< ख़ुरु 12 >
1 फिर ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र में मूसा और हारून से कहा कि
εἶπεν δὲ κύριος πρὸς Μωυσῆν καὶ Ααρων ἐν γῇ Αἰγύπτου λέγων
2 “यह महीना तुम्हारे लिए महीनों का शुरू' और साल का पहला महीना हो।
ὁ μὴν οὗτος ὑμῖν ἀρχὴ μηνῶν πρῶτός ἐστιν ὑμῖν ἐν τοῖς μησὶν τοῦ ἐνιαυτοῦ
3 तब इस्राईलियों की सारी जमा'अत से यह कह दो कि इसी महीने के दसवें दिन, हर शख़्स अपने आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ घर पीछे एक बर्रा ले;
λάλησον πρὸς πᾶσαν συναγωγὴν υἱῶν Ισραηλ λέγων τῇ δεκάτῃ τοῦ μηνὸς τούτου λαβέτωσαν ἕκαστος πρόβατον κατ’ οἴκους πατριῶν ἕκαστος πρόβατον κατ’ οἰκίαν
4 और अगर किसी के घराने में बर्रे को खाने के लिए आदमी कम हों, तो वह और उसका पड़ोसी जो उसके घर के बराबर रहता हो, दोनों मिल कर नफ़री के शुमार के मुवाफ़िक़ एक बर्रा ले रख्खें, तुम हर एक आदमी के खाने की मिक़्दार के मुताबिक़ बर्रे का हिसाब लगाना।
ἐὰν δὲ ὀλιγοστοὶ ὦσιν οἱ ἐν τῇ οἰκίᾳ ὥστε μὴ ἱκανοὺς εἶναι εἰς πρόβατον συλλήμψεται μεθ’ ἑαυτοῦ τὸν γείτονα τὸν πλησίον αὐτοῦ κατὰ ἀριθμὸν ψυχῶν ἕκαστος τὸ ἀρκοῦν αὐτῷ συναριθμήσεται εἰς πρόβατον
5 तुम्हारा बर्रा बे “ऐब और यक साला नर हो, और ऐसा बच्चा या तो भेड़ों में से चुन कर लेना या बकरियों में से।
πρόβατον τέλειον ἄρσεν ἐνιαύσιον ἔσται ὑμῖν ἀπὸ τῶν ἀρνῶν καὶ τῶν ἐρίφων λήμψεσθε
6 और तुम उसे इस महीने की चौदहवीं तक रख छोड़ना, और इस्राईलियों के क़बीलों की सारी जमा'अत शाम को उसे ज़बह करे।
καὶ ἔσται ὑμῖν διατετηρημένον ἕως τῆς τεσσαρεσκαιδεκάτης τοῦ μηνὸς τούτου καὶ σφάξουσιν αὐτὸ πᾶν τὸ πλῆθος συναγωγῆς υἱῶν Ισραηλ πρὸς ἑσπέραν
7 और थोड़ा सा ख़ून लेकर जिन घरों में वह उसे खाएँ, उनके दरवाज़ों के दोनों बाजु़ओं और ऊपर की चौखट पर लगा दें।
καὶ λήμψονται ἀπὸ τοῦ αἵματος καὶ θήσουσιν ἐπὶ τῶν δύο σταθμῶν καὶ ἐπὶ τὴν φλιὰν ἐν τοῖς οἴκοις ἐν οἷς ἐὰν φάγωσιν αὐτὰ ἐν αὐτοῖς
8 और वह उसके गोश्त को उसी रात आग पर भून कर बेख़मीरी रोटी और कड़वे साग पात के साथ खा लें।
