< इस्त 4 >
1 “और अब ऐ इस्राईलियो, जो आईन और अहकाम मैं तुमको सिखाता हूँ तुम उन पर 'अमल करने के लिए उनको सुन लो, ताकि तुम ज़िन्दा रहो और उस मुल्क में जिसे ख़ुदावन्द तुम्हारे बाप — दादा का ख़ुदा तुमको देता है, दाख़िल हो कर उस पर क़ब्ज़ा कर लो।
১এখন, হে ইস্রায়েল, আমি যে যে নিয়ম ও আদেশ পালন করতে তোমাদেরকে শিক্ষা দিই, তা শোন; যেন তোমরা বেঁচে থাকতে পার এবং তোমাদের পূর্বপুরুষদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদেরকে যে দেশ দিচ্ছেন, তার মধ্যে গিয়ে তা অধিকার করতে পার।
2 जिस बात का मैं तुमको हुक्म देता हूँ, उसमें न तो कुछ बढ़ाना और न कुछ घटाना; ताकि तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्मों को जो मैं तुमको बताता हूँ मान सको।
২আমি তোমাদেরকে যা আদেশ করি, সেই কথায় তোমরা আর কিছু যোগ করবে না এবং তার কিছু কমাবে না। আমি তোমাদেরকে যা যা আদেশ করছি, তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সেই সব আদেশ পালন করবে।
3 जो कुछ ख़ुदावन्द ने बा'ल फ़ग़ूर की वजह से किया, वह तुमने अपनी आँखों से देखा है; क्यूँकि उन सब आदमियों को जिन्होंने बा'ल फ़ग़ूर की पैरवी की, ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारे बीच से नाबूद कर दिया।
৩বাল পিয়োরের বিষয়ে সদাপ্রভু যা করেছিলেন, তা তোমরা নিজের চোখে দেখেছ; ফলে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু বাল পিয়োরের অনুসারী প্রত্যেক জনকে তোমার মধ্যে থেকে ধ্বংস করেছিলেন;
4 पर तुम जो ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से लिपटे रहे हो, सब के सब आज तक ज़िन्दा हो।
৪কিন্তু তোমরা যত লোক তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুতে যুক্ত ছিলে, সবাই আজ জীবিত আছ।
5 देखो, जैसा ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा ने मुझे हुक्म दिया, उसके मुताबिक़ मैंने तुमको आईन और अहकाम सिखा दिए हैं; ताकि उस मुल्क में उन पर 'अमल करो जिस पर क़ब्ज़ा करने के लिए जा रहे हो।
৫দেখ, আমার ঈশ্বর সদাপ্রভু আমাকে যেমন আদেশ করেছিলেন, আমি তোমাদেরকে সেরকম নিয়ম ও আদেশ শিক্ষা দিয়েছি; যেন, তোমরা যে দেশ অধিকার করতে যাচ্ছ, সেই দেশের মধ্যে সেই অনুযায়ী ব্যবহার কর।
6 इसलिए तुम इनको मानना और 'अमल में लाना, क्यूँकि और क़ौमों के सामने यही तुम्हारी 'अक़्ल और दानिश ठहरेंगे। वह इन तमाम क़वानीन को सुन कर कहेंगी, कि यक़ीनन ये बुज़ुर्ग क़ौम निहायत 'अक़्लमन्द और समझदार है।
৬অতএব তোমরা সে সব মেনে চল ও পালন কোরো; কারণ জাতি সকলের সামনে সেটাই তোমাদের প্রজ্ঞা ও বুদ্ধিমত্তার পরিচয় হবে; এই সব বিধি শুনে তারা বলবে, “সত্যই, এই মহাজাতি জ্ঞানবান ও বুদ্ধিমান লোক।”
7 क्यूँकि ऐसी बड़ी क़ौम कौन है जिसका मा'बूद इस क़द्र उसके नज़दीक हो जैसा ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा, कि जब कभी हम उससे दुआ करें हमारे नज़दीक है?
