< ख़ुरु 40 >
1 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा;
१मग परमेश्वर मोशेला म्हणाला,
2 “पहले महीने की पहली तारीख़ को तू ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के घर को खड़ा कर देना।
२“पहिल्या महिन्याच्या पहिल्या दिवशी दर्शनमंडपाचा निवासमंडप उभा कर.
3 और उस में शहादत का संदूक रख कर संदूक पर बीच का पर्दा खींच देना।
३साक्षपटाचा कोश त्यामध्ये ठेव व तू अंतरपटाने कोशाला पडदा घाल.
4 और मेज़ को अन्दर ले जाकर उस पर की सब चीज़ें तरतीब से सजा देना और शमा'दान को अन्दर करके उसके चराग़ रोशन कर देना।
४मग मेज आत आणून त्याच्यावरील सामान व्यवस्थित ठेव; नंतर दीपवृक्ष आत नेऊन त्याचे दिवे लाव.
5 और ख़ुशबू जलाने की ज़र्रीन क़ुर्बानगाह को शहादत के संदूक़ के सामने रखना और घर के दरवाज़े का पर्दा लगा देना।
५साक्षपटाच्या कोशापुढे सोन्याची धूपवेदी ठेव आणि निवासमंडपाच्या दाराचा पडदा लाव.
6 और सोख़्तनी क़ुर्बानी का मज़बह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के घर के दरवाज़े के सामने रखना।
६दर्शनमंडपाच्या निवासमंडपाच्या दारापुढे होमवेदी ठेव.
7 और हौज़ को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ और मज़बह के बीच में रख कर उसमे पानी भर देना
७दर्शनमंडप व वेदी यांच्यामध्ये गंगाळ ठेव व त्यामध्ये पाणी भर.
8 और सहन के चारो तरफ़ से घेर कर सहन के दरवाज़े में पर्दा लटका देना।
८सभोवती अंगण कर व मग त्याच्या प्रवेशदारापाशी पडदा लाव.
9 और मसह करने का तेल लेकर घर को और उसके अन्दर के सब चीजों को मसह करना; और यूँ उसे और उसके सब बर्तन को पाक करना तब वह पाक ठहरेगा।
९अभिषेकाचे तेल घेऊन निवासमंडपाला व त्यातल्या सर्व वस्तूंना अभिषेक कर व त्याच्या सर्व वस्तू पवित्र कर म्हणजे तो पवित्र होईल.
10 और तू सोख़्तनी क़ुर्बानी के मज़बह और उसके सब बर्तन को मसह करके मज़बह को पाक करना, और मज़बह निहायत ही पाक ठहरेगा
१०होमवेदी व तिची सर्व उपकरणे यांना अभिषेक करून पवित्र कर म्हणजे ती परमपवित्र होईल.
11 और तू हौज़ और उसकी कुर्सी को भी मसह करके पाक करना।
११गंगाळ व त्याच्या खालची बैठक ह्यास अभिषेक कर व त्यांना पवित्र कर.
12 और हारून और उसके बेटे को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर लाकर उसको पानी से ग़ुस्ल दिलाना
१२अहरोन व त्याचे पुत्र ह्याना दर्शनमंडपाच्या दारापाशी नेऊन त्यांना आंघोळ घाल.
13 और हारून को पाक लिबास पहनाना और उसे मसह और पाक करना, ताकि वह मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दे
१३अहरोनाला पवित्र वस्रे घाल व त्यास तेलाने अभिषेक करून पवित्र कर, मग तो याजक या नात्याने माझी सेवा करील.
14 और उनके बेटों को लाकर उनको कुरते पहनाना,
१४त्याच्या पुत्रांनाजवळ बोलावून अंगरखे घाल.
