< ख़ुरु 35 >
1 और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत को जमा' करके कहा, जिन बातों पर 'अमल करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने तुम को दिया है वह यह हैं।
Moses versammelte nun die ganze israelitische Gemeinschaft und sprach zu ihnen: "Dies sind die Worte, die der Herr zu tun befiehlt:
2 छ: दिन काम लिए रोज़ — ए — मुक़द्दस या'नी ख़ुदावन्द के आराम का सबत हो; जो कोई उसमें कुछ काम करे वह मार डाला जाए।
'Gearbeitet darf nur sechs Tage werden! Der siebte Tag soll euch ein heilig Ding, ein rechter Ruhetag des Herrn sein! Wer an ihm irgendeine Arbeit tut, soll getötet werden!
3 तुम सबत के दिन अपने घरों में कहीं भी आग न जलाना।”
Ihr dürft in keiner eurer Siedlungen am Sabbattage Feuer machen!'"
4 और मूसा ने बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत से कहा, जिस बात का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है वह यह है, कि
Und Moses sprach zu der ganzen israelitischen Gemeinschaft also: "Dies ist es, was der Herr befiehlt:
5 तुम अपने पास से ख़ुदावन्द के लिए हदिया लाया करो। जिस किसी के दिल की खु़शी हो वह ख़ुदावन्द का हदिया लाये सोना और चाँदी और पीतल,
Liefert von euch aus eine Gabe für den Herrn! Wen dazu sein Herz treibt, der bringe für den Herrn eine Gabe an Gold, Silber, Kupfer,
6 और आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंगऔर सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान, और बकरियों की पश्म,
an blauem und rotem Purpur, Karmesin und Linnen, Ziegenhaar,
7 और मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालें और तुख़्स की खालें और कीकर की लकड़ी,
gegerbten Widderfellen, Seekuhhäuten und Akazienholz,
8 और जलाने का तेल, और मसह करने के तेल के लिए और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे,
Öl für den Leuchter und Spezereien zum Salböl und zum würzigen Räucherwerk
9 और अफ़ोद और सीनाबन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और और जड़ाऊ पत्थर।
und Onyx- sowie andere Edelsteine zum Besatze des Schulterkleides und der Tasche!
10 “और तुम्हारे बीच जो रौशन ज़मीर हैं, वह आकर वह चीजें बनाएँ जिनका हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है।
Dann sollen alle, die kundigen Sinnes bei euch, kommen und alles machen, was der Herr befiehlt,
11 या'नी घर और उसका ख़ेमा और ग़िलाफ़ और उसकी घुन्डियाँ और तख़्तें और बेंडे और उसके सुतून, और ख़ाने,
die Wohnung und das Zelt mit seiner Hülle und seinen Haken, Brettern, Riegeln, Säulen, Füßen,
12 सन्दूक और उसकी चोबें, सरपोश और बीच का पर्दा,
die Lade, ihre Stangen, ihre Deckplatte, den verhüllenden Vorhang,
13 मेज़ और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और नज़्र की रोटियाँ,
den Tisch mit seinen Stangen und all seinen Geräten, das Schaubrot,
14 और रोशनी के लिए शमा 'दान और उसके बर्तन और चराग़ और जलाने का तेल;
den Leuchter zur Beleuchtung, alle seine Geräte, seine Lampen und das Leuchteröl,
15 और ख़ुशबू जलाने की क़ुर्बान गाह और उसकी चोबें और मसह करने का तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू; और घर के दरवाज़े के लिए दरवाज़े का पर्दा,
den Rauchaltar und seine Stangen, das Salböl und das würzige Räucherwerk, den Vorhang für der Wohnung Tür,
16 और सोख़्तनी क़ुर्बानी का मज़बह, और उसके लिए पीतल की झंजरी और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन, और हौज़ और उसकी कुर्सी;
den Brandopferaltar, das Kupfergitterwerk daran und seine Stangen, seine Geräte, den Kessel und sein Gestell,
17 और सहन के पर्दे सुतूनों के साथ और उनके ख़ाने, और सहन के दरवाज़े का पर्दा,
des Vorhofs Umhänge mit seinen Säulen und Fußgestellen, des Vorhoftores Vorhang,
18 और घर की मेंख़े, और सहन की मेखें, और उन दोनों की रस्सियाँ,
der Wohnung Pflöcke, die des Vorhofes, ihre Stricke,
19 और मकदिस की खिदमत के लिए बेल बूटे कढ़े हुए लिबास, और हारून काहिन के लिए पाक लिबास और उसके बेटों के लिबास, ताकि वह काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें।”
die Schongewänder zum Dienste im Heiligtum, des Heiligtums Gewänder für den Priester Aaron und seiner Söhne Kleider für den Priesterdienst."
20 तब बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत मूसा के पास से रुख़्सत हुई।
Da gingen sie, die ganze israelitische Gemeinschaft von Moses weg.
21 और जिस जिस का जी चाहा और जिस — जिस के दिल में रग़बत। हुई, वह ख़ेमा-ए-इजितमा'अ के काम और वहाँ की इबादत और पाक लिबास के लिए ख़ुदावन्द का हदिया लाया।
Dann kam jeder, den sein Sinn bewegt, und jeder, den sein Herz angetrieben; sie brachten eine Gabe dem Herrn für die Arbeit am Festgezelt, für all seinen Dienst darin und für die heiligen Gewänder.
