cuando estabas desnuda y descubierta y te revolcabas en tu sangre.
23 'और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि अपनी इस सारी बदकारी के 'अलावा अफ़सोस! तुझ पर अफ़सोस!
“‘“Ha sucedido después de toda vuestra maldad — ¡ay, ay de vosotros!”, dice el Señor Yahvé —
24 तूने अपने लिए गुम्बद बनाया और हर एक बाज़ार में ऊँचा मक़ाम तैयार किया।
“que os habéis edificado un lugar abovedado, y os habéis hecho un lugar elevado en todas las calles.
25 तूने रास्ते के हर कोने पर अपना ऊँचा मक़ाम ता'मीर किया, और अपनी खू़बसूरती को नफ़रत अंगेज़ किया, और हर एक राह गुज़र के लिए अपने पाँव पसारे और बदकारी में तरक़्क़ी की।
Habéis edificado vuestro lugar elevado en la cabecera de todo camino, y habéis hecho de vuestra belleza una abominación, y habéis abierto vuestros pies a todo el que pasaba, y habéis multiplicado vuestra prostitución.
26 तूने अहल — ए — मिस्र और अपने पड़ोसियों से जो बड़े क़दआवर हैं बदकारी की और अपनी बदकारी की ज़्यादती से मुझे ग़ज़बनाक किया।
También has cometido inmoralidad sexual con los egipcios, tus vecinos, grandes de carne; y has multiplicado tu prostitución, para provocarme a la ira.
27 फिर देख, मैंने अपना हाथ तुझ पर चलाया और तेरे वज़ीफ़े को कम कर दिया, और तुझे तेरी बदख़्वाह फ़िलिस्तियों की बेटियों के क़ाबू में कर दिया जो तेरी ख़राब चाल चलन से शर्मिन्दा होती थीं।
Mira, pues, que he extendido mi mano sobre ti, y he disminuido tu porción, y te he entregado a la voluntad de las que te odian, las hijas de los filisteos, que se avergüenzan de tu conducta lasciva.
28 फिर तूने अहल — ए — असूर से बदकारी की, क्यूँकि तू सेर न हो सकती थी; हाँ, तूने उन से भी बदकारी की लेकिन तोभी तू आसूदा न हुई।
También has jugado a la prostitución con los asirios, porque eras insaciable; sí, has jugado a la prostitución con ellos, y sin embargo, no quedaste satisfecha.
29 और तूने मुल्क — ए — कन'आन से कसदियों के मुल्क तक अपनी बदकारी को फैलाया, लेकिन इस से भी सेर न हुई।
Además, has multiplicado tu prostitución con la tierra de los mercaderes, con Caldea; y sin embargo, no te satisfizo esto.
30 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, तेरा दिल कैसा बे — इख़्तियार है कि तू यह सब कुछ करती है, जो बेलगाम फ़ाहिशा 'औरत का काम है,
“‘Qué débil es tu corazón’, dice el Señor Yahvé, pues haces todas estas cosas, obra de una prostituta impúdica;
31 इसलिए कि तू हर एक सड़क के सिरे पर अपना गुम्बद बनाती है, और हर एक बाज़ार में अपना ऊँचा मक़ाम तैयार करती है, और तू कस्बी की तरह नहीं क्यूँकि तू उजरत लेना बेकार जानती है।
en que construyes tu bóveda a la cabeza de todo camino, y haces tu lugar elevado en toda calle, y no has sido como una prostituta, en que desprecias la paga.
32 बल्कि बदकार बीवी की तरह है, जो अपने शौहर के बदले गै़रों को कु़बूल करती है।
“‘“¡Esposa adúltera, que toma a extraños en lugar de su marido!
33 लोग सब कस्बियों को हदिए देते हैं; लेकिन तू अपने यारों को हदिए और तोहफ़े देती है, ताकि वह चारों तरफ़ से तेरे पास आएँ और तेरे साथ बदकारी करें।
La gente da regalos a todas las prostitutas; pero tú das tus regalos a todos tus amantes, y los sobornas para que vengan a ti de todas partes para tu prostitución.
