< इस्त 6 >
1 यह वह फ़रमान और आईन और अहकाम हैं, जिनको ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुमको सिखाने का हुक्म दिया है; ताकि तुम उन पर उस मुल्क में 'अमल करो, जिस पर क़ब्ज़ा करने के लिए पार जाने को हो।
Voici les préceptes, les cérémonies et les ordonnances que le Seigneur votre Dieu a prescrites, afin que je vous les enseigne, et que vous les pratiquiez dans la terre dans laquelle vous allez passer pour la posséder,
2 और तुम अपने बेटों और पोतों समेत ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मान कर उसके तमाम आईन और अहकाम पर, जो मैं तुमको बताता हूँ, ज़िन्दगी भर 'अमल करना ताकि तुम्हारी उम्र दराज़ हो।
Afin que tu craignes le Seigneur ton Dieu, et que tu gardes, tous les jours de ta vie, tous ses commandements et ses préceptes que moi, je te prescris, à toi, à tes fils et à tes petits-fils, pour que les jours soient prolongés.
3 इसलिए, ऐ इस्राईल सुन, और एहतियात करके उन पर 'अमल कर, ताकि तेरा भला हो और तुम ख़ुदावन्द अपने बाप — दादा के ख़ुदा के वा'दे के मुताबिक़ उस मुल्क में, जिस में दूध और शहद बहता है बहुत बढ़ जाओ।
Ecoute, Israël, et aie grand soin de faire ce que t’a ordonné le Seigneur, afin que bien t’arrive, et que tu sois encore multiplié, puisque le Seigneur Dieu de tes pères t’a promis une terre, où coulent du lait et du miel.
4 'सुन, ऐ इस्राईल, ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा एक ही ख़ुदावन्द है।
Ecoute, Israël, le Seigneur notre Dieu est l’unique Seigneur.
5 तू अपने सारे दिल, और अपनी सारी जान, और अपनी सारी ताक़त से ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से मुहब्बत रख।
Tu aimeras le Seigneur ton Dieu de tout ton cœur, de toute ton âme et de toute ta force.
6 और ये बातें जिनका हुक्म आज मैं तुझे देता हूँ तेरे दिल पर नक़्श रहें।
Et ces paroles que moi, je te prescris aujourd’hui seront dans ton cœur;
7 और तू इनको अपनी औलाद के ज़हन नशीं करना, और घर बैठे और राह चलते और लेटते और उठते वक़्त इनका ज़िक्र किया करना।
Tu les raconteras aussi à tes enfants, et tu les méditeras, assis en ta maison, et marchant dans le chemin, dormant et te levant.
8 और तू निशान के तौर पर इनको अपने हाथ पर बाँधना, और वह तेरी पेशानी पर टीकों की तरह हों।
De plus, tu les lieras comme un signe dans ta main; elles seront et se mouvront entre tes yeux;
9 और तू उनको अपने घर की चौखटों और अपने फाटकों पर लिखना।
Et tu les écriras sur le seuil et sur les portes de ta maison.
10 और जब ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको उस मुल्क में पहुँचाए, जिसे तुझको देने की क़सम उसने तेरे बाप — दादा अब्रहाम और इस्हाक़ और या'क़ूब से खाई, और जब वह तुझको बड़े — बड़े और अच्छे शहर जिनको तूने नहीं बनाया,
Et lorsque le Seigneur ton Dieu t’aura introduit dans la terre au sujet de laquelle il a juré à tes pères, Abraham, Isaac et Jacob, et qu’il t’aura donné des villes grandes et très bonnes que tu n’as pas bâties,
11 और अच्छी — अच्छी चीज़ों से भरे हुऐ घर जिनको तूने नहीं भरा, और खोदे — खुदाए हौज़ जो तूने नहीं खोदे, और अंगूर के बाग़ और ज़ैतून के दरख़्त जो तूने नहीं लगाए 'इनायत करे, और तू खाए और सेर हो,
Des maisons pleines de toutes richesses, et que tu n’as pas construites, des citernes que tu n’as pas creusées, des vignobles et des plants d’oliviers que tu n’as point plantés,
12 तो तू होशियार रहना, कहीं ऐसा न हो कि तू ख़ुदावन्द को जो तुझको मुल्क — ए — मिस्र या'नी ग़ुलामी के घर से निकाल लाया भूल जाए।
Et que tu auras mangé et que tu te seras rassasié,
13 तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानना, और उसी की इबादत करना, और उसी के नाम की क़सम खाना।
Prends bien garde d’oublier le Seigneur qui t’a retiré de la terre d’Egypte, de la maison de servitude. Tu craindras le Seigneur ton Dieu, et tu ne serviras que lui, et c’est par son nom que tu jureras.
