< हिज़ि 11 >

1 और रूह मुझ को उठा कर ख़ुदावन्द के घर के पूरबी फाटक पर जिसका रुख़ पूरब की तरफ़ है ले गई, और क्या देखता हूँ कि उस फाटक के आस्ताने पर पच्चीस शख़्स हैं। और मैंने उनके बीच याज़नियाह बिन अज़ूर और फ़िल्तियाह बिन बिनायाह, लोगों के हाकिमों को देखा।
Und mich hub ein Wind auf und brachte mich zum Tor am Hause des HERRN, das gegen Morgen stehet; und siehe, unter dem Tor waren fünfundzwanzig Männer. Und ich sah unter ihnen Jasanja, den Sohn Assurs, und Platja, den Sohn Benajas, die Fürsten im Volk.
2 और उसने मुझे फ़रमाया, कि “ऐ आदमज़ाद, यह वह लोग हैं जो इस शहर में बदकिरदारी की तदबीर और बुरी मश्वरत करते हैं।
Und er sprach zu mir: Menschenkind diese Leute haben unselige Gedanken und schädliche Ratschläge in dieser Stadt.
3 जो कहते हैं, कि 'घर बनाना नज़दीक नहीं है, यह शहर तो देग है और हम गोश्त हैं।
Denn sie sprechen: Es ist nicht so nahe, laßt uns nur Häuser bauen; sie ist der Topf, so sind wir das Fleisch.
4 इसलिए तू उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर; ऐ आदमज़ाद, नबुव्वत कर।”
Darum sollst du, Menschenkind, wider sie weissagen.
5 और ख़ुदावन्द की रूह मुझ पर नाज़िल हुई और उसने मुझे कहा कि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: कि ऐ बनी — इस्राईल तुम ने यूँ कहा है, मैं तुम्हारे दिल के ख़्यालात को जानता हूँ।
Und der Geist des HERRN fiel auf mich und sprach zu mir: Sprich: So sagt der HERR: Ihr habt also geredet, ihr vom Hause Israel; und eures Geistes Gedanken kenne ich wohl.
6 तुम ने इस शहर में बहुतों को क़त्ल किया, बल्कि उसकी सड़कों को मक़तूलों से भर दिया है।
Ihr habt viele erschlagen in dieser Stadt, und ihre Gassen liegen voller Toten.
7 इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि तुम्हारे मक़्तूल जिनकी लाशें तुम ने शहर में रख छोड़ी हैं, यह वही गोश्त है और यह शहर वही देग है; लेकिन तुम इस से बाहर निकाले जाओगे।
Darum spricht der HERR HERR also: Die ihr drinnen getötet habt, die sind das Fleisch, und sie ist der Topf; aber ihr müsset hinaus.
8 तुम तलवार से डरे हो, और ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है, कि मैं तलवार तुम पर लाऊँगा।
Das Schwert, das ihr fürchtet, das will ich über euch kommen lassen, spricht der HERR HERR.
9 और मैं तुम को उस से बाहर निकालूँगा और तुम को परदेसियों के हवाले कर दूँगा, और तुम को सज़ा दूँगा।
Ich will euch von dannen herausstoßen und den Fremden in die Hand geben und will euch euer Recht tun.
10 तुम तलवार से क़त्ल होगे, इस्राईल की हदों के अन्दर मैं तुम्हारी 'अदालत करूँगा, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
Ihr sollt durchs Schwert fallen, in den Grenzen Israels will ich euch richten; und sollt erfahren, daß ich der HERR bin.
11 यह शहर तुम्हारे लिए देग न होगा, न तुम इसमें का गोश्त होगे; बल्कि मैं बनी — इस्राईल की हदों के अन्दर तुम्हारा फ़ैसला करूँगा।
Die Stadt aber soll nicht euer Topf sein, noch ihr das Fleisch drinnen, sondern in den Grenzen Israels will ich euch richten.
12 और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ, जिसके क़ानून पर तुम नहीं चले और जिसके हुक्मों पर तुम ने 'अमल नहीं किया; बल्कि तुम उन क़ौमों के हुक्मों पर जो तुम्हारे आस पास हैं 'अमल किया।
Und sollt erfahren, daß ich der HERR bin; denn ihr habt nach meinen Geboten nicht gewandelt und meine Rechte nicht gehalten, sondern getan nach der Heiden Weise, die um euch her sind.
13 और जब मैं नबुव्वत कर रहा था, तो यूँ हुआ कि फ़लतियाह — बिन — बिनायाह मर गया। तब मैं मुँह के बल गिरा और बुलन्द आवाज़ से चिल्ला कर कहा, कि “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा! क्या तू बनी — इस्राईल के बक़िये को बिल्कुल मिटा डालेगा?”