34 और तू बदकारी में और 'औरतों की तरह नहीं, क्यूँकि बदकारी के लिए तेरे पीछे कोई नहीं आता। तू उजरत नहीं लेती बल्कि ख़ुद उजरत देती है, इसलिए तू अनोखी है।
Tú te diferencias de las demás mujeres en tu prostitución, en que nadie te sigue para hacer de prostituta; y en que tú das alquiler, y no te dan alquiler, por eso eres diferente”’.
35 इसलिए ऐ बदकार, तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन,
“Por lo tanto, prostituta, escucha la palabra de Yahvé:
36 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तेरी नापाकी बह निकली और तेरी बरहनगी तेरी बदकारी के ज़रिए' जो तूने अपने यारों से की, और तेरे सब नफ़रती बुतों की वजह से और तेरे बच्चों के खू़न की वजह से जो तूने उनके आगे पेश किया, ज़ाहिर हो गई।
‘El Señor Yahvé dice: “Por cuanto tu inmundicia fue derramada, y tu desnudez descubierta por tu prostitución con tus amantes; y por todos los ídolos de tus abominaciones, y por la sangre de tus hijos, que les diste;
37 इसलिए देख, मैं तेरे सब यारों को तू लज़ीज़ थी, और उन सब को जिनको तू चाहती थी और उन सबको जिनसे तू कीना रखती है जमा' करूँगा; मैं उनको चारों तरफ़ से तेरी मुख़ालिफ़त पर जमा' करूँगा और उनके आगे तेरी बरहनगी खोल दूँगा ताकि वह तेरी तमाम बरहनगी देखें।
por lo tanto, mira, yo reuniré a todos tus amantes, con quienes te complaciste, y a todos los que amaste, con todos los que odiaste. Incluso los reuniré contra ti por todos lados, y les descubriré tu desnudez, para que vean toda tu desnudez.
38 और मैं तेरी ऐसी 'अदालत करूँगा जैसी बेवफ़ा और ख़ूनी बीवी की और मैं ग़ज़ब और ग़ैरत की मौत तुझ पर लाऊँगा।
Te juzgaré como se juzga a las mujeres que rompen el matrimonio y derraman sangre; y traeré sobre ti la sangre de la ira y de los celos.
39 और मैं तुझे उनके हवाले कर दूँगा, और वह तेरे गुम्बद और ऊँचे मक़ामों को मिस्मार करेंगे और तेरे कपड़े उतारेंगे और तेरे ख़ुशनुमा ज़ेवर छीन लेंगे, और तुझे नंगी और बरहना छोड़ जाएँगे।
También te entregaré en su mano, y derribarán tus bóvedas, y derribarán tus altillos. Te despojarán de tus ropas y se llevarán tus hermosas joyas. Te dejarán desnudo y sin ropa.
40 वह तुझ पर एक हुजूम चढ़ा लाएँगे, और तुझे संगसार करेंगे और अपनी तलवारों से तुझे छेद डालेंगे।
También traerán una compañía contra ti, y te apedrearán con piedras, y te atravesarán con sus espadas.
41 और वह तेरे घर आग से जलाएँगे और बहुत सी 'औरतों के सामने तुझे सज़ा देंगे, और मैं तुझे बदकारी से रोक दूँगा और तू फिर उजरत न देगी।
Quemarán vuestras casas con fuego y ejecutarán juicios sobre vosotros a la vista de muchas mujeres. Haré que dejes de prostituirte y que no vuelvas a dar un contrato de trabajo.
42 तब मेरा क़हर तुझ पर धीमा हो जाएगा, और मेरी गै़रत तुझ से जाती रहेगी; और मैं तस्कीन पाऊँगा और फिर ग़ज़बनाक न हूँगा।
Así haré que descanse mi ira hacia vosotros, y mis celos se apartarán de vosotros. Me calmaré y no me enojaré más.