καὶ φάγονται τὰ κρέα τῇ νυκτὶ ταύτῃ ὀπτὰ πυρὶ καὶ ἄζυμα ἐπὶ πικρίδων ἔδονται
9 उसे कच्चा या पानी में उबाल कर हरगिज़ न खाना, बल्कि उसको सिर और पाये और अन्दरूनी 'आज़ा समेत आग पर भून कर खाना।
οὐκ ἔδεσθε ἀπ’ αὐτῶν ὠμὸν οὐδὲ ἡψημένον ἐν ὕδατι ἀλλ’ ἢ ὀπτὰ πυρί κεφαλὴν σὺν τοῖς ποσὶν καὶ τοῖς ἐνδοσθίοις
10 और उसमें से कुछ भी सुबह तक बाक़ी न छोड़ना और अगर कुछ उसमें से सुबह तक बाक़ी रह जाए तो उसे आग में जला देना।
οὐκ ἀπολείψετε ἀπ’ αὐτοῦ ἕως πρωὶ καὶ ὀστοῦν οὐ συντρίψετε ἀπ’ αὐτοῦ τὰ δὲ καταλειπόμενα ἀπ’ αὐτοῦ ἕως πρωὶ ἐν πυρὶ κατακαύσετε
11 और तुम उसे इस तरह खाना अपनी कमर बाँधे और अपनी जूतियाँ पाँव में पहने और अपनी लाठी हाथ में लिए हुए तुम उसे जल्दी — जल्दी खाना, क्यूँकि यह फ़सह ख़ुदावन्द की है।
οὕτως δὲ φάγεσθε αὐτό αἱ ὀσφύες ὑμῶν περιεζωσμέναι καὶ τὰ ὑποδήματα ἐν τοῖς ποσὶν ὑμῶν καὶ αἱ βακτηρίαι ἐν ταῖς χερσὶν ὑμῶν καὶ ἔδεσθε αὐτὸ μετὰ σπουδῆς πασχα ἐστὶν κυρίῳ
12 इसलिए कि मैं उस रात मुल्क — ए — मिस्र में से होकर गुज़रूँगा और इंसान और हैवान के सब पहलौठों को जो मुल्क — ए — मिस्र में हैं, मारूँगा और मिस्र के सब मा'बूदों को भी सज़ा दूँगा; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
καὶ διελεύσομαι ἐν γῇ Αἰγύπτῳ ἐν τῇ νυκτὶ ταύτῃ καὶ πατάξω πᾶν πρωτότοκον ἐν γῇ Αἰγύπτῳ ἀπὸ ἀνθρώπου ἕως κτήνους καὶ ἐν πᾶσι τοῖς θεοῖς τῶν Αἰγυπτίων ποιήσω τὴν ἐκδίκησιν ἐγὼ κύριος
13 और जिन घरों में तुम हो उन पर वह ख़ून तुम्हारी तरफ़ से निशान ठहरेगा और मैं उस ख़ून को देख कर तुम को छोड़ता जाऊँगा, और जब मैं मिस्रियों को मारूँगा तो वबा तुम्हारे पास फटकने की भी नहीं कि तुम को हलाक करे।
καὶ ἔσται τὸ αἷμα ὑμῖν ἐν σημείῳ ἐπὶ τῶν οἰκιῶν ἐν αἷς ὑμεῖς ἐστε ἐκεῖ καὶ ὄψομαι τὸ αἷμα καὶ σκεπάσω ὑμᾶς καὶ οὐκ ἔσται ἐν ὑμῖν πληγὴ τοῦ ἐκτριβῆναι ὅταν παίω ἐν γῇ Αἰγύπτῳ
14 और वह दिन तुम्हारे लिए एक यादगार होगा और तुम उसको ख़ुदावन्द की 'ईद का दिन समझ कर मानना। तुम उसे हमेशा की रस्म करके उस दिन को नसल दर नसल 'ईद का दिन मानना।
