< हिज़ि 14 >

1 फिर इस्राईल के बुज़ुर्गों में से चन्द आदमी मेरे पास आए और मेरे सामने बैठ गए।
Et venerunt ad me viri seniorum Israel, et sederunt coram me.
2 तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ
Et factus est sermo Domini ad me, dicens:
3 कि ऐ आदमज़ाद, इन मर्दों ने अपने बुतों को अपने दिल में नसब किया है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रख्खा है; क्या ऐसे लोग मुझ से कुछ दरियाफ़्त कर सकते हैं?
Fili hominis, viri isti posuerunt immunditias suas in cordibus suis, et scandalum iniquitatis suæ statuerunt contra faciem suam: numquid interrogatus respondebo eis?
4 इसलिए तू उनसे बातें कर और उनसे कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: बनी इस्राईल में से हर एक जो अपने बुतों को अपने दिल में नस्ब करता है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रखता है और नबी के पास आता है, मैं ख़ुदावन्द उसके बुतों की कसरत के मुताबिक़ उसको जवाब दूँगा;
Propter hoc loquere eis, et dices ad eos: Hæc dicit Dominus Deus: Homo, homo de domo Israel, qui posuerit immunditias suas in corde suo, et scandalum iniquitatis suæ statuerit contra faciem suam, et venerit ad prophetam interrogans per eum me: ego Dominus respondebo ei in multitudine immunditiarum suarum:
5 ताकि मैं बनी — इस्राईल को उन्हीं के ख़्यालात में पकड़ें, क्यूँकि वह सब के सब अपने बुतों की वजह से मुझ से दूर हो गए हैं।
ut capiatur domus Israel in corde suo, quo recesserunt a me in cunctis idolis suis.
6 इसलिए तू बनी — इस्राईल से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: तोबा करो और अपने बुतों से बाज़ आओ, और अपनी तमाम मकरूहात से मुँह मोड़ो।
Propterea dic ad domum Israel: Hæc dicit Dominus Deus: Convertimini, et recedite ab idolis vestris, et ab universis contaminationibus vestris avertite facies vestras.
7 क्यूँकि हर एक जो बनी — इस्राईल में से या उन बेगानों में से जो इस्राईल में रहते हैं, मुझ से जुदा हो जाता है और अपने दिल में अपने बुत को नसब करता है, और अपनी ठोकर खिलाने वाली बदकिरदारी को अपने सामने रखता है, और नबी के पास आता है कि उसके ज़रिए' मुझ से दरियाफ़्त करे, उसको मैं ख़ुदावन्द ख़ुद ही जवाब दूँगा।
Quia homo, homo de domo Israel, et de proselytis quicumque advena fuerit in Israel, si alienatus fuerit a me, et posuerit idola sua in corde suo, et scandalum iniquitatis suæ statuerit contra faciem suam, et venerit ad prophetam ut interroget per eum me: ego Dominus respondebo ei per me.
8 और मेरा चेहरा उसके ख़िलाफ़ होगा और मैं निशान ठहराऊं गा और उसको हैरत की वजह और अन्गुश्तनुमा और जरब — उल — मिसाल बनाउँगा और अपने लोगों में से काट डालूँगा; और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Et ponam faciem meam super hominem illum, et faciam eum in exemplum, et in proverbium, et disperdam eum de medio populi mei: et scietis quia ego Dominus.
9 और अगर नबी धोका खाकर कुछ कहे, तो मैं ख़ुदावन्द ने उस नबी को धोका दिया, और मैं अपना हाथ उस पर चलाऊँगा और उसे अपने इस्राईली लोगों में से हलाक कर दूँगा।
Et propheta cum erraverit, et locutus fuerit verbum: ego Dominus decepi prophetam illum: et extendam manum meam super illum, et delebo eum de medio populi mei Israel.
10 और वह अपनी बदकिरदारी की सज़ा को बर्दाश्त करेंगे, नबी की बदकिरदारी की सज़ा वैसी ही होगी, जैसी सवाल करने वाले की बदकिरदारी की —
Et portabunt iniquitatem suam: iuxta iniquitatem interrogantis, sic iniquitas prophetæ erit:
11 ताकि बनी — इस्राईल फिर मुझ से भटक न जाएँ, और अपनी सब ख़ताओं से फिर अपने आप को नापाक न करें; बल्कि: ख़ुदा वन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि वह मेरे लोग हों और मैं उनका ख़ुदा हूँ।
ut non erret ultra domus Israel a me, neque polluatur in universis prævaricationibus suis: sed sint mihi in populum, et ego sim eis in Deum, ait Dominus exercituum.
