< वाइज़ 3 >
1 हर चीज़ का एक मौक़ा' और हर काम का जो आसमान के नीचे होता है एक वक़्त है।
Alt har sin Stund og hver en Ting under Himmelen sin Tid:
2 पैदा होने का एक वक़्त है, और मर जाने का एक वक़्त है; दरख़्त लगाने का एक वक़्त है, और लगाए हुए को उखाड़ने का एक वक़्त है;
Tid til at fødes og Tid til at dø, Tid til at plante og Tid til at rydde,
3 मार डालने का एक वक़्त है, और शिफ़ा देने का एक वक़्त है; ढाने का एक वक़्त है, और ता'मीर करने का एक वक़्त है;
Tid til at dræbe og Tid til at læge, Tid til at nedrive og Tid til at opbygge,
4 रोने का एक वक़्त है, और हँसने का एक वक़्त है; ग़म खाने का एक वक़्त है, और नाचने का एक वक़्त है;
Tid til at græde og Tid til at le, Tid til at sørge og Tid til at danse,
5 पत्थर फेंकने का एक वक़्त है, और पत्थर बटोरने का एक वक़्त है; एक साथ होने का एक वक़्त है, और एक साथ होने से बाज़ रहने का एक वक़्त है;
Tid til at kaste Sten, og Tid til at sanke Sten, Tid til at favne og Tid til ikke at favne,
6 हासिल करने का एक वक़्त है, और खो देने का एक वक़्त है; रख छोड़ने का एक वक़्त है, और फेंक देने का एक वक़्त है;
Tid til at søge og Tid til at miste, Tid til at gemme og Tid til at bortkaste,
7 फाड़ने का एक वक़्त है, और सोने का एक वक़्त है; चुप रहने का एक वक़्त है, और बोलने का एक वक़्त है;
Tid til at flænge og Tid til at sy, Tid til at tie og Tid til at tale,
8 मुहब्बत का एक वक़्त है, और 'अदावत का एक वक़्त है; जंग का एक वक़्त है, और सुलह का एक वक़्त है।
Tid til at elske og Tid til at hade, Tid til Krig og Tid til Fred.
9 काम करनेवाले को उससे जिसमें वह मेहनत करता है, क्या हासिल होता है?
Hvad Løn for sin Flid har da den, der arbejder?
10 मैंने उस सख़्त दुख को देखा, जो ख़ुदा ने बनी आदम को दिया है कि वह मशक्क़त में मुब्तिला रहें।
Jeg saa det Slid, som Gud har givet Menneskens Børn at slide med.
11 उसने हर एक चीज़ को उसके वक़्त में खू़ब बनाया और उसने अबदियत को भी उनके दिल में जागुज़ीन किया है; इसलिए कि इंसान उस काम को जो ख़ुदा शुरू' से आख़िर तक करता हैं दरियाफ़्त नहीं कर सकता।
Alt har han skabt smukt til rette Tid; ogsaa Evigheden har han lagt i deres Hjerte, dog saaledes at Menneskene hverken fatter det første eller det sidste af, hvad Gud har virket.
12 मैं यक़ीनन जानता हूँ कि इंसान के लिए यही बेहतर है कि खु़श वक़्त हो, और जब तक ज़िन्दा रहे नेकी करे;
Jeg skønnede, at der ikke gives noget andet Gode for dem end at glæde sig og have det godt, saa længe de lever.
13 और ये भी कि हर एक इंसान खाए और पिए और अपनी सारी मेहनत से फ़ायदा उठाए: ये भी ख़ुदा की बख़्शिश है।
Dog ogsaa det at spise og drikke og nyde det gode under al sin Flid er for hvert Menneske en Guds Gave.
14 और मुझ को यक़ीन है कि सब कुछ जो ख़ुदा करता है हमेशा के लिए है; उसमे कुछ कमी बेशी नहीं हो सकती और ख़ुदा ने ये इसलिए किया है कि लोग उसके सामने डरते रहें।
Jeg skønnede, at alt, hvad Gud virker, bliver evindelig, uden at noget kan føjes til eller tages fra; og saaledes har Gud gjort det, for at man skal frygte for hans Aasyn.
15 जो कुछ है वह पहले हो चुका; और जो कुछ होने को है, वह भी हो चुका; और ख़ुदा गुज़िश्ता को फिर तलब करता है।
Hvad der sker, var allerede, og hvad der skal ske, har allerede været; Gud leder det svundne op.
16 फिर मैंने दुनिया में देखा कि 'अदालतगह में ज़ुल्म है, और सदाक़त के मकान में शरारत है।
Fremdeles saa jeg under Solen, at Gudløshed var paa Rettens Sted og Gudløshed paa Retfærds Sted.
17 तब मैंने दिल मे कहा कि ख़ुदा रास्तबाज़ों और शरीरों की 'अदालत करेगा क्यूँकि हर एक अम्र और हर काम का एक वक़्त है।
Jeg sagde ved mig selv: »Den retfærdige og den gudløse dømmer Gud; thi for hver en Ting og hver en Idræt har han fastsat en Tid.«
18 मैंने दिल में कहा कि “ये बनी आदम के लिए है कि ख़ुदा उनको जाँचे और वह समझ लें कि हम ख़ुद हैवान हैं।”
Jeg sagde ved mig selv: »Det er for Menneskenes Skyld, for at Gud kan prøve dem, og for at de selv kan se, at de er Dyr.«
19 क्यूँकि जो कुछ बनी आदम पर गुज़रता है, वही हैवान पर गुज़रता है; एक ही हादसा दोनों पर गुज़रता है, जिस तरह ये मरता है उसी तरह वह मरता है। हाँ, सब में एक ही साँस है, और इंसान को हैवान पर कुछ मर्तबा नहीं; क्यूँकि सब बेकार है।
Thi Menneskers og Dyrs Skæbne er ens; som den ene dør, dør den anden, og en og samme Aand har de alle; Mennesket har intet forud for Dyrene, thi alt er Tomhed.
20 सब के सब एक ही जगह जाते हैं; सब के सब ख़ाक से हैं, और सब के सब फिर ख़ाक से जा मिलते हैं।
Alle gaar sammesteds hen, alle blev til af Muld, og alle vender tilbage til Mulden.
21 कौन जानता है कि इंसान की रूह ऊपर चढ़ती और हैवान की रूह ज़मीन की तरफ़ नीचे को जाती है?
Hvo ved, om Menneskenes Aand stiger opad, og om Dyrenes Aand farer nedad til Jorden?
22 फिर मैंने देखा कि इंसान के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं कि वह अपने कारोबार में ख़ुश रहे, इसलिए कि उसका हिस्सा यही है; क्यूँकि कौन उसे वापस लाएगा कि जो कुछ उसके बाद होगा देख ले?
Saaledes indsaa jeg, at intet er bedre for Mennesket end at glæde sig ved sin Gerning, thi det er hans Del; thi hvo kan bringe ham saa vidt, at han kan se, hvad der kommer efter hans Død?