Und da ich so weissagte, starb Platja, der Sohn Benajas. Da fiel ich auf mein Angesicht und schrie mit lauter Stimme und sprach: Ach, HERR HERR, du wirst's mit den Übrigen Israels gar ausmachen!
14 तब ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
Da geschah des HERRN Wort zu mir und sprach:
15 कि 'ऐ आदमज़ाद, तेरे भाइयों, हाँ, तेरे भाइयों या'नी तेरे क़राबतियों बल्कि सब बनी — इस्राईल से, हाँ, उन सब से येरूशलेम के बाशिन्दों ने कहा है, 'ख़ुदावन्द से दूर रहो। यह मुल्क हम को मीरास में दिया गया है।
Du Menschenkind, deine Brüder und nahen Freunde und das ganze Haus Israel, so noch zu Jerusalem wohnen, sprechen wohl untereinander; jene sind vom HERRN ferne weggeflohen, aber wir haben das Land inne.
16 इसलिए तू कह, 'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि हर चन्द मैंने उनको क़ौमों के बीच हाँक दिया है और गै़र — मुल्कों में तितर बितर किया लेकिन मैं उनके लिए थोड़ी देर तक उन मुल्कों में जहाँ जहाँ वह गए एक हैकल हूँगा।
Darum sprich du: So spricht der HERR HERR: Ja, ich habe sie ferne weg unter die Heiden lassen treiben und in die Länder zerstreuet; doch will ich bald ihr Heiland sein in den Ländern, dahin sie kommen sind.
17 इसलिए तू कह, 'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: मैं तुम को उम्मतों में से जमा' कर लूँगा, और उन मुल्कों में से जिनमें तुम तितर बितर हुए तुम को जमा' करूँगा और इस्राईल का मुल्क तुम को दूँगा।
Darum sprich: So sagt der HERR HERR: Ich will euch sammeln aus den Völkern und will euch sammeln aus den Ländern, dahin ihr zerstreuet seid, und will euch das Land Israel geben.
18 और वह वहाँ आयेंगे और उसकी तमाम नफ़रती और मकरूह चीज़ें उस से दूर कर देंगे।
Da sollen sie kommen und alle Scheuel und Greuel daraus wegtun.
19 और मैं उनको नया दिल दूँगा और नई रूह तुम्हारे बातिन में डालूँगा, और संगीन दिल उनके जिस्म से निकाल कर दूँगा और उनको गोश्त का दिल 'इनायत करूँगा;
Ich will euch ein einträchtig Herz geben und einen neuen Geist in euch geben; und will das steinerne Herz wegnehmen aus eurem Leibe und ein fleischern Herz geben,
20 ताकि वह मेरे तौर तरीक़े पर चलें और मेरे हुक्मों पर 'अमल करें और उन पर 'अमल करें, और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
auf daß sie in meinen Sitten wandeln und meine Rechte halten und danach tun. Und sie sollen mein Volk sein, so will ich ihr Gott sein.
21 लेकिन जिनका दिल अपनी नफ़रती और मकरूह चीज़ों का तालिब होकर उनकी पैरवी में है, उनके बारे में ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है: कि मैं उनके चाल चलन को उन ही के सिर पर लाऊँगा।
Denen aber, so nach ihres Herzens Scheueln und Greueln wandeln, will ich ihr Tun auf ihren Kopf werfen, spricht der HERR HERR.
22 तब करूबियों ने अपने अपने बाज़ू बुलन्द किए, और पहिए उनके साथ साथ चले, और इस्राईल के ख़ुदा का जलाल उनके ऊपर जलवागर था।
Da schwangen die Cherubim ihre Flügel, und die Räder gingen neben ihnen, und die HERRLIchkeit des Gottes Israels war oben über ihnen.
23 और ख़ुदावन्द का जलाल शहर में से उठा, और शहर की पूरबी तरफ़ के पहाड़ पर जा ठहरा।
Und die HERRLIchkeit des HERRN erhub sich aus der Stadt und stellete sich auf den Berg, der gegen Morgen vor der Stadt liegt.
24 तब रूह ने मुझे उठाया और ख़ुदा के रूह ने ख़्वाब में मुझे फिर कसदियों के मुल्क में ग़ुलामों के पास पहुँचा दिया। और वह ख़्वाब जो मैंने देखा था मुझ से ग़ायब हो गया।
Und ein Wind hub mich auf und brachte mich im Gesicht und im Geist Gottes nach Chaldäa zu den Gefangenen. Und das Gesicht, so ich gesehen hatte, verschwand vor mir.
25 और मैंने ग़ुलामों से ख़ुदावन्द की वह सब बातें बयान कीं, जो उसने मुझ पर ज़ाहिर की थीं।
Und ich sagte den Gefangenen alle Worte des HERRN, die er mir gezeiget hatte.

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