καὶ ἔσται ἡ ἡμέρα ὑμῖν αὕτη μνημόσυνον καὶ ἑορτάσετε αὐτὴν ἑορτὴν κυρίῳ εἰς πάσας τὰς γενεὰς ὑμῶν νόμιμον αἰώνιον ἑορτάσετε αὐτήν
15 'सात दिन तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना, और पहले ही दिन से ख़मीर अपने अपने घर से बाहर कर देना; इसलिए कि जो कोई पहले दिन से सातवें दिन तक ख़मीरी रोटी खाए वह शख़्स इस्राईल में से काट डाला जाएगा।
ἑπτὰ ἡμέρας ἄζυμα ἔδεσθε ἀπὸ δὲ τῆς ἡμέρας τῆς πρώτης ἀφανιεῖτε ζύμην ἐκ τῶν οἰκιῶν ὑμῶν πᾶς ὃς ἂν φάγῃ ζύμην ἐξολεθρευθήσεται ἡ ψυχὴ ἐκείνη ἐξ Ισραηλ ἀπὸ τῆς ἡμέρας τῆς πρώτης ἕως τῆς ἡμέρας τῆς ἑβδόμης
16 और पहले दिन तुम्हारा मुक़द्दस मजमा' हो, और सातवें दिन भी मुक़द्दस मजमा' हो; उन दोनों दिनों में कोई काम न किया जाए सिवा उस खाने के जिसे हर एक आदमी खाए, सिर्फ़ यही किया जाए।
καὶ ἡ ἡμέρα ἡ πρώτη κληθήσεται ἁγία καὶ ἡ ἡμέρα ἡ ἑβδόμη κλητὴ ἁγία ἔσται ὑμῖν πᾶν ἔργον λατρευτὸν οὐ ποιήσετε ἐν αὐταῖς πλὴν ὅσα ποιηθήσεται πάσῃ ψυχῇ τοῦτο μόνον ποιηθήσεται ὑμῖν
17 और तुम बेख़मीरी रोटी की यह 'ईद मनाना, क्यूँकि मैं उसी दिन तुम्हारे लश्कर को मुल्क — ए — मिस्र से निकालूँगा; इस लिए तुम उस दिन को हमेशा की रस्म करके नसल दर नसल मानना।
καὶ φυλάξεσθε τὴν ἐντολὴν ταύτην ἐν γὰρ τῇ ἡμέρᾳ ταύτῃ ἐξάξω τὴν δύναμιν ὑμῶν ἐκ γῆς Αἰγύπτου καὶ ποιήσετε τὴν ἡμέραν ταύτην εἰς γενεὰς ὑμῶν νόμιμον αἰώνιον
18 पहले महीने की चौदहवीं तारीख़ की शाम से इक्कीसवीं तारीख़ की शाम तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना।
ἐναρχομένου τῇ τεσσαρεσκαιδεκάτῃ ἡμέρᾳ τοῦ μηνὸς τοῦ πρώτου ἀφ’ ἑσπέρας ἔδεσθε ἄζυμα ἕως ἡμέρας μιᾶς καὶ εἰκάδος τοῦ μηνὸς ἕως ἑσπέρας
19 सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी ख़मीर न हो, क्यूँकि जो कोई किसी ख़मीरी चीज़ को खाए, वह चाहे मुसाफ़िर हो चाहे उसकी पैदाइश उसी मुल्क की हो, इस्राईल की जमा'अत से काट डाला जाएगा।
ἑπτὰ ἡμέρας ζύμη οὐχ εὑρεθήσεται ἐν ταῖς οἰκίαις ὑμῶν πᾶς ὃς ἂν φάγῃ ζυμωτόν ἐξολεθρευθήσεται ἡ ψυχὴ ἐκείνη ἐκ συναγωγῆς Ισραηλ ἔν τε τοῖς γειώραις καὶ αὐτόχθοσιν τῆς γῆς
