< हिज़ि 13 >

1 और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ।
La palabra de Yahvé vino a mí, diciendo:
2 कि 'ऐ आदमज़ाद, इस्राईल के नबी जो नबुव्वत करते हैं, उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर और जो अपने दिल से बात बनाकर नबुव्वत करते हैं उनसे कह, 'ख़ुदावन्द का कलाम सुनो!
“Hijo de hombre, profetiza contra los profetas de Israel que profetizan, y di a los que profetizan de su propio corazón: “Escuchen la palabra de Yahvé:
3 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि बेवक़ूफ़ नबियों पर अफ़सोस जो अपनी ही रूह की पैरवी करते हैं और उन्होंने कुछ नहीं देखा।
El Señor Yahvé dice: “¡Ay de los profetas necios, que siguen su propio espíritu, y no han visto nada!
4 ऐ इस्राईल, तेरे नबी उन लोमड़ियों की तरह हैं, जो वीरानों में रहती हैं।
Israel, tus profetas han sido como zorros en los lugares baldíos.
5 तुम रुखनों पर नहीं गए और न बनी — इस्राईल के लिए फ़सील बनाई, ताकि वह ख़ुदावन्द के दिन जंगगाह में खड़े हों।
No han subido a las brechas ni han levantado el muro para la casa de Israel, para estar en la batalla en el día de Yahvé.
6 उन्होंने बातिल और झूठा शगुन देखा है, जो कहते हैं, कि 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अगरचे ख़ुदावन्द ने उनको नहीं भेजा, और लोगों को उम्मीद दिलाते हैं कि उनकी बात पूरी हो जाएगी।
Han visto la falsedad y la adivinación mentirosa, que dicen: ‘Dice Yahvé’; pero Yahvé no los ha enviado. Han hecho esperar a los hombres que la palabra se confirme.
7 क्या तुम ने बातिल ख़्वाब नहीं देखा? क्या तुम ने झूठी गै़बदानी नहीं की? क्यूँकि तुम कहते हो कि ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है, अगरचे मैंने नहीं फ़रमाया।
¿No han visto una visión falsa, y no han hablado una adivinación mentirosa, al decir: ‘Dice Yahvé;’ pero yo no he hablado?”
8 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: “चूँकि तुम ने झूट कहा है और बुतलान देखा, इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि मैं तुम्हारा मुख़ालिफ़ हूँ।
“‘Por lo tanto, el Señor Yahvé dice: “Por cuanto has hablado falsedades y has visto mentiras, por lo tanto, he aquí que yo estoy contra ti”, dice el Señor Yahvé.
9 और मेरा हाथ उन नबियों पर, जो बुतलान देखते हैं और झूटी ग़ैबदानी करते हैं, चलेगा; न वह मेरे लोगों के मजमे' में शामिल होंगे और न इस्राईल के ख़ान्दान के दफ़्तर में लिखे जाएँगे और न वह इस्राईल के मुल्क में दाख़िल होंगे, और तुम जान लोगे कि मैं ख़ुदावन्द ख़ुदा हूँ।
“Mi mano estará en contra de los profetas que ven visiones falsas y que profieren adivinaciones mentirosas. No estarán en el consejo de mi pueblo, ni serán inscritos en la escritura de la casa de Israel, ni entrarán en la tierra de Israel. Entonces sabréis que yo soy el Señor Yahvé”.
10 इस वजह से कि उन्होंने मेरे लोगों को यह कह कर वरग़लाया है कि सलामती है हालाँकि सलामती नहीं; जब कोई दीवार बनाता है, तो वह उस पर कच्चा गारा लगाते हैं।
“‘Porque, incluso porque han seducido a mi pueblo, diciendo: “Paz”; y no hay paz. Cuando uno construye un muro, he aquí que lo revocan con cal.
11 तू उनसे जो उस पर गारा लगाते हैं कह, वह गिर जाएगी क्यूँकि मूसलाधार बारिश होगी और बड़े बड़े ओले पड़ेंगे और आँधी उसे गिरा देगी।
Di a los que la revisten de cal que se caerá. Habrá una lluvia desbordante; y ustedes, grandes piedras de granizo, caerán. Un viento tempestuoso lo desgarrará.
12 और जब वह दीवार गिरेगी तो क्या लोग तुम से न पूछेगे, कि 'वह गारा कहाँ है, जो तुम ने उस पर की थी?”
He aquí que cuando el muro haya caído, ¿no se les dirá: “¿Dónde está el yeso con que lo han revocado?”
13 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं अपने ग़ज़ब के तूफ़ान से उसे तोड़ दूँगा, और मेरे क़हर से झमाझम मेंह बरसेगा और मेरे क़हर के ओले पड़ेंगे ताकि उसे हलाक करें।
“‘Por eso dice el Señor Yahvé: “Incluso la desgarraré con un viento tempestuoso en mi ira. Habrá una lluvia desbordante en mi furia, y grandes piedras de granizo en la ira para consumirla.