14 तुम और मा'बूदों की या'नी उन क़ौमों के मा'बूदों की, जो तुम्हारे आस — पास रहती हैं पैरवी न करना।
Vous n’irez point après les dieux étrangers de toutes les nations qui sont autour de vous,
15 क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा जो तुम्हारे बीच है ग़य्यूर ख़ुदा है। इसलिए ऐसा न हो कि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा का ग़ज़ब तुझ पर भड़के, और वह तुझको इस ज़मीन पर से फ़ना कर दे।
Parce qu’un Dieu jaloux, le Seigneur ton Dieu, est au milieu de toi; de peur qu’un jour la fureur du Seigneur ton Dieu ne s’irrite contre toi, et qu’il ne t’enlève de la surface de la terre.
16 “तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को मत आज़माना, जैसा तुमने उसे मस्सा में आज़माया था।
Tu ne tenteras point le Seigneur ton Dieu, comme tu l’as tenté au lieu de la tentation.
17 तुम मेहनत से ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्मों और शहादतों और आईन को, जो उसने तुझको फ़रमाए हैं मानना।
Garde les préceptes du Seigneur ton Dieu, les lois et les cérémonies qu’il t’a prescrites,
18 और तुम वह ही करना जो ख़ुदावन्द की नज़र में दुरुस्त और अच्छा है ताकि तेरा भला हो और जिस अच्छे मुल्क के बारे में ख़ुदावन्द ने तुम्हारे बाप — दादा से क़सम खाई तू उसमें दाख़िल होकर उस पर क़ब्ज़ा कर सके।
Et fais ce qui est agréable et bon en la présence du Seigneur, afin que bien t’arrive, et que tu possèdes, y étant entré, la terre excellente, touchant laquelle le Seigneur a juré à tes pères,
19 और ख़ुदावन्द तेरे सब दुश्मनों को तुम्हारे आगे से दफ़ा' करे, जैसा उसने कहा है।
Qu’il détruirait tous tes ennemis devant toi, comme il a dit.
20 “और जब आइन्दा ज़माने में तुम्हारे बेटे तुझसे सवाल करें, कि जिन शहादतों और आईन और फ़रमान के मानने का हुक्म ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने तुमको दिया है उनका मतलब क्या है?
Et lorsque ton fils t’interrogera demain, disant: Que signifient ces lois, ces cérémonies et ces ordonnances que nous a prescrites le Seigneur notre Dieu?
21 तो तू अपने बेटों को यह जवाब देना, कि जब हम मिस्र में फ़िर'औन के ग़ुलाम थे, तो ख़ुदावन्द अपने ताक़तवर हाथ से हमको मिस्र से निकाल लाया;
Tu lui diras: Nous étions esclaves de Pharaon en Egypte, et le Seigneur nous a retirés de l’Egypte par une main puissante;
22 और ख़ुदावन्द ने बड़े — बड़े और हौलनाक अजायब — ओ — निशान हमारे सामने अहल — ए — मिस्र, और फ़िर'औन और उसके सब घराने पर करके दिखाए;
Et il a fait des signes et des prodiges grands et terribles en Egypte contre Pharaon et toute sa maison en notre présence;
23 और हमको वहाँ से निकाल लाया ताकि हमको इस मुल्क में, जिसे हमको देने की क़सम उसने हमारे बाप दादा से खाई पहुँचाए।
Puis, il nous a retirés de là pour nous donner, après nous y avoir introduits, la terre, au sujet de laquelle il a juré à nos pères.
24 इसलिए ख़ुदावन्द ने हमको इन सब हुक्मों पर 'अमल करने और हमेशा अपनी भलाई के लिए ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानने का हुक्म दिया है, ताकि वह हमको ज़िन्दा रख्खे, जैसा आज के दिन ज़ाहिर है।
Le Seigneur ensuite a ordonné que nous exécutions toutes ces lois, que nous craignions le Seigneur notre Dieu, afin que bien nous arrive tous les jours de notre vie, comme il en est aujourd’hui.
25 और अगर हम एहतियात रख्खें कि ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने इन सब हुक्मों को मानें, जैसा उस ने हमसे कहा है, तो इसी में हमारी सदाक़त होगी।
Car il nous sera miséricordieux, si nous gardons et nous pratiquons tous ses préceptes devant le Seigneur notre Dieu, comme il nous a commandé.