< ख़ुरु 12 >
1 फिर ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र में मूसा और हारून से कहा कि
১মিশর দেশে সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে বললেন,
2 “यह महीना तुम्हारे लिए महीनों का शुरू' और साल का पहला महीना हो।
২তোমাদের জন্য এই মাস হবে মাসগুলির শুরু; আর মাসটি বছরের সব মাসের মধ্যে প্রথম হবে।
3 तब इस्राईलियों की सारी जमा'अत से यह कह दो कि इसी महीने के दसवें दिन, हर शख़्स अपने आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ घर पीछे एक बर्रा ले;
৩সমস্ত ইস্রায়েল মণ্ডলীকে এই কথা বল, তোমরা এই মাসের দশম দিনের তোমাদের বাবার বংশ অনুসারে প্রত্যেক পরিবার এক এক বাড়ির জন্য এক একটি ভেড়ার বাচ্চা নেবে।
4 और अगर किसी के घराने में बर्रे को खाने के लिए आदमी कम हों, तो वह और उसका पड़ोसी जो उसके घर के बराबर रहता हो, दोनों मिल कर नफ़री के शुमार के मुवाफ़िक़ एक बर्रा ले रख्खें, तुम हर एक आदमी के खाने की मिक़्दार के मुताबिक़ बर्रे का हिसाब लगाना।
৪আর ভেড়ার বাচ্চা খাওয়ার জন্য যদি কারও পরিজন কম হয়, তবে সে ও তার পাশের বাড়ির প্রতিবেশীর লোকসংখ্যা অনুসারে একটি ভেড়ার বাচ্চা নেবে। তোমরা এক এক জনের খাওয়ার ক্ষমতা অনুসারে ভেড়ার বাচ্চা নেবে।
5 तुम्हारा बर्रा बे “ऐब और यक साला नर हो, और ऐसा बच्चा या तो भेड़ों में से चुन कर लेना या बकरियों में से।
৫তোমাদের সেই ভেড়ার বাচ্চাটি নির্দোষ ও এক বছরের পুরুষ বাচ্চা শাবক হবে; তোমরা ভেড়ার পালের কিংবা ছাগপালের মধ্যে থেকে তা নেবে;
6 और तुम उसे इस महीने की चौदहवीं तक रख छोड़ना, और इस्राईलियों के क़बीलों की सारी जमा'अत शाम को उसे ज़बह करे।
৬আর এই মাসের চৌদ্দ দিন পর্যন্ত রাখবে; পরে ইস্রায়েলের সমস্ত সমাজ সন্ধ্যাবেলায় সেই ভেড়ার বাচ্চাটি হত্যা করবে।
7 और थोड़ा सा ख़ून लेकर जिन घरों में वह उसे खाएँ, उनके दरवाज़ों के दोनों बाजु़ओं और ऊपर की चौखट पर लगा दें।
৭আর তারা তার কিছুটা রক্ত নেবে এবং যে যে বাড়ির মধ্যে ভেড়ার বাচ্চা খাবে, সেই বাড়ির দরজার চৌকাঠে ও মাথার ওপর তা লাগিয়ে দেবে।
8 और वह उसके गोश्त को उसी रात आग पर भून कर बेख़मीरी रोटी और कड़वे साग पात के साथ खा लें।
৮পরে সেই রাতে তার মাংস খাবে; আগুনে পুড়িয়ে খামির বিহীন রুটি ও তেতো শাকের সঙ্গে তা খাবে।
9 उसे कच्चा या पानी में उबाल कर हरगिज़ न खाना, बल्कि उसको सिर और पाये और अन्दरूनी 'आज़ा समेत आग पर भून कर खाना।
৯তোমরা তার মাংস কাঁচা কিংবা জলে সেদ্ধ করে খেও না, কিন্তু তার মাথা, পা ও ভিতরের অংশ আগুনে পুড়িও।
10 और उसमें से कुछ भी सुबह तक बाक़ी न छोड़ना और अगर कुछ उसमें से सुबह तक बाक़ी रह जाए तो उसे आग में जला देना।
১০আর সকাল পর্যন্ত তার কিছুই রেখো না; কিন্তু সকাল পর্যন্ত যা বাকি থাকে, তা আগুনে পুড়িয়ে ফেলো।
