< हिज़ि 13 >
1 और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ।
Und das Wort des HERRN erging an mich also:
2 कि 'ऐ आदमज़ाद, इस्राईल के नबी जो नबुव्वत करते हैं, उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर और जो अपने दिल से बात बनाकर नबुव्वत करते हैं उनसे कह, 'ख़ुदावन्द का कलाम सुनो!
Menschensohn, weissage wider die Propheten Israels, welche weissagen, und sage zu denen, die aus ihrem eigenen Herzen weissagen:
3 ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि बेवक़ूफ़ नबियों पर अफ़सोस जो अपनी ही रूह की पैरवी करते हैं और उन्होंने कुछ नहीं देखा।
Höret das Wort des HERRN! So spricht Gott, der HERR: Wehe den törichten Propheten, die ihrem eigenen Geiste folgen und dem, was sie nicht gesehen haben!
4 ऐ इस्राईल, तेरे नबी उन लोमड़ियों की तरह हैं, जो वीरानों में रहती हैं।
Israel, gleich Schakalen in den Ruinen sind deine Propheten!
5 तुम रुखनों पर नहीं गए और न बनी — इस्राईल के लिए फ़सील बनाई, ताकि वह ख़ुदावन्द के दिन जंगगाह में खड़े हों।
Ihr seid nicht in die Risse getreten und habt keine Mauer um das Haus Israel gemacht, daß es im Kampfe standzuhalten vermöchte am Tage des HERRN!
6 उन्होंने बातिल और झूठा शगुन देखा है, जो कहते हैं, कि 'ख़ुदावन्द फ़रमाता है, अगरचे ख़ुदावन्द ने उनको नहीं भेजा, और लोगों को उम्मीद दिलाते हैं कि उनकी बात पूरी हो जाएगी।
Sie schauen Trug und lügenhafte Wahrsagung, sie, die da sagen: «So spricht der HERR!» obgleich der HERR sie nicht gesandt hat; und sie machen [ihnen] Hoffnung, daß er das Wort bestätige.
7 क्या तुम ने बातिल ख़्वाब नहीं देखा? क्या तुम ने झूठी गै़बदानी नहीं की? क्यूँकि तुम कहते हो कि ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है, अगरचे मैंने नहीं फ़रमाया।
Habt ihr nicht falsche Gesichte gesehen und lügenhafte Wahrsagung ausgesprochen und dabei gesagt: «So spricht der HERR!» während ich doch nichts gesagt habe?
8 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: “चूँकि तुम ने झूट कहा है और बुतलान देखा, इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है कि मैं तुम्हारा मुख़ालिफ़ हूँ।
Darum spricht Gott, der HERR, also: Weil ihr Trug redet und Lügen schauet, so seht, ich will an euch! spricht Gott, der HERR.
9 और मेरा हाथ उन नबियों पर, जो बुतलान देखते हैं और झूटी ग़ैबदानी करते हैं, चलेगा; न वह मेरे लोगों के मजमे' में शामिल होंगे और न इस्राईल के ख़ान्दान के दफ़्तर में लिखे जाएँगे और न वह इस्राईल के मुल्क में दाख़िल होंगे, और तुम जान लोगे कि मैं ख़ुदावन्द ख़ुदा हूँ।
Und meine Hand soll über die Propheten kommen, welche Trug schauen und Lügen wahrsagen. Sie sollen nicht der Gemeinschaft meines Volkes angehören und nicht in das Verzeichnis des Hauses Israel eingetragen werden; sie sollen auch nicht in das Land Israel kommen, und ihr werdet erfahren, daß ich, Gott, der HERR bin,
10 इस वजह से कि उन्होंने मेरे लोगों को यह कह कर वरग़लाया है कि सलामती है हालाँकि सलामती नहीं; जब कोई दीवार बनाता है, तो वह उस पर कच्चा गारा लगाते हैं।
darum, ja, darum, weil sie mein Volk irregeführt und von Frieden geredet haben, wo doch kein Friede ist! Jenes baut eine Wand, und diese übertünchen sie mit losem Kalk!
11 तू उनसे जो उस पर गारा लगाते हैं कह, वह गिर जाएगी क्यूँकि मूसलाधार बारिश होगी और बड़े बड़े ओले पड़ेंगे और आँधी उसे गिरा देगी।
So sage nun denen, die mit losem Kalk tünchen, daß er abfallen wird. Es soll ein überschwemmender Platzregen kommen, und Hagelsteine werden fallen, und ein Sturmwind wird losbrechen!
12 और जब वह दीवार गिरेगी तो क्या लोग तुम से न पूछेगे, कि 'वह गारा कहाँ है, जो तुम ने उस पर की थी?”
Ja, siehe, die Wand wird fallen! Wird man nicht alsdann zu euch sagen: Wo ist nun die Tünche, die ihr aufgestrichen habt?
13 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं अपने ग़ज़ब के तूफ़ान से उसे तोड़ दूँगा, और मेरे क़हर से झमाझम मेंह बरसेगा और मेरे क़हर के ओले पड़ेंगे ताकि उसे हलाक करें।
Darum spricht Gott, der HERR, also: Ich lasse in meinem Zorn einen Sturmwind hervorbrechen, und ein überschwemmender Platzregen soll durch meinen Zorn kommen und Hagelsteine durch meinen Grimm zur Vernichtung.
