< हिज़ि 16 >

1 फिर ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Vino a mí la palabra de Yahvé, diciendo:
2 कि ऐ आदमज़ाद! येरूशलेम को उसके नफ़रती कामों से आगाह कर,
“Hijo de hombre, echa en cara a Jerusalén sus abominaciones.
3 और कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा येरूशलेम से यूँ फ़रमाता है: तेरी विलादत और तेरी पैदाइश कनान की सरज़मीन की है; तेरा बाप अमूरी था और तेरी माँ हित्ती थी।
Dirás: Así habla Yahvé, el Señor, a Jerusalén: Según tu origen y tu nacimiento procediste de la tierra del cananeo; tu padre era un amorreo y tu madre una hetea.
4 और तेरी पैदाइश का हाल यूँ है कि जिस दिन तू पैदा हुई तेरी नाफ़ काटी न गई, और न सफ़ाई के लिए तुझे पानी से गु़स्ल मिला, और न तुझ पर नमक मला गया, और तू कपड़ों में लपेटी न गई।
Al nacer, el día que saliste a luz, no te fue cortado el ombligo, ni fuiste lavada con agua para limpiarte; no fuiste frotada con sal, ni envuelta en pañales.
5 किसी की आँख ने तुझ पर रहम न किया कि तेरे लिए यह काम करे और तुझ पर मेहरबानी दिखाए बल्कि तू अपनी विलादत के दिन बाहर मैदान में फेंकी गई, क्यूँकि तुझ से नफ़रत रखते थे।
Ningún ojo se apiadó de ti ni tuvo compasión para prestarte uno de estos servicios, sino que fuiste arrojada sobre el campo, con desprecio de tu vida, el día en que naciste.
6 तब मैंने तुझ पर गुज़र किया और तुझे तेरे ही ख़ून में लोटती देखा, और मैंने तुझे जब तू अपने खू़न में आग़िश्ता थी कहा, 'जीती रह! हाँ, मैंने तुझ खू़न आलूदा से कहा, 'जीती रह!
Mas pasando Yo cerca de ti, te vi cómo pataleabas en tu sangre, y te dije cuando estabas en tu sangre: «¡Vive!» Sí, cuando estabas en tu sangre, te dije: «¡Vive!»
7 मैंने तुझे चमन के शगूफ़ों की तरह हज़ार चन्द बढ़ाया, इसलिए तू बढ़ीं, और कमाल और जमाल को पहुँची तेरी छातियाँ उठीं और तेरी ज़ुल्फें बढ़ीं लेकिन तू नंगी और बरहना थी।
Te hice crecer como la hierba del campo; y creciste y te hiciste grande, y llegaste a ser muy hermosa; se formaron tus pechos y te creció el pelo; pero estabas desnuda y sin abrigo.
8 फिर मैंने तेरी तरफ़ गुज़र किया और तुझ पर नज़र की, और क्या देखता हूँ कि तू 'इश्क़ अंगेज़ उम्र को पहुँच गई है; फिर मैंने अपना दामन तुझ पर फैलाया और तेरी बरहनगी को छिपाया, और क़सम खाकर तुझ से 'अहद बाँधा ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है और तू मेरी हो गई।
Y pasé junto a ti y te vi; era tu tiempo, el tiempo del amor; y extendí sobre ti las faldas de mi (manto) y cubrí tu desnudez, y te hice un juramento y entré en alianza contigo, dice Yahvé, el Señor; y así viniste a ser mía.
9 फिर मैंने तुझे पानी से गु़स्ल दिया, और तेरा खू़न बिल्कुल धो डाला और तुझ पर 'इत्र मला।
Te lavé con agua, te limpié de la sangre que tenías encima y te ungí con óleo.
10 और मैंने तुझे ज़र — दोज़ लिबास से मुलब्बस किया, और तुख़स की खाल की जूती पहनाई, नफ़ीस कतान से तेरा कमरबन्द बनाया और तुझे सरासर रेशम से मुलब्बस किया।
Te vestí de ropa recamada, te calcé de piel de tejón, te ceñí de lino fino y te cubrí de seda.