20 तुम कोई ख़मीरी चीज़ न खाना बल्कि अपनी सब बस्तियों में बेख़मीरी रोटी खाना।”
πᾶν ζυμωτὸν οὐκ ἔδεσθε ἐν παντὶ δὲ κατοικητηρίῳ ὑμῶν ἔδεσθε ἄζυμα
21 तब मूसा ने इस्राईल के सब बुज़ुर्गों को बुलवाकर उनको कहा, कि अपने — अपने ख़ान्दान के मुताबिक़ एक — एक बर्रा निकाल रख्खो, और यह फ़सह का बर्रा ज़बह करना।
ἐκάλεσεν δὲ Μωυσῆς πᾶσαν γερουσίαν υἱῶν Ισραηλ καὶ εἶπεν πρὸς αὐτούς ἀπελθόντες λάβετε ὑμῖν ἑαυτοῖς πρόβατον κατὰ συγγενείας ὑμῶν καὶ θύσατε τὸ πασχα
22 और तुम ज़ूफ़े का एक गुच्छा लेकर उस ख़ून में जो तसले में होगा डुबोना और उसी तसले के ख़ून में से कुछ ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाजु़ओं पर लगा देना; और तुम में से कोई सुबह तक अपने घर के दरवाज़े से बाहर न जाए।
λήμψεσθε δὲ δέσμην ὑσσώπου καὶ βάψαντες ἀπὸ τοῦ αἵματος τοῦ παρὰ τὴν θύραν καθίξετε τῆς φλιᾶς καὶ ἐπ’ ἀμφοτέρων τῶν σταθμῶν ἀπὸ τοῦ αἵματος ὅ ἐστιν παρὰ τὴν θύραν ὑμεῖς δὲ οὐκ ἐξελεύσεσθε ἕκαστος τὴν θύραν τοῦ οἴκου αὐτοῦ ἕως πρωί
23 क्यूँकि ख़ुदावन्द मिस्रियों को मारता हुआ गुज़रेगा, और जब ख़ुदावन्द ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाज़ुओं पर ख़ून देखेगा तो वह उस दरवाज़े को छोड़ जाएगा; और हलाक करने वाले को तुम को मारने के लिए घर के अन्दर आने न देगा।
καὶ παρελεύσεται κύριος πατάξαι τοὺς Αἰγυπτίους καὶ ὄψεται τὸ αἷμα ἐπὶ τῆς φλιᾶς καὶ ἐπ’ ἀμφοτέρων τῶν σταθμῶν καὶ παρελεύσεται κύριος τὴν θύραν καὶ οὐκ ἀφήσει τὸν ὀλεθρεύοντα εἰσελθεῖν εἰς τὰς οἰκίας ὑμῶν πατάξαι
24 और तुम इस बात को अपने और अपनी औलाद के लिए हमेशा की रिवायत करके मानना।
καὶ φυλάξεσθε τὸ ῥῆμα τοῦτο νόμιμον σεαυτῷ καὶ τοῖς υἱοῖς σου ἕως αἰῶνος
25 और जब तुम उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तुम को अपने वा'दे के मुवाफ़िक़ देगा दाख़िल हो जाओ, तो इस इबादत को बराबर जारी रखना।
ἐὰν δὲ εἰσέλθητε εἰς τὴν γῆν ἣν ἂν δῷ κύριος ὑμῖν καθότι ἐλάλησεν φυλάξεσθε τὴν λατρείαν ταύτην
26 और जब तुम्हारी औलाद तुम से पूछे, कि इस इबादत से तुम्हारा मक़सद क्या है?
