< ख़ुरु 39 >

1 और उन्होंने मक़दिस में ख़िदमत करने के लिए आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ बेल बूटे कढ़े हुए लिबास और हारून के लिए पाक लिबास, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था बनाए।
וּמִן־הַתְּכֵ֤לֶת וְהָֽאַרְגָּמָן֙ וְתֹולַ֣עַת הַשָּׁנִ֔י עָשׂ֥וּ בִגְדֵי־שְׂרָ֖ד לְשָׁרֵ֣ת בַּקֹּ֑דֶשׁ וַֽיַּעֲשׂ֞וּ אֶת־בִּגְדֵ֤י הַקֹּ֙דֶשׁ֙ אֲשֶׁ֣ר לְאַהֲרֹ֔ן כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ פ
2 और उसने सोने, और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का अफ़ोद बनाया।
וַיַּ֖עַשׂ אֶת־הָאֵפֹ֑ד זָהָ֗ב תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתֹולַ֥עַת שָׁנִ֖י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָֽר׃
3 और उन्होंने सोना पीट पीट कर पतले — पतले पत्तर और पतरों को काट — काट कर तार बनाए, ताकि आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान पर माहिर उस्ताद की तरह उनसे ज़रदोज़ी करें।
וַֽיְרַקְּע֞וּ אֶת־פַּחֵ֣י הַזָּהָב֮ וְקִצֵּ֣ץ פְּתִילִם֒ לַעֲשֹׂ֗ות בְּתֹ֤וךְ הַתְּכֵ֙לֶת֙ וּבְתֹ֣וךְ הָֽאַרְגָּמָ֔ן וּבְתֹ֛וךְ תֹּולַ֥עַת הַשָּׁנִ֖י וּבְתֹ֣וךְ הַשֵּׁ֑שׁ מַעֲשֵׂ֖ה חֹשֵֽׁב׃
4 और अफ़ोद को जोड़ने के लिए उन्होंने दो मोंढे बनाए और उनके दोनों सिरों को मिलाकर बाँध दिया।
כְּתֵפֹ֥ת עָֽשׂוּ־לֹ֖ו חֹבְרֹ֑ת עַל־שְׁנֵ֥י קִצְוֹותֹו (קְצֹותָ֖יו) חֻבָּֽר׃
5 और उसके कसने के लिए कारीगरी से बुना हुआ कमरबन्द जो उसके ऊपर था, वह भी उसी टुकड़े और बनावट का था, या'नी सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बना हुआ था; जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
וְחֵ֨שֶׁב אֲפֻדָּתֹ֜ו אֲשֶׁ֣ר עָלָ֗יו מִמֶּ֣נּוּ הוּא֮ כְּמַעֲשֵׂהוּ֒ זָהָ֗ב תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתֹולַ֥עַת שָׁנִ֖י וְשֵׁ֣שׁ מָשְׁזָ֑ר כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
6 और उन्होंने सुलेमानी पत्थर काट कर साफ़ किए जो सोने के ख़ानों में जड़े गए, और उन पर अँगूठी के नक़्श की तरह बनी इस्राईल के नाम खुदे थे।
וַֽיַּעֲשׂוּ֙ אֶת־אַבְנֵ֣י הַשֹּׁ֔הַם מֻֽסַבֹּ֖ת מִשְׁבְּצֹ֣ת זָהָ֑ב מְפֻתָּחֹת֙ פִּתּוּחֵ֣י חֹותָ֔ם עַל־שְׁמֹ֖ות בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
7 और उसने उनको अफ़ोद के मोंढों पर लगाया ताकि वह बनी — इस्राईल की यादगारी के पत्थर हों, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
וַיָּ֣שֶׂם אֹתָ֗ם עַ֚ל כִּתְפֹ֣ת הָאֵפֹ֔ד אַבְנֵ֥י זִכָּרֹ֖ון לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ פ
