< ख़ुरु 28 >
1 “और तू बनी — इस्राईल में से हारून को जो तेरा भाई है, और उसके साथ उसके बेटों को अपने नज़दीक कर लेना; ताकि हारून और उसके बेटे नदब और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर कहानत के 'उहदे पर होकर मेरी ख़िदमत करें।
Applica quoque ad te Aaron fratrem tuum cum filiis suis de medio filiorum Israel, ut sacerdotio fungantur mihi: Aaron, Nadab, et Abiu, Eleazar, et Ithamar.
2 और तू अपने भाई हारून के लिए 'इज़्ज़त और ज़ीनत के लिए पाक लिबास बना देना।
Faciesque vestem sanctam Aaron fratri tuo in gloriam et decorem.
3 और तू उन सब रोशन ज़मीरों से जिनको मैंने हिकमत की रूह से भरा है, कह कि वह हारून के लिए लिबास बनाएँ ताकि वह पाक होकर मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दे।
Et loqueris cunctis sapientibus corde, quos replevi spiritu prudentiæ, ut faciant vestes Aaron, in quibus sanctificatus ministret mihi.
4 और जो लिबास वह बनाएँगे यह हैं: या'नी सीना बन्द और अफ़ूद और जुब्बा और चार ख़ाने का कुरता, और 'अमामा, और कमरबन्द, वह तेरे भाई हारून और उसके बेटों के लिए यह पाक लिबास बनाएँ, ताकि वह मेरे लिए काहिन की खि़दमत को अन्जाम दे।
Hæc autem erunt vestimenta quæ faciet: Rationale, et superhumerale, tunicam et lineam strictam, cidarim et balteum. Facient vestimenta sancta fratri tuo Aaron et filiis eius, ut sacerdotio fungantur mihi.
5 और वह सोना और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़े और महीन कतान लें।
Accipientque aurum, et hyacinthum, et purpuram, coccumque bis tinctum, et byssum.
6 “और वह अफ़ोद सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बनाएँ, जो किसी माहिर उस्ताद के हाथ का काम हो।
Facient autem superhumerale de auro et hyacintho et purpura, coccoque bis tincto, et bysso retorta, opere polymito.
7 और वह इस तरह से जोड़ा जाए कि उसके दोनों मोंढों के सिरे आपस में मिला दिए जाएँ।
Duas oras iunctas habebit in utroque latere summitatum, ut in unum redeant.
8 और उसके ऊपर जो कारीगरी से बना हुआ पटका उसके बाँधने के लिए होगा, उस पर अफ़ोद की तरह काम हो और वह उसी कपड़े का हो, और सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बुना हुआ हो।
Ipsa quoque textura et cuncta operis varietas erit ex auro et hyacintho, et purpura, coccoque bis tincto, et bysso retorta.
9 और तू दो संग-ए-सुलेमानी लेकर उन पर इस्राईल के बेटों के नाम कन्दा कराना।
Sumesque duos lapides onychinos, et sculpes in eis nomina filiorum Israel:
10 उनमें से छ: के नाम तो एक पत्थर पर और बाक़ियों के छः नाम दूसरे पत्थर पर उनकी पैदाइश की तरतीब के मुवाफ़िक हों।
sex nomina in lapide uno, et sex reliqua in altero, iuxta ordinem nativitatis eorum.
11 तू पत्थर के कन्दाकार को लगा कर अँगूठी के नक़्श की तरह इस्राईल के बेटों के नाम उन दोनों पत्थरों पर खुदवा कर के उनको सोने के ख़ानों में जड़वाना।
Opere sculptoris et cælatura gemmarii, sculpes eos nominibus filiorum Israel, inclusos auro atque circumdatos:
12 और दोनों पत्थरों को अफ़ोद के दोनों मोंढों पर लगाना ताकि यह पत्थर इस्राईल के बेटों की यादगारी के लिए हों, और हारून उनके नाम ख़ुदावन्द के सामने अपने दोनों कन्धों पर यादगारी के लिए लगाए रहे।
et pones in utroque latere superhumeralis, memoriale filiis Israel. Portabitque Aaron nomina eorum coram Domino super utrumque humerum, ob recordationem.
13 और तू सोने के ख़ाने बनाना,
Facies et uncinos ex auro,
14 और ख़ालिस सोने की दो ज़जीरें डोरी की तरह गुन्धी हुई बनाना और इन गुन्धी हुई ज़ंजीरों को ख़ानों में जड़ देना।
et duas catenulas ex auro purissimo sibi invicem cohærentes, quas inseres uncinis.
15 “और 'अदल का सीना बन्द किसी माहिर उस्ताद से बनवाना और अफ़ोद की तरह सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बनाना।
Rationale quoque iudicii facies opere polymito iuxta texturam superhumeralis ex auro, hyacintho, et purpura, coccoque bis tincto, et bysso retorta.
