< ख़ुरु 35 >

1 और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत को जमा' करके कहा, जिन बातों पर 'अमल करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने तुम को दिया है वह यह हैं।
καὶ συνήθροισεν Μωυσῆς πᾶσαν συναγωγὴν υἱῶν Ισραηλ καὶ εἶπεν πρὸς αὐτούς οὗτοι οἱ λόγοι οὓς εἶπεν κύριος ποιῆσαι αὐτούς
2 छ: दिन काम लिए रोज़ — ए — मुक़द्दस या'नी ख़ुदावन्द के आराम का सबत हो; जो कोई उसमें कुछ काम करे वह मार डाला जाए।
ἓξ ἡμέρας ποιήσεις ἔργα τῇ δὲ ἡμέρᾳ τῇ ἑβδόμῃ κατάπαυσις ἅγιον σάββατα ἀνάπαυσις κυρίῳ πᾶς ὁ ποιῶν ἔργον ἐν αὐτῇ τελευτάτω
3 तुम सबत के दिन अपने घरों में कहीं भी आग न जलाना।”
οὐ καύσετε πῦρ ἐν πάσῃ κατοικίᾳ ὑμῶν τῇ ἡμέρᾳ τῶν σαββάτων ἐγὼ κύριος
4 और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत से कहा, जिस बात का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है वह यह है, कि
καὶ εἶπεν Μωυσῆς πρὸς πᾶσαν συναγωγὴν υἱῶν Ισραηλ λέγων τοῦτο τὸ ῥῆμα ὃ συνέταξεν κύριος λέγων
5 तुम अपने पास से ख़ुदावन्द के लिए हदिया लाया करो। जिस किसी के दिल की खु़शी हो वह ख़ुदावन्द का हदिया लाये सोना और चाँदी और पीतल,
λάβετε παρ’ ὑμῶν αὐτῶν ἀφαίρεμα κυρίῳ πᾶς ὁ καταδεχόμενος τῇ καρδίᾳ οἴσουσιν τὰς ἀπαρχὰς κυρίῳ χρυσίον ἀργύριον χαλκόν
6 और आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंगऔर सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान, और बकरियों की पश्म,
ὑάκινθον πορφύραν κόκκινον διπλοῦν διανενησμένον καὶ βύσσον κεκλωσμένην καὶ τρίχας αἰγείας
7 और मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालें और तुख़्स की खालें और कीकर की लकड़ी,
καὶ δέρματα κριῶν ἠρυθροδανωμένα καὶ δέρματα ὑακίνθινα καὶ ξύλα ἄσηπτα
8 और जलाने का तेल, और मसह करने के तेल के लिए और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे,
9 और अफ़ोद और सीनाबन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और और जड़ाऊ पत्थर।
καὶ λίθους σαρδίου καὶ λίθους εἰς τὴν γλυφὴν εἰς τὴν ἐπωμίδα καὶ τὸν ποδήρη
10 “और तुम्हारे बीच जो रौशन ज़मीर हैं, वह आकर वह चीजें बनाएँ जिनका हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है।
καὶ πᾶς σοφὸς τῇ καρδίᾳ ἐν ὑμῖν ἐλθὼν ἐργαζέσθω πάντα ὅσα συνέταξεν κύριος
11 या'नी घर और उसका ख़ेमा और ग़िलाफ़ और उसकी घुन्डियाँ और तख़्तें और बेंडे और उसके सुतून, और ख़ाने,
τὴν σκηνὴν καὶ τὰ παραρρύματα καὶ τὰ καλύμματα καὶ τὰ διατόνια καὶ τοὺς μοχλοὺς καὶ τοὺς στύλους
12 सन्दूक और उसकी चोबें, सरपोश और बीच का पर्दा,
καὶ τὴν κιβωτὸν τοῦ μαρτυρίου καὶ τοὺς ἀναφορεῖς αὐτῆς καὶ τὸ ἱλαστήριον αὐτῆς καὶ τὸ καταπέτασμα καὶ τὰ ἱστία τῆς αὐλῆς καὶ τοὺς στύλους αὐτῆς καὶ τοὺς λίθους τῆς σμαράγδου καὶ τὸ θυμίαμα καὶ τὸ ἔλαιον τοῦ χρίσματος
13 मेज़ और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और नज़्र की रोटियाँ,
