< ख़ुरु 28 >

1 “और तू बनी — इस्राईल में से हारून को जो तेरा भाई है, और उसके साथ उसके बेटों को अपने नज़दीक कर लेना; ताकि हारून और उसके बेटे नदब और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर कहानत के 'उहदे पर होकर मेरी ख़िदमत करें।
וְאַתָּ֡ה הַקְרֵ֣ב אֵלֶיךָ֩ אֶת־אַהֲרֹ֨ן אָחִ֜יךָ וְאֶת־בָּנָ֣יו אִתּ֔וֹ מִתּ֛וֹךְ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לְכַהֲנוֹ־לִ֑י אַהֲרֹ֕ן נָדָ֧ב וַאֲבִיה֛וּא אֶלְעָזָ֥ר וְאִיתָמָ֖ר בְּנֵ֥י אַהֲרֹֽן׃
2 और तू अपने भाई हारून के लिए 'इज़्ज़त और ज़ीनत के लिए पाक लिबास बना देना।
וְעָשִׂ֥יתָ בִגְדֵי־קֹ֖דֶשׁ לְאַהֲרֹ֣ן אָחִ֑יךָ לְכָב֖וֹד וּלְתִפְאָֽרֶת׃
3 और तू उन सब रोशन ज़मीरों से जिनको मैंने हिकमत की रूह से भरा है, कह कि वह हारून के लिए लिबास बनाएँ ताकि वह पाक होकर मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दे।
וְאַתָּ֗ה תְּדַבֵּר֙ אֶל־כָּל־חַכְמֵי־לֵ֔ב אֲשֶׁ֥ר מִלֵּאתִ֖יו ר֣וּחַ חָכְמָ֑ה וְעָשׂ֞וּ אֶת־בִּגְדֵ֧י אַהֲרֹ֛ן לְקַדְּשׁ֖וֹ לְכַהֲנוֹ־לִֽי׃
4 और जो लिबास वह बनाएँगे यह हैं: या'नी सीना बन्द और अफ़ूद और जुब्बा और चार ख़ाने का कुरता, और 'अमामा, और कमरबन्द, वह तेरे भाई हारून और उसके बेटों के लिए यह पाक लिबास बनाएँ, ताकि वह मेरे लिए काहिन की खि़दमत को अन्जाम दे।
וְאֵ֨לֶּה הַבְּגָדִ֜ים אֲשֶׁ֣ר יַעֲשׂ֗וּ חֹ֤שֶׁן וְאֵפוֹד֙ וּמְעִ֔יל וּכְתֹ֥נֶת תַּשְׁבֵּ֖ץ מִצְנֶ֣פֶת וְאַבְנֵ֑ט וְעָשׂ֨וּ בִגְדֵי־קֹ֜דֶשׁ לְאַהֲרֹ֥ן אָחִ֛יךָ וּלְבָנָ֖יו לְכַהֲנוֹ־לִֽי׃
5 और वह सोना और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़े और महीन कतान लें।
וְהֵם֙ יִקְח֣וּ אֶת־הַזָּהָ֔ב וְאֶת־הַתְּכֵ֖לֶת וְאֶת־הָֽאַרְגָּמָ֑ן וְאֶת־תּוֹלַ֥עַת הַשָּׁנִ֖י וְאֶת־הַשֵּֽׁשׁ׃ פ
6 “और वह अफ़ोद सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बनाएँ, जो किसी माहिर उस्ताद के हाथ का काम हो।
וְעָשׂ֖וּ אֶת־הָאֵפֹ֑ד זָ֠הָב תְּכֵ֨לֶת וְאַרְגָּמָ֜ן תּוֹלַ֧עַת שָׁנִ֛י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָ֖ר מַעֲשֵׂ֥ה חֹשֵֽׁב׃
7 और वह इस तरह से जोड़ा जाए कि उसके दोनों मोंढों के सिरे आपस में मिला दिए जाएँ।
שְׁתֵּ֧י כְתֵפֹ֣ת חֹֽבְרֹ֗ת יִֽהְיֶה־לּ֛וֹ אֶל־שְׁנֵ֥י קְצוֹתָ֖יו וְחֻבָּֽר׃