8 और उसने अफ़ोद की बनावट का सीनाबन्द तैयार किया जो माहिर उस्ताद के हाथ का काम था, या'नी वह सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बना हुआ था।
וַיַּ֧עַשׂ אֶת־הַחֹ֛שֶׁן מַעֲשֵׂ֥ה חֹשֵׁ֖ב כְּמַעֲשֵׂ֣ה אֵפֹ֑ד זָהָ֗ב תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתֹולַ֥עַת שָׁנִ֖י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָֽר׃
9 वह चौकोर था; उन्होंने उस सीनाबन्द को दोहरा बनाया और दोहरा होने पर उसकी लम्बाई एक बालिश्त और चौड़ाई एक बालिश्त थी।
רָב֧וּעַ הָיָ֛ה כָּפ֖וּל עָשׂ֣וּ אֶת־הַחֹ֑שֶׁן זֶ֧רֶת אָרְכֹּ֛ו וְזֶ֥רֶת רָחְבֹּ֖ו כָּפֽוּל׃
10 इस पर चार कतारों में उन्होंने जवाहर जड़े। याकू़त — ए — सुर्ख़, और पुखराज, और ज़मुर्रुद की कतार तो पहली कतार थी।
וַיְמַלְאוּ־בֹ֔ו אַרְבָּעָ֖ה ט֣וּרֵי אָ֑בֶן ט֗וּר אֹ֤דֶם פִּטְדָה֙ וּבָרֶ֔קֶת הַטּ֖וּר הָאֶחָֽד׃
11 और दूसरी क़तार में गौहर — ए — शब चराग़, और नीलम, और हीरा:
וְהַטּ֖וּר הַשֵּׁנִ֑י נֹ֥פֶךְ סַפִּ֖יר וְיָהֲלֹֽם׃
12 तीसरी कतार में लश्म, और यश्म, और याकू़त:
וְהַטּ֖וּר הַשְּׁלִישִׁ֑י לֶ֥שֶׁם שְׁבֹ֖ו וְאַחְלָֽמָה׃
13 चौथी क़तार में फ़ीरोज़ा, और संग — ए — सुलेमानी, और ज़बरजद; यह सब अलग — अलग सोने के ख़ानों में जड़े हुए थे।
וְהַטּוּר֙ הָֽרְבִיעִ֔י תַּרְשִׁ֥ישׁ שֹׁ֖הַם וְיָשְׁפֵ֑ה מֽוּסַבֹּ֛ת מִשְׁבְּצֹ֥ות זָהָ֖ב בְּמִלֻּאֹתָֽם׃
14 और यह पत्थर इस्राईल के बेटों के नामों के शुमार के मुताबिक़ बारह थे और अँगूठी के नक़्श की तरह बारह क़बीलों में से एक — एक का नाम अलग — अलग एक एक पत्थर पर ख़ुदा था।
וְ֠הָאֲבָנִים עַל־שְׁמֹ֨ת בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֥ל הֵ֛נָּה שְׁתֵּ֥ים עֶשְׂרֵ֖ה עַל־שְׁמֹתָ֑ם פִּתּוּחֵ֤י חֹתָם֙ אִ֣ישׁ עַל־שְׁמֹ֔ו לִשְׁנֵ֥ים עָשָׂ֖ר שָֽׁבֶט׃
15 और उन्होंने सीना बन्द पर डोरी की तरह गुन्धी हुई ख़ालिस सोने की ज़न्जीरें बनाई।
וַיַּעֲשׂ֧וּ עַל־הַחֹ֛שֶׁן שַׁרְשְׁרֹ֥ת גַּבְלֻ֖ת מַעֲשֵׂ֣ה עֲבֹ֑ת זָהָ֖ב טָהֹֽור׃
16 और उन्होंने सोने के दो ख़ाने और सोने के दो कड़े बनाए और दोनों कड़ों को सीनाबन्द के दोनों सिरों पर लगाया।
וַֽיַּעֲשׂ֗וּ שְׁתֵּי֙ מִשְׁבְּצֹ֣ת זָהָ֔ב וּשְׁתֵּ֖י טַבְּעֹ֣ת זָהָ֑ב וֽ͏ַיִּתְּנ֗וּ אֶת־שְׁתֵּי֙ הַטַּבָּעֹ֔ת עַל־שְׁנֵ֖י קְצֹ֥ות הַחֹֽשֶׁן׃
17 और सोने की दोनों गुन्धी हुई ज़न्जीरें उन कड़ों में पहनाई जो सीनाबन्द के सिरों पर थे
וַֽיִּתְּנ֗וּ שְׁתֵּי֙ הָעֲבֹתֹ֣ת הַזָּהָ֔ב עַל־שְׁתֵּ֖י הַטַּבָּעֹ֑ת עַל־קְצֹ֖ות הַחֹֽשֶׁן׃