৭কারণ কোন্ বড় জাতির কাছে এমন ঈশ্বর আছেন, যেমন আমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু? যখনই আমরা তাঁকে ডাকি, তিনি আমাদের সঙ্গে থাকেন।
8 और कौन ऐसी बुज़ुर्ग क़ौम है जिसके आईन और अहकाम ऐसे रास्त हैं जैसी ये सारी शरी'अत है, जिसे मैं आज तुम्हारे सामने रखता हूँ।
৮আর আমি আজ তোমাদের সামনে যে সব ব্যবস্থা দিচ্ছি, তার মত সঠিক নিয়ম ও আদেশ কোন্ বড় জাতির আছে?
9 “इसलिए तुम ज़रूर ही अपनी एहतियात रखना और बड़ी हिफ़ाज़त करना, ऐसा न हो कि तुम वह बातें जो तुमने अपनी आँख से देखी हैं भूल जाओ और वह ज़िन्दगी भर के लिए तुम्हारे दिल से जाती रहें; बल्कि तुम उनको अपने बेटों और पोतों को सिखाना।
৯কিন্তু তুমি নিজের বিষয়ে মনোযোগ দাও, তোমার প্রাণের বিষয়ে খুব সাবধান থাক; অতএব তুমি যে সব বিষয় নিজের চোখে দেখেছ, তা ভুলে যাও; অতএব জীবন থাকতে তোমার হৃদয় থেকে তা মুছে যাক; তুমি নিজের ছেলে নাতিদেরকে তা জানাও।
10 ख़ासकर उस दिन की बातें, जब तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने होरिब में खड़ा हुआ; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा था, कि क़ौम को मेरे सामने जमा' कर और मैं उनको अपनी बातें सुनाऊँगा ताकि वह ये सीखें कि ज़िन्दगी भर, जब तक ज़मीन पर ज़िन्दा रहें मेरा ख़ौफ़ मानें और अपने बाल — बच्चों को भी यही सिखाएँ।
১০সেই দিন, তুমি হোরেবে নিজের ঈশ্বর সদাপ্রভুর সামনে দাঁড়িয়েছিলে, যখন সদাপ্রভু আমাকে বললেন, “তুমি আমার কাছে লোকদেরকে জড়ো কর, আমি আমার কথা সব তাদেরকে শোনাব; তারা পৃথিবীতে যতদিন বেঁচে থাকে, ততদিন যেন আমাকে ভয় করে, এই বিষয় তারা শিখবে এবং নিজের ছেলেমেয়েদেরকেও শেখাবে।”
11 चुनाँचे तुम नज़दीक जाकर उस पहाड़ के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से दहक रहा था और उसकी लौ आसमान तक पहुँचती थी और चारों तरफ़ तारीकी और घटा और ज़ुलमत थी।
১১তাতে তোমরা কাছে এসে পর্বতের পাদদেশে দাঁড়িয়েছিলে এবং আকাশের ভিতর পর্যন্ত সেই পর্বত আগুনে জ্বলছিল, অন্ধকার, মেঘ ও ঘন অন্ধকার ছড়িয়ে ছিল।
12 और ख़ुदावन्द ने उस आग में से होकर तुमसे कलाम किया; तुमने बातें तो सुनीं लेकिन कोई सूरत न देखी, सिर्फ़ आवाज़ ही आवाज़ सुनी।
১২তখন আগুনের মধ্যে থেকে সদাপ্রভু তোমাদের সঙ্গে কথা বললেন; তোমরা কথার স্বর শুনছিলে, কিন্তু কোনো মূর্ত্তি দেখতে পেলে না, তোমরা শুধু রব শুনতে পেলে।
13 और उसने तुमको अपने 'अहद के दसों अहकाम बताकर उनके मानने का हुक्म दिया, और उनको पत्थर की दो तख़्तियों पर लिख भी दिया।
১৩আর তিনি নিজের যে নিয়ম পালন করতে তোমাদেরকে আজ্ঞা করলেন, সেই নিয়ম অর্থাৎ দশ আজ্ঞা তোমাদেরকে আদেশ করলেন এবং দুটি পাথরের ফলকে লিখলেন।