καὶ ἔσται ἐὰν λέγωσιν πρὸς ὑμᾶς οἱ υἱοὶ ὑμῶν τίς ἡ λατρεία αὕτη
27 तो तुम यह कहना, कि 'यह ख़ुदावन्द की फ़सह की क़ुर्बानी है, जो मिस्र में मिस्रियों को मारते वक़्त बनी — इस्राईल के घरों को छोड़ गया और यूँ हमारे घरों को बचा लिया'। तब लोगों ने सिर झुका कर सिज्दा किया।
καὶ ἐρεῖτε αὐτοῖς θυσία τὸ πασχα τοῦτο κυρίῳ ὡς ἐσκέπασεν τοὺς οἴκους τῶν υἱῶν Ισραηλ ἐν Αἰγύπτῳ ἡνίκα ἐπάταξεν τοὺς Αἰγυπτίους τοὺς δὲ οἴκους ἡμῶν ἐρρύσατο καὶ κύψας ὁ λαὸς προσεκύνησεν
28 और बनी — इस्राईल ने जाकर, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया था वैसा ही किया।
καὶ ἀπελθόντες ἐποίησαν οἱ υἱοὶ Ισραηλ καθὰ ἐνετείλατο κύριος τῷ Μωυσῇ καὶ Ααρων οὕτως ἐποίησαν
29 और आधी रात को ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र के सब पहलौठों को फ़िर'औन जो अपने तख़्त पर बैठा था उसके पहलौठे से लेकर वह कै़दी जो कै़दखानें में था उसके पहलौठे तक, बल्कि चौपायों के पहलौठों को भी हलाक कर दिया।
ἐγενήθη δὲ μεσούσης τῆς νυκτὸς καὶ κύριος ἐπάταξεν πᾶν πρωτότοκον ἐν γῇ Αἰγύπτῳ ἀπὸ πρωτοτόκου Φαραω τοῦ καθημένου ἐπὶ τοῦ θρόνου ἕως πρωτοτόκου τῆς αἰχμαλωτίδος τῆς ἐν τῷ λάκκῳ καὶ ἕως πρωτοτόκου παντὸς κτήνους
30 और फ़िर'औन और उसके सब नौकर और सब मिस्री रात ही को उठ बैठे और मिस्र में बड़ा कोहराम मचा, क्यूँकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई न मरा हो।
καὶ ἀναστὰς Φαραω νυκτὸς καὶ πάντες οἱ θεράποντες αὐτοῦ καὶ πάντες οἱ Αἰγύπτιοι καὶ ἐγενήθη κραυγὴ μεγάλη ἐν πάσῃ γῇ Αἰγύπτῳ οὐ γὰρ ἦν οἰκία ἐν ᾗ οὐκ ἦν ἐν αὐτῇ τεθνηκώς
31 तब उसने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवा कर कहा, कि “तुम बनी — इस्राईल को लेकर मेरी क़ौम के लोगों में से निकल जाओ और जैसा कहते हो जाकर ख़ुदावन्द की इबादत करो।
καὶ ἐκάλεσεν Φαραω Μωυσῆν καὶ Ααρων νυκτὸς καὶ εἶπεν αὐτοῖς ἀνάστητε καὶ ἐξέλθατε ἐκ τοῦ λαοῦ μου καὶ ὑμεῖς καὶ οἱ υἱοὶ Ισραηλ βαδίζετε καὶ λατρεύσατε κυρίῳ τῷ θεῷ ὑμῶν καθὰ λέγετε
32 और अपने कहने के मुताबिक़ अपनी भेड़ बकरियाँ और गाय बैल भी लेते जाओ और मेरे लिए भी दुआ' करना।”
καὶ τὰ πρόβατα καὶ τοὺς βόας ὑμῶν ἀναλαβόντες πορεύεσθε εὐλογήσατε δὲ κἀμέ
33 और मिस्री उन लोगों से बजिद्द होने लगे, ताकि उनको मुल्क — ए — मिस्र से जल्द बाहर चलता करें, क्यूँकि वह समझे कि हम सब मर जाएँगे।