8 और उसके ऊपर जो कारीगरी से बना हुआ पटका उसके बाँधने के लिए होगा, उस पर अफ़ोद की तरह काम हो और वह उसी कपड़े का हो, और सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बुना हुआ हो।
וְחֵ֤שֶׁב אֲפֻדָּתוֹ֙ אֲשֶׁ֣ר עָלָ֔יו כְּמַעֲשֵׂ֖הוּ מִמֶּ֣נּוּ יִהְיֶ֑ה זָהָ֗ב תְּכֵ֧לֶת וְאַרְגָּמָ֛ן וְתוֹלַ֥עַת שָׁנִ֖י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָֽר׃
9 और तू दो संग-ए-सुलेमानी लेकर उन पर इस्राईल के बेटों के नाम कन्दा कराना।
וְלָ֣קַחְתָּ֔ אֶת־שְׁתֵּ֖י אַבְנֵי־שֹׁ֑הַם וּפִתַּחְתָּ֣ עֲלֵיהֶ֔ם שְׁמ֖וֹת בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
10 उनमें से छ: के नाम तो एक पत्थर पर और बाक़ियों के छः नाम दूसरे पत्थर पर उनकी पैदाइश की तरतीब के मुवाफ़िक हों।
שִׁשָּׁה֙ מִשְּׁמֹתָ֔ם עַ֖ל הָאֶ֣בֶן הָאֶחָ֑ת וְאֶת־שְׁמ֞וֹת הַשִּׁשָּׁ֧ה הַנּוֹתָרִ֛ים עַל־הָאֶ֥בֶן הַשֵּׁנִ֖ית כְּתוֹלְדֹתָֽם׃
11 तू पत्थर के कन्दाकार को लगा कर अँगूठी के नक़्श की तरह इस्राईल के बेटों के नाम उन दोनों पत्थरों पर खुदवा कर के उनको सोने के ख़ानों में जड़वाना।
מַעֲשֵׂ֣ה חָרַשׁ֮ אֶבֶן֒ פִּתּוּחֵ֣י חֹתָ֗ם תְּפַתַּח֙ אֶת־שְׁתֵּ֣י הָאֲבָנִ֔ים עַל־שְׁמֹ֖ת בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל מֻסַבֹּ֛ת מִשְׁבְּצ֥וֹת זָהָ֖ב תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתָֽם׃
12 और दोनों पत्थरों को अफ़ोद के दोनों मोंढों पर लगाना ताकि यह पत्थर इस्राईल के बेटों की यादगारी के लिए हों, और हारून उनके नाम ख़ुदावन्द के सामने अपने दोनों कन्धों पर यादगारी के लिए लगाए रहे।
וְשַׂמְתָּ֞ אֶת־שְׁתֵּ֣י הָאֲבָנִ֗ים עַ֚ל כִּתְפֹ֣ת הָֽאֵפֹ֔ד אַבְנֵ֥י זִכָּרֹ֖ן לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְנָשָׂא֩ אַהֲרֹ֨ן אֶת־שְׁמוֹתָ֜ם לִפְנֵ֧י יְהוָ֛ה עַל־שְׁתֵּ֥י כְתֵפָ֖יו לְזִכָּרֹֽן׃ ס
13 और तू सोने के ख़ाने बनाना,
וְעָשִׂ֥יתָ מִשְׁבְּצֹ֖ת זָהָֽב׃
14 और ख़ालिस सोने की दो ज़जीरें डोरी की तरह गुन्धी हुई बनाना और इन गुन्धी हुई ज़ंजीरों को ख़ानों में जड़ देना।
וּשְׁתֵּ֤י שַׁרְשְׁרֹת֙ זָהָ֣ב טָה֔וֹר מִגְבָּלֹ֛ת תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתָ֖ם מַעֲשֵׂ֣ה עֲבֹ֑ת וְנָתַתָּ֛ה אֶת־שַׁרְשְׁרֹ֥ת הָעֲבֹתֹ֖ת עַל־הַֽמִּשְׁבְּצֹֽת׃ ס
15 “और 'अदल का सीना बन्द किसी माहिर उस्ताद से बनवाना और अफ़ोद की तरह सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बनाना।
וְעָשִׂ֜יתָ חֹ֤שֶׁן מִשְׁפָּט֙ מַעֲשֵׂ֣ה חֹשֵׁ֔ב כְּמַעֲשֵׂ֥ה אֵפֹ֖ד תַּעֲשֶׂ֑נּוּ זָ֠הָב תְּכֵ֨לֶת וְאַרְגָּמָ֜ן וְתוֹלַ֧עַת שָׁנִ֛י וְשֵׁ֥שׁ מָשְׁזָ֖ר תַּעֲשֶׂ֥ה אֹתֽוֹ׃
16 वह चौखुन्टा और दोहरा हो, उसकी लम्बाई एक बालिश्त और चौड़ाई भी एक ही बालिश्त हो।
רָב֥וּעַ יִֽהְיֶ֖ה כָּפ֑וּל זֶ֥רֶת אָרְכּ֖וֹ וְזֶ֥רֶת רָחְבּֽוֹ׃
17 और चार कतारों में उस पर जवाहर जड़ना, पहली क़तार में याकू़त — ए — सुर्ख़ और पुखराज और गौहर — ए — शब चराग़ हो
וּמִלֵּאתָ֥ בוֹ֙ מִלֻּ֣אַת אֶ֔בֶן אַרְבָּעָ֖ה טוּרִ֣ים אָ֑בֶן ט֗וּר אֹ֤דֶם פִּטְדָה֙ וּבָרֶ֔קֶת הַטּ֖וּר הָאֶחָֽד׃
18 दूसरी क़तार में ज़मुर्रुद और नीलम और हीरा,
וְהַטּ֖וּר הַשֵּׁנִ֑י נֹ֥פֶךְ סַפִּ֖יר וְיָהֲלֹֽם׃
19 तीसरी कतार में लश्म और यश्म और याकू़त,
וְהַטּ֖וּר הַשְּׁלִישִׁ֑י לֶ֥שֶׁם שְׁב֖וֹ וְאַחְלָֽמָה׃
20 चौथी क़तार में फ़ीरोज़ा और संग — ए — सुलेमानी और ज़बरजद; यह सब सोने के ख़ानों में जड़े जाएँ।
וְהַטּוּר֙ הָרְבִיעִ֔י תַּרְשִׁ֥ישׁ וְשֹׁ֖הַם וְיָשְׁפֵ֑ה מְשֻׁבָּצִ֥ים זָהָ֛ב יִהְי֖וּ בְּמִלּוּאֹתָֽם׃
21 यह जवाहर इस्राईल के बेटों के नामों के मुताबिक़ शुमार में बारह हों और अँगूठी के नक़्श की तरह यह नाम जो बारह क़बीलों के नाम होंगे, उन पर खुदवाए जाएँ।
וְ֠הָאֲבָנִים תִּֽהְיֶ֜יןָ עַל־שְׁמֹ֧ת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל שְׁתֵּ֥ים עֶשְׂרֵ֖ה עַל־שְׁמֹתָ֑ם פִּתּוּחֵ֤י חוֹתָם֙ אִ֣ישׁ עַל־שְׁמ֔וֹ תִּֽהְיֶ֕יןָ לִשְׁנֵ֥י עָשָׂ֖ר שָֽׁבֶט׃
22 और तू सीनाबन्द पर डोरी की तरह गुन्धी हुई ख़ालिस सोने की दो ज़ंजीरें लगाना।
וְעָשִׂ֧יתָ עַל־הַחֹ֛שֶׁן שַֽׁרְשֹׁ֥ת גַּבְלֻ֖ת מַעֲשֵׂ֣ה עֲבֹ֑ת זָהָ֖ב טָהֽוֹר׃
23 और सीनाबन्द के लिए सोने के दो हल्के़ बना कर उनको सीनाबन्द के दोनों सिरों पर लगाना;
וְעָשִׂ֙יתָ֙ עַל־הַחֹ֔שֶׁן שְׁתֵּ֖י טַבְּע֣וֹת זָהָ֑ב וְנָתַתָּ֗ אֶת־שְׁתֵּי֙ הַטַּבָּע֔וֹת עַל־שְׁנֵ֖י קְצ֥וֹת הַחֹֽשֶׁן׃
24 और सोने की दोनों गुन्धी हुई ज़ंजीरों को उन दोनों हल्क़ों में जो सीनाबन्द के दोनों सिरों पर होंगे लगा देना।
וְנָתַתָּ֗ה אֶת־שְׁתֵּי֙ עֲבֹתֹ֣ת הַזָּהָ֔ב עַל־שְׁתֵּ֖י הַטַּבָּעֹ֑ת אֶל־קְצ֖וֹת הַחֹֽשֶׁן׃
25 और दोनों गुन्धी हुई ज़ंजीरों के बाक़ी दोनों सिरों को दोनों पत्थरों के ख़ानों में जड़ कर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों पर सामने की तरफ़ लगा देना।
וְאֵ֨ת שְׁתֵּ֤י קְצוֹת֙ שְׁתֵּ֣י הָעֲבֹתֹ֔ת תִּתֵּ֖ן עַל־שְׁתֵּ֣י הַֽמִּשְׁבְּצ֑וֹת וְנָתַתָּ֛ה עַל־כִּתְפ֥וֹת הָאֵפֹ֖ד אֶל־מ֥וּל פָּנָֽיו׃
26 और सोने के और दो हल्के़ बनाकर उनको सीनाबन्द के दोनों सिरों के उस हाशिये में लगाना जो अफ़ोद के अन्दर की तरफ़ है।
וְעָשִׂ֗יתָ שְׁתֵּי֙ טַבְּע֣וֹת זָהָ֔ב וְשַׂמְתָּ֣ אֹתָ֔ם עַל־שְׁנֵ֖י קְצ֣וֹת הַחֹ֑שֶׁן עַל־שְׂפָת֕וֹ אֲשֶׁ֛ר אֶל־עֵ֥בֶר הָאֵפֹ֖ד בָּֽיְתָה׃
27 फिर सोने के दो हल्के़ और बनाकर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों के नीचे उसके अगले हिस्से में लगाना जहाँ अफ़ोद जोड़ा जाएगा, ताकि वह अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए पटके के ऊपर रहे।
וְעָשִׂיתָ֮ שְׁתֵּ֣י טַבְּע֣וֹת זָהָב֒ וְנָתַתָּ֣ה אֹתָ֡ם עַל־שְׁתֵּי֩ כִתְפ֨וֹת הָאֵפ֤וֹד מִלְּמַ֙טָּה֙ מִמּ֣וּל פָּנָ֔יו לְעֻמַּ֖ת מֶחְבַּרְתּ֑וֹ מִמַּ֕עַל לְחֵ֖שֶׁב הָאֵפֽוֹד׃
28 और वह सीनाबन्द को लेकर उसके हल्क़ो को एक नीले फ़ीते से बाँधे, ताकि यह सीनाबन्द अफ़ोद के कारीगरी से बने हुए पटके के ऊपर भी रहे और अफ़ोद से भी अलग न होने पाए।
וְיִרְכְּס֣וּ אֶת־הַ֠חֹשֶׁן מִֽטַּבְּעֹתָ֞יו אֶל־טַבְּעֹ֤ת הָאֵפֹד֙ בִּפְתִ֣יל תְּכֵ֔לֶת לִֽהְי֖וֹת עַל־חֵ֣שֶׁב הָאֵפ֑וֹד וְלֹֽא־יִזַּ֣ח הַחֹ֔שֶׁן מֵעַ֖ל הָאֵפֽוֹד׃
29 और हारून इस्राईल के बेटों के नाम 'अदल के सीनाबन्द पर अपने सीने पर पाक मक़ाम में दाख़िल होने के वक़्त ख़ुदावन्द के आमने सामने लगाए रहे, ताकि हमेशा उनकी यादगारी हुआ करे।
וְנָשָׂ֣א אַ֠הֲרֹן אֶת־שְׁמ֨וֹת בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֜ל בְּחֹ֧שֶׁן הַמִּשְׁפָּ֛ט עַל־לִבּ֖וֹ בְּבֹא֣וֹ אֶל־הַקֹּ֑דֶשׁ לְזִכָּרֹ֥ן לִפְנֵֽי־יְהוָ֖ה תָּמִֽיד׃
30 और तू 'अदल के सीनाबन्द में ऊरीम और तुम्मीम को रखना और जब हारून ख़ुदावन्द के सामने जाए तो यह उसके दिल के ऊपर हों, यूँ हारून बनी — इस्राईल के फै़सले को अपने दिल के ऊपर ख़ुदावन्द के आमने सामने हमेशा लिए रहेगा।
וְנָתַתָּ֞ אֶל־חֹ֣שֶׁן הַמִּשְׁפָּ֗ט אֶת־הָאוּרִים֙ וְאֶת־הַתֻּמִּ֔ים וְהָיוּ֙ עַל־לֵ֣ב אַהֲרֹ֔ן בְּבֹא֖וֹ לִפְנֵ֣י יְהוָ֑ה וְנָשָׂ֣א אַ֠הֲרֹן אֶת־מִשְׁפַּ֨ט בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֧ל עַל־לִבּ֛וֹ לִפְנֵ֥י יְהוָ֖ה תָּמִֽיד׃ ס
31 “और तू अफ़ोद का जुब्बा बिल्कुल आसमानी रंग का बनाना।
וְעָשִׂ֛יתָ אֶת־מְעִ֥יל הָאֵפ֖וֹד כְּלִ֥יל תְּכֵֽלֶת׃
32 और उसका गिरेबान बीच में हो, और ज़िरह के गिरेबान की तरह उसके गिरेबान के चारों तरफ़ बुनी हुई गोट हो ताकि वह फटने न पाए।
וְהָיָ֥ה פִֽי־רֹאשׁ֖וֹ בְּתוֹכ֑וֹ שָׂפָ֡ה יִֽהְיֶה֩ לְפִ֨יו סָבִ֜יב מַעֲשֵׂ֣ה אֹרֵ֗ג כְּפִ֥י תַחְרָ֛א יִֽהְיֶה־לּ֖וֹ לֹ֥א יִקָּרֵֽעַ׃
33 और उसके दामन के घेर में चारों तरफ़ आसमानी, अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के अनार बनाना और उनके बीच चारों तरफ़ सोने की घंटियाँ लगाना।
וְעָשִׂ֣יתָ עַל־שׁוּלָ֗יו רִמֹּנֵי֙ תְּכֵ֤לֶת וְאַרְגָּמָן֙ וְתוֹלַ֣עַת שָׁנִ֔י עַל־שׁוּלָ֖יו סָבִ֑יב וּפַעֲמֹנֵ֥י זָהָ֛ב בְּתוֹכָ֖ם סָבִֽיב׃
34 या'नी जुब्बे के दामन के पूरे घेर में एक सोने की घन्टी हो और उसके बाद अनार, फिर एक सोने की घन्टी हो और उसके बाद अनार।
פַּעֲמֹ֤ן זָהָב֙ וְרִמּ֔וֹן פַּֽעֲמֹ֥ן זָהָ֖ב וְרִמּ֑וֹן עַל־שׁוּלֵ֥י הַמְּעִ֖יל סָבִֽיב׃
35 इस जुब्बे को हारून ख़िदमत के वक़्त पहना करे, ताकि जब — जब वह पाक मक़ाम के अन्दर ख़ुदावन्द के सामने जाए या वहाँ से निकले तो उसकी आवाज़ सुनाई दे, कहीं ऐसा न हो कि वह मर जाए।
וְהָיָ֥ה עַֽל־אַהֲרֹ֖ן לְשָׁרֵ֑ת וְנִשְׁמַ֣ע ק֠וֹלוֹ בְּבֹא֨וֹ אֶל־הַקֹּ֜דֶשׁ לִפְנֵ֧י יְהוָ֛ה וּבְצֵאת֖וֹ וְלֹ֥א יָמֽוּת׃ ס
36 “और तू ख़ालिस सोने का एक पत्तर बना कर उस पर अँगूठी के नक़्श की तरह यह खुदवाना, ख़ुदावन्द के लिए मुक़द्दस।
וְעָשִׂ֥יתָ צִּ֖יץ זָהָ֣ב טָה֑וֹר וּפִתַּחְתָּ֤ עָלָיו֙ פִּתּוּחֵ֣י חֹתָ֔ם קֹ֖דֶשׁ לַֽיהוָֽה׃
37 और उसे नीले फ़ीते से बाँधना, ताकि वह 'अमामे पर या'नी 'अमामे के सामने के हिस्से पर हो।
וְשַׂמְתָּ֤ אֹתוֹ֙ עַל־פְּתִ֣יל תְּכֵ֔לֶת וְהָיָ֖ה עַל־הַמִּצְנָ֑פֶת אֶל־מ֥וּל פְּנֵֽי־הַמִּצְנֶ֖פֶת יִהְיֶֽה׃