14 उस वक़्त ख़ुदावन्द ने मुझे हुक्म दिया, कि तुमको यह आईन और अहकाम सिखाऊँ ताकि तुम उस मुल्क में जिस पर क़ब्ज़ा करने के लिए जा रहे हो, उन पर 'अमल करो।
১৪তোমরা যে দেশ অধিকার করতে যাচ্ছ, সেই দেশে তোমাদের পালন করা নিয়ম ও আদেশ সব তোমাদেরকে শিক্ষা দিতে সদাপ্রভু সেই দিনের আমাকে আদেশ করলেন।
15 “इसलिए तुम अपनी ख़ूब ही एहतियात रखना; क्यूँकि तुमने उस दिन जब ख़ुदावन्द ने आग में से होकर होरिब में तुमसे कलाम किया, किसी तरह की कोई सूरत नहीं देखी।
১৫যে দিন সদাপ্রভু হোরেবে আগুনের মধ্যে থেকে তোমাদের সঙ্গে কথা বলছিলেন, সেই দিন তোমরা কোনো মূর্ত্তি দেখনি; অতএব নিজের নিজের প্রাণের বিষয়ে খুব সাবধান হও;
16 ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर किसी शक्ल या सूरत की खोदी हुई मूरत अपने लिए बना लो, जिसकी शबीह किसी मर्द या 'औरत,
১৬যদি তোমরা নষ্ট হয়ে নিজেদের জন্য কোনো আকারের মূর্তিতে খোদাই প্রতিমা তৈরী কর;
17 या ज़मीन के किसी हैवान या हवा में उड़ने वाले परिन्दे,
১৭যদি পুরুষের বা স্ত্রীর প্রতিমূর্ত্তি, পৃথিবীতে অবস্থিত কোনো পশুর প্রতিমূর্ত্তি, আকাশে উড়া কোনো পাখির প্রতিমূর্ত্তি,
18 या ज़मीन के रेंगनेवाले जानदार या मछली से, जो ज़मीन के नीचे पानी में रहती है मिलती हो;
১৮মাটিতে বুকে হেঁটে চলা কোনো প্রাণীর প্রতিমূর্ত্তি, অথবা মাটির নীচে জলের মধ্যে কোনো মাছের প্রতিমূর্ত্তি তৈরী কর;
19 या जब तू आसमान की तरफ नज़र करे और तमाम अजराम — ए — फ़लक या'नी सूरज और चाँद और तारों को देखे, तो गुमराह होकर उन्हीं को सिज्दा और उनकी इबादत करने लगे जिनको ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने इस ज़मीन की सब क़ौमों के लिए रख्खा है।
১৯আর আকাশের প্রতি চোখ তুলে সূর্য্য, চাঁদ ও তারা, আকাশের সমস্ত বাহিনী দেখলে, তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যাদেরকে সমস্ত আকাশমণ্ডলের নীচে অবস্থিত সমস্ত জাতির জন্য ভাগ করেছেন, যদি আকৃষ্ট হয়ে তাদের কাছে আরাধনা কর ও তাদের সেবা কর।
20 लेकिन ख़ुदावन्द ने तुमको चुना, और तुमको जैसे लोहे की भट्टी या'नी मिस्र से निकाल ले आया है ताकि तुम उसकी मीरास के लोग ठहरो, जैसा आज ज़ाहिर है।
২০কিন্তু সদাপ্রভু তোমাদেরকে গ্রহণ করেছেন, (লোহা গলাবার হাফর) থেকে, মিশর থেকে তোমাদেরকে বের করে এনেছেন, যেন তোমরা তাঁর উত্তরাধিকারী লোক হও, যেমন আজ আছ।
21 और तुम्हारी ही वजह से ख़ुदावन्द ने मुझसे नाराज़ होकर क़सम खाई, कि मैं यरदन पार न जाऊँ और न उस अच्छे मुल्क में पहुँचने पाऊँ, जिसे ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा मीरास के तौर पर तुझको देता है;