καὶ κατεβιάζοντο οἱ Αἰγύπτιοι τὸν λαὸν σπουδῇ ἐκβαλεῖν αὐτοὺς ἐκ τῆς γῆς εἶπαν γὰρ ὅτι πάντες ἡμεῖς ἀποθνῄσκομεν
34 तब इन लोगों ने अपने गुन्धे गुन्धाए आटे को बग़ैर ख़मीर दिए लगनों समेत कपड़ों में बाँध कर अपने कंधों पर धर लिया।
ἀνέλαβεν δὲ ὁ λαὸς τὸ σταῖς πρὸ τοῦ ζυμωθῆναι τὰ φυράματα αὐτῶν ἐνδεδεμένα ἐν τοῖς ἱματίοις αὐτῶν ἐπὶ τῶν ὤμων
35 और बनी — इस्राईल ने मूसा के कहने के मुवाफ़िक यह भी किया, कि मिस्रियों से सोने चाँदी के ज़ेवर और कपड़े माँग लिए।
οἱ δὲ υἱοὶ Ισραηλ ἐποίησαν καθὰ συνέταξεν αὐτοῖς Μωυσῆς καὶ ᾔτησαν παρὰ τῶν Αἰγυπτίων σκεύη ἀργυρᾶ καὶ χρυσᾶ καὶ ἱματισμόν
36 और ख़ुदावन्द ने उन लोगों को मिस्रियों की निगाह में ऐसी 'इज़्ज़त बख़्शी कि जो कुछ उन्होंने माँगा उन्होंने दे दिया। तब उन्होंने मिस्रियों को लूट लिया।
καὶ κύριος ἔδωκεν τὴν χάριν τῷ λαῷ αὐτοῦ ἐναντίον τῶν Αἰγυπτίων καὶ ἔχρησαν αὐτοῖς καὶ ἐσκύλευσαν τοὺς Αἰγυπτίους
37 और बनी — इस्राईल ने रा'मसीस से सुक्कात तक पैदल सफ़र किया और बाल बच्चों को छोड़ कर वह कोई छः लाख मर्द थे।
ἀπάραντες δὲ οἱ υἱοὶ Ισραηλ ἐκ Ραμεσση εἰς Σοκχωθα εἰς ἑξακοσίας χιλιάδας πεζῶν οἱ ἄνδρες πλὴν τῆς ἀποσκευῆς
38 और उनके साथ एक मिली — जुली गिरोह भी गई और भेड़ — बकरियाँ और गाय — बैल और बहुत चौपाये उनके साथ थे।
καὶ ἐπίμικτος πολὺς συνανέβη αὐτοῖς καὶ πρόβατα καὶ βόες καὶ κτήνη πολλὰ σφόδρα
39 और उन्होंने उस गुन्धे हुए आटे की जिसे वह मिस्र से लाए थे बेख़मीरी रोटियाँ पकाई, क्यूँकि वह उसमें ख़मीर देने न पाए थे इसलिए कि वह मिस्र से ऐसे जबरन निकाल दिए गए कि वहाँ ठहर न सके और न कुछ खाना अपने लिए तैयार करने पाए।
καὶ ἔπεψαν τὸ σταῖς ὃ ἐξήνεγκαν ἐξ Αἰγύπτου ἐγκρυφίας ἀζύμους οὐ γὰρ ἐζυμώθη ἐξέβαλον γὰρ αὐτοὺς οἱ Αἰγύπτιοι καὶ οὐκ ἠδυνήθησαν ἐπιμεῖναι οὐδὲ ἐπισιτισμὸν ἐποίησαν ἑαυτοῖς εἰς τὴν ὁδόν
40 और बनी — इस्राईल को मिस्र में रहते हुए चार सौ तीस बरस हुए थे।
ἡ δὲ κατοίκησις τῶν υἱῶν Ισραηλ ἣν κατῴκησαν ἐν γῇ Αἰγύπτῳ καὶ ἐν γῇ Χανααν ἔτη τετρακόσια τριάκοντα
41 और उन चार सौ तीस बरसों के गुज़र जाने पर ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द का सारा लश्कर मुल्क — ए — मिस्र से निकल गया।
καὶ ἐγένετο μετὰ τὰ τετρακόσια τριάκοντα ἔτη ἐξῆλθεν πᾶσα ἡ δύναμις κυρίου ἐκ γῆς Αἰγύπτου