11 और तुम उसे इस तरह खाना अपनी कमर बाँधे और अपनी जूतियाँ पाँव में पहने और अपनी लाठी हाथ में लिए हुए तुम उसे जल्दी — जल्दी खाना, क्यूँकि यह फ़सह ख़ुदावन्द की है।
১১আর তোমরা এই ভাবে তা খাবে; কোমর বাঁধবে, পায়ে জুতো পড়বে, হাতে লাঠি নেবে ও তাড়াতাড়ি খেয়ে নেবে; এটা সদাপ্রভুর নিস্তারপর্ব।
12 इसलिए कि मैं उस रात मुल्क — ए — मिस्र में से होकर गुज़रूँगा और इंसान और हैवान के सब पहलौठों को जो मुल्क — ए — मिस्र में हैं, मारूँगा और मिस्र के सब मा'बूदों को भी सज़ा दूँगा; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
১২কারণ সেই রাতে আমি মিশর দেশের মধ্য দিয়ে যাব এবং মিশর দেশের মানুষের ও পশুর যাবতীয় প্রথমজাতকে আঘাত করব এবং মিশরের সমস্ত দেবতাদের উপরে শাস্তি নিয়ে আসব; আমিই সদাপ্রভু।
13 और जिन घरों में तुम हो उन पर वह ख़ून तुम्हारी तरफ़ से निशान ठहरेगा और मैं उस ख़ून को देख कर तुम को छोड़ता जाऊँगा, और जब मैं मिस्रियों को मारूँगा तो वबा तुम्हारे पास फटकने की भी नहीं कि तुम को हलाक करे।
১৩সুতরাং তোমরা যে যে বাড়িতে থাক, তোমাদের পক্ষে ঐ রক্ত চিহ্ন হিসাবে সেই সেই বাড়ির উপরে থাকবে; তাতে আমি যখন মিশর দেশকে আঘাত করব, তখন সেই রক্ত দেখলে তোমাদেরকে ছেড়ে এগিয়ে যাব, মহামারীর আঘাত তোমাদের উপরে পড়বে না।
14 और वह दिन तुम्हारे लिए एक यादगार होगा और तुम उसको ख़ुदावन्द की 'ईद का दिन समझ कर मानना। तुम उसे हमेशा की रस्म करके उस दिन को नसल दर नसल 'ईद का दिन मानना।
১৪আর এই দিন তোমাদের স্মরণীয় হবে এবং তোমরা এই দিন কে সদাপ্রভুর উৎসব বলে পালন করবে; বংশপরম্পরার চিরকালীন নিয়ম অনুসারে এই উৎসব পালন করবে।
15 'सात दिन तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना, और पहले ही दिन से ख़मीर अपने अपने घर से बाहर कर देना; इसलिए कि जो कोई पहले दिन से सातवें दिन तक ख़मीरी रोटी खाए वह शख़्स इस्राईल में से काट डाला जाएगा।
১৫তোমরা সাত দিন খামির বিহীন রুটি খাবে; প্রথম দিনের ই নিজের নিজের বাড়ি থেকে খামির দূর করবে, কারণ যে কেউ প্রথম দিন থেকে সপ্তম দিন পর্যন্ত খামিরযুক্ত খাবার খাবে, সেই প্রাণী ইস্রায়েল থেকে বিচ্ছিন্ন হবে।
16 और पहले दिन तुम्हारा मुक़द्दस मजमा' हो, और सातवें दिन भी मुक़द्दस मजमा' हो; उन दोनों दिनों में कोई काम न किया जाए सिवा उस खाने के जिसे हर एक आदमी खाए, सिर्फ़ यही किया जाए।
১৬আর প্রথম দিনের তোমাদের পবিত্র সভা হবে এবং সপ্তম দিনের ও তোমাদের পবিত্র সভা হবে; সেই দুই দিন প্রত্যেক প্রাণীর খাদ্য তৈরী ছাড়া অন্য কোন কাজ করবে না, শুধুমাত্র সেই কাজ করতে পারবে।
17 और तुम बेख़मीरी रोटी की यह 'ईद मनाना, क्यूँकि मैं उसी दिन तुम्हारे लश्कर को मुल्क — ए — मिस्र से निकालूँगा; इस लिए तुम उस दिन को हमेशा की रस्म करके नसल दर नसल मानना।
১৭এই ভাবে তোমরা খামির বিহীন রুটির পর্ব পালন করবে, কারণ এই দিনের আমি তোমাদের বাহিনীদেরকে মিশর দেশ থেকে বের করে আনলাম; তাই তোমরা বংশপরম্পরার চিরস্থায়ী বিধি অনুসারে এই দিন পালন করবে।
