< ख़ुरु 20 >
1 और ख़ुदा ने यह सब बातें फ़रमाई कि
Entonces habló Dios todas estas palabras, diciendo:
2 “ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा जो तुझे मुल्क — ए — मिस्र से और ग़ुलामी के घर से निकाल लाया मैं हूँ।
“Yo soy. Yahvé, tu Dios, que te he sacado del país de Egipto, de la casa de la servidumbre.
3 “मेरे सामने तू गै़र मा'बूदों को न मानना।
No tendrás otros dioses delante de Mí.
4 “तू अपने लिए कोई तराशी हुई मूरत न बनाना, न किसी चीज़ की सूरत बनाना जो ऊपर आसमान में या नीचे ज़मीन पर या ज़मीन के नीचे पानी में है।
No te harás escultura ni imagen alguna de lo que hay arriba en el cielo, ni de lo que hay abajo en la tierra, ni de lo que hay en las aguas debajo de la tierra.
5 तू उनके आगे सिज्दा न करना और न उनकी इबादत करना, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा ग़य्यूर ख़ुदा हूँ और जो मुझ से 'अदावत रखते हैं उनकी औलाद को तीसरी और चौथी नसल तक बाप दादा की बदकारी की सज़ा देता हूँ।
No te postrarás ante ellas ni les darás culto, porque Yo soy Yahvé, tu Dios, un Dios celoso, que castigo la iniquidad de los padres en los hijos hasta la tercera y cuarta generación de los que me odian,
6 और हज़ारों पर जो मुझ से मुहब्बत रखते और मेरे हुक्मों को मानते हैं। रहम करता हूँ।
y que uso de misericordia hasta mil generaciones con los que me aman y guardan mis mandamientos.
7 “तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का नाम बेफ़ाइदा न लेना, क्यूँकि जो उसका नाम बेफ़ायदा लेता है ख़ुदावन्द उसे बेगुनाह न ठहराएगा।
No tomarás en vano el nombre de Yahvé, tu Dios; porque Yahvé no dejará sin castigo a quien tomare en vano su nombre.
8 “याद कर कि तू सबत का दिन पाक मानना।
Acuérdate del día de sábado para santificarlo.
9 छ: दिन तक तू मेहनत करके अपना सारा काम — काज करना।
Seis días trabajarás y harás todo tu trabajo,
10 लेकिन सातवाँ दिन ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा का सबत है; उसमें न तू कोई काम करे न तेरा बेटा, न तेरी बेटी, न तेरा गु़लाम, न तेरी लोंडी, न तेरा चौपाया, न कोई मुसाफ़िर जो तेरे यहाँ तेरे फाटकों के अन्दर हो
pero el día séptimo es día de descanso, consagrado a Yahvé, tu Dios. No hagas ningún trabajo, ni tú, ni tu hijo, ni tu hija, ni tu siervo, ni tu sierva, ni tu ganado, ni el extranjero que habita dentro de tus puertas.
11 क्यूँकि ख़ुदावन्द ने छ: दिन में आसमान और ज़मीन और समन्दर और जो कुछ उनमें है वह सब बनाया, और सातवें दिन आराम किया; इसलिए ख़ुदावन्द ने सबत के दिन को बरकत दी और उसे पाक ठहराया।
Pues en seis días hizo Yahvé el cielo y la tierra, el mar y todo cuanto ellos contienen, y el séptimo descansó; por eso bendijo Yahvé el día de sábado y lo santificó.
12 “तू अपने बाप और अपनी माँ की इज़्ज़त करना ताकि तेरी उम्र उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझे देता है दराज़ हो।
Honra a tu padre y a tu madre, para que se prolongue tu vida sobre la tierra que Yahvé, tu Dios, te va a dar.
16 “तू अपने पड़ोसी के खिलाफ़ झूटी गवाही न देना।
No levantarás falso testimonio contra tu prójimo.
17 “तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना; तू अपने पड़ोसी की बीवी का लालच न करना, और न उसके ग़ुलाम और उसकी लौंडी और उसके बैल और उसके गधे का, और न अपने पड़ोसी की किसी और चीज़ का लालच करना।”
No codiciarás la casa de tu prójimo, tampoco codiciarás la mujer de tu prójimo, ni su siervo, ni su sierva, ni su buey, ni su asno, ni cosa alguna de las que pertenecen a tu prójimo.”
18 और सब लोगों ने बादल गरजते और बिजली चमकते और करना की आवाज़ होते और पहाड़ से धुआँ उठते देखा, और जब लोगों ने यह देखा तो काँप उठे और दूर खड़े हो गए;
Todo el pueblo percibía los truenos, los relámpagos y el sonido de la trompeta, y (veía como) el monte humeaba; y viéndolo el pueblo temblaba y permanecía a distancia.
19 और मूसा से कहने लगे, “तू ही हम से बातें किया कर और हम सुन लिया करेंगे; लेकिन ख़ुदा हम से बातें न करे, ऐसा न हो कि हम मर जाएँ।”
Y dijeron a Moisés: “Habla tú con nosotros, y escucharemos, pero no hable Dios con nosotros, no sea que muramos.”
20 मूसा ने लोगों से कहा, “तुम डरो मत, क्यूँकि ख़ुदा इसलिए आया है कि तुम्हारा इम्तिहान करे और तुम को उसका ख़ौफ़ हो ताकि तुम गुनाह न करो।”
Respondió Moisés al pueblo: “No temáis, pues para probaros ha venido Dios, y para que su temor esté ante vuestros ojos, a fin de que no pequéis.”
21 और वह लोग दूर ही खड़े रहे और मूसा उस गहरी तारीकी के नज़दीक गया जहाँ ख़ुदा था।
Así el pueblo se mantuvo a distancia; pero Moisés se acercó a la densa nube en que estaba Dios.
22 और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, तू बनी — इस्राईल से यह कहना कि 'तुम ने ख़ुद देखा कि मैंने आसमान पर से तुम्हारे साथ बातें कीं।
Y dijo Yahvé a Moisés: “Así dirás a los hijos de Israel: Vosotros habéis visto que os he hablado desde el cielo.
23 तुम मेरे साथ किसी को शरीक न करना, या'नी चाँदी या सोने के देवता अपने लिए न गढ़ लेना।
No hagáis junto a Mí dioses de plata, ni os hagáis dioses de oro,
24 और तू मिट्टी की एक क़ुर्बानगाह मेरे लिए बनाया करना, और उस पर अपनी भेंड़ बकरियों और गाय — बैल की सोख़्तनी कु़र्बानियाँ और सलामती की क़ुर्बानियाँ पेश करना और जहाँ — जहाँ मैं अपने नाम की यादगारी कराऊँगा वहाँ मैं तेरे पास आकर तुझे बरकत दूँगा।
antes bien me erigirás un altar de tierra para ofrecer sobre él tus holocaustos y tus ofrendas pacíficas, tus ovejas y tus bueyes. En todo lugar donde Yo veo que se hace memoria de mi nombre vendré a ti y te bendeciré.
25 और अगर तू मेरे लिए पत्थर की क़ुर्बानगाह बनाए तो तराशे हुए पत्थर से न बनाना, क्यूँकि अगर तू उस पर अपने औज़ार लगाए तो तू उसे नापाक कर देगा।
Y si me fabricas un altar de piedra no lo edificarás de piedras labradas; porque al levantar tu hierro contra la piedra la habrás profanado.
26 और तू मेरी क़ुर्बानगाह पर सीढ़ियों से हरगिज़ न चढ़ना ऐसा न हो कि तेरा नंगापन उस पर ज़ाहिर हो।
Tampoco subirás por gradas a mi altar, para que no se descubra allí tu desnudez.”