< ख़ुरु 25 >
1 और ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया,
And the LORD spake unto Moses, saying,
2 'बनी — इस्राईल से यह कहना कि मेरे लिए नज़्र लाएँ, और तुम उन्हीं से मेरी नज़्र लेना जो अपने दिल की ख़ुशी से दें।
Speak unto the children of Israel, that they bring me an offering: of every man that giveth it willingly with his heart ye shall take my offering.
3 और जिन चीज़ों की नज़्र तुम को उनसे लेनी हैं वह यह हैं: सोना और चाँदी और पीतल,
And this [is] the offering which ye shall take of them; gold, and silver, and brass,
4 और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग का कपड़ा और बारीक कतान और बकरी की पश्म,
And blue, and purple, and scarlet, and fine linen, and goats’ [hair],
5 और मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालें और तुख़स की खालें और कीकर की लकड़ी,
And rams’ skins dyed red, and badgers’ skins, and shittim wood,
6 और चराग़ के लिए तेल और मसह करने के तेल के लिए और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे,
Oil for the light, spices for anointing oil, and for sweet incense,
7 और संग-ए-सुलेमानी और अफ़ोद और सीनाबन्द में जड़ने के नगीने।
Onyx stones, and stones to be set in the ephod, and in the breastplate.
8 और वह मेरे लिए एक मक़दिस बनाएँ ताकि मैं उनके बीच सुकूनत करूँ।
And let them make me a sanctuary; that I may dwell among them.
9 और घर और उसके सारे सामान का जो नमूना मैं तुझे दिखाऊँ ठीक उसी के मुताबिक़ तुम उसे बनाना।
According to all that I shew thee, [after] the pattern of the tabernacle, and the pattern of all the instruments thereof, even so shall ye make [it].
10 'और वह कीकर की लकड़ी का एक सन्दूक़ बनाये जिस की लम्बाई ढाई हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ हो।
And they shall make an ark [of] shittim wood: two cubits and a half [shall be] the length thereof, and a cubit and a half the breadth thereof, and a cubit and a half the height thereof.
11 और तू उसके अन्दर और बाहर ख़ालिस सोना मंढ़ना और उसके ऊपर चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
And thou shalt overlay it with pure gold, within and without shalt thou overlay it, and shalt make upon it a crown of gold round about.
12 और उसके लिए सोने के चार कड़े ढालकर उसके चारों पायों में लगाना, दो कड़े एक तरफ़ हों और दो ही दूसरी तरफ़।
And thou shalt cast four rings of gold for it, and put [them] in the four corners thereof; and two rings [shall be] in the one side of it, and two rings in the other side of it.
13 और कीकर की लकड़ी की चोबें बना कर उन पर सोना मंढ़ना।
And thou shalt make staves [of] shittim wood, and overlay them with gold.
14 और इन चोबों को सन्दूक़ के पास के कड़ों में डालना कि उनके सहारे सन्दूक उठ जाए।
And thou shalt put the staves into the rings by the sides of the ark, that the ark may be borne with them.
15 चोबें सन्दूक के कड़ों के अन्दर लगी रहें और उससे अलग न की जाएँ।
The staves shall be in the rings of the ark: they shall not be taken from it.
16 और तू उस शहादत नामे को जो मैं तुझे दूँगा उसी सन्दूक में रखना।
And thou shalt put into the ark the testimony which I shall give thee.
17 “और तू कफ़्फ़ारे का सरपोश ख़ालिस सोने का बनाना जिसकी लम्बाई ढाई हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ हो।
And thou shalt make a mercy seat [of] pure gold: two cubits and a half [shall be] the length thereof, and a cubit and a half the breadth thereof.
18 और सोने के दो करूबी सरपोश के दोनों सिरों पर गढ़ कर बनाना।
And thou shalt make two cherubims [of] gold, [of] beaten work shalt thou make them, in the two ends of the mercy seat.
19 एक करूबी को एक सिरे पर और दूसरे करूबी को दूसरे सिरे पर लगाना, और तुम सरपोश को और दोनों सिरों के करूबियों को एक ही टुकड़े से बनाना।
And make one cherub on the one end, and the other cherub on the other end: [even] of the mercy seat shall ye make the cherubims on the two ends thereof.
20 और वह करूबी इस तरह ऊपर को अपने पर फैलाए हुए हों कि सरपोश को अपने परों से ढाँक लें और उनके मुँह आमने — सामने सरपोश की तरफ़ हों।
And the cherubims shall stretch forth [their] wings on high, covering the mercy seat with their wings, and their faces [shall look] one to another; toward the mercy seat shall the faces of the cherubims be.
21 और तू उस सरपोश को उस सन्दूक के ऊपर लगाना और वह 'अहदनामा जो मैं तुझे दूँगा उसे उस सन्दूक के अन्दर रखना।
And thou shalt put the mercy seat above upon the ark; and in the ark thou shalt put the testimony that I shall give thee.
22 वहाँ मैं तुझ से मिला करूँगा और उस सरपोश के ऊपर से और करूबियों के बीच में से जो 'अहदनामे के सन्दूक़ के ऊपर होंगे, उन सब अहकाम के बारे में जो मैं बनी — इस्राईल के लिए तुझे दूँगा तुझ से बातचीत किया करूँगा।
And there I will meet with thee, and I will commune with thee from above the mercy seat, from between the two cherubims which [are] upon the ark of the testimony, of all [things] which I will give thee in commandment unto the children of Israel.