12 और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Et factus est sermo Domini ad me, dicens:
13 कि ऐ आदमज़ाद, जब कोई मुल्क सख़्त ख़ता करके मेरा गुनाहगार हो, और मैं अपना हाथ उस पर चलाऊँ और उसकी रोटी का 'असा तोड़ डालें, और उसमें सूखा भेज़ें और उसके इंसान और हैवान को हलाक करूँ।
Fili hominis, terra cum peccaverit mihi, ut prævaricetur prævaricans, extendam manum meam super eam, et conteram virgam panis eius: et immittam in eam famem, et interficiam de ea hominem, et iumentum.
14 तो अगरचे यह तीन शख़्स, नूह और दानीएल और अय्यूब, उसमें मौजूद हों तोभी ख़ुदावन्द फ़रमाता है, वह अपनी सदाक़त से सिर्फ़ अपनी ही जान बचाएँगे।
Et si fuerint tres viri isti in medio eius, Noe, Daniel, et Iob: ipsi iustitia sua liberabunt animas suas, ait Dominus exercituum.
15 'अगर मैं किसी मुल्क में मुहलिक दरिन्दे भेजे कि उसमें गश्त करके उसे तबाह करें, और वह यहाँ तक वीरान हो जाए कि दरिन्दों की वजह से कोई उसमें से गुज़र न सके,
Quod si et bestias pessimas induxero super terram ut vastem eam; et fuerit invia, eo quod non sit pertransiens propter bestias:
16 तो ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम, अगरचे यह तीन शख़्स उसमें हों तोभी वह न बेटों को बचा सकेंगे न बेटियों को; सिर्फ़ वह खु़द ही बचेंगे और मुल्क वीरान हो जाएगा।
Tres viri isti si fuerint in ea, vivo ego, dicit Dominus Deus, quia nec filios, nec filias liberabunt: sed ipsi soli liberabuntur, terra autem desolabitur.
17 “या अगर मैं उस मुल्क पर तलवार भेजूँ और कहूँ कि ऐ तलवार मुल्क में गुज़र कर और मैं उसके इंसान और हैवान को काट डालें,
Vel si gladium induxero super terram illam, et dixero gladio: Transi per terram: et interfecero de ea hominem, et iumentum:
18 तो ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम अगरचे यह तीन शख़्स उसमें हों, तोभी न बेटों को बचा सकेंगे न बेटियों को, बल्कि सिर्फ वह ख़ुद ही बच जाएँगे।
et tres viri isti fuerint in medio eius: vivo ego, dicit Dominus Deus, non liberabunt filios, neque filias: sed ipsi soli liberabuntur.
19 या अगर मैं उस मुल्क में वबा भेजूँ और खू़ँरेज़ी करा कर अपना क़हर उस पर नाज़िल' करूँ कि वहाँ के इंसान और हैवान को काट डालें,
Si autem et pestilentiam immisero super terram illam, et effudero indignationem meam super eam in sanguine, ut auferam ex ea hominem, et iumentum:
20 अगरचे नूह और दानिएल और अय्यूब उसमें हों तो भी ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है मुझे अपनी हयात की क़सम वह न बेटे को बचा सकेंगे न बेटी को, बल्कि अपनी सदाक़त से सिर्फ़ अपनी ही जान बचाएँगे।
Et Noe, et Daniel, et Iob fuerint in medio eius: vivo ego, dicit Dominus Deus, quia filium, et filiam non liberabunt: sed ipsi iustitia sua liberabunt animas suas.
21 फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: जब मैं अपनी चार बड़ी बलाएँ, या'नी तलवार और सूखा और मुहलिक दरिन्दे और वबा येरूशलेम पर भेजूँ कि उसके इंसान और हैवान को काट डालें, तो क्या हाल होगा?
Quoniam hæc dicit Dominus Deus: Quod et si quattuor iudicia mea pessima, gladium, et famem, ac bestias malas, et pestilentiam immisero in Ierusalem ut interficiam de ea hominem, et pecus:
22 तोभी वहाँ थोड़े से बेटे — बेटियाँ बच रहेंगे जो निकालकर तुम्हारे पास पहुँचाए जाएँगे, और तुम उनके चाल चलन और उनके कामों को देखकर उस आफ़त के बारे में, जो मैंने येरूशलेम पर भेजी और उन सब आफ़तों के बारे में जो मैं उस पर लाया हूँ तसल्ली पाओगे।
tamen relinquetur in ea salvatio educentium filios, et filias: ecce ipsi ingredientur ad vos, et videbitis viam eorum, et adinventiones eorum, et consolabimini super malo, quod induxi in Ierusalem in omnibus, quæ importavi super eam.
23 और वह भी जब तुम उनके चाल चलन को और उनके कामों को देखोगे, तुम्हारी तसल्ली का ज़रिया' होंगे और तुम जानोगे कि जो कुछ मैंने उसमें किया है बे वजह नहीं किया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।”
Et consolabuntur vos, cum videritis viam eorum, et adinventiones eorum: et cognoscetis quod non frustra fecerim omnia, quæ feci in ea, ait Dominus Deus.

< हिज़ि 14 >