18 और दोनों गुन्धी हुई ज़न्जीरों के बाक़ी दोनों सिरों को दोनों ख़ानो में जड़कर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों पर सामने के रुख़ लगाया।
וְאֵ֨ת שְׁתֵּ֤י קְצֹות֙ שְׁתֵּ֣י הָֽעֲבֹתֹ֔ת נָתְנ֖וּ עַל־שְׁתֵּ֣י הַֽמִּשְׁבְּצֹ֑ת וַֽיִּתְּנֻ֛ם עַל־כִּתְפֹ֥ת הָאֵפֹ֖ד אֶל־מ֥וּל פָּנָֽיו׃
19 और उन्होंने सोने के दो कड़े और बना कर उनको सीना बन्द के दोनो सिरों के उस हाशिये में लगाया जिस का रुख़ अन्दर अफ़ोद की तरफ़ था।
וַֽיַּעֲשׂ֗וּ שְׁתֵּי֙ טַבְּעֹ֣ת זָהָ֔ב וַיָּשִׂ֕ימוּ עַל־שְׁנֵ֖י קְצֹ֣ות הַחֹ֑שֶׁן עַל־שְׂפָתֹ֕ו אֲשֶׁ֛ר אֶל־עֵ֥בֶר הָאֵפֹ֖ד בָּֽיְתָה׃
20 और उन्होंने सोने के दो कड़े और बना कर उनको अफ़ोद के दोनों मेढ़ों के सामने के हिस्से में अन्दर के रुख़ जहाँ अफ़ोद जुड़ा था लगाया ताकि वह अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए पटके के ऊपर रहे।
וַֽיַּעֲשׂוּ֮ שְׁתֵּ֣י טַבְּעֹ֣ת זָהָב֒ וַֽיִּתְּנֻ֡ם עַל־שְׁתֵּי֩ כִתְפֹ֨ת הָאֵפֹ֤ד מִלְמַ֙טָּה֙ מִמּ֣וּל פָּנָ֔יו לְעֻמַּ֖ת מֶחְבַּרְתֹּ֑ו מִמַּ֕עַל לְחֵ֖שֶׁב הָאֵפֹֽד׃
21 और उन्होंने सीना बन्द को लेकर उसके कड़े को अफ़ोद के कड़ों के साथ एक नीले फ़ीते से इस तरह बाँधा कि वह अफ़ोद के कारीगरी से बने हुए पटके के ऊपर रहे और सीना बन्द ढीला होकर अफ़ोद से अलग न होने पाए जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
וַיִּרְכְּס֣וּ אֶת־הַחֹ֡שֶׁן מִטַּבְּעֹתָיו֩ אֶל־טַבְּעֹ֨ת הָאֵפֹ֜ד בִּפְתִ֣יל תְּכֵ֗לֶת לִֽהְיֹת֙ עַל־חֵ֣שֶׁב הָאֵפֹ֔ד וְלֹֽא־יִזַּ֣ח הַחֹ֔שֶׁן מֵעַ֖ל הָאֵפֹ֑ד כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃
22 और उसने अफ़ोद का जुब्बा बुन कर बिल्कुल आसमानी रंग का बनाया।
וַיַּ֛עַשׂ אֶת־מְעִ֥יל הָאֵפֹ֖ד מַעֲשֵׂ֣ה אֹרֵ֑ג כְּלִ֖יל תְּכֵֽלֶת׃
23 और उसका गिरेबान ज़िरह के गिरेबान की तरह बीच में था और उसके चारों तरफ़ गोट लगी हुई थी ताकि वह फट न जाए।
וּפִֽי־הַמְּעִ֥יל בְּתֹוכֹ֖ו כְּפִ֣י תַחְרָ֑א שָׂפָ֥ה לְפִ֛יו סָבִ֖יב לֹ֥א יִקָּרֵֽעַ׃
24 और उन्होंने उसके दामन के घेरे में आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के बटे हुए तार से अनार बनाये।
וַֽיַּעֲשׂוּ֙ עַל־שׁוּלֵ֣י הַמְּעִ֔יל רִמֹּונֵ֕י תְּכֵ֥לֶת וְאַרְגָּמָ֖ן וְתֹולַ֣עַת שָׁנִ֑י מָשְׁזָֽר׃
25 और ख़ालिस सोंने की घंटियाँ बना कर उनको जुब्बे के दामन के घेरे में चारों तरफ़ अनारों के बीच लगाया।
וַיַּעֲשׂ֥וּ פַעֲמֹנֵ֖י זָהָ֣ב טָהֹ֑ור וַיִּתְּנ֨וּ אֶת־הַפַּֽעֲמֹנִ֜ים בְּתֹ֣וךְ הָרִמֹּנִ֗ים עַל־שׁוּלֵ֤י הַמְּעִיל֙ סָבִ֔יב בְּתֹ֖וךְ הָרִמֹּנִֽים׃
