< इस्त 31 >

1 और मूसा ने जा कर यह बातें सब इस्राईलियों को सुनाई,
Moisés fue y dijo estas palabras a todo Israel.
2 और उनको कहा कि “मैं तो आज कि दिन एक सौ बीस बरस का हूँ, मैं अब चल फिर नहीं सकता; और ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा है कि तू इस यरदन पार नहीं जाएगा।
Les dijo: “Hoy tengo ciento veinte años. Ya no puedo salir ni entrar. Yahvé me ha dicho: ‘No pasarás este Jordán’.
3 इसलिए ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा ही तेरे आगे — आगे पार जाएगा, और वही उन क़ौमों को तेरे आगे से फ़ना करेगा और तू उसका वारिस होगा; और जैसा ख़ुदावन्द ने कहा है, यशू'अ तुम्हारे आगे — आगे पार जाएगा।
El propio Señor, tu Dios, pasará delante de ti. Destruirá a estas naciones delante de ti, y tú las desposeerás. Josué pasará delante de ti, como ha dicho el Señor.
4 और ख़ुदावन्द उनसे वही करेगा जो उसने अमोरियों के बादशाह सीहोन और 'ओज और उनके मुल्क से किया, कि उनको फ़ना कर डाला।
El Señor hará con ellos lo que hizo con Sijón y con Og, los reyes de los amorreos, y con su tierra, cuando los destruyó.
5 और ख़ुदावन्द उनको तुमसे शिकस्त दिलाएगा, और तुम उनसे उन सब हुक्मों के मुताबिक़ पेश आना जो मैंने तुमको दिए हैं।
El Señor los entregará delante de ti, y tú harás con ellos todo lo que te he mandado.
6 तू मज़बूत हो जा और हौसला रख; मत डर और न उनसे ख़ौफ़ खा, क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा ख़ुद ही तेरे साथ जाता है; वह तुझसे दस्तबरदार नहीं होगा, और न तुमको छोड़ेगा।”
Sé fuerte y valiente. No les tengas miedo ni temor, porque el mismo Yahvé, tu Dios, es quien va contigo. Él no te fallará ni te abandonará”.
7 फिर मूसा ने यशू'अ को बुलाकर सब इस्राईलियों के सामने उससे कहा, “तू मज़बूत हो जा और हौसला रख; क्यूँकि तू इस क़ौम के साथ उस मुल्क में जाएगा, जिसको ख़ुदावन्द ने उनके बाप — दादा से क़सम खाकर देने को कहा था, और तू उनको उसका वारिस बनाएगा।
Moisés llamó a Josué y le dijo a la vista de todo Israel: “Esfuérzate y sé valiente, porque irás con este pueblo a la tierra que Yahvé ha jurado a sus padres que les daría, y la harás heredar.
8 और ख़ुदावन्द ही तेरे आगे — आगे चलेगा; वह तेरे साथ रहेगा, वह तुझ से न दस्तबरदार होगा, न तुझे छोड़ेगा; इसलिए तू ख़ौफ़ न कर और बे — दिल न हो।”
El mismo Yahvé es quien va delante de ustedes. Él estará con ustedes. No te fallará ni te abandonará. No tengas miedo. No te desanimes”.
9 और मूसा ने इस शरी'अत को लिखकर उसे काहिनों के, जो बनी लावी और ख़ुदावन्द के 'अहद के संन्दूक के उठाने वाले थे, और इस्राईल के सब बुज़ुर्गों के सुपर्द किया।
Moisés escribió esta ley y la entregó a los sacerdotes hijos de Leví, que llevaban el arca de la alianza de Yahvé, y a todos los ancianos de Israel.
10 फिर मूसा ने उनको यह हुक्म दिया, हर सात बरस के आख़िर में छुटकारे के साल के मु'अय्यन वक़्त पर झोपड़ियों के 'ईद में,
Moisés les ordenó diciendo: “Al final de cada siete años, en el tiempo establecido del año de la liberación, en la fiesta de las cabañas,
11 जब सब इस्राईली ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा के सामने उस जगह आ कर हाज़िर हों जिसे वह ख़ुद चुनेगा, तो तुम इस शरी'अत को पढ़कर सब इस्राईलियों को सुनाना।
cuando todo Israel haya venido a presentarse ante Yahvé vuestro Dios en el lugar que él elija, leerás esta ley ante todo Israel en su audiencia.
12 तुम सारे लोगों को, या'नी मर्दों और 'औरतों और बच्चों और अपनी बस्तियों के मुसाफ़िरों को जमा' करना, ताकि वह सुनें और सीखें और ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा का ख़ौफ़ मानें और इस शरी “अत की सब बातों पर एहतियात रखकर 'अमल करें;
Reúne al pueblo, a los hombres, a las mujeres y a los niños, y a los extranjeros que estén dentro de tus puertas, para que oigan, aprendan, teman a Yahvé vuestro Dios y observen para cumplir todas las palabras de esta ley,
13 और उनके लड़के जिनको कुछ मा'लूम नहीं वह भी सुनें, और जब तक तुम उस मुल्क में जीते रहो जिस पर क़ब्ज़ा करने को तुम यरदन पार जाते हो, तब तक वह बराबर ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा का ख़ौफ़ मानना सीखें।”
y para que sus hijos, que no han sabido, oigan y aprendan a temer a Yahvé vuestro Dios, mientras vivas en la tierra donