< इस्त 4 >
1 “और अब ऐ इस्राईलियो, जो आईन और अहकाम मैं तुमको सिखाता हूँ तुम उन पर 'अमल करने के लिए उनको सुन लो, ताकि तुम ज़िन्दा रहो और उस मुल्क में जिसे ख़ुदावन्द तुम्हारे बाप — दादा का ख़ुदा तुमको देता है, दाख़िल हो कर उस पर क़ब्ज़ा कर लो।
Now, Israel, listen to the laws and the decrees that I am about to teach you, to do them; so that you may live and go in and possess the land that Yahweh, the God of your fathers, is giving you.
2 जिस बात का मैं तुमको हुक्म देता हूँ, उसमें न तो कुछ बढ़ाना और न कुछ घटाना; ताकि तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्मों को जो मैं तुमको बताता हूँ मान सको।
You will not add to the words that I command you, neither will you diminish them, so that you may keep the commandments of Yahweh your God that I am about to command you.
3 जो कुछ ख़ुदावन्द ने बा'ल फ़ग़ूर की वजह से किया, वह तुमने अपनी आँखों से देखा है; क्यूँकि उन सब आदमियों को जिन्होंने बा'ल फ़ग़ूर की पैरवी की, ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारे बीच से नाबूद कर दिया।
Your eyes have seen what Yahweh did because of Baal Peor; for all the men who followed the Baal of Peor, Yahweh your God has destroyed them from among you.
4 पर तुम जो ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से लिपटे रहे हो, सब के सब आज तक ज़िन्दा हो।
But you who clung to Yahweh your God are alive today, every one of you.
5 देखो, जैसा ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा ने मुझे हुक्म दिया, उसके मुताबिक़ मैंने तुमको आईन और अहकाम सिखा दिए हैं; ताकि उस मुल्क में उन पर 'अमल करो जिस पर क़ब्ज़ा करने के लिए जा रहे हो।
Look, I have taught you laws and decrees, as Yahweh my God had commanded me, that you should do so in the midst of the land which you are going into in order to possess it.
6 इसलिए तुम इनको मानना और 'अमल में लाना, क्यूँकि और क़ौमों के सामने यही तुम्हारी 'अक़्ल और दानिश ठहरेंगे। वह इन तमाम क़वानीन को सुन कर कहेंगी, कि यक़ीनन ये बुज़ुर्ग क़ौम निहायत 'अक़्लमन्द और समझदार है।
Therefore keep them and do them; for this is your wisdom and your understanding in the sight of the peoples who will hear about all these statutes and say, 'Surely this great nation is a wise and understanding people.'
7 क्यूँकि ऐसी बड़ी क़ौम कौन है जिसका मा'बूद इस क़द्र उसके नज़दीक हो जैसा ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा, कि जब कभी हम उससे दुआ करें हमारे नज़दीक है?
For what other great nation is there that has a god so near to them, as Yahweh our God is whenever we call upon him?
8 और कौन ऐसी बुज़ुर्ग क़ौम है जिसके आईन और अहकाम ऐसे रास्त हैं जैसी ये सारी शरी'अत है, जिसे मैं आज तुम्हारे सामने रखता हूँ।
What other great nation is there that has laws and decrees so righteous as all this law that I am setting before you today?
9 “इसलिए तुम ज़रूर ही अपनी एहतियात रखना और बड़ी हिफ़ाज़त करना, ऐसा न हो कि तुम वह बातें जो तुमने अपनी आँख से देखी हैं भूल जाओ और वह ज़िन्दगी भर के लिए तुम्हारे दिल से जाती रहें; बल्कि तुम उनको अपने बेटों और पोतों को सिखाना।
Only pay attention and carefully guard yourself, so that you do not forget the things that your eyes have seen, so that they do not leave your heart for all the days of your life. Instead, make them known to your children and your children's children.
10 ख़ासकर उस दिन की बातें, जब तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने होरिब में खड़ा हुआ; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा था, कि क़ौम को मेरे सामने जमा' कर और मैं उनको अपनी बातें सुनाऊँगा ताकि वह ये सीखें कि ज़िन्दगी भर, जब तक ज़मीन पर ज़िन्दा रहें मेरा ख़ौफ़ मानें और अपने बाल — बच्चों को भी यही सिखाएँ।
On the day that you stood before Yahweh your God at Horeb, when Yahweh said to me, 'Assemble me the people, and I will make them hear my words, that they may learn to fear me all the days that they live on the earth, and that they may teach their children.'
11 चुनाँचे तुम नज़दीक जाकर उस पहाड़ के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से दहक रहा था और उसकी लौ आसमान तक पहुँचती थी और चारों तरफ़ तारीकी और घटा और ज़ुलमत थी।
You came near and stood at the foot of the mountain. The mountain burned with fire to the heart of heaven, with darkness, cloud, and thick darkness.
12 और ख़ुदावन्द ने उस आग में से होकर तुमसे कलाम किया; तुमने बातें तो सुनीं लेकिन कोई सूरत न देखी, सिर्फ़ आवाज़ ही आवाज़ सुनी।
Yahweh spoke to you out of the middle of the fire; you heard the voice with its words, but you saw no form; you only heard a voice.
13 और उसने तुमको अपने 'अहद के दसों अहकाम बताकर उनके मानने का हुक्म दिया, और उनको पत्थर की दो तख़्तियों पर लिख भी दिया।
He declared to you his covenant that he commanded you to perform, the Ten Commandments. He wrote them on two tablets of stone.
14 उस वक़्त ख़ुदावन्द ने मुझे हुक्म दिया, कि तुमको यह आईन और अहकाम सिखाऊँ ताकि तुम उस मुल्क में जिस पर क़ब्ज़ा करने के लिए जा रहे हो, उन पर 'अमल करो।
Yahweh commanded me at that time to teach you statutes and ordinances, so that you might do them in the land that you are crossing over to take possession of.
15 “इसलिए तुम अपनी ख़ूब ही एहतियात रखना; क्यूँकि तुमने उस दिन जब ख़ुदावन्द ने आग में से होकर होरिब में तुमसे कलाम किया, किसी तरह की कोई सूरत नहीं देखी।
So take great heed to yourselves—for you saw no kind of form on the day that Yahweh spoke to you at Horeb out of the middle of the fire—
16 ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर किसी शक्ल या सूरत की खोदी हुई मूरत अपने लिए बना लो, जिसकी शबीह किसी मर्द या 'औरत,
that you do not corrupt yourselves and by making a carved image in the form of any figure, in the likeness of male or female,
17 या ज़मीन के किसी हैवान या हवा में उड़ने वाले परिन्दे,
the likeness of any animal on the earth, the likeness of any winged bird that flies in the heavens,
18 या ज़मीन के रेंगनेवाले जानदार या मछली से, जो ज़मीन के नीचे पानी में रहती है मिलती हो;
the likeness of anything that creeps on the ground, or the likeness of any fish that is in the water under the earth.
19 या जब तू आसमान की तरफ नज़र करे और तमाम अजराम — ए — फ़लक या'नी सूरज और चाँद और तारों को देखे, तो गुमराह होकर उन्हीं को सिज्दा और उनकी इबादत करने लगे जिनको ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने इस ज़मीन की सब क़ौमों के लिए रख्खा है।
You shall not lift your eyes up to the heavens and look at the sun, the moon, or the stars—all the host of the heavens—and be drawn away to worship them and adore them—those things of which Yahweh your God has given a share all the peoples under the whole sky.
20 लेकिन ख़ुदावन्द ने तुमको चुना, और तुमको जैसे लोहे की भट्टी या'नी मिस्र से निकाल ले आया है ताकि तुम उसकी मीरास के लोग ठहरो, जैसा आज ज़ाहिर है।
But Yahweh has taken you and brought you out of the iron furnace, out of Egypt, to be to him a people of his own inheritance, as you are today.
21 और तुम्हारी ही वजह से ख़ुदावन्द ने मुझसे नाराज़ होकर क़सम खाई, कि मैं यरदन पार न जाऊँ और न उस अच्छे मुल्क में पहुँचने पाऊँ, जिसे ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा मीरास के तौर पर तुझको देता है;
Yahweh was angry with me because of you; he swore that I should not go over the Jordan, and that I should not go into that good land, the land that Yahweh your God is giving to you as an inheritance.
22 बल्कि मुझे इसी मुल्क में मरना है, मैं यरदन पार नहीं जा सकता; लेकिन तुम पार जाकर उस अच्छे मुल्क पर क़ब्ज़ा करोगे।
Instead, I must die in this land; I must not go over the Jordan; but you will go over and possess that good land.
23 इसलिए तुम एहतियात रखो, ऐसा न हो कि तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के उस 'अहद को जो उसने तुमसे बाँधा है भूल जाओ, और अपने लिए किसी चीज़ की शबीह की खोदी हुई मूरत बना लो जिसे ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको मना' किया है
Pay attention to yourselves, so that you do not forget the covenant of Yahweh your God, which he made with you, and make for yourselves a carved image in the form of anything that Yahweh your God has forbidden you to make.
24 क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा भसम करने वाली आग है; वह ग़य्यूर ख़ुदा है।
For Yahweh your God is a devouring fire, a jealous God.
25 और जब तुझसे बेटे और पोते पैदा हों और तुमको उस मुल्क में रहते हुए एक ज़माना हो जाए, और तुम बिगड़कर किसी चीज़ की शबीह की खोदी हुई मूरत बना लो, और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने शरारत करके उसे ग़ुस्सा दिलाओ;
When you beget children and children's children, and when you will have been in the land for a long time, and if you corrupt yourselves and make a carved figure in the form of anything, and do what is evil in the sight of Yahweh your God, to provoke him to anger—
26 तो मैं आज के दिन तुम्हारे बरख़िलाफ़ आसमान और ज़मीन को गवाह बनाता हूँ कि तुम उस मुल्क से, जिस पर क़ब्ज़ा करने को यरदन पार जाने पर हो, जल्द बिल्कुल फ़ना हो जाओगे; तुम वहाँ बहुत दिन रहने न पाओगे बल्कि बिल्कुल नाबूद कर दिए जाओगे।
I call heaven and earth to witness against you today that you will soon utterly perish from off the land that you are going over the Jordan to possess; you will not prolong your days in it, but you will be completely destroyed.
27 और ख़ुदावन्द तुमको क़ौमों में तितर बितर करेगा; और जिन क़ौमों के बीच ख़ुदावन्द तुमको पहुँचाएगा उनमें तुम थोड़े से रह जाओगे।
Yahweh will scatter you among the peoples, and you will be left few in number among the nations, where Yahweh will lead you away.
28 और वहाँ तुम आदमियों के हाथ के बने हुए लकड़ी और पत्थर के मा'बूदों की इबादत करोगे, जो न देखते न सुनते न खाते न सूँघते हैं।
There you will serve other gods, the work of men's hands, wood and stone, which neither see, hear, eat, nor smell.
29 लेकिन वहाँ भी अगर तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के तालिब हो तो वह तुझको मिल जाएगा, बशर्ते कि तुम अपने पूरे दिल से और अपनी सारी जान से उसे ढूँढो।
But from there you will seek Yahweh your God, and you will find him, when you search after him with all your heart and with all your soul.
30 जब तू मुसीबत में पड़ेगा और यह सब बातें तुझ पर गुज़रेंगी तो आख़िरी दिनों में तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ फिरेगा और उसकी मानेगा;
When you are in distress, and when all these things will have come on you, in those later days you will return to Yahweh your God and listen to his voice.
31 क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा, रहीम ख़ुदा है, वह तुझको न तो छोड़ेगा और न हलाक करेगा और न उस 'अहद को भूलेगा जिसकी क़सम उसने तुम्हारे बाप — दादा से खाई।
For Yahweh your God is a merciful God; he will not fail you nor destroy you, nor forget the covenant of your fathers that he swore to them.
32 “और जब से ख़ुदा ने इंसान को ज़मीन पर पैदा किया, तब से शुरू' करके तुम उन गुज़रे दिनों का हाल जो तुमसे पहले हो चुके पूछ, और आसमान के एक सिरे से दूसरे सिरे तक दरियाफ़्त कर, कि इतनी बड़ी वारदात की तरह कभी कोई बात हुई या सुनने में भी आई?
Ask now about the days that are past, which were before your time, since the day that God created man on the earth, ask from one end of heaven to the other, whether there has been anything so great as this, or has anything like it ever been heard?
33 क्या कभी कोई क़ौम ख़ुदा की आवाज़ जैसे तू ने सुनी, आग में से आती हुई सुन कर ज़िन्दा बची है?
Did ever a people hear the voice of God speaking out of the midst of the fire, as you have heard, and live?
34 या कभी ख़ुदा ने एक क़ौम को किसी दूसरी क़ौम के बीच से निकालने का इरादा करके, इम्तिहानों और निशान और मो'जिज़ों और जंग और ताक़तवर हाथ और बलन्द बाज़ू और हौलनाक माजरों के वसीले से, उनको अपनी ख़ातिर बरगुज़ीदा करने के लिए वह काम किए जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारी आँखों के सामने मिस्र में तुम्हारे लिए किए?
Or has God ever attempted to go and take for himself a nation from the midst of another nation, by trials, by signs, and by wonders, and by war, and by a mighty hand, and by an outstretched arm, and by great terrors, as everything that Yahweh your God did for you in Egypt before your eyes?
35 यह सब कुछ तुझको दिखाया गया, ताकि तू जाने कि ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है और उसके अलावा और कोई है ही नहीं।
To you these things were shown, so that you might know that Yahweh is God, and that there is no one else besides him.