26 तब जुब्बे के दामन के सारे घेरे में ख़िदमत करने के लिए एक — एक घन्टी थी और फिर एक — एक अनार जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
פַּעֲמֹ֤ן וְרִמֹּן֙ פַּעֲמֹ֣ן וְרִמֹּ֔ן עַל־שׁוּלֵ֥י הַמְּעִ֖יל סָבִ֑יב לְשָׁרֵ֕ת כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ ס
27 और उन्होंने बारीक कतान के बुने हुए कुरते हारून और उसके बेटों के लिए बनाये।
וֽ͏ַיַּעֲשׂ֛וּ אֶת־הַכָּתְנֹ֥ת שֵׁ֖שׁ מַעֲשֵׂ֣ה אֹרֵ֑ג לְאַהֲרֹ֖ן וּלְבָנָֽיו׃
28 और बारीक कतान का 'अमामा, और बारीक कतान की ख़ूबसूरत पगड़ियाँ, और बारीक बटे हुए कतान के पजामे,
וְאֵת֙ הַמִּצְנֶ֣פֶת שֵׁ֔שׁ וְאֶת־פַּאֲרֵ֥י הַמִּגְבָּעֹ֖ת שֵׁ֑שׁ וְאֶת־מִכְנְסֵ֥י הַבָּ֖ד שֵׁ֥שׁ מָשְׁזָֽר׃
29 और बारीक बटे हुए कतान, और आसमानी अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों का बेल बूटेदार कमरबन्द भी बनाया; जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
וְֽאֶת־הָאַבְנֵ֞ט שֵׁ֣שׁ מָשְׁזָ֗ר וּתְכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתֹולַ֥עַת שָׁנִ֖י מַעֲשֵׂ֣ה רֹקֵ֑ם כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ ס
30 और उन्होंने पाक ताज का पत्तर ख़ालिस सोने का बनाकर उस पर अँगूठी के नक़्श की तरह यह खुदवाया: ख़ुदावन्द के लिए पाक।
וֽ͏ַיַּעֲשׂ֛וּ אֶת־צִ֥יץ נֵֽזֶר־הַקֹּ֖דֶשׁ זָהָ֣ב טָהֹ֑ור וַיִּכְתְּב֣וּ עָלָ֗יו מִכְתַּב֙ פִּתּוּחֵ֣י חֹותָ֔ם קֹ֖דֶשׁ לַיהוָֽה׃
31 और उसे 'अमामे के साथ ऊपर बाँधने के लिए उसमे एक नीला फ़ीता लगाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
וַיִּתְּנ֤וּ עָלָיו֙ פְּתִ֣יל תְּכֵ֔לֶת לָתֵ֥ת עַל־הַמִּצְנֶ֖פֶת מִלְמָ֑עְלָה כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ ס
32 इस तरह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के घर का सब काम ख़त्म हुआ और बनी इस्राईल ने सब कुछ जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।
וַתֵּ֕כֶל כָּל־עֲבֹדַ֕ת מִשְׁכַּ֖ן אֹ֣הֶל מֹועֵ֑ד וַֽיַּעֲשׂוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל כְּ֠כֹל אֲשֶׁ֨ר צִוָּ֧ה יְהוָ֛ה אֶת־מֹשֶׁ֖ה כֵּ֥ן עָשֽׂוּ׃ פ
33 और वह घर को मूसा के पास लाए, या'नी ख़ेमा, और उसका सारा सामान, उसकी घुन्डियाँ, और तख़्ते, बेन्डे और सुतून और ख़ाने;
וַיָּבִ֤יאוּ אֶת־הַמִּשְׁכָּן֙ אֶל־מֹשֶׁ֔ה אֶת־הָאֹ֖הֶל וְאֶת־כָּל־כֵּלָ֑יו קְרָסָ֣יו קְרָשָׁ֔יו בְּרִיחֹו (בְּרִיחָ֖יו) וְעַמֻּדָ֥יו וַאֲדָנָֽיו׃
34 और घटा टोप, मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालों का ग़िलाफ़ और तुख़स की खालों का ग़िलाफ़ और बीच का पर्दा;
