< हिज़ि 11 >
1 और रूह मुझ को उठा कर ख़ुदावन्द के घर के पूरबी फाटक पर जिसका रुख़ पूरब की तरफ़ है ले गई, और क्या देखता हूँ कि उस फाटक के आस्ताने पर पच्चीस शख़्स हैं। और मैंने उनके बीच याज़नियाह बिन अज़ूर और फ़िल्तियाह बिन बिनायाह, लोगों के हाकिमों को देखा।
Und der Geist hob mich auf und führte mich zum östlichen Tor des Hauses des HERRN, welches gegen Morgen sieht. Und siehe, fünfundzwanzig Männer waren am Eingang des Tors, unter denen ich Jaasanja, den Sohn Assurs, und Pelatja, den Sohn Benajas, die Obersten des Volkes, erblickte.
2 और उसने मुझे फ़रमाया, कि “ऐ आदमज़ाद, यह वह लोग हैं जो इस शहर में बदकिरदारी की तदबीर और बुरी मश्वरत करते हैं।
Und er sprach zu mir: Menschensohn, das sind die Leute, welche böse Anschläge machen und schlimmen Rat erteilen in dieser Stadt! Sie sagen:
3 जो कहते हैं, कि 'घर बनाना नज़दीक नहीं है, यह शहर तो देग है और हम गोश्त हैं।
«Wird man nicht bald wieder Häuser bauen? Sie ist der Topf und wir das Fleisch!»
4 इसलिए तू उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर; ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत कर।”
Darum sollst du wider sie weissagen! Weissage, Menschensohn!
5 और ख़ुदावन्द की रूह मुझ पर नाज़िल हुई और उसने मुझे कहा कि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: कि ऐ बनी — इस्राईल तुम ने यूँ कहा है, मैं तुम्हारे दिल के ख़्यालात को जानता हूँ।
Und der Geist des HERRN fiel auf mich und sprach zu mir: Sage: So spricht der HERR! Ihr, das Haus Israel, sprechet so; und was in eurem Geist aufsteigt, weiß ich wohl!
6 तुम ने इस शहर में बहुतों को क़त्ल किया, बल्कि उसकी सड़कों को मक़तूलों से भर दिया है।
Ihr habt viele in dieser Stadt umgebracht und habt ihre Gassen mit Erschlagenen gefüllt.
7 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि तुम्हारे मक़्तूल जिनकी लाशें तुम ने शहर में रख छोड़ी हैं, यह वही गोश्त है और यह शहर वही देग है; लेकिन तुम इस से बाहर निकाले जाओगे।
Darum spricht Gott, der HERR, also: Eure Erschlagenen, welche ihr in dieser Stadt hingestreckt habt, sind das Fleisch, und sie ist der Topf; euch aber wird man aus ihr hinausführen!
8 तुम तलवार से डरे हो, और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि मैं तलवार तुम पर लाऊँगा।
Ihr fürchtet das Schwert, aber das Schwert will ich über euch bringen, spricht Gott, der HERR.
9 और मैं तुम को उस से बाहर निकालूँगा और तुम को परदेसियों के हवाले कर दूँगा, और तुम को सज़ा दूँगा।
Ich will euch aus dieser Stadt hinausführen und euch Fremden ausliefern und das Urteil an euch vollstrecken!
10 तुम तलवार से क़त्ल होगे, इस्राईल की हदों के अन्दर मैं तुम्हारी 'अदालत करूँगा, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Ihr sollt durchs Schwert fallen; an der Grenze Israels will ich euch richten, und ihr sollt erfahren, daß ich der HERR bin.
11 यह शहर तुम्हारे लिए देग न होगा, न तुम इसमें का गोश्त होगे; बल्कि मैं बनी — इस्राईल की हदों के अन्दर तुम्हारा फ़ैसला करूँगा।
Diese Stadt wird nicht euer Topf sein, und ihr werdet nicht das Fleisch darin sein, sondern ich will euch an der Grenze Israels richten!
12 और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ, जिसके क़ानून पर तुम नहीं चले और जिसके हुक्मों पर तुम ने 'अमल नहीं किया; बल्कि तुम उन क़ौमों के हुक्मों पर जो तुम्हारे आस पास हैं 'अमल किया।
Und ihr sollt erfahren, daß ich der HERR bin, in dessen Geboten ihr nicht gewandelt und dessen Satzungen ihr nicht gehalten habt; sondern nach den Bräuchen der Heiden, die um euch her sind, habt ihr getan.
13 और जब मैं नबुव्वत कर रहा था, तो यूँ हुआ कि फ़लतियाह — बिन — बिनायाह मर गया। तब मैं मुँह के बल गिरा और बुलन्द आवाज़ से चिल्ला कर कहा, कि “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा! क्या तू बनी — इस्राईल के बक़िये को बिल्कुल मिटा डालेगा?”