11 मैंने तुझे ज़ेवर से आरास्ता किया, तेरे हाथों में कंगन पहनाए और तेरे गले में तौक़ डाला।
Te engalané con joyas, puse brazaletes en tus brazos y un collar en tu cuello.
12 और मैंने तेरी नाक में नथ और तेरे कानों में बालियाँ पहनाई, और एक खू़बसूरत ताज तेरे सिर पर रख्खा।
Coloqué también un anillo en tu nariz, zarcillos en tus orejas y una magnífica diadema en tu cabeza.
13 और तू सोने — चाँदी से आरास्ता हुई, और तेरी पोशाक कतानी और रेशमी और चिकन — दोज़ी की थी; और तू मैदा और शहद और चिकनाई खाती थी, और तू बहुत खू़बसूरत और इक़बालमन्द मलिका हो गई।
Y quedaste ataviada con oro y plata; tu vestido era de lino fino y de seda recamada; te nutriste con flor de harina, con miel y aceite; y viniste a ser extraordinariamente hermosa y llegaste a ser reina.
14 और क़ौम — ए — 'आलम में तेरी खू़बसूरती की शोहरत फैल गई, क्यूँकि, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि तू मेरे उस जलाल से जो मैंने तुझे बख़्शा कामिल हो गई थी।
Se hizo famoso tu nombre entre las naciones, gracias a tu hermosura, la cual era perfecta por los adornos que Yo había puesto en ti, dice Yahvé, el Señor.
15 लेकिन तूने अपनी खू़बसूरती पर भरोसा किया और अपनी शोहरत के वसीले से बदकारी करने लगी, और हर एक के साथ जिसका तेरी तरफ़ गुज़र हुआ ख़ूब फ़ाहिशा बनी और उसी की हो गई।
Pero confiaste en tu belleza y prostituiste tu nombre y ofreciste tus fornicaciones a todos los transeúntes, entregándote a ellos.
16 तूने अपनी पोशाक से अपने ऊँचे मक़ाम मुनक़्क़श और आरास्ता किए, और उन पर ऐसी बदकारी की, कि न कभी हुई और न होगी।
Tomando tus vestidos te hiciste toda clase de lugares altos y te prostituiste en ellos; cosa que nunca se había hecho ni se verá en adelante.
17 और तूने अपने सोने — चाँदी के नफ़ीस ज़ेवरों से जो मैंने तुझे दिए थे, अपने लिए मर्दों की मूरतें बनाई और उनसे बदकारी की।
Echaste mano de tus hermosas joyas hechas de mi oro y mi plata, las que Yo te había regalado; y te hiciste simulacros humanos y fornicaste con ellos.
18 और अपनी ज़र — दोज़ पोशाकों से उनको मुलब्बस किया, और मेरा 'इत्र और ख़ुशबू उनके सामने रख्खा।
Tomaste tus vestidos recamados, y con ellos los cubriste y les ofreciste mi aceite y mi incienso.
19 और मेरा खाना जो मैंने तुझे दिया, या'नी मैदा और चिकनाई और शहद जो मैं तुझे खिलाता था, तूने उनके सामने ख़ुशबू के लिए रख्खा: ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि यूँ ही हुआ।
Mi pan también que Yo te había dado y con que te alimentaba, la flor de harina, el aceite y la miel, los pusiste delante de ellos como (ofrenda) de suave olor. Tal cosa sucedió, dice Yahvé, el Señor.
20 और तूने अपने बेटों और अपनी बेटियों को, जिनको तूने मेरे लिए पैदा किया लेकर उनके आगे कु़र्बान किया, ताकि वह उनको खा जाएँ, क्या तेरी बदकारी कोई छोटी बात थी,
Asimismo tomaste tus hijos y tus hijas, que habías dado a luz para Mí, y se los sacrificaste para que les sirviesen de pasto. Y como si fuese cosa insignificante tu fornicación,
21 कि तूने मेरे बच्चों को भी ज़बह किया और उनको बुतों के लिए आग के हवाले किया?
degollaste a mis hijos, y los entregaste haciéndolos pasar (por el fuego) en honor de ellos.