καὶ τὴν τράπεζαν καὶ πάντα τὰ σκεύη αὐτῆς
14 और रोशनी के लिए शमा 'दान और उसके बर्तन और चराग़ और जलाने का तेल;
καὶ τὴν λυχνίαν τοῦ φωτὸς καὶ πάντα τὰ σκεύη αὐτῆς
15 और ख़ुशबू जलाने की क़ुर्बान गाह और उसकी चोबें और मसह करने का तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू; और घर के दरवाज़े के लिए दरवाज़े का पर्दा,
16 और सोख़्तनी क़ुर्बानी का मज़बह, और उसके लिए पीतल की झंजरी और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और हौज़ और उसकी कुर्सी;
καὶ τὸ θυσιαστήριον καὶ πάντα τὰ σκεύη αὐτοῦ
17 और सहन के पर्दे सुतूनों के साथ और उनके ख़ाने, और सहन के दरवाज़े का पर्दा,
18 और घर की मेंख़े, और सहन की मेखें, और उन दोनों की रस्सियाँ,
19 और मकदिस की खिदमत के लिए बेल बूटे कढ़े हुए लिबास, और हारून काहिन के लिए पाक लिबास और उसके बेटों के लिबास, ताकि वह काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें।”
καὶ τὰς στολὰς τὰς ἁγίας Ααρων τοῦ ἱερέως καὶ τὰς στολάς ἐν αἷς λειτουργήσουσιν ἐν αὐταῖς καὶ τοὺς χιτῶνας τοῖς υἱοῖς Ααρων τῆς ἱερατείας καὶ τὸ ἔλαιον τοῦ χρίσματος καὶ τὸ θυμίαμα τῆς συνθέσεως
20 तब बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत मूसा के पास से रुख़्सत हुई।
καὶ ἐξῆλθεν πᾶσα συναγωγὴ υἱῶν Ισραηλ ἀπὸ Μωυσῆ
21 और जिस जिस का जी चाहा और जिस — जिस के दिल में रग़बत। हुई, वह ख़ेमा-ए-इजितमा'अ के काम और वहाँ की इबादत और पाक लिबास के लिए ख़ुदावन्द का हदिया लाया।
καὶ ἤνεγκαν ἕκαστος ὧν ἔφερεν αὐτῶν ἡ καρδία καὶ ὅσοις ἔδοξεν τῇ ψυχῇ αὐτῶν ἤνεγκαν ἀφαίρεμα κυρίῳ εἰς πάντα τὰ ἔργα τῆς σκηνῆς τοῦ μαρτυρίου καὶ εἰς πάντα τὰ κάτεργα αὐτῆς καὶ εἰς πάσας τὰς στολὰς τοῦ ἁγίου
22 और क्या मर्द, क्या 'औरत, जितनों का दिल चाहा वह सब जुगनू बालियाँ, अँगूठियाँ और बाजूबन्द, जो सब सोने के ज़ेवर थे लाने लगे। इस तरीके से लोगों ने ख़ुदावन्द को सोने का हदिया दिया।
καὶ ἤνεγκαν οἱ ἄνδρες παρὰ τῶν γυναικῶν πᾶς ᾧ ἔδοξεν τῇ διανοίᾳ ἤνεγκαν σφραγῖδας καὶ ἐνώτια καὶ δακτυλίους καὶ ἐμπλόκια καὶ περιδέξια πᾶν σκεῦος χρυσοῦν καὶ πάντες ὅσοι ἤνεγκαν ἀφαιρέματα χρυσίου κυρίῳ
23 और जिस — जिस के पास आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंग और सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान और बकरियों की पश्म और मेंढों की सुर्ख रंगी हुई खाले और तुख़स की खालें थीं, वह उनको ले आए।
καὶ παρ’ ᾧ εὑρέθη βύσσος καὶ δέρματα ὑακίνθινα καὶ δέρματα κριῶν ἠρυθροδανωμένα ἤνεγκαν
24 जिसने चाँदी या पीतल का हदिया देना चाहा वह वैसा ही हदिया ख़ुदावन्द के लिए लाया, और जिस किसी के पास कीकर की लकड़ी थी वह उसी को ले आया।
καὶ πᾶς ὁ ἀφαιρῶν ἀφαίρεμα ἀργύριον καὶ χαλκὸν ἤνεγκαν τὰ ἀφαιρέματα κυρίῳ καὶ παρ’ οἷς εὑρέθη ξύλα ἄσηπτα εἰς πάντα τὰ ἔργα τῆς κατασκευῆς ἤνεγκαν
25 और जितनी 'औरतें होशियार थीं उन्होंने अपने हाथों से कात — कात कर आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के और महीन कतान के तार लाकर दिए।