16 वह चौखुन्टा और दोहरा हो, उसकी लम्बाई एक बालिश्त और चौड़ाई भी एक ही बालिश्त हो।
Quadrangulum erit et duplex: mensuram palmi habebit tam in longitudine quam in latitudine.
17 और चार कतारों में उस पर जवाहर जड़ना, पहली क़तार में याकू़त — ए — सुर्ख़ और पुखराज और गौहर — ए — शब चराग़ हो
Ponesque in eo quattuor ordines lapidum: in primo versu erit lapis sardius, et topazius, et smaragdus:
18 दूसरी क़तार में ज़मुर्रुद और नीलम और हीरा,
in secundo carbunculus, sapphirus, et iaspis:
19 तीसरी कतार में लश्म और यश्म और याकू़त,
in tertio ligurius, achates, et amethystus:
20 चौथी क़तार में फ़ीरोज़ा और संग — ए — सुलेमानी और ज़बरजद; यह सब सोने के ख़ानों में जड़े जाएँ।
in quarto chrysolithus, onychinus, et beryllus. inclusi auro erunt per ordines suos.
21 यह जवाहर इस्राईल के बेटों के नामों के मुताबिक़ शुमार में बारह हों और अँगूठी के नक़्श की तरह यह नाम जो बारह क़बीलों के नाम होंगे, उन पर खुदवाए जाएँ।
Habebuntque nomina filiorum Israel: duodecim nominibus cælabuntur, singuli lapides nominibus singulorum per duodecim tribus.
22 और तू सीनाबन्द पर डोरी की तरह गुन्धी हुई ख़ालिस सोने की दो ज़ंजीरें लगाना।
Facies in rationali catenas sibi invicem cohærentes ex auro purissimo:
23 और सीनाबन्द के लिए सोने के दो हल्के़ बना कर उनको सीनाबन्द के दोनों सिरों पर लगाना;
et duos annulos aureos, quos pones in utraque rationalis summitate:
24 और सोने की दोनों गुन्धी हुई ज़ंजीरों को उन दोनों हल्क़ों में जो सीनाबन्द के दोनों सिरों पर होंगे लगा देना।
catenasque aureas iunges annulis, qui sunt in marginibus eius:
25 और दोनों गुन्धी हुई ज़ंजीरों के बाक़ी दोनों सिरों को दोनों पत्थरों के ख़ानों में जड़ कर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों पर सामने की तरफ़ लगा देना।
et ipsarum catenarum extrema duobus copulabis uncinis in utroque latere superhumeralis quod rationale respicit.
26 और सोने के और दो हल्के़ बनाकर उनको सीनाबन्द के दोनों सिरों के उस हाशिये में लगाना जो अफ़ोद के अन्दर की तरफ़ है।
Facies et duos annulos aureos, quos pones in summitatibus rationalis, in oris, quæ e regione sunt superhumeralis, et posteriora eius aspiciunt.
27 फिर सोने के दो हल्के़ और बनाकर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों के नीचे उसके अगले हिस्से में लगाना जहाँ अफ़ोद जोड़ा जाएगा, ताकि वह अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए पटके के ऊपर रहे।
Nec non et alios duos annulos aureos, qui ponendi sunt in utroque latere superhumeralis deorsum, quod respicit contra faciem iuncturæ inferioris, ut aptari possit cum superhumerali,
28 और वह सीनाबन्द को लेकर उसके हल्क़ो को एक नीले फ़ीते से बाँधे, ताकि यह सीनाबन्द अफ़ोद के कारीगरी से बने हुए पटके के ऊपर भी रहे और अफ़ोद से भी अलग न होने पाए।
et stringatur rationale annulis suis cum annulis superhumeralis vitta hyacinthina, ut maneat iunctura fabrefacta, et a seinvicem rationale et superhumerale nequeant separari.
29 और हारून इस्राईल के बेटों के नाम 'अदल के सीनाबन्द पर अपने सीने पर पाक मक़ाम में दाख़िल होने के वक़्त ख़ुदावन्द के आमने सामने लगाए रहे, ताकि हमेशा उनकी यादगारी हुआ करे।
Portabitque Aaron nomina filiorum Israel in rationali iudicii super pectus suum, quando ingredietur Sanctuarium, memoriale coram Domino in æternum.
30 और तू 'अदल के सीनाबन्द में ऊरीम और तुम्मीम को रखना और जब हारून ख़ुदावन्द के सामने जाए तो यह उसके दिल के ऊपर हों, यूँ हारून बनी — इस्राईल के फै़सले को अपने दिल के ऊपर ख़ुदावन्द के आमने सामने हमेशा लिए रहेगा।
Pones autem in rationali iudicii Doctrinam et Veritatem, quæ erunt in pectore Aaron, quando ingredietur coram Domino: et gestabit iudicium filiorum Israel in pectore suo, in conspectu Domini semper.