36 उसने अपनी आवाज़ आसमान में से तुमको सुनाई ताकि तुझको तरबियत करे, और ज़मीन पर उसने तुझको अपनी बड़ी आग दिखाई; और तुमने उसकी बातें आग के बीच में से आती हुई सुनी।
Out of heaven he made you to hear his voice, so that he might instruct you; on earth he made you see his great fire; you heard his words out of the midst of the fire.
37 और चूँकि उसे तेरे बाप — दादा से मुहब्बत थी, इसीलिए उसने उनके बाद उनकी नसल को चुन लिया, और तेरे साथ होकर अपनी बड़ी कुदरत से तुझको मिस्र से निकाल लाया;
Because he loved your fathers, he chose their descendants after them, and brought you out of Egypt with his presence, with his great power;
38 ताकि तुम्हारे सामने से उन क़ौमों को जो तुझ से बड़ी और ताक़तवर हैं दफ़ा' करे, और तुझको उनके मुल्क में पहुँचाए, और उसे तुझको मीरास के तौर पर दे, जैसा आज के दिन ज़ाहिर है।
in order to drive out from before you nations greater and mightier than you, to bring you in, to give you their land as an inheritance, as today.
39 इसलिए आज के दिन तू जान ले और इस बात को अपने दिल में जमा ले, कि ऊपर आसमान में और नीचे ज़मीन पर ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है और कोई दूसरा नहीं।
Know therefore today, and lay it on your heart, that Yahweh is God in heaven above and on the earth beneath; there is no one else.
40 इसलिए तू उसके आईन और अहकाम को जो मैं तुझको आज बताता हूँ मानना, ताकि तेरा और तेरे बाद तेरी औलाद का भला हो, और हमेशा उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है तेरी उम्र दराज़ हो।”
You will keep his statutes and his commandments that I command you today, that it may go well with you and with your children after you, and that you may prolong your days in the land that Yahweh your God is giving you forever.”
41 फिर मूसा ने यरदन के पार पूरब की तरफ़ तीन शहर अलग किए,
Then Moses selected three cities on the east side of the Jordan,
42 ताकि ऐसा ख़ूनी जो अनजाने बग़ैर क़दीमी 'अदावत के अपने पड़ोसी को मार डाले, वह वहाँ भाग जाए और इन शहरों में से किसी में जाकर जीता बच रहे।
so that anyone might flee to one of them if he killed another person accidentally, without being his enemy previously. By fleeing to one of these cities, he might survive.
43 या'नी रूबीनियों के लिए तो शहर — ए — बसर हो जो तराई में वीरान के बीच वाक़े' है, और जद्दियों के लिए शहर — ए — रामात जो जिल'आद में है, और मनस्सियों के लिए बसन का शहर — ए — जौलान।
They were: Bezer in the wilderness, the plain country, for the Reubenites; Ramoth in Gilead, for the Gadites; and Golan in Bashan, for the Manassites.
44 यह वह शरी'अत है जो मूसा ने बनी — इस्राईल के आगे पेश की।
This is the law that Moses placed before the people of Israel;
45 यही वह शहादतें और आईन और अहकाम हैं जिनको मूसा ने बनी — इस्राईल को उनके मिस्र से निकलने के बा'द,
these are the covenant decrees, laws, and other decrees that he spoke to the people of Israel when they came out of Egypt,
46 यरदन के पार उस वादी में जो बैत फ़ग़ूर के सामने है, कह सुनाया; या'नी अमोरियों के बादशाह सीहोन के मुल्क में जो हस्बोन में रहता था, जिसे मूसा और बनी इस्राईल ने मुल्क — ए — मिस्र से निकलने के बाद मारा।
when they were east of the Jordan, in the valley opposite Beth Peor, in the land of Sihon, king of the Amorites, who had lived at Heshbon, whom Moses and the people of Israel had defeated when they came out of Egypt.
47 और फिर उसके मुल्क को, और बसन के बादशाह 'ओज के मुल्क को अपने क़ब्ज़े में कर लिया। अमोरियों के इन दोनों बादशाहों का यह मुल्क यरदन पार पूरब की तरफ़,
They took his land as a possession, and the land of Og king of Bashan—these, the two kings of the Amorites, who were beyond the Jordan toward the east.
48 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनोन के किनारे वाक़े' है, कोह — ए — सियून तक जिसे हरमून भी कहते हैं, फैला हुआ है।
This territory went from Aroer, on the edge of the Valley of the Arnon, to Mount Sion (or Mount Hermon),
49 इसी में यरदन पार पूरब की तरफ़ मैदान के दरिया तक जो पिसगा की ढाल के नीचे बहता है, वहाँ का सारा मैदान शामिल है।
and included all of the plain of the Jordan River valley, eastward beyond the Jordan, to the Sea of the Arabah, to the slopes of Mount Pisgah.