15 और जैसा उनके बाप को मसह करे वैसा ही उनको भी मसह करना, ताकि वह मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दे; और उनका मसह होना उनके लिए नसल — दर — नसल हमेशा की कहानत का निशान होगा।”
१५त्यांच्या पित्याला जसा अभिषेक करशील त्याप्रमाणेच त्यांना कर म्हणजे याजक या नात्याने ते माझी सेवा करतील; हा त्यांचा अभिषेक त्यांच्यासाठी पिढ्यानपिढ्या निरंतरच्या याजकपदाचा दर्शक होईल.”
16 और मूसा ने सब कुछ जैसा ख़ुदावन्द ने उसको हुक्म किया था उसके मुताबिक़ किया।
१६मोशेने परमेश्वराने आज्ञा दिल्याप्रमाणे सर्वकाही तसे केले.
17 और दूसरे साल के पहले महीने की पहली तारीख़ को घर खड़ा किया गया।
१७दुसऱ्या वर्षातील पहिल्या महिन्याच्या पहिल्या दिवशी पवित्र निवासमंडपाची उभारणी झाली.
18 और मूसा ने घर को खड़ा किया और ख़ानों को रख कर उनमे तख़्ते लगा उनके बेन्डे खींच दिए और उसके सुतूनों खड़ा कर दिया।
१८परमेश्वराने सांगितल्याप्रमाणे मोशेने पवित्र निवासमंडप उभा केला; प्रथम त्याने उथळ्या बसवून घेतल्या, मग त्याने त्यांच्यावर फळ्या लावल्या. अडसर लावले व त्यांचे खांब उभे केले;
19 और घर के ऊपर ख़ेमे को तान दिया और ख़ेमा पर उसका ग़िलाफ़ चढ़ा दिया, जैसे ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
१९त्यानंतर निवासमंडपावरचा तंबू केला, मग वरच्या तंबूवर त्याने आच्छादन घातले; परमेश्वराने आज्ञा केल्याप्रमाणे मोशेने हे सर्व केले.
20 और शहादतनामे को लेकर सन्दूक़ में रख्खा, और चोबों को सन्दूक़ में लगा सरपोश को सन्दूक़ के ऊपर रख्खा;
२०मोशेने साक्षपट घेऊन कोशात ठेवला व कोशाला दांडे लावून त्याच्यावर दयासन ठेवले.
21 फिर उस सन्दूक़ को घर के अन्दर लाया, और बीच का पर्दा लगा कर शहादत के सन्दूक़ को पर्दे के अन्दर किया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
२१त्याने तो कोश निवासमंडपात आणला आणि योग्य ठिकाणी अंतरपट लावून साक्षपटाचा कोश झाकला; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा दिल्याप्रमाणे त्याने हे केले.
22 और मेज़ को उस पर्दे के बाहर घर को उत्तरी रुख़ में ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के अन्दर रख्खा,
२२मोशेने पवित्र निवासमंडपाच्या उत्तर बाजूला दर्शनमंडपामध्ये पडद्याच्या बाहेर मेज ठेवले;
23 और उस पर ख़ुदावन्द के आमने सामने रोटी सजाकर रख्खी, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
२३त्याने त्याच्यावर परमेश्वरासमोर समर्पित भाकर ठेवली; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा दिल्याप्रमाणे त्याने हे केले.
24 और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के अन्दर ही मेज़ के सामने घर की दाख्खिनी रुख़ में शमा'दान को रख्खा,
२४त्याने पवित्र निवासमंडपाच्या दक्षिण बाजूस दर्शनमंडपामध्ये मेजासमोर दीपवृक्ष ठेवला.
25 और चराग़ ख़ुदावन्द के सामने रोशन कर दिए, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
२५नंतर त्याने परमेश्वरासमोर दीपवृक्षावर दिवे लावले; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा दिल्याप्रमाणे त्याने हे केले.
26 और ज़रीन क़ुर्बानगाह को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के अन्दर पर्दे के सामने रख्खा,
२६त्याने दर्शनमंडपामध्ये अंतरपटासमोर सोन्याची वेदी ठेवली.
27 और उस पर ख़ुशबूदार मसाल्हे का ख़ुशबू जलाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था
२७नंतर त्याने तिच्यावर सुगंधी धूप जाळला; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा केल्याप्रमाणे हे झाले.