22 और तूने अपनी तमाम मकरूहात और बदकारी में अपने बचपन के दिनों को, जब कि तू नंगी और बरहना अपने खू़न में लोटती थी, कभी याद न किया।
En todas tus abominaciones y fornicaciones no te acordaste de los días de tu juventud, cuando estabas desnuda y sin abrigo y pataleabas en tu sangre.
23 'और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि अपनी इस सारी बदकारी के 'अलावा अफ़सोस! तुझ पर अफ़सोस!
Y después de tanta malicia tuya — ¡ay, ay de ti! dice Yahvé, el Señor—
24 तूने अपने लिए गुम्बद बनाया और हर एक बाज़ार में ऊँचा मक़ाम तैयार किया।
te edificaste una altura y te hiciste altares en todas las plazas.
25 तूने रास्ते के हर कोने पर अपना ऊँचा मक़ाम ता'मीर किया, और अपनी खू़बसूरती को नफ़रत अंगेज़ किया, और हर एक राह गुज़र के लिए अपने पाँव पसारे और बदकारी में तरक़्क़ी की।
En cada encrucijada de camino te construiste una altura y desfiguraste tu hermosura, entregándote a cualquier transeúnte y multiplicando tus fornicaciones.
26 तूने अहल — ए — मिस्र और अपने पड़ोसियों से जो बड़े क़दआवर हैं बदकारी की और अपनी बदकारी की ज़्यादती से मुझे ग़ज़बनाक किया।
Fornicaste con los hijos de Egipto, tus gordos vecinos, y multiplicaste tus fornicaciones, para irritarme.
27 फिर देख, मैंने अपना हाथ तुझ पर चलाया और तेरे वज़ीफ़े को कम कर दिया, और तुझे तेरी बदख़्वाह फ़िलिस्तियों की बेटियों के क़ाबू में कर दिया जो तेरी ख़राब चाल चलन से शर्मिन्दा होती थीं।
Y he aquí que Yo extendí mi mano contra ti, disminuí tu porción y te entregué al capricho de tus enemigas, las hijas de los filisteos, que se avergonzaban de tu mala conducta.
28 फिर तूने अहल — ए — असूर से बदकारी की, क्यूँकि तू सेर न हो सकती थी; हाँ, तूने उन से भी बदकारी की लेकिन तोभी तू आसूदा न हुई।
No saciada aún te prostituiste a los hijos de Asiria; fornicaste con ellos; mas tampoco así quedaste satisfecha.
29 और तूने मुल्क — ए — कन'आन से कसदियों के मुल्क तक अपनी बदकारी को फैलाया, लेकिन इस से भी सेर न हुई।
Cometiste muchas fornicaciones en la tierra de Canaán, hasta la Caldea; y tampoco con esto te saciaste.
30 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, तेरा दिल कैसा बे — इख़्तियार है कि तू यह सब कुछ करती है, जो बेलगाम फ़ाहिशा 'औरत का काम है,
¡Cuán débil es tu corazón! dice Yahvé, el Señor. ¡Haces todas estas fechorías como la ramera más desvergonzada!
31 इसलिए कि तू हर एक सड़क के सिरे पर अपना गुम्बद बनाती है, और हर एक बाज़ार में अपना ऊँचा मक़ाम तैयार करती है, और तू कस्बी की तरह नहीं क्यूँकि तू उजरत लेना बेकार जानती है।
¡Te edificaste santuarios en todas las encrucijadas y te construiste altares en todas las plazas aunque no eres como las (otras) rameras por cuanto desdeñas la paga (de la prostitución)!
32 बल्कि बदकार बीवी की तरह है, जो अपने शौहर के बदले गै़रों को कु़बूल करती है।
Tú eres la adúltera, que en vez de su marido se acoge a extraños.
33 लोग सब कस्बियों को हदिए देते हैं; लेकिन तू अपने यारों को हदिए और तोहफ़े देती है, ताकि वह चारों तरफ़ से तेरे पास आएँ और तेरे साथ बदकारी करें।
A todas las rameras se les da paga, pero tú pagabas a todos tus amantes, y les hacías regalos, para que de todas partes viniesen a fornicar contigo.