22 और क्या मर्द, क्या 'औरत, जितनों का दिल चाहा वह सब जुगनू बालियाँ, अँगूठियाँ और बाजूबन्द, जो सब सोने के ज़ेवर थे लाने लगे। इस तरीके से लोगों ने ख़ुदावन्द को सोने का हदिया दिया।
Die Männer kamen neben den Weibern; alle, die ihr Herz antrieb, brachten Spangen, Ohr- und Fingerringe und Geschmeide, lauter goldene Sachen, jeder, der an Gold eine Weihegabe dem Herrn geweiht hatte.
23 और जिस — जिस के पास आसमानी रंग और अर्ग़वानी रंग और सुर्ख़ रंग के कपड़े, और महीन कतान और बकरियों की पश्म और मेंढों की सुर्ख रंगी हुई खाले और तुख़स की खालें थीं, वह उनको ले आए।
Jeder, bei dem sich blauer und roter Purpur, Karmesin, Linnen, Ziegenhaar, gegerbte Widderfelle und Seekuhhäute vorgefunden, brachte es.
24 जिसने चाँदी या पीतल का हदिया देना चाहा वह वैसा ही हदिया ख़ुदावन्द के लिए लाया, और जिस किसी के पास कीकर की लकड़ी थी वह उसी को ले आया।
Jeder, der eine Gabe an Silber und Kupfer geben wollte, brachte diese Gabe für den Herrn, ebenso wer Akazienholz für allerlei Verwertung hatte.
25 और जितनी 'औरतें होशियार थीं उन्होंने अपने हाथों से कात — कात कर आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के और महीन कतान के तार लाकर दिए।
Jedes kunstfertige Weib, das auf gewöhnliche Art spann, brachte das Gespinst, blauen und roten Purpur, Karmesin und Linnen.
26 और जितनी 'औरतों के दिल हिकमत की तरफ़ मायल थे उन्होंने बकरियों की पश्म काती।
Alle die Weiber, die ihr Sinn in Weisheit bewegt hatte, verspannen Ziegenhaar.
27 और जो सरदार थे वह अफ़ोद और सीना बन्द के लिए सुलेमानी पत्थर और जड़ाऊ पत्थर,
Die Fürsten brachten Onyx- und andere Edelsteine zum Besatz des Schulterkleides und der Tasche,
28 और रोशनी और मसह करने के तेल, और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे और तेल लाए।
dazu die Spezereien und das Öl für den Leuchter, zum Salböl und zum wohlduftenden Räucherwerk.
29 यूँ बनी — इस्राईल अपनी ही ख़ुशी से ख़ुदावन्द के लिए हदिये लाए, या'नी जिस — जिस मर्द या 'औरत का जी चाहा कि इन कामों के लिए जिनके बनने का हुक्म ख़ुदावन्द ने मूसा के ज़रिए' दिया था, कुछ दे वह उन्होंने दिया
Jeder Mann und jedes Weib brachte, was sie ihr Herz zu bringen trieb, für alle Arbeit, deren Anfertigung der Herr durch Moses geboten hatte. Die Söhne Israels brachten es freiwillig dem Herrn.
30 और मूसा ने बनी — इस्राईल से कहा, देखो, ख़ुदावन्द ने बज़लीएल बिन ऊरी बिन हूर को जो यहूदाह के क़बीले में से है नाम लेकर बुलाया है।
Moses aber sprach zu den Israeliten: "Seht! Mit Namen hat der Herr den Besalel berufen, des Uri Sohn, den Enkel Hurs, vom Stamme Juda.
31 और उसने उसे हिकमत और समझ और अक़्ल और हर तरह की कारीगरी के लिए रूह उल्लाह से मा'मूर किया है।
Mit Gottesgeist erfüllte er ihn, mit Kunstsinn, Einsicht und Wissen um ein jeglich Werk,
32 और कारीगरी में और सोना, चाँदी और पीतल के काम में,
und um Pläne zu ersinnen, um in Gold, Silber oder Kupfer sie auszuführen,
33 और जड़ाऊ पत्थर और लकड़ी के तराशने में गरज़ हर एक नादिर काम के बनाने में माहिर किया है।
in Steinschnitt zu Füllungen und im Holzschneiden, um sie vielgestaltig auszuführen.
34 और उसने उसे और अख़ीसमक के बेटे अहलियाब को भी जो दान के क़बीले का है, हुनर सिखाने की क़ाबिलियत बख़्शी है।
Auch die Gabe, Anregungen zu geben, hat er in sein Herz gelegt. Ihn selber und Oholiab, den Sohn Achisamaks, vom Stamme Dan,
35 और उनके दिलों में ऐसी हिकमत भर दी है जिससे वह हर तरह की कारीगरी में माहिर हों, और कन्दाकार का और माहिर उस्ताद का और ज़रदोज़ का जो आसमानी, अर्ग़वानी और सु़र्ख रंग के कपड़ों और महीन कतान पर गुलकारी करता है, और जूलाहे का और हर तरह के दस्तकार का काम कर सके और 'अजीब और नादिर चीजें ईजाद करें।
sie beide hat er mit weisem Sinne erfüllt, jegliche Arbeit zu machen, die des Schmiedes und des Kunstwebers, des Buntwirkers in blauem und rotem Purpur, in Karmesin und Linnen und die des Webers. So machten sie jegliche Arbeit und ersannen Kunstwerke."