καὶ πᾶσα γυνὴ σοφὴ τῇ διανοίᾳ ταῖς χερσὶν νήθειν ἤνεγκαν νενησμένα τὴν ὑάκινθον καὶ τὴν πορφύραν καὶ τὸ κόκκινον καὶ τὴν βύσσον
26 और जितनी 'औरतों के दिल हिकमत की तरफ़ मायल थे उन्होंने बकरियों की पश्म काती।
καὶ πᾶσαι αἱ γυναῖκες αἷς ἔδοξεν τῇ διανοίᾳ αὐτῶν ἐν σοφίᾳ ἔνησαν τὰς τρίχας τὰς αἰγείας
27 और जो सरदार थे वह अफ़ोद और सीना बन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और जड़ाऊ पत्थर,
καὶ οἱ ἄρχοντες ἤνεγκαν τοὺς λίθους τῆς σμαράγδου καὶ τοὺς λίθους τῆς πληρώσεως εἰς τὴν ἐπωμίδα καὶ εἰς τὸ λογεῖον
28 और रोशनी और मसह करने के तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे और तेल लाए।
καὶ τὰς συνθέσεις καὶ τὸ ἔλαιον τῆς χρίσεως καὶ τὴν σύνθεσιν τοῦ θυμιάματος
29 यूँ बनी — इस्राईल अपनी ही ख़ुशी से ख़ुदावन्द के लिए हदिये लाए, या'नी जिस — जिस मर्द या 'औरत का जी चाहा कि इन कामों के लिए जिनके बनने का हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा के ज़रिए' दिया था, कुछ दे वह उन्होंने दिया
καὶ πᾶς ἀνὴρ καὶ γυνή ὧν ἔφερεν ἡ διάνοια αὐτῶν εἰσελθόντας ποιεῖν πάντα τὰ ἔργα ὅσα συνέταξεν κύριος ποιῆσαι αὐτὰ διὰ Μωυσῆ ἤνεγκαν οἱ υἱοὶ Ισραηλ ἀφαίρεμα κυρίῳ
30 और मूसा ने बनी — इस्राईल से कहा, देखो, ख़ुदावन्द ने बज़लीएल बिन ऊरी बिन हूर को जो यहूदाह के क़बीले में से है नाम लेकर बुलाया है।
καὶ εἶπεν Μωυσῆς τοῖς υἱοῖς Ισραηλ ἰδοὺ ἀνακέκληκεν ὁ θεὸς ἐξ ὀνόματος τὸν Βεσελεηλ τὸν τοῦ Ουριου τὸν Ωρ ἐκ φυλῆς Ιουδα
31 और उसने उसे हिकमत और समझ और अक़्ल और हर तरह की कारीगरी के लिए रूह उल्लाह से मा'मूर किया है।
καὶ ἐνέπλησεν αὐτὸν πνεῦμα θεῖον σοφίας καὶ συνέσεως καὶ ἐπιστήμης πάντων
32 और कारीगरी में और सोना, चाँदी और पीतल के काम में,
ἀρχιτεκτονεῖν κατὰ πάντα τὰ ἔργα τῆς ἀρχιτεκτονίας ποιεῖν τὸ χρυσίον καὶ τὸ ἀργύριον καὶ τὸν χαλκὸν
33 और जड़ाऊ पत्थर और लकड़ी के तराशने में गरज़ हर एक नादिर काम के बनाने में माहिर किया है।
καὶ λιθουργῆσαι τὸν λίθον καὶ κατεργάζεσθαι τὰ ξύλα καὶ ποιεῖν ἐν παντὶ ἔργῳ σοφίας
34 और उसने उसे और अख़ीसमक के बेटे अहलियाब को भी जो दान के क़बीले का है, हुनर सिखाने की क़ाबिलियत बख़्शी है।
καὶ προβιβάσαι γε ἔδωκεν αὐτῷ ἐν τῇ διανοίᾳ αὐτῷ τε καὶ Ελιαβ τῷ τοῦ Αχισαμακ ἐκ φυλῆς Δαν
35 और उनके दिलों में ऐसी हिकमत भर दी है जिससे वह हर तरह की कारीगरी में माहिर हों, और कन्दाकार का और माहिर उस्ताद का और ज़रदोज़ का जो आसमानी, अर्ग़वानी और सु़र्ख रंग के कपड़ों और महीन कतान पर गुलकारी करता है, और जूलाहे का और हर तरह के दस्तकार का काम कर सके और 'अजीब और नादिर चीजें ईजाद करें।
ἐνέπλησεν αὐτοὺς σοφίας καὶ συνέσεως διανοίας πάντα συνιέναι ποιῆσαι τὰ ἔργα τοῦ ἁγίου καὶ τὰ ὑφαντὰ καὶ ποικιλτὰ ὑφᾶναι τῷ κοκκίνῳ καὶ τῇ βύσσῳ ποιεῖν πᾶν ἔργον ἀρχιτεκτονίας ποικιλίας

< ख़ुरु 35 >