38 और यह हारून की पेशानी पर रहे ताकि जो कुछ बनी — इस्राईल अपने पाक हदियों के ज़रिए' से पाक ठहराएँ, उन पाक ठहराई हुई चीज़ों की बदी हारून उठाए और यह उसकी पेशानी पर हमेशा रहे, ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने मक़बूल हों।
וְהָיָה֮ עַל־מֵ֣צַח אַהֲרֹן֒ וְנָשָׂ֨א אַהֲרֹ֜ן אֶת־עֲוֹ֣ן הַקֳּדָשִׁ֗ים אֲשֶׁ֤ר יַקְדִּ֙ישׁוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לְכָֽל־מַתְּנֹ֖ת קָדְשֵׁיהֶ֑ם וְהָיָ֤ה עַל־מִצְחוֹ֙ תָּמִ֔יד לְרָצ֥וֹן לָהֶ֖ם לִפְנֵ֥י יְהוָֽה׃
39 “और कुरता बारीक कतान का बुना हुआ और चार ख़ाने का हो और 'अमामा भी बारीक कतान ही का बनाना, और एक कमरबन्द बनाना जिस पर बेल बूटे कढ़े हों।
וְשִׁבַּצְתָּ֙ הַכְּתֹ֣נֶת שֵׁ֔שׁ וְעָשִׂ֖יתָ מִצְנֶ֣פֶת שֵׁ֑שׁ וְאַבְנֵ֥ט תַּעֲשֶׂ֖ה מַעֲשֵׂ֥ה רֹקֵֽם׃
40 “और हारून के बेटों के लिए कुरते बनाना और 'इज़्ज़त और ज़ीनत के लिए उनके लिए कमरबन्द और पगड़ियाँ बनाना।
וְלִבְנֵ֤י אַהֲרֹן֙ תַּעֲשֶׂ֣ה כֻתֳּנֹ֔ת וְעָשִׂ֥יתָ לָהֶ֖ם אַבְנֵטִ֑ים וּמִגְבָּעוֹת֙ תַּעֲשֶׂ֣ה לָהֶ֔ם לְכָב֖וֹד וּלְתִפְאָֽרֶת׃
41 और तू यह सब अपने भाई हारून और उसके साथ उसके बेटों को पहनाना, और उनको मसह और मख़्सूस और पाक करना ताकि वह सब मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें।
וְהִלְבַּשְׁתָּ֤ אֹתָם֙ אֶת־אַהֲרֹ֣ן אָחִ֔יךָ וְאֶת־בָּנָ֖יו אִתּ֑וֹ וּמָשַׁחְתָּ֨ אֹתָ֜ם וּמִלֵּאתָ֧ אֶת־יָדָ֛ם וְקִדַּשְׁתָּ֥ אֹתָ֖ם וְכִהֲנ֥וּ לִֽי׃
42 और तू उनके लिए कतान के पाजामे बना देना ताकि उनका बदन ढंका रहे, यह कमर से रान तक के हों।
וַעֲשֵׂ֤ה לָהֶם֙ מִכְנְסֵי־בָ֔ד לְכַסּ֖וֹת בְּשַׂ֣ר עֶרְוָ֑ה מִמָּתְנַ֥יִם וְעַד־יְרֵכַ֖יִם יִהְיֽוּ׃
43 और हारून और उसके बेटे जब — जब ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में दाख़िल हों या ख़िदमत करने को पाक मक़ाम के अन्दर क़ुर्बानगाह के नज़दीक जाएँ, उनको पहना करें कहीं ऐसा न हो कि गुनाहगार ठहरें और मर जाएँ। यह दस्तूर — उल — 'अमल उसके और उसकी नसल के लिए हमेशा रहेगा।
וְהָיוּ֩ עַל־אַהֲרֹ֨ן וְעַל־בָּנָ֜יו בְּבֹאָ֣ם ׀ אֶל־אֹ֣הֶל מוֹעֵ֗ד א֣וֹ בְגִשְׁתָּ֤ם אֶל־הַמִּזְבֵּ֙חַ֙ לְשָׁרֵ֣ת בַּקֹּ֔דֶשׁ וְלֹא־יִשְׂא֥וּ עָוֹ֖ן וָמֵ֑תוּ חֻקַּ֥ת עוֹלָ֛ם ל֖וֹ וּלְזַרְע֥וֹ אַחֲרָֽיו׃ ס

< ख़ुरु 28 >