18 पहले महीने की चौदहवीं तारीख़ की शाम से इक्कीसवीं तारीख़ की शाम तक तुम बेख़मीरी रोटी खाना।
১৮তোমরা প্রথম মাসের চৌদ্দতম দিনের র সন্ধ্যাবেলা থেকে একুশতম দিনের র সন্ধ্যাবেলা পর্যন্ত খামির বিহীন রুটি খেও।
19 सात दिन तक तुम्हारे घरों में कुछ भी ख़मीर न हो, क्यूँकि जो कोई किसी ख़मीरी चीज़ को खाए, वह चाहे मुसाफ़िर हो चाहे उसकी पैदाइश उसी मुल्क की हो, इस्राईल की जमा'अत से काट डाला जाएगा।
১৯সাত দিন তোমাদের বাড়িতে যেন খামির না থাকে; কারণ কি প্রবাসী কি দেশের, যে কোন প্রাণী খামির মেশানো দ্রব্য খাবে, সে ইস্রায়েল মণ্ডলী থেকে বিচ্ছিন্ন হবে।
20 तुम कोई ख़मीरी चीज़ न खाना बल्कि अपनी सब बस्तियों में बेख़मीरी रोटी खाना।”
২০তোমরা খামিরযুক্ত কোনো জিনিস খেও না; তোমরা তোমাদের সমস্ত বাসস্থানে খামির বিহীন রুটি খেও।
21 तब मूसा ने इस्राईल के सब बुज़ुर्गों को बुलवाकर उनको कहा, कि अपने — अपने ख़ान्दान के मुताबिक़ एक — एक बर्रा निकाल रख्खो, और यह फ़सह का बर्रा ज़बह करना।
২১তখন মোশি ইস্রায়েলের সমস্ত প্রাচীনদেরকে ডেকে বললেন, তোমরা নিজেদের গোষ্ঠী অনুসারে এক একটি ভেড়ার বাচ্চা বের করে নাও, নিস্তারপর্ব্বের বলি হত্যা কর।
22 और तुम ज़ूफ़े का एक गुच्छा लेकर उस ख़ून में जो तसले में होगा डुबोना और उसी तसले के ख़ून में से कुछ ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाजु़ओं पर लगा देना; और तुम में से कोई सुबह तक अपने घर के दरवाज़े से बाहर न जाए।
২২আর এক গুচ্ছ এসোব নিয়ে গামলায় থাকা রক্তে ডুবিয়ে দরজার মাথায় ও দুই চৌকাঠে গামলায় থাকা রক্তের কিছুটা লাগিয়ে দেবে এবং সকাল পর্যন্ত তোমরা কেউই বাড়ির দরজার বাইরে যাবে না।
23 क्यूँकि ख़ुदावन्द मिस्रियों को मारता हुआ गुज़रेगा, और जब ख़ुदावन्द ऊपर की चौखट और दरवाज़े के दोनों बाज़ुओं पर ख़ून देखेगा तो वह उस दरवाज़े को छोड़ जाएगा; और हलाक करने वाले को तुम को मारने के लिए घर के अन्दर आने न देगा।
২৩কারণ সদাপ্রভু মিশরীয়দেরকে আঘাত করার জন্য তোমাদের কাছ দিয়ে যাবেন, তাতে দরজার মাথায় ও দুই চৌকাঠে সেই রক্ত দেখলে সদাপ্রভু সেই দরজা ছেড়ে আগে যাবেন, তোমাদের বাড়িতে বিনাশকারীকে প্রবেশ করে আঘাত করতে দেবেন না।
24 और तुम इस बात को अपने और अपनी औलाद के लिए हमेशा की रिवायत करके मानना।
২৪আর তোমরা ও যুগ যুগ ধরে তোমাদের সন্তানেরা নিয়ম হিসাবে এই রীতি পালন করবে।
25 और जब तुम उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तुम को अपने वा'दे के मुवाफ़िक़ देगा दाख़िल हो जाओ, तो इस इबादत को बराबर जारी रखना।
২৫আর সদাপ্রভু তাঁর প্রতিজ্ঞা অনুসারে তোমাদেরকে যে দেশ দেবেন, সেই দেশে যখন প্রবেশ করবে, তখনও এই আরাধনার আয়োজন করবে।
26 और जब तुम्हारी औलाद तुम से पूछे, कि इस इबादत से तुम्हारा मक़सद क्या है?