28 और उसने घर के दरवाज़े में पर्दा लगाया था।
२८त्याने पवित्र निवासमंडपाच्या दाराला पडदा लावला.
29 और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के घर के दरवाज़े पर सोख़्तनी क़ुर्बानी का मज़बह रखकर उस पर सोख़्तनी क़ुर्बानी और नज़्र की क़ुर्बानी पेश कीं, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया,
२९त्याने पवित्र निवासमंडपाच्या दर्शनमंडपाच्या दारापाशी होमवेदी ठेवली व तिच्यावर होमार्पणे व अन्नार्पणे अर्पण केली; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा दिल्याप्रमाणे त्याने हे केले.
30 और उसने हौज़ को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ और मज़बह के बीच में रखकर उसमें धोने के लिए पानी भर दिया।
३०त्याने दर्शनमंडप आणि वेदी यांच्यामध्ये गंगाळ ठेवले व धुण्यासाठी त्यामध्ये पाणी भरले.
31 और मूसा और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाँथ — पाँव उसमे धोए।
३१मोशे, अहरोन व अहरोनाचे पुत्र त्यामध्ये आपआपले हातपाय धूत असत;
32 जब — जब वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के अन्दर दाख़िल होते, और जब — जब वह मज़बह के नज़दीक जाते तो अपने आपको धोकर जाते थे, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
३२ते दर्शनमंडप व वेदीपाशी जाताना प्रत्येक वेळेस आपले हातपाय तेथे धूत असत; परमेश्वराने मोशेला आज्ञा केल्याप्रमाणे त्यांनी हे केले.
33 और उसने घर और मज़बह के चारों तरफ़ सहन को घेर कर सहन के दरवाज़े का पर्दा डाल दिया यूँ मूसा ने उस काम को ख़त्म किया।
३३त्याने निवास मंडपाभोवती अंगणाची कनात उभी केली व अंगणात वेदी बसवली आणि अंगणाच्या फाटकाला पडदा लावला; या प्रकारे परमेश्वराने सांगितल्याप्रमाणे मोशेने सर्व काम संपविले.
34 तब ख़ेमा — ए — इजितमा'अ पर बादल छा गया, और घर ख़ुदावन्द के जलाल से भरा हो गया।
३४दर्शनमंडपावर मेघाने छाया केली व पवित्र निवासमंडप परमेश्वराच्या तेजाने भरून गेला.
35 और मूसा ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में दाख़िल न हो सका क्यूँकि वह बादल उस पर ठहरा हुआ था, और घर ख़ुदावन्द के जलाल से भरा था।
३५दर्शनमंडपावर मेघ राहिला व परमेश्वराच्या तेजाने निवासमंडप भरून गेला म्हणून मोशेला आत जाता येईना.
36 और बनी — इस्राईल के सारे सफ़र में यह होता रहा कि जब वह बादल घर के ऊपर से उठ जाता तो वह आगे बढ़ाते,
३६पवित्र निवास मंडपावरील मेघ वर जाई तेव्हा इस्राएल लोक आपला पुढील प्रवास सुरू करीत;
37 लेकिन अगर वह बादल न उठता तो उस दिन तक सफ़र नहीं करते थे जब तक वह उठ न जाता।
३७परंतु तो मेघ निवासमंडपावर असेपर्यंत लोक तेथून हलत नसत; तो वर जाईपर्यंत ते तेथेच थांबत.
38 क्यूँकि ख़ुदावन्द का बादल इस्राईल के सारे घराने के समाने और उनके सारे सफ़र में दिन के वक़्त तो घर के ऊपर ठहरा रहता और रात को उसमें आग रहती थी।
३८परमेश्वराचा मेघ दिवसा निवासमंडपावर राही आणि रात्री त्यामध्ये अग्नी असे त्यामुळे सर्व इस्राएल लोकांस आपल्या प्रवासात तो दिसत असे.