Während ich nun weissagte, begab es sich, daß Pelatja, der Sohn Benajas, starb. Da fiel ich nieder auf mein Angesicht und schrie mit lauter Stimme und sprach: Ach, Herr, HERR, willst du den Überrest Israels gänzlich aufreiben?
14 तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Da erging das Wort des HERRN an mich also:
15 कि 'ऐ आदमज़ाद, तेरे भाइयों, हाँ, तेरे भाइयों या'नी तेरे क़राबतियों बल्कि सब बनी — इस्राईल से, हाँ, उन सब से येरूशलेम के बाशिन्दों ने कहा है, 'ख़ुदावन्द से दूर रहो। यह मुल्क हम को मीरास में दिया गया है।
Menschensohn, deine Brüder, ja, deine Brüder, deine Verwandten und das ganze Haus Israel, sie alle sind es, von denen die Einwohner Jerusalems sagen: «Sie sind fern vom HERRN; uns aber ist dieses Land zum Besitztum gegeben!»
16 इसलिए तू कह, 'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि हर चन्द मैंने उनको क़ौमों के बीच हाँक दिया है और गै़र — मुल्कों में तितर बितर किया लेकिन मैं उनके लिए थोड़ी देर तक उन मुल्कों में जहाँ जहाँ वह गए एक हैकल हूँगा।
Darum sollst du zu ihnen sagen: So spricht Gott, der HERR: Ich habe sie wohl fern unter die Nationen getan und in die Länder zerstreut; aber ich bin ihnen doch ein wenig zum Heiligtum geworden in den Ländern, dahin sie gekommen sind.
17 इसलिए तू कह, 'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: मैं तुम को उम्मतों में से जमा' कर लूँगा, और उन मुल्कों में से जिनमें तुम तितर बितर हुए तुम को जमा' करूँगा और इस्राईल का मुल्क तुम को दूँगा।
Darum sollst du weiter zu ihnen sagen: So spricht Gott, der HERR: Ich will euch aus den Völkern sammeln und euch aus den Ländern, in welche ihr zerstreut worden seid, wieder zusammenbringen und euch das Land Israel wieder geben!
18 और वह वहाँ आयेंगे और उसकी तमाम नफ़रती और मकरूह चीज़ें उस से दूर कर देंगे।
Und sie werden dahin kommen und alle Scheusale und Greuel daraus entfernen.
19 और मैं उनको नया दिल दूँगा और नई रूह तुम्हारे बातिन में डालूँगा, और संगीन दिल उनके जिस्म से निकाल कर दूँगा और उनको गोश्त का दिल 'इनायत करूँगा;
Ich aber will ihnen ein einiges Herz geben und einen neuen Geist in eure Brust legen und will das steinerne Herz aus ihrem Leibe nehmen und ihnen ein fleischernes Herz geben,
20 ताकि वह मेरे तौर तरीक़े पर चलें और मेरे हुक्मों पर 'अमल करें और उन पर 'अमल करें, और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
damit sie in meinen Geboten wandeln und meine Rechte beobachten und sie tun; und sie sollen mein Volk sein, und ich will ihr Gott sein.
21 लेकिन जिनका दिल अपनी नफ़रती और मकरूह चीज़ों का तालिब होकर उनकी पैरवी में है, उनके बारे में ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: कि मैं उनके चाल चलन को उन ही के सिर पर लाऊँगा।
Denen aber, deren Herz ihren Greueln und Scheusalen nachwandelt, will ich ihren Wandel auf ihren Kopf vergelten, spricht Gott, der HERR.
22 तब करूबियों ने अपने अपने बाज़ू बुलन्द किए, और पहिए उनके साथ साथ चले, और इस्राईल के ख़ुदा का जलाल उनके ऊपर जलवागर था।
Darnach hoben die Cherubim ihre Flügel empor, und die Räder [gingen] neben ihnen, und die Herrlichkeit des Gottes Israels war oben über ihnen.
23 और ख़ुदावन्द का जलाल शहर में से उठा, और शहर की पूरबी तरफ़ के पहाड़ पर जा ठहरा।
Und die Herrlichkeit des HERRN stieg auf, mitten aus der Stadt, und blieb stehen auf dem Berge, der östlich von der Stadt liegt.
24 तब रूह ने मुझे उठाया और ख़ुदा के रूह ने ख़्वाब में मुझे फिर कसदियों के मुल्क में ग़ुलामों के पास पहुँचा दिया। और वह ख़्वाब जो मैंने देखा था मुझ से ग़ायब हो गया।
Mich aber nahm der Geist und führte mich im Gesichte, im Geist Gottes, wieder zu den Gefangenen in Chaldäa; und die Erscheinung, welche ich gesehen hatte, hob sich von mir hinweg.
25 और मैंने ग़ुलामों से ख़ुदावन्द की वह सब बातें बयान कीं, जो उसने मुझ पर ज़ाहिर की थीं।
Da sagte ich den Gefangenen alle Worte des HERRN, welche er mich hatte schauen lassen.