২১আর তোমাদের জন্য সদাপ্রভু আমার প্রতিও রেগে গিয়ে এই শপথ করেছেন যে, তিনি আমাকে যর্দ্দন পার হতে দেবেন না এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে দেশ অধিকারের জন্য দিচ্ছেন, সেই উত্তম দেশে আমাকে যেতে দেবেন না।
22 बल्कि मुझे इसी मुल्क में मरना है, मैं यरदन पार नहीं जा सकता; लेकिन तुम पार जाकर उस अच्छे मुल्क पर क़ब्ज़ा करोगे।
২২প্রকৃত পক্ষে এই দেশেই আমাকে মারা যেতে হবে; আমি যর্দ্দন পার হয়ে যাব না; কিন্তু তোমরা পার হয়ে সেই উত্তম দেশ অধিকার করবে।
23 इसलिए तुम एहतियात रखो, ऐसा न हो कि तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के उस 'अहद को जो उसने तुमसे बाँधा है भूल जाओ, और अपने लिए किसी चीज़ की शबीह की खोदी हुई मूरत बना लो जिसे ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको मना' किया है
২৩তোমরা নিজেদের বিষয়ে সাবধান থেকো, তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাদের সঙ্গে যে নিয়ম স্থির করেছেন, তা ভুলে যেও না, কোনো বস্তুর মূর্তিবিশিষ্ট খোদাই করা প্রতিমা তৈরী কোরো না; ওটা তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর নিষিদ্ধ।
24 क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा भसम करने वाली आग है; वह ग़य्यूर ख़ुदा है।
২৪কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু গ্রাসকারী আগুনের মতো; তিনি স্বগৌরব রক্ষণে উদ্যোগী ঈশ্বর।
25 और जब तुझसे बेटे और पोते पैदा हों और तुमको उस मुल्क में रहते हुए एक ज़माना हो जाए, और तुम बिगड़कर किसी चीज़ की शबीह की खोदी हुई मूरत बना लो, और ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने शरारत करके उसे ग़ुस्सा दिलाओ;
২৫সেই দেশে ছেলে নাতিদের জন্ম দিয়ে বহু দিন বাস করার পর যদি তোমরা ভ্রষ্ট হও ও কোনো বস্তুর মূর্তিবিশিষ্ট ক্ষোদিত প্রতিমা তৈরী কর এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর দৃষ্টিতে যা খারাপ, তা করে তাঁকে অসন্তুষ্ট কর;
26 तो मैं आज के दिन तुम्हारे बरख़िलाफ़ आसमान और ज़मीन को गवाह बनाता हूँ कि तुम उस मुल्क से, जिस पर क़ब्ज़ा करने को यरदन पार जाने पर हो, जल्द बिल्कुल फ़ना हो जाओगे; तुम वहाँ बहुत दिन रहने न पाओगे बल्कि बिल्कुल नाबूद कर दिए जाओगे।
২৬তবে আমি আজ তোমাদের বিরুদ্ধে স্বর্গ পৃথিবীকে সাক্ষী মেনে বলছি, তোমরা যে দেশ অধিকার করতে যর্দ্দন পার হয়ে যাচ্ছ, সেই দেশ থেকে তাড়াতাড়ি বিনষ্ট হবে, সেখানে বহু দিন থাকবে না, কিন্তু সম্পূর্ণ ধ্বংস হবে।
27 और ख़ुदावन्द तुमको क़ौमों में तितर बितर करेगा; और जिन क़ौमों के बीच ख़ुदावन्द तुमको पहुँचाएगा उनमें तुम थोड़े से रह जाओगे।
২৭আর সদাপ্রভু জাতিদের মধ্যে তোমাদেরকে ছিন্ন ভিন্ন করবেন; যেখানে সদাপ্রভু তোমাদেরকে নিয়ে যাবেন, সেই জাতিদের মধ্যে তোমরা অল্পসংখ্যক হয়ে অবশিষ্ট থাকবে।