২৬আর তোমাদের সন্তানরা যখন তোমাদেরকে বলবে, তোমাদের এই আরাধনার অর্থ কি?
27 तो तुम यह कहना, कि 'यह ख़ुदावन्द की फ़सह की क़ुर्बानी है, जो मिस्र में मिस्रियों को मारते वक़्त बनी — इस्राईल के घरों को छोड़ गया और यूँ हमारे घरों को बचा लिया'। तब लोगों ने सिर झुका कर सिज्दा किया।
২৭তোমরা বলবে, এটা সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে নিস্তারপর্ব্বের যজ্ঞ, কারণ মিশরীয়দেরকে আঘাত করার দিনের তিনি মিশরে ইস্রায়েল সন্তানদের সমস্ত বাড়ি ছেড়ে এগিয়ে গিয়েছিলেন, আমাদের বাড়ি রক্ষা করেছিলেন। তখন লোকেরা মাথা নিচু করে আরাধনা করল।
28 और बनी — इस्राईल ने जाकर, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया था वैसा ही किया।
২৮পরে ইস্রায়েল সন্তানেরা গিয়ে, সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে যেরকম আদেশ দিয়েছিলেন, সেই রকম করল।
29 और आधी रात को ख़ुदावन्द ने मुल्क — ए — मिस्र के सब पहलौठों को फ़िर'औन जो अपने तख़्त पर बैठा था उसके पहलौठे से लेकर वह कै़दी जो कै़दखानें में था उसके पहलौठे तक, बल्कि चौपायों के पहलौठों को भी हलाक कर दिया।
২৯পরে মাঝরাতে এই ঘটনা ঘটল, সদাপ্রভু সিংহাসনে বসা ফরৌণের প্রথমজাত সন্তান থেকে কারাগারে থাকা বন্দির প্রথমজাত সন্তান পর্যন্ত মিশর দেশের সমস্ত প্রথমজাত সন্তানকে ও পশুদের প্রথমজাত শাবকদেরকে আঘাত করলেন।
30 और फ़िर'औन और उसके सब नौकर और सब मिस्री रात ही को उठ बैठे और मिस्र में बड़ा कोहराम मचा, क्यूँकि एक भी ऐसा घर न था जिसमें कोई न मरा हो।
৩০তাতে ফরৌণ ও তাঁর দাসেরা এবং সমস্ত মিশরীয় লোক রাতে উঠল এবং মিশরে মহাকোলাহল হল; কারণ যে ঘরে কেউ মরে নি, এমন ঘরই ছিল না।
31 तब उसने रात ही रात में मूसा और हारून को बुलवा कर कहा, कि “तुम बनी — इस्राईल को लेकर मेरी क़ौम के लोगों में से निकल जाओ और जैसा कहते हो जाकर ख़ुदावन्द की इबादत करो।
৩১তখন রাতের বেলায় ফরৌণ মোশি ও হারোণকে ডেকে বললেন, “তোমরা ওঠ, ইস্রায়েল সন্তানদের নিয়ে আমার প্রজাদের মধ্যে থেকে বের হও, তোমরা যাও, তোমাদের কথা অনুসারে গিয়ে সদাপ্রভুর সেবা কর।
32 और अपने कहने के मुताबिक़ अपनी भेड़ बकरियाँ और गाय बैल भी लेते जाओ और मेरे लिए भी दुआ' करना।”
৩২তোমাদের কথা অনুসারে ভেড়ার পাল ও গরুর পাল সব সঙ্গে নিয়ে চলে যাও এবং আমাকেও আশীর্বাদ কর।”
33 और मिस्री उन लोगों से बजिद्द होने लगे, ताकि उनको मुल्क — ए — मिस्र से जल्द बाहर चलता करें, क्यूँकि वह समझे कि हम सब मर जाएँगे।
৩৩তখন লোকদেরকে তাড়াতাড়ি দেশ থেকে বিদায় করার জন্য মিশরীয়েরা ব্যাকুল হয়ে পড়ল; কারণ তারা বলল, “আমরা সকলে মারা পড়লাম।”