43 चूँकि तूने अपने बचपन के दिनों को याद न किया, और इन सब बातों से मुझ को फ़रोख़्त किया, इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, देख, मैं तेरी बदराही का नतीजा तेरे सिर पर लाऊँगा और तू आगे को अपने सब घिनौने कामों के 'अलावा ऐसी बदज़ाती नहीं कर सकेगी।
“‘“Porque no te has acordado de los días de tu juventud, sino que te has ensañado conmigo en todas estas cosas; por eso, he aquí que yo también haré recaer tu camino sobre tu cabeza”, dice el Señor Yahvé: “y no cometerás esta lascivia con todas tus abominaciones.
44 देख, सब मिसाल कहने वाले तेरे बारे में यह मिसाल कहेंगे, कि 'जैसी माँ, वैसी बेटी।
“‘“He aquí que todos los que usan proverbios usarán este proverbio contra ti, diciendo: ‘Como la madre, así es su hija’.
45 तू अपनी उस माँ की बेटी है जो अपने शौहर और अपने बच्चों से घिन खाती थी, और तू अपनी उन बहनों की बहन है जो अपने शौहरों और अपने बच्चों से नफ़रत रखती थीं; तेरी माँ हित्ती और तेरा बाप अमूरी था।
Tú eres hija de tu madre, que aborrece a su marido y a sus hijos; y eres hermana de tus hermanas, que aborrecen a sus maridos y a sus hijos. Tu madre era hitita, y tu padre amorreo.
46 और तेरी बड़ी बहन सामरिया है जो तेरी बाईं तरफ़ रहती है, वह और उसकी बेटियाँ, और तेरी छोटी बहन जो तेरी दहनी तरफ़ रहती हैं, सदूम और उसकी बेटियाँ हैं।
Tu hermana mayor es Samaria, que habita a tu izquierda, ella y sus hijas; y tu hermana menor, que habita a tu derecha, es Sodoma con sus hijas.
47 लेकिन तू सिर्फ उनकी राह पर नहीं चली और सिर्फ़ उन ही के जैसे घिनौने काम नहीं किए, क्यूँकि यह तो अगरचे छोटी बात थी, बल्कि तू अपनी तमाम चाल चलन में उनसे बदतर हो गई।
Sin embargo, no anduviste en sus caminos ni hiciste sus abominaciones, sino que pronto te corrompiste más que ellas en todos tus caminos.
48 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम कि तेरी बहन सदूम ने ऐसा नहीं किया, न उसने न उसकी बेटियों ने जैसा तूने और तेरी बेटियों ने किया है।
Vivo yo — dice el Señor Yahvé — que Sodoma tu hermana no ha hecho, ni ella ni sus hijas, lo que tú has hecho, tú y tus hijas.
49 देख, तेरी बहन सदूम की तक़्सीर यह थी, गु़रूर और रोटी की सेरी और राहत की कसरत उसमें और उसकी बेटियों में थी; उसने ग़रीब और मोहताज की दस्तगीरी न की।
“‘“He aquí que ésta fue la iniquidad de tu hermana Sodoma: soberbia, saciedad de pan y facilidad próspera hubo en ella y en sus hijas. Tampoco fortaleció la mano del pobre y del necesitado.
50 वह मग़रूर थीं और उन्होंने मेरे सामने घिनौने काम किए, इसलिए जब मैंने देखा तो उनको उखाड़ फेंका।
Fueron arrogantes y cometieron abominación ante mí. Por eso los aparté cuando lo vi.
51 और सामरिया ने तेरे गुनाहों के आधे भी नहीं किए, तूने उनके बदले अपनी मकरूहात को फ़िरावान किया है, और तूने अपनी इन मकरूहात से अपनी बहनों को बेक़ुसूर ठहराया है।
Samaria no ha cometido ni la mitad de tus pecados; pero tú has multiplicado tus abominaciones más que ellas, y has justificado a tus hermanas por todas tus abominaciones que has hecho.
52 फिर तू ख़ुद जो अपनी बहनों को मुजरिम ठहराती है, इन गुनाहों की वजह से जो तूने किए जो उनके गुनाहों से ज़्यादा नफ़रतअंगेज़ हैं, मलामत उठा; वह तुझ से ज़्यादा बेकु़सूर हैं। इसलिए तू भी रूस्वा हो और शर्म खा, क्यूँकि तूने अपनी बहनों को बेकु़सूर ठहराया है।
También tú misma llevas tu propia vergüenza, pues has dado juicio por tus hermanas; por tus pecados que has cometido más abominables que ellas, ellas son más justas que tú. Sí, confúndete también, y lleva tu vergüenza, en que has justificado a tus hermanas.