וְאֶת־מִכְסֵ֞ה עֹורֹ֤ת הָֽאֵילִם֙ הַמְאָדָּמִ֔ים וְאֶת־מִכְסֵ֖ה עֹרֹ֣ת הַתְּחָשִׁ֑ים וְאֵ֖ת פָּרֹ֥כֶת הַמָּסָֽךְ׃
35 शहादत का सन्दूक़ और उसकी चोबें और सरपोश,
אֶת־אֲרֹ֥ן הָעֵדֻ֖ת וְאֶת־בַּדָּ֑יו וְאֵ֖ת הַכַּפֹּֽרֶת׃
36 और मेज़ और उसके सब बर्तन और नज़्र की रोटी;
אֶת־הַשֻּׁלְחָן֙ אֶת־כָּל־כֵּלָ֔יו וְאֵ֖ת לֶ֥חֶם הַפָּנִֽים׃
37 और पाक शमा'दान और उसकी सजावट के चराग़ और उसके सब बर्तनऔर जलाने का तेल;
אֶת־הַמְּנֹרָ֨ה הַטְּהֹרָ֜ה אֶת־נֵרֹתֶ֗יהָ נֵרֹ֛ת הַמַּֽעֲרָכָ֖ה וְאֶת־כָּל־כֵּלֶ֑יהָ וְאֵ֖ת שֶׁ֥מֶן הַמָּאֹֽור׃
38 और ज़र्रीन क़ुर्बानगाह, और मसह करने का तेल और ख़ुशबूदार ख़ुशबू और ख़ेमे के दरवाज़े का पर्दा;
וְאֵת֙ מִזְבַּ֣ח הַזָּהָ֔ב וְאֵת֙ שֶׁ֣מֶן הַמִּשְׁחָ֔ה וְאֵ֖ת קְטֹ֣רֶת הַסַּמִּ֑ים וְאֵ֕ת מָסַ֖ךְ פֶּ֥תַח הָאֹֽהֶל׃
39 और पीतल मढ़ा हुआ मज़बह, और पीतल की झंजरी, और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन और हौज़ और उसकी कुर्सी;
אֵ֣ת ׀ מִזְבַּ֣ח הַנְּחֹ֗שֶׁת וְאֶת־מִכְבַּ֤ר הַנְּחֹ֙שֶׁת֙ אֲשֶׁר־לֹ֔ו אֶת־בַּדָּ֖יו וְאֶת־כָּל־כֵּלָ֑יו אֶת־הַכִּיֹּ֖ר וְאֶת־כַּנֹּֽו׃
40 सहन के पर्दे और उनके सुतून और ख़ाने और सहन के दरवाज़े का पर्दा और उसकी रस्सियाँ और मेख़े और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के काम के लिए घर की इबादत के सब सामान;
אֵת֩ קַלְעֵ֨י הֶחָצֵ֜ר אֶת־עַמֻּדֶ֣יהָ וְאֶת־אֲדָנֶ֗יהָ וְאֶת־הַמָּסָךְ֙ לְשַׁ֣עַר הֶֽחָצֵ֔ר אֶת־מֵיתָרָ֖יו וִיתֵדֹתֶ֑יהָ וְאֵ֗ת כָּל־כְּלֵ֛י עֲבֹדַ֥ת הַמִּשְׁכָּ֖ן לְאֹ֥הֶל מֹועֵֽד׃
41 और पाक मुक़ाम कि ख़िदमत के लिए कढ़े हुए लिबास और हारून काहिन के पाक लिबास और उसके बेटों के लिबास जिनको पहन कर उनको काहिन की ख़िदमत को अन्जाम देना था।
אֶת־בִּגְדֵ֥י הַשְּׂרָ֖ד לְשָׁרֵ֣ת בַּקֹּ֑דֶשׁ אֶת־בִּגְדֵ֤י הַקֹּ֙דֶשׁ֙ לְאַהֲרֹ֣ן הַכֹּהֵ֔ן וְאֶת־בִּגְדֵ֥י בָנָ֖יו לְכַהֵֽן׃
42 जो कुछ ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था उसी के मुताबिक़ बनी इस्राईल ने सब काम बनाया।
כְּכֹ֛ל אֲשֶׁר־צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶׁ֑ה כֵּ֤ן עָשׂוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֵ֖ת כָּל־הָעֲבֹדָֽה׃
43 और मूसा ने सब काम का मुलाहज़ा किया और देखा कि उन्होंने उसे कर लिया है जैसा ख़ुदावन्द ने हुक्म दिया था उन्होंने सब कुछ वैसा ही किया, और मूसा ने उनको बरकत दी।
וַיַּ֨רְא מֹשֶׁ֜ה אֶת־כָּל־הַמְּלָאכָ֗ה וְהִנֵּה֙ עָשׂ֣וּ אֹתָ֔הּ כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה כֵּ֣ן עָשׂ֑וּ וַיְבָ֥רֶךְ אֹתָ֖ם מֹשֶֽׁה׃ פ

< ख़ुरु 39 >