28 और वहाँ तुम आदमियों के हाथ के बने हुए लकड़ी और पत्थर के मा'बूदों की इबादत करोगे, जो न देखते न सुनते न खाते न सूँघते हैं।
২৮আর তোমরা সেখানে মানুষের হাতে তৈরী দেবতাদের দেখা, শোনা, খাওয়ায় ও ঘ্রাণে অসমর্থ কাঠ ও পাথরের সেবা করবে।
29 लेकिन वहाँ भी अगर तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के तालिब हो तो वह तुझको मिल जाएगा, बशर्ते कि तुम अपने पूरे दिल से और अपनी सारी जान से उसे ढूँढो।
২৯কিন্তু সেখানে থেকে যদি তোমরা তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর খোঁজ কর, তবে তাঁর খোঁজ পাবে; সমস্ত হৃদয়ের সঙ্গে ও সমস্ত প্রাণের সঙ্গে তাঁর খোঁজ করলেই পাবে।
30 जब तू मुसीबत में पड़ेगा और यह सब बातें तुझ पर गुज़रेंगी तो आख़िरी दिनों में तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ फिरेगा और उसकी मानेगा;
৩০যখন তুমি সঙ্কটে পড় এবং এই সব তোমার প্রতি ঘটে, তখন ভবিষ্যতে তুমি তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর দিকে ফিরবে ও তাঁর স্বর শুনবে।
31 क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा, रहीम ख़ुदा है, वह तुझको न तो छोड़ेगा और न हलाक करेगा और न उस 'अहद को भूलेगा जिसकी क़सम उसने तुम्हारे बाप — दादा से खाई।
৩১কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু কৃপাময় ঈশ্বর; তিনি তোমাকে ত্যাগ করবেন না, তোমাকে ধ্বংস করবেন না এবং শপথের মাধ্যমে তোমার পূর্বপুরুষদের কাছে যে নিয়ম করেছেন, তা ভুলে যাবেন না।
32 “और जब से ख़ुदा ने इंसान को ज़मीन पर पैदा किया, तब से शुरू' करके तुम उन गुज़रे दिनों का हाल जो तुमसे पहले हो चुके पूछ, और आसमान के एक सिरे से दूसरे सिरे तक दरियाफ़्त कर, कि इतनी बड़ी वारदात की तरह कभी कोई बात हुई या सुनने में भी आई?
৩২কারণ পৃথিবীতে ঈশ্বরের মাধ্যমে মানুষের সৃষ্টির দিন থেকে তোমার আগে যে দিন গিয়েছে, সেই পুরোনো দিন কে এবং আকাশমণ্ডলের এক প্রান্ত থেকে অন্য প্রান্তকে জিজ্ঞাসা কর, এই মহৎ কাজের মত কাজ কি আর কখনও হয়েছে? অথবা এমন কি শোনা গিয়েছে?
33 क्या कभी कोई क़ौम ख़ुदा की आवाज़ जैसे तू ने सुनी, आग में से आती हुई सुन कर ज़िन्दा बची है?
৩৩তোমার মত কি আর কোনো জাতি আগুনের মধ্যে থেকে ঈশ্বরের স্বর শুনে বেঁচেছে?
34 या कभी ख़ुदा ने एक क़ौम को किसी दूसरी क़ौम के बीच से निकालने का इरादा करके, इम्तिहानों और निशान और मो'जिज़ों और जंग और ताक़तवर हाथ और बलन्द बाज़ू और हौलनाक माजरों के वसीले से, उनको अपनी ख़ातिर बरगुज़ीदा करने के लिए वह काम किए जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारी आँखों के सामने मिस्र में तुम्हारे लिए किए?