14 इसलिए मैं उस दीवार को जिस पर तुम ने कच्चा गारा किया है तोड़ डालूँगा और ज़मीन पर गिराऊँगा, यहाँ तक कि उसकी बुनियाद ज़ाहिर हो जाएगी। हाँ, वह गिरेगी और तुम उसी में हलाक होगे, और जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Así que derribaré el muro que has enlucido con cal, y lo derribaré hasta el suelo, para que queden al descubierto sus cimientos. Caerá, y tú serás consumido en medio de ella. Entonces sabrás que yo soy Yahvé.
15 मैं अपना क़हर उस दीवार पर और उन पर जिन्होंने उस पर कच्चा गारा किया है पूरा करूँगा, और तब मैं तुम से कहूँगा, कि न दीवार रही और न वह रहे जिन्होंने उस पर गारा किया,
Así cumpliré mi ira sobre el muro y sobre los que lo han enlucido con cal. Les diré: ‘Ya no existe el muro, ni los que lo enlucieron;
16 या'नी इस्राईल के नबी जो येरूशलेम के बारे में नबुव्वत करते हैं, और उसकी सलामती के ख़्वाब देखते हैं हालाँकि सलामती नहीं है ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
es decir, los profetas de Israel que profetizan sobre Jerusalén, y que ven visiones de paz para ella, y no hay paz’”, dice el Señor Yahvé”.
17 “और ऐ आदमज़ाद, तू अपनी क़ौम की बेटियों की तरफ़, जो अपने दिल बात बना कर नबुव्वत करती हैं मुतवज्जह हो कर उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर,
Tú, hijo de hombre, pon tu rostro contra las hijas de tu pueblo, que profetizan de su propio corazón; y profetiza contra ellas,
18 और कह ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि अफ़सोस तुम पर जो सब कोहनियों के नीचे की गद्दी सीते हो, और हर एक क़द के मुवाफ़िक़ सिर के लिए बुर्क़ा' बनाती हो कि जानों को शिकार करो! क्या तुम मेरे लोगों की जानों का शिकार करोगी और अपनी जान बचाओगी?
y di: “El Señor Yahvé dice: ‘¡Ay de las mujeres que cosen bandas mágicas en todos los codos y hacen velos para la cabeza de personas de toda estatura para cazar almas! ¿Queréis cazar las almas de mi pueblo y salvar las almas vivas para vosotras?
19 और तुम ने मुट्ठी भर जौ के लिए और रोटी के टुकड़ों के लिए मुझे मेरे लोगों में नापाक ठहराया, ताकि तुम उन जानों को मार डालो जो मरने के लायक़ नहीं, और उनको ज़िन्दा रख्खो जो ज़िन्दा रहने के लायक़ नहीं हैं; क्यूँकि तुम मेरे लोगों से जो झूट सुनते हैं झूट बोलती हो।
Me habéis profanado entre mi pueblo por puñados de cebada y por trozos de pan, para matar a las almas que no deberían morir y para salvar a las almas vivas que no deberían vivir, con vuestras mentiras a mi pueblo que escucha las mentiras.’
20 'फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देखो, मैं तुम्हारी गद्दियों का दुश्मन हूँ जिनसे तुम जानों को परिन्दों की तरह शिकार करती हो, और मैं उनको तुम्हारी कोहनियों के नीचे से फाड़ डालूँगा, और उन जानों को जिनको तुम परिन्दों की तरह शिकार करती हो आज़ाद कर दूँगा।
“Por eso dice el Señor Yahvé: ‘He aquí que yo estoy contra tus bandas mágicas, con las que cazas las almas para hacerlas volar, y las arrancaré de tus brazos. Dejaré que las almas vuelen libres, incluso las almas que ustedes atrapan como pájaros.
21 मैं तुम्हारे बुरक़ों को भी फाड़ूँगा और अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, और फिर कभी तुम्हारा बस न चलेगा कि उनको शिकार करो, और तुम जानोगी कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
También rasgaré tus velos y libraré a mi pueblo de tu mano; y ya no estarán en tu mano para ser atrapados. Entonces sabrás que yo soy Yahvé.
22 इसलिए कि तुम ने झूट बोलकर सादिक़ के दिल को उदास किया, जिसको मैंने ग़मगीन नहीं किया; और शरीर की मदद की है, ताकि वह अपनी जान बचाने के लिए अपनी बुरी चाल चलन से बाज़ न आए।
Porque con la mentira has afligido el corazón del justo, a quien no he entristecido; y has fortalecido las manos del impío, para que no se vuelva de su mal camino y se salve con vida.
23 इसलिए तुम आगे को न बतालत देखोगी और न गै़बगोई करोगी, क्यूँकि मैं अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, तब तुम जानोगी कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।”
Por lo tanto, no verás más visiones falsas ni practicarás la adivinación. Yo libraré a mi pueblo de tu mano. Entonces sabrás que yo soy Yahvé”.

< हिज़ि 13 >