23 “और तू दो हाथ लम्बी और एक हाथ चौड़ी और डेढ़ हाथ ऊँची कीकर की लकड़ी की एक मेज़ भी बनाना।
Thou shalt also make a table [of] shittim wood: two cubits [shall be] the length thereof, and a cubit the breadth thereof, and a cubit and a half the height thereof.
24 और उसको ख़ालिस सोने से मंढ़ना और उसके चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
And thou shalt overlay it with pure gold, and make thereto a crown of gold round about.
25 और उसके चौगिर्द चार उंगल चौड़ी एक कंगनी लगाना और उस कंगनी के चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
And thou shalt make unto it a border of an hand breadth round about, and thou shalt make a golden crown to the border thereof round about.
26 और सोने के चार कड़े उसके लिए बना कर उन कड़ों को उन चारों कोनों में लगाना जो चारों पायों के सामने होंगे।
And thou shalt make for it four rings of gold, and put the rings in the four corners that [are] on the four feet thereof.
27 वह कड़े कंगनी के पास ही हों, ताकि चोबों के लिए जिनके सहारे मेज़ उठाई जाए घरों का काम दें।
Over against the border shall the rings be for places of the staves to bear the table.
28 और कीकर की लकड़ी की चोबें बना कर उनको सोने से मंढ़ना ताकि मेज़ उन्हीं से उठाई जाए।
And thou shalt make the staves [of] shittim wood, and overlay them with gold, that the table may be borne with them.
29 और तू उसके तबाक़ और चमचे और आफ़ताबे और उंडेलने के बड़े — बड़े कटोरे सब ख़ालिस सोने के बनाना।
And thou shalt make the dishes thereof, and spoons thereof, and covers thereof, and bowls thereof, to cover withal: [of] pure gold shalt thou make them.
30 और तू उस मेज़ पर नज़्र की रोटियाँ हमेशा मेरे सामने रखना।
And thou shalt set upon the table shewbread before me alway.
31 “और तू ख़ालिस सोने का एक शमा'दान बनाना। वह शमा'दान और उसका पाया और डन्डी सब घड़ कर बनाए जाएँ और उसकी प्यालियाँ और लट्टू और उसके फूल सब एक ही टुकड़े के बने हों।
And thou shalt make a candlestick [of] pure gold: [of] beaten work shall the candlestick be made: his shaft, and his branches, his bowls, his knops, and his flowers, shall be of the same.
32 और उसके दोनों पहलुओं से छ: शाँख़े बाहर को निकलती हों, तीन शाखें शमा'दान के एक पहलू से निकलें और तीन दूसरे पहलू से।
And six branches shall come out of the sides of it; three branches of the candlestick out of the one side, and three branches of the candlestick out of the other side:
33 एक शाख़ में बादाम के फूल की सूरत की तीन प्यालियाँ, एक लट्टू और एक फूल हो; और दूसरी शाख़ में भी बादाम के फूल की सूरत की तीन प्यालियाँ, एक लट्टू और एक फूल हो; इसी तरह शमा'दान की छहों शाख़ों में यह सब लगा हुआ हो।
Three bowls made like unto almonds, [with] a knop and a flower in one branch; and three bowls made like almonds in the other branch, [with] a knop and a flower: so in the six branches that come out of the candlestick.
34 और खु़द शमादान में बादाम के फूल की सूरत की चार प्यालियाँ अपने — अपने लट्टू और फूल समेत हों।
And in the candlestick [shall be] four bowls made like unto almonds, [with] their knops and their flowers.
35 और दो शाख़ों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों और फिर दो शाख़ों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों और फिर दो शाखों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों शमा'दान की छहों बाहर को निकली हुई शाखें ऐसी ही हों।
And [there shall be] a knop under two branches of the same, and a knop under two branches of the same, and a knop under two branches of the same, according to the six branches that proceed out of the candlestick.
36 या'नी लट्टू और शाख़ें और शमा 'दान सब एक ही टुकड़े के बने हों, यह सबका सब ख़ालिस सोने के एक ही टुकड़े से गढ़ कर बनाया जाए।
Their knops and their branches shall be of the same: all it [shall be] one beaten work [of] pure gold.
37 और तू उसके लिए सात चराग़ बनाना, यही चराग़ जलाए जाएँ ताकि शमा'दान के सामने रौशनी हो।
And thou shalt make the seven lamps thereof: and they shall light the lamps thereof, that they may give light over against it.
38 और उसके गुलगीर और गुलदान ख़ालिस सोने के हों।
And the tongs thereof, and the snuffdishes thereof, [shall be of] pure gold.
39 शमा'दान और यह सब बर्तन एक किन्तार ख़ालिस सोने के बने हुए हों।
[Of] a talent of pure gold shall he make it, with all these vessels.
40 और देख, तू इनको ठीक इनके नमूने के मुताबिक़ जो तुझे पहाड़ पर दिखाया गया है बनाना।
And look that thou make [them] after their pattern, which was shewed thee in the mount.