৩৪অথবা তোমাদের ঈশ্বর সদাপ্রভু মিশরে তোমাদের সামনে যে সব কাজ করেছেন, ঈশ্বর কি সেই অনুযায়ী গিয়ে পরীক্ষা, চিহ্ন, বিস্ময়, যুদ্ধ, শক্তিশালী হাত, বিশাল ক্ষমতা প্রদর্শন এবং মহা ভয়ঙ্কর কাজের মাধ্যমে অন্য জাতির মধ্যে থেকে নিজের জন্য এক জাতি গ্রহণ করতে চেষ্টা করেছেন?
35 यह सब कुछ तुझको दिखाया गया, ताकि तू जाने कि ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है और उसके अलावा और कोई है ही नहीं।
৩৫সদাপ্রভুই ঈশ্বর, তিনি ছাড়া আর কেউ নেই, এটা যেন তুমি জানো, তার জন্য ঐ সব তোমাকেই দেখানো হল।
36 उसने अपनी आवाज़ आसमान में से तुमको सुनाई ताकि तुझको तरबियत करे, और ज़मीन पर उसने तुझको अपनी बड़ी आग दिखाई; और तुमने उसकी बातें आग के बीच में से आती हुई सुनी।
৩৬নির্দেশ দেবার জন্য তিনি স্বর্গ থেকে তোমাকে নিজের স্বর শোনালেন ও পৃথিবীতে তোমাকে নিজের বিশাল আগুন দেখালেন এবং তুমি আগুনের মধ্যে থেকে তাঁর কথা শুনতে পেলে।
37 और चूँकि उसे तेरे बाप — दादा से मुहब्बत थी, इसीलिए उसने उनके बाद उनकी नसल को चुन लिया, और तेरे साथ होकर अपनी बड़ी कुदरत से तुझको मिस्र से निकाल लाया;
৩৭তিনি তোমরা পূর্বপুরুষদেরকে ভালবাসতেন, তাই তাঁদের পরে তাঁদের বংশকেও বেছে নিলেন এবং নিজের অস্তিত্ব ও বিশাল ক্ষমতার মাধ্যমে তোমাকে মিশর দেশ থেকে বের করে আনলেন;
38 ताकि तुम्हारे सामने से उन क़ौमों को जो तुझ से बड़ी और ताक़तवर हैं दफ़ा' करे, और तुझको उनके मुल्क में पहुँचाए, और उसे तुझको मीरास के तौर पर दे, जैसा आज के दिन ज़ाहिर है।
৩৮যেন তোমার থেকে মহান ও শক্তিশালী জাতিদেরকে তোমার সামনে থেকে তাড়িয়ে দিয়ে তাদের দেশে তোমাকে প্রবেশ করান ও অধিকারের জন্য তোমাকে সে দেশ দেন, যেমন আজ দেখছ।
39 इसलिए आज के दिन तू जान ले और इस बात को अपने दिल में जमा ले, कि ऊपर आसमान में और नीचे ज़मीन पर ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है और कोई दूसरा नहीं।
৩৯অতএব আজ জানো, মনে রাখ যে, উপরে অবস্থিত স্বর্গে ও নীচে অবস্থিত পৃথিবীতে সদাপ্রভুই ঈশ্বর, অন্য কেউ নেই।
40 इसलिए तू उसके आईन और अहकाम को जो मैं तुझको आज बताता हूँ मानना, ताकि तेरा और तेरे बाद तेरी औलाद का भला हो, और हमेशा उस मुल्क में जो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है तेरी उम्र दराज़ हो।”
৪০আর তোমার মঙ্গল ও তোমার পরে যে সন্তানরা আসতে চলেছে তাদের যেন মঙ্গল হয় এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে ভূমি চিরকালের জন্য দিচ্ছেন, তার উপরে যেন তুমি দীর্ঘদিন বেঁচে থাক, এই জন্য আমি তাঁর যে সব বিধি ও আজ্ঞা আজ তোমাকে আদেশ করলাম, তা পালন কোরো।