34 और तू बदकारी में और 'औरतों की तरह नहीं, क्यूँकि बदकारी के लिए तेरे पीछे कोई नहीं आता। तू उजरत नहीं लेती बल्कि ख़ुद उजरत देती है, इसलिए तू अनोखी है।
Y ha sucedido contigo, en tus fornicaciones, lo contrario de lo que sucede con (otras) mujeres, pues ninguno te buscaba y tú dabas paga en lugar de recibirla. Así has sido lo contrario (de otras).
35 इसलिए ऐ बदकार, तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन,
Por eso, oh ramera, escucha la palabra de Yahvé.
36 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि तेरी नापाकी बह निकली और तेरी बरहनगी तेरी बदकारी के ज़रिए' जो तूने अपने यारों से की, और तेरे सब नफ़रती बुतों की वजह से और तेरे बच्चों के खू़न की वजह से जो तूने उनके आगे पेश किया, ज़ाहिर हो गई।
Así dice Yahvé, el Señor: Por cuanto ha sido malgastado tu dinero y se ha descubierto tu desnudez en tus fornicaciones con tus amantes y con todos tus ídolos abominables, y a causa de la sangre de tus hijos que tú les ofreciste,
37 इसलिए देख, मैं तेरे सब यारों को तू लज़ीज़ थी, और उन सब को जिनको तू चाहती थी और उन सबको जिनसे तू कीना रखती है जमा' करूँगा; मैं उनको चारों तरफ़ से तेरी मुख़ालिफ़त पर जमा' करूँगा और उनके आगे तेरी बरहनगी खोल दूँगा ताकि वह तेरी तमाम बरहनगी देखें।
por eso, he aquí que congregaré a todos tus amantes con quienes te deleitaste; a todos los que has amado y a todos los que has aborrecido, los reuniré alrededor de ti, y les descubriré tu desnudez, para que vean toda tu vergüenza.
38 और मैं तेरी ऐसी 'अदालत करूँगा जैसी बेवफ़ा और ख़ूनी बीवी की और मैं ग़ज़ब और ग़ैरत की मौत तुझ पर लाऊँगा।
Y te juzgaré como son juzgadas las adúlteras, y las que derraman sangre; y te haré víctima de furor y de celos.
39 और मैं तुझे उनके हवाले कर दूँगा, और वह तेरे गुम्बद और ऊँचे मक़ामों को मिस्मार करेंगे और तेरे कपड़े उतारेंगे और तेरे ख़ुशनुमा ज़ेवर छीन लेंगे, और तुझे नंगी और बरहना छोड़ जाएँगे।
Te entregaré en sus manos, y destruirán tus santuarios, derribarán tus altares, te despojarán de tus vestidos, robarán tus magníficos adornos y te dejarán completamente desnuda.
40 वह तुझ पर एक हुजूम चढ़ा लाएँगे, और तुझे संगसार करेंगे और अपनी तलवारों से तुझे छेद डालेंगे।
Reunirán contra ti una multitud, te apedrearán y te atravesarán con sus espadas.
41 और वह तेरे घर आग से जलाएँगे और बहुत सी 'औरतों के सामने तुझे सज़ा देंगे, और मैं तुझे बदकारी से रोक दूँगा और तू फिर उजरत न देगी।
Pegarán fuego a tus casas y ejecutarán en ti juicios, a la vista de muchas mujeres; y así cesarás de ser fornicaria, y no darás más regalos.
42 तब मेरा क़हर तुझ पर धीमा हो जाएगा, और मेरी गै़रत तुझ से जाती रहेगी; और मैं तस्कीन पाऊँगा और फिर ग़ज़बनाक न हूँगा।
Así desahogaré en ti mi ira y no tendré más celos de ti; me calmaré y ya no me irritaré.
43 चूँकि तूने अपने बचपन के दिनों को याद न किया, और इन सब बातों से मुझ को फ़रोख़्त किया, इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, देख, मैं तेरी बदराही का नतीजा तेरे सिर पर लाऊँगा और तू आगे को अपने सब घिनौने कामों के 'अलावा ऐसी बदज़ाती नहीं कर सकेगी।
Por no haberte tú acordado de los días de tu juventud y por haberme irritado con todo esto, por eso he aquí que Yo por mi parte he echado tus obras sobre tu cabeza, dice Yahvé, el Señor; y no cometerás más estos crímenes ni todas estas tus abominaciones.