34 तब इन लोगों ने अपने गुन्धे गुन्धाए आटे को बग़ैर ख़मीर दिए लगनों समेत कपड़ों में बाँध कर अपने कंधों पर धर लिया।
৩৪তাতে ময়দার তালে খামির মেশাবার আগে লোকেরা তা নিয়ে পেষাই করার পাত্র নিজেদের বস্ত্রে বেঁধে কাঁধে নিল।
35 और बनी — इस्राईल ने मूसा के कहने के मुवाफ़िक यह भी किया, कि मिस्रियों से सोने चाँदी के ज़ेवर और कपड़े माँग लिए।
৩৫আর ইস্রায়েল সন্তানেরা মোশির বাক্য অনুসারে কাজ করল; ফলে তারা মিশরীয়দের কাছে রূপা, সোনার গয়না ও পোশাক চাইল;
36 और ख़ुदावन्द ने उन लोगों को मिस्रियों की निगाह में ऐसी 'इज़्ज़त बख़्शी कि जो कुछ उन्होंने माँगा उन्होंने दे दिया। तब उन्होंने मिस्रियों को लूट लिया।
৩৬আর সদাপ্রভু মিশরীয়দের চোখে তাদেরকে অনুগ্রহপাত্র করলেন, তাই তারা যা চাইল, মিশরীয়েরা তাদেরকে তাই দিল। এই ভাবে তারা মিশরীয়দের ধনসম্পদ লুট করল।
37 और बनी — इस्राईल ने रा'मसीस से सुक्कात तक पैदल सफ़र किया और बाल बच्चों को छोड़ कर वह कोई छः लाख मर्द थे।
৩৭তখন ইস্রায়েল সন্তানেরা বালক ছাড়া কমবেশি পায়ে হাঁটা ছয় লক্ষ পুরুষ রামিষেষ থেকে সুক্কোতে যাত্রা করল।
38 और उनके साथ एक मिली — जुली गिरोह भी गई और भेड़ — बकरियाँ और गाय — बैल और बहुत चौपाये उनके साथ थे।
৩৮আর তাঁদের সঙ্গে মিশে থাকা সমস্ত লোকেরা এবং ভেড়া ও গরু, প্রচুর সংখ্যক পশু চলে গেল।
39 और उन्होंने उस गुन्धे हुए आटे की जिसे वह मिस्र से लाए थे बेख़मीरी रोटियाँ पकाई, क्यूँकि वह उसमें ख़मीर देने न पाए थे इसलिए कि वह मिस्र से ऐसे जबरन निकाल दिए गए कि वहाँ ठहर न सके और न कुछ खाना अपने लिए तैयार करने पाए।
৩৯পরে তারা মিশর থেকে আনা ময়দার তাল দিয়ে খামির বিহীন রুটি তৈরী করল, তাতে খামির মেশান হয়নি, কারণ তারা মিশর থেকে বেরিয়ে এসেছিল, সুতরাং দেরী করতে না চাওয়াতে নিজেদের জন্য খাদ্য দ্রব্য তৈরী করে নি।
40 और बनी — इस्राईल को मिस्र में रहते हुए चार सौ तीस बरस हुए थे।
৪০ইস্রায়েল সন্তানেরা চারশো ত্রিশ বছর মিশরে বসবাস করেছিল।
41 और उन चार सौ तीस बरसों के गुज़र जाने पर ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द का सारा लश्कर मुल्क — ए — मिस्र से निकल गया।
৪১সেই চারশো ত্রিশ বছরের শেষে, ঐ দিনের, সদাপ্রভুর সমস্ত বাহিনী মিশর দেশ থেকে বের হল।
42 ये वह रात है जिसे ख़ुदावन्द की ख़ातिर मानना बहुत मुनासिब है क्यूँकि इसमें वह उनको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, ख़ुदावन्द की यह वही रात है जिसे ज़रूरी है कि सब बनी इस्राईल नसल — दर — नसल ख़ूब मानें।