41 फिर मूसा ने यरदन के पार पूरब की तरफ़ तीन शहर अलग किए,
৪১তারপর মোশি যর্দ্দন নদীর পূর্ব দিকে তিনটি শহর আলাদা করলেন;
42 ताकि ऐसा ख़ूनी जो अनजाने बग़ैर क़दीमी 'अदावत के अपने पड़ोसी को मार डाले, वह वहाँ भाग जाए और इन शहरों में से किसी में जाकर जीता बच रहे।
৪২যেন হত্যাকারী সেখানে পালাতে পারে; যে কেউ নিজের প্রতিবেশীকে আগে শত্রুতা না করে অনিচ্ছাকৃতভাবে হত্যা করে, সে যেন এই সকলের মধ্যে কোনো এক শহরে পালিয়ে গিয়ে বাঁচতে পারে;
43 या'नी रूबीनियों के लिए तो शहर — ए — बसर हो जो तराई में वीरान के बीच वाक़े' है, और जद्दियों के लिए शहर — ए — रामात जो जिल'आद में है, और मनस्सियों के लिए बसन का शहर — ए — जौलान।
৪৩তিনটি শহর হল, রূবেণীয়দের জন্য সমভূমি, মরুপ্রান্তের বেৎসর, গাদীয়দের জন্য গিলিয়দে অবস্থিত রামোৎ এবং মনঃশীয়দের জন্য বাশনে অবস্থিত গোলন।
44 यह वह शरी'अत है जो मूसा ने बनी — इस्राईल के आगे पेश की।
৪৪মোশি ইস্রায়েলের লোকদের সামনে এই ব্যবস্থা স্থাপন করেছিলেন;
45 यही वह शहादतें और आईन और अहकाम हैं जिनको मूसा ने बनी — इस्राईल को उनके मिस्र से निकलने के बा'द,
৪৫যখন মিশর থেকে তারা বের হয়ে এসেছিলেন তখন মোশি ইস্রায়েলের লোকদের এই সমস্ত নিয়মের বিধি, ব্যবস্থা এবং অন্যান্য নিয়মের কথা বলেছিলেন,
46 यरदन के पार उस वादी में जो बैत फ़ग़ूर के सामने है, कह सुनाया; या'नी अमोरियों के बादशाह सीहोन के मुल्क में जो हस्बोन में रहता था, जिसे मूसा और बनी इस्राईल ने मुल्क — ए — मिस्र से निकलने के बाद मारा।
৪৬যর্দ্দনের পূর্বপারে, বৈৎ-পিয়োরের সামনে অবস্থিত উপত্যকাতে, হিষবোন নিবাসী ইমোরীয় রাজা সীহোনের দেশে ইস্রায়েলের লোকদের কাছে এই সব সাক্ষ্য, বিধি ও শাসনের কথা বলেছিলেন। মিশর থেকে বের হয়ে আসলে মোশি ও ইস্রায়েলের লোকেরা সেই রাজাকে আঘাত করেছিলেন
47 और फिर उसके मुल्क को, और बसन के बादशाह 'ओज के मुल्क को अपने क़ब्ज़े में कर लिया। अमोरियों के इन दोनों बादशाहों का यह मुल्क यरदन पार पूरब की तरफ़,
৪৭এবং তাঁর ও বাশনের রাজা ওগের দেশ, যর্দ্দনের পূর্ব পারে ইমোরীয়দের এই দুই রাজার দেশ,
48 'अरो'ईर से जो वादी — ए — अरनोन के किनारे वाक़े' है, कोह — ए — सियून तक जिसे हरमून भी कहते हैं, फैला हुआ है।
৪৮অর্ণোন উপত্যকার সীমাতে অবস্থিত অরোয়ের থেকে সীওন পর্বত অর্থাৎ হর্মোণ পর্যন্ত সমস্ত দেশ
49 इसी में यरदन पार पूरब की तरफ़ मैदान के दरिया तक जो पिसगा की ढाल के नीचे बहता है, वहाँ का सारा मैदान शामिल है।
৪৯এবং পিস্গা পর্বতের নীচে অবস্থিত অরাবা উপত্যকার সমুদ্র পর্যন্ত যর্দ্দনের পূর্বদিকে অবস্থিত সমস্ত অরাবা উপত্যকা অধিকার করেছিলেন।