53 'और मैं उनकी ग़ुलामी को बदल दूँगा, या'नी सदूम और उसकी बेटियों की ग़ुलामी को और सामरिया और उसकी बेटियों की ग़ुलामी की, और उनके बीच तेरे ग़ुलामों की ग़ुलामी को,
“‘“Invertiré su cautiverio, el cautiverio de Sodoma y de sus hijas, y el cautiverio de Samaria y de sus hijas, y el cautiverio de vuestras cautivas entre ellas;
54 ताकि तू अपनी रूस्वाई उठाए और अपने सब कामों से शर्मिंदा हो, क्यूँकि तू उनके लिए तसल्ली के ज़रिए' है।
para que llevéis vuestra propia vergüenza, y os avergoncéis por todo lo que habéis hecho, ya que sois un consuelo para ellas.
55 तेरी बहनें सदूम और सामरिया, अपनी अपनी बेटियों के साथ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाएँगी, और तू और तेरी बेटियाँ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाओगी।
Vuestras hermanas, Sodoma y sus hijas, volverán a su estado anterior; y Samaria y sus hijas volverán a su estado anterior; y tú y tus hijas volveréis a vuestro estado anterior.
56 तू अपने ग़ुरूर के दिनों में, अपनी बहन सदूम का नाम तक ज़बान पर न लाती थी।
Porque tu hermana Sodoma no fue mencionada por tu boca en el día de tu soberbia,
57 उससे पहले कि तेरी शरारत फ़ाश हुई, जब अराम की बेटियों ने और उन सब ने जो उनके आस — पास थीं तुझे मलामत की, और फ़िलिस्तियों की बेटियों ने चारों तरफ़ से तेरी हिकारत की।
antes de que se descubriera tu maldad, como en el tiempo de la afrenta de las hijas de Siria y de todas las que la rodean, las hijas de los filisteos, que te desprecian por todas partes.
58 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, तूने अपनी बदज़ाती और घिनौने कामों की सज़ा पाई।
Has soportado tu lascivia y tus abominaciones, dice Yahvé.
59 “क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं तुझ से जैसा तूने किया वैसा ही सुलूक करूँगा, इसलिए कि तूने क़सम को बेकार जाना और 'अहद शिकनी की।
“‘Porque el Señor Yahvé dice: “También a ti te trataré como a ti, que has despreciado el juramento rompiendo el pacto.
60 लेकिन मैं अपने उस 'अहद को जो मैंने तेरी जवानी के दिनों में तेरे साथ बाँधा, याद रख्खूँगा और हमेशा का 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा।
Sin embargo, me acordaré de mi pacto con ustedes en los días de su juventud, y estableceré un pacto eterno con ustedes.
61 और जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहनों को कु़बूल करेगी, तब तू अपनी राहों को याद करके शर्मिंदा होगी और मैं उनको तुझे दूँगा कि तेरी बेटियाँ हों, लेकिन यह तेरे 'अहद के मुताबिक़ नहीं।
Entonces os acordaréis de vuestros caminos y os avergonzaréis cuando recibáis a vuestras hermanas, a vuestras hermanas mayores y a vuestras hermanas menores; y os las daré por hijas, pero no por vuestro pacto.
62 और मैं अपना 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा, और तू जानेगी कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
Yo estableceré mi pacto con ustedes. Entonces sabrás que yo soy Yahvé;
63 ताकि तू याद करे और शर्मिंदा हो और शर्म के मारे फिर कभी मुँह न खोले, जब कि मैं सब कुछ जो तूने किया मु'आफ़ कर दूँ, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”
para que te acuerdes, y te avergüences, y no vuelvas a abrir la boca a causa de tu vergüenza, cuando te haya perdonado todo lo que has hecho”, dice el Señor Yahvé”.

< हिज़ि 16 >