14 इसलिए मैं उस दीवार को जिस पर तुम ने कच्चा गारा किया है तोड़ डालूँगा और ज़मीन पर गिराऊँगा, यहाँ तक कि उसकी बुनियाद ज़ाहिर हो जाएगी। हाँ, वह गिरेगी और तुम उसी में हलाक होगे, और जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Und die Wand, welche ihr mit losem Kalk getüncht habt, will ich niederreißen und zu Boden werfen, daß ihr Fundament aufgedeckt werde und sie falle und ihr darunter umkommet; so werdet ihr erfahren, daß ich der HERR bin.
15 मैं अपना क़हर उस दीवार पर और उन पर जिन्होंने उस पर कच्चा गारा किया है पूरा करूँगा, और तब मैं तुम से कहूँगा, कि न दीवार रही और न वह रहे जिन्होंने उस पर गारा किया,
Also will ich an dieser Wand und an denen, welche sie mit losem Kalk getüncht haben, meinen Grimm kühlen und zu euch sagen: Die Wand ist nicht mehr, und die, welche sie getüncht haben, sind auch nicht mehr,
16 या'नी इस्राईल के नबी जो येरूशलेम के बारे में नबुव्वत करते हैं, और उसकी सलामती के ख़्वाब देखते हैं हालाँकि सलामती नहीं है ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
nämlich die Propheten Israels, welche Jerusalem weissagen und Gesichte des Friedens für sie schauen, wo doch kein Friede ist, spricht Gott, der HERR.
17 “और ऐ आदमज़ाद, तू अपनी क़ौम की बेटियों की तरफ़, जो अपने दिल बात बना कर नबुव्वत करती हैं मुतवज्जह हो कर उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर,
Und du, Menschensohn, richte dein Angesicht wider die Töchter deines Volkes, welche aus ihrem eigenen Herzen weissagen, und weissage wider sie und sprich:
18 और कह ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि अफ़सोस तुम पर जो सब कोहनियों के नीचे की गद्दी सीते हो, और हर एक क़द के मुवाफ़िक़ सिर के लिए बुर्क़ा' बनाती हो कि जानों को शिकार करो! क्या तुम मेरे लोगों की जानों का शिकार करोगी और अपनी जान बचाओगी?
So spricht Gott, der HERR: Wehe den Weibern, welche Binden nähen für alle Handgelenke und Überwürfe verfertigen für Köpfe jeder Größe, um Seelen zu fangen! Wollt ihr die Seelen meines Volkes fangen, um eure eigenen Seelen am Leben zu erhalten?
19 और तुम ने मुट्ठी भर जौ के लिए और रोटी के टुकड़ों के लिए मुझे मेरे लोगों में नापाक ठहराया, ताकि तुम उन जानों को मार डालो जो मरने के लायक़ नहीं, और उनको ज़िन्दा रख्खो जो ज़िन्दा रहने के लायक़ नहीं हैं; क्यूँकि तुम मेरे लोगों से जो झूट सुनते हैं झूट बोलती हो।
Ihr entheiliget mich bei meinem Volke für einige Hände voll Gerste und für etliche Bissen Brot, um Seelen zu töten, welche nicht sterben sollten, und Seelen am Leben zu erhalten, welche nicht leben sollten, indem ihr mein Volk anlüget, das euren Lügen Gehör schenkt!
20 'फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देखो, मैं तुम्हारी गद्दियों का दुश्मन हूँ जिनसे तुम जानों को परिन्दों की तरह शिकार करती हो, और मैं उनको तुम्हारी कोहनियों के नीचे से फाड़ डालूँगा, और उन जानों को जिनको तुम परिन्दों की तरह शिकार करती हो आज़ाद कर दूँगा।
Darum spricht Gott, der HERR, also: Siehe, ich will an eure Binden, mit welchen ihr die Seelen fanget wie Vögel! Ich will sie euch von den Armen reißen und die Seelen, welche ihr fanget, freilassen wie Vögel!
21 मैं तुम्हारे बुरक़ों को भी फाड़ूँगा और अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, और फिर कभी तुम्हारा बस न चलेगा कि उनको शिकार करो, और तुम जानोगी कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Und ich will eure Kopfüberwürfe zerreißen und mein Volk aus eurer Hand erretten, daß sie hinfort nicht mehr als Beute in eure Hand fallen; und ihr sollt erfahren, daß ich der HERR bin.
22 इसलिए कि तुम ने झूट बोलकर सादिक़ के दिल को उदास किया, जिसको मैंने ग़मगीन नहीं किया; और शरीर की मदद की है, ताकि वह अपनी जान बचाने के लिए अपनी बुरी चाल चलन से बाज़ न आए।
Weil ihr das Herz des Gerechten fälschlicherweise kränket, den ich doch nicht gekränkt haben will, dagegen die Hände des Gottlosen stärket, daß er sich ja nicht bekehre von seinem bösen Wege und er am Leben bleibe,
23 इसलिए तुम आगे को न बतालत देखोगी और न गै़बगोई करोगी, क्यूँकि मैं अपने लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, तब तुम जानोगी कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।”
darum sollt ihr hinfort keinen Trug mehr schauen und keine Wahrsagerei mehr treiben, sondern ich will mein Volk aus euren Händen erretten, und ihr sollt erfahren, daß ich der HERR bin!