42 ये वह रात है जिसे ख़ुदावन्द की ख़ातिर मानना बहुत मुनासिब है क्यूँकि इसमें वह उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, ख़ुदावन्द की यह वही रात है जिसे ज़रूरी है कि सब बनी इस्राईल नसल — दर — नसल ख़ूब मानें।
νυκτὸς προφυλακή ἐστιν τῷ κυρίῳ ὥστε ἐξαγαγεῖν αὐτοὺς ἐκ γῆς Αἰγύπτου ἐκείνη ἡ νὺξ αὕτη προφυλακὴ κυρίῳ ὥστε πᾶσι τοῖς υἱοῖς Ισραηλ εἶναι εἰς γενεὰς αὐτῶν
43 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा, कि 'फ़सह की रिवायत यह है, कि कोई बेगाना उसे खाने न पाए।
εἶπεν δὲ κύριος πρὸς Μωυσῆν καὶ Ααρων λέγων οὗτος ὁ νόμος τοῦ πασχα πᾶς ἀλλογενὴς οὐκ ἔδεται ἀπ’ αὐτοῦ
44 लेकिन अगर कोई शख़्स किसी का ख़रीदा हुआ ग़ुलाम हो, और तूने उसका ख़तना कर दिया हो तो वह उसे खाए।
καὶ πᾶν οἰκέτην τινὸς ἢ ἀργυρώνητον περιτεμεῖς αὐτόν καὶ τότε φάγεται ἀπ’ αὐτοῦ
45 पर अजनबी और मज़दूर उसे खाने न पाए।
πάροικος ἢ μισθωτὸς οὐκ ἔδεται ἀπ’ αὐτοῦ
46 और उसे एक ही घर में खाएँ या'नी उसका ज़रा भी गोश्त तू घर से बाहर न ले जाना और न तुम उसकी कोई हड्डी तोड़ना।
ἐν οἰκίᾳ μιᾷ βρωθήσεται καὶ οὐκ ἐξοίσετε ἐκ τῆς οἰκίας τῶν κρεῶν ἔξω καὶ ὀστοῦν οὐ συντρίψετε ἀπ’ αὐτοῦ
47 इस्राईल की सारी जमा'अत इस पर 'अमल करे।
πᾶσα συναγωγὴ υἱῶν Ισραηλ ποιήσει αὐτό
48 और अगर कोई अजनबी तेरे साथ मुक़ीम हो और ख़ुदावन्द की फ़सह को मानना चाहता हो उसके यहाँ के सब मर्द अपना ख़तना कराएँ, तब वह पास आकर फ़सह करे; यूँ वह ऐसा समझा जाएगा जैसे उसी मुल्क की उसकी पैदाइश है लेकिन कोई नामख़्तून आदमी उसे खाने न पाए।
ἐὰν δέ τις προσέλθῃ πρὸς ὑμᾶς προσήλυτος ποιῆσαι τὸ πασχα κυρίῳ περιτεμεῖς αὐτοῦ πᾶν ἀρσενικόν καὶ τότε προσελεύσεται ποιῆσαι αὐτὸ καὶ ἔσται ὥσπερ καὶ ὁ αὐτόχθων τῆς γῆς πᾶς ἀπερίτμητος οὐκ ἔδεται ἀπ’ αὐτοῦ
49 वतनी और उस अजनबी के लिए जो तुम्हारे बीच मुक़ीम हो एक ही शरी'अत होगी।
νόμος εἷς ἔσται τῷ ἐγχωρίῳ καὶ τῷ προσελθόντι προσηλύτῳ ἐν ὑμῖν
50 तब सब बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया वैसा ही किया।
καὶ ἐποίησαν οἱ υἱοὶ Ισραηλ καθὰ ἐνετείλατο κύριος τῷ Μωυσῇ καὶ Ααρων πρὸς αὐτούς οὕτως ἐποίησαν
51 और ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द बनी — इस्राईल के सब लश्करों को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल ले गया।
καὶ ἐγένετο ἐν τῇ ἡμέρᾳ ἐκείνῃ ἐξήγαγεν κύριος τοὺς υἱοὺς Ισραηλ ἐκ γῆς Αἰγύπτου σὺν δυνάμει αὐτῶν