31 “और तू अफ़ोद का जुब्बा बिल्कुल आसमानी रंग का बनाना।
Facies et tunicam superhumeralis totam hyacinthinam,
32 और उसका गिरेबान बीच में हो, और ज़िरह के गिरेबान की तरह उसके गिरेबान के चारों तरफ़ बुनी हुई गोट हो ताकि वह फटने न पाए।
in cuius medio supra erit capitium, et ora per gyrum eius textilis, sicut fieri solet in extremis vestium partibus, ne facile rumpatur.
33 और उसके दामन के घेर में चारों तरफ़ आसमानी, अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के अनार बनाना और उनके बीच चारों तरफ़ सोने की घंटियाँ लगाना।
Deorsum vero, ad pedes eiusdem tunicæ, per circuitum, quasi mala punica facies, ex hyacintho, et purpura, et cocco bis tincto, mistis in medio tintinnabulis,
34 या'नी जुब्बे के दामन के पूरे घेर में एक सोने की घन्टी हो और उसके बाद अनार, फिर एक सोने की घन्टी हो और उसके बाद अनार।
ita ut tintinnabulum sit aureum et malum punicum: rursumque tintinnabulum aliud aureum et malum punicum.
35 इस जुब्बे को हारून ख़िदमत के वक़्त पहना करे, ताकि जब — जब वह पाक मक़ाम के अन्दर ख़ुदावन्द के सामने जाए या वहाँ से निकले तो उसकी आवाज़ सुनाई दे, कहीं ऐसा न हो कि वह मर जाए।
Et vestietur ea Aaron in officio ministerii, ut audiatur sonitus quando ingreditur et egreditur Sanctuarium in conspectu Domini, et non moriatur.
36 “और तू ख़ालिस सोने का एक पत्तर बना कर उस पर अँगूठी के नक़्श की तरह यह खुदवाना, ख़ुदावन्द के लिए मुक़द्दस।
Facies et laminam de auro purissimo: in qua sculpes opere cælatoris, Sanctum Domino.
37 और उसे नीले फ़ीते से बाँधना, ताकि वह 'अमामे पर या'नी 'अमामे के सामने के हिस्से पर हो।
Ligabisque eam vitta hyacinthina, et erit super tiaram,
38 और यह हारून की पेशानी पर रहे ताकि जो कुछ बनी — इस्राईल अपने पाक हदियों के ज़रिए' से पाक ठहराएँ, उन पाक ठहराई हुई चीज़ों की बदी हारून उठाए और यह उसकी पेशानी पर हमेशा रहे, ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने मक़बूल हों।
imminens fronti pontificis. Portabitque Aaron iniquitates eorum, quæ obtulerunt et sanctificaverunt filii Israel, in cunctis muneribus et donariis suis. Erit autem lamina semper in fronte eius, ut placatus sit eis Dominus.
39 “और कुरता बारीक कतान का बुना हुआ और चार ख़ाने का हो और 'अमामा भी बारीक कतान ही का बनाना, और एक कमरबन्द बनाना जिस पर बेल बूटे कढ़े हों।
Stringesque tunicam bysso, et tiaram byssinam facies, et balteum opere plumarii.
40 “और हारून के बेटों के लिए कुरते बनाना और 'इज़्ज़त और ज़ीनत के लिए उनके लिए कमरबन्द और पगड़ियाँ बनाना।
Porro filiis Aaron tunicas lineas parabis et balteos ac tiaras in gloriam et decorem:
41 और तू यह सब अपने भाई हारून और उसके साथ उसके बेटों को पहनाना, और उनको मसह और मख़्सूस और पाक करना ताकि वह सब मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें।
vestiesque his omnibus Aaron fratrem tuum et filios eius cum eo. Et cunctorum consecrabis manus, sanctificabisque illos, ut sacerdotio fungantur mihi.
42 और तू उनके लिए कतान के पाजामे बना देना ताकि उनका बदन ढंका रहे, यह कमर से रान तक के हों।
Facies et feminalia linea, ut operiant carnem turpitudinis suæ, a renibus usque ad femora:
43 और हारून और उसके बेटे जब — जब ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में दाख़िल हों या ख़िदमत करने को पाक मक़ाम के अन्दर क़ुर्बानगाह के नज़दीक जाएँ, उनको पहना करें कहीं ऐसा न हो कि गुनाहगार ठहरें और मर जाएँ। यह दस्तूर — उल — 'अमल उसके और उसकी नसल के लिए हमेशा रहेगा।
et utentur eis Aaron et filii eius quando ingredientur tabernaculum testimonii, vel quando appropinquant ad altare ut ministrent in sanctuario, ne iniquitatis rei moriantur. Legitimum sempiternum erit Aaron, et semini eius post eum.