৪২মিশর দেশ থেকে তাদেরকে বের করে আনার জন্য এটি ছিল সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে জেগে থাকার রাত, সেজন্য সমস্ত ইস্রায়েল সন্তানদের বংশ ধরে এই রাত ছিল সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে পালন করা অত্যন্ত পালনীয়।
43 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून से कहा, कि 'फ़सह की रिवायत यह है, कि कोई बेगाना उसे खाने न पाए।
৪৩আর সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে বললেন, “নিস্তারপর্ব্বের বলির নিয়ম এই; অন্য জাতীয় কোনো লোক তা খাবে না।
44 लेकिन अगर कोई शख़्स किसी का ख़रीदा हुआ ग़ुलाम हो, और तूने उसका ख़तना कर दिया हो तो वह उसे खाए।
৪৪কিন্তু কোন ব্যক্তির যে দাসকে রূপা দিয়ে কেনা হয়েছে, সে যদি ছিন্নত্বক হয়, তবে খেতে পাবে।
45 पर अजनबी और मज़दूर उसे खाने न पाए।
৪৫বিদেশী কিংবা বেতনজীবী তা খেতে পাবে না।
46 और उसे एक ही घर में खाएँ या'नी उसका ज़रा भी गोश्त तू घर से बाहर न ले जाना और न तुम उसकी कोई हड्डी तोड़ना।
৪৬তোমরা এক বাড়ির মধ্যে তা খাবে; সেই মাংসের কিছুই বাড়ির বাইরে নিয়ে যেও না এবং তার একটি হাড়ও ভেঙ্গ না।
47 इस्राईल की सारी जमा'अत इस पर 'अमल करे।
৪৭সমস্ত ইস্রায়েল মণ্ডলী এটা পালন করবে।
48 और अगर कोई अजनबी तेरे साथ मुक़ीम हो और ख़ुदावन्द की फ़सह को मानना चाहता हो उसके यहाँ के सब मर्द अपना ख़तना कराएँ, तब वह पास आकर फ़सह करे; यूँ वह ऐसा समझा जाएगा जैसे उसी मुल्क की उसकी पैदाइश है लेकिन कोई नामख़्तून आदमी उसे खाने न पाए।
৪৮আর তোমার সঙ্গে বসবাসকারী কোনো বিদেশী লোক যদি সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে নিস্তারপর্ব্ব পালন করতে চায়, তবে সে নিজে পুরুষ পরিবারের সঙ্গে ছিন্নত্বক হয়ে এটা পালন করতে আসুক, সে দেশের মধ্যে জন্মানো লোকের মত হবে; কিন্তু অচ্ছিন্নত্বক কোন লোক তা খাবে না।
49 वतनी और उस अजनबी के लिए जो तुम्हारे बीच मुक़ीम हो एक ही शरी'अत होगी।
৪৯দেশে জন্মানো লোকের জন্য ও তোমাদের মধ্যে বসবাসকারী বিদেশী লোকের জন্য একই নিয়ম হবে।”
50 तब सब बनी — इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून को फ़रमाया वैसा ही किया।
৫০সমস্ত ইস্রায়েল সন্তান সেই রকম করল, সদাপ্রভু মোশি ও হারোণকে যে আদেশ দিয়েছিলেন, সেই অনুসারেই করল।
51 और ठीक उसी दिन ख़ुदावन्द बनी — इस्राईल के सब लश्करों को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल ले गया।
৫১এই ভাবে সদাপ্রভু সেই দিন ইস্রায়েল সন্তানদের দলে দলে মিশর দেশ থেকে বের করে আনলেন।