44 देख, सब मिसाल कहने वाले तेरे बारे में यह मिसाल कहेंगे, कि 'जैसी माँ, वैसी बेटी।
He aquí que todos los que saben aquel proverbio lo aplicarán a ti, diciendo: «Cual la madre, tal su hija».
45 तू अपनी उस माँ की बेटी है जो अपने शौहर और अपने बच्चों से घिन खाती थी, और तू अपनी उन बहनों की बहन है जो अपने शौहरों और अपने बच्चों से नफ़रत रखती थीं; तेरी माँ हित्ती और तेरा बाप अमूरी था।
Hija eres de tu madre, que aborreció a su marido y a sus hijos; y hermana eres de tus hermanas, que aborrecieron a sus maridos y a sus hijos. Vuestra madre es una hetea y vuestro padre un amorreo.
46 और तेरी बड़ी बहन सामरिया है जो तेरी बाईं तरफ़ रहती है, वह और उसकी बेटियाँ, और तेरी छोटी बहन जो तेरी दहनी तरफ़ रहती हैं, सदूम और उसकी बेटियाँ हैं।
Tu hermana mayor es Samaria, ella con sus hijas, que habita a tu izquierda; y tu hermana menor, que habita a tu derecha, es Sodoma con sus hijas.
47 लेकिन तू सिर्फ उनकी राह पर नहीं चली और सिर्फ़ उन ही के जैसे घिनौने काम नहीं किए, क्यूँकि यह तो अगरचे छोटी बात थी, बल्कि तू अपनी तमाम चाल चलन में उनसे बदतर हो गई।
No solamente has seguido los caminos de ellas obrando conforme a sus abominaciones —demasiado poco era esto para ti— sino que has sido más perversa que ellas en todo tu proceder.
48 ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम कि तेरी बहन सदूम ने ऐसा नहीं किया, न उसने न उसकी बेटियों ने जैसा तूने और तेरी बेटियों ने किया है।
Por mi vida, dice Yahvé, el Señor, que no hizo tu hermana Sodoma, ella y sus hijas, lo que tú y tus hijas habéis hecho.
49 देख, तेरी बहन सदूम की तक़्सीर यह थी, गु़रूर और रोटी की सेरी और राहत की कसरत उसमें और उसकी बेटियों में थी; उसने ग़रीब और मोहताज की दस्तगीरी न की।
He aquí cuál fue el crimen de tu hermana Sodoma: la soberbia, la hartura de pan, el reposo ocioso que gozaron ella y sus hijas, y el no socorrer al pobre y al menesteroso.
50 वह मग़रूर थीं और उन्होंने मेरे सामने घिनौने काम किए, इसलिए जब मैंने देखा तो उनको उखाड़ फेंका।
Y así se ensoberbecieron, y cometieron lo que era abominable delante de Mí; por eso las quité de en medio conforme a lo que he visto.
51 और सामरिया ने तेरे गुनाहों के आधे भी नहीं किए, तूने उनके बदले अपनी मकरूहात को फ़िरावान किया है, और तूने अपनी इन मकरूहात से अपनी बहनों को बेक़ुसूर ठहराया है।
Samaria no cometió ni la mitad de tus pecados; al contrario, tú has cometido más abominaciones que tus hermanas, y las has justificado por medio de todas las abominaciones por ti cometidas.
52 फिर तू ख़ुद जो अपनी बहनों को मुजरिम ठहराती है, इन गुनाहों की वजह से जो तूने किए जो उनके गुनाहों से ज़्यादा नफ़रतअंगेज़ हैं, मलामत उठा; वह तुझ से ज़्यादा बेकु़सूर हैं। इसलिए तू भी रूस्वा हो और शर्म खा, क्यूँकि तूने अपनी बहनों को बेकु़सूर ठहराया है।
Lleva tu ignominia, tú que has juzgado a tus hermanas, ya que por tus pecados te has mostrado más abominable que ellas, con lo cual son más justas que tú. Avergüénzate por tu parte, y lleva tu oprobio, por cuanto has justificado a tus hermanas.
53 'और मैं उनकी ग़ुलामी को बदल दूँगा, या'नी सदूम और उसकी बेटियों की ग़ुलामी को और सामरिया और उसकी बेटियों की ग़ुलामी की, और उनके बीच तेरे ग़ुलामों की ग़ुलामी को,
Mas Yo mudaré el cautiverio de ellas, el cautiverio de Sodoma y de sus hijas, el cautiverio de Samaria y de sus hijas, y también el cautiverio de tus cautivos juntamente con ellas,
54 ताकि तू अपनी रूस्वाई उठाए और अपने सब कामों से शर्मिंदा हो, क्यूँकि तू उनके लिए तसल्ली के ज़रिए' है।
a fin de que lleves tu oprobio y te avergüences de todo lo que has hecho y les seas a ellas motivo de consuelo.
55 तेरी बहनें सदूम और सामरिया, अपनी अपनी बेटियों के साथ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाएँगी, और तू और तेरी बेटियाँ अपनी पहली हालत पर बहाल हो जाओगी।
Tu hermana Sodoma y sus hijas volverán a su antiguo estado; Samaria y sus hijas volverán a su antiguo estado. Así también tú y tus hijas volveréis a vuestro primer estado.
56 तू अपने ग़ुरूर के दिनों में, अपनी बहन सदूम का नाम तक ज़बान पर न लाती थी।
Tú no mencionabas ni siquiera el nombre de tu hermana Sodoma, en los días de tu soberbia,
57 उससे पहले कि तेरी शरारत फ़ाश हुई, जब अराम की बेटियों ने और उन सब ने जो उनके आस — पास थीं तुझे मलामत की, और फ़िलिस्तियों की बेटियों ने चारों तरफ़ से तेरी हिकारत की।
antes que se descubriese tu malicia, como sucede ahora que llevas la afrenta de las hijas de la Siria y de todos sus alrededores, y de las hijas de los filisteos que te insultan por todos lados.
58 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, तूने अपनी बदज़ाती और घिनौने कामों की सज़ा पाई।
Ahora tienes que llevar tu maldad y tus abominaciones, dice Yahvé, el Señor.
59 “क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं तुझ से जैसा तूने किया वैसा ही सुलूक करूँगा, इसलिए कि तूने क़सम को बेकार जाना और 'अहद शिकनी की।
Porque así dice Yahvé, el Señor: Te trataré según tus obras, pues despreciaste el juramento y quebrantaste la alianza.
60 लेकिन मैं अपने उस 'अहद को जो मैंने तेरी जवानी के दिनों में तेरे साथ बाँधा, याद रख्खूँगा और हमेशा का 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा।
Pero me acordaré de la alianza que hice contigo en los días de tu mocedad, y estableceré contigo una alianza eterna.
61 और जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहनों को कु़बूल करेगी, तब तू अपनी राहों को याद करके शर्मिंदा होगी और मैं उनको तुझे दूँगा कि तेरी बेटियाँ हों, लेकिन यह तेरे 'अहद के मुताबिक़ नहीं।
Entonces te acordarás de tus caminos, y te avergonzarás cuando recibas a tus hermanas, tanto tus hermanas mayores como tus menores, que Yo te daré por hijas, pero no en virtud de tu alianza.
62 और मैं अपना 'अहद तेरे साथ क़ायम करूँगा, और तू जानेगी कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
Y estableceré contigo mi alianza, y conocerás que Yo soy Yahvé;
63 ताकि तू याद करे और शर्मिंदा हो और शर्म के मारे फिर कभी मुँह न खोले, जब कि मैं सब कुछ जो तूने किया मु'आफ़ कर दूँ, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।”
para que te acuerdes y te avergüences, y avergonzada no vuelvas más a abrir tu boca, cuando Yo te haya perdonado todo lo que has hecho”, dice Yahvé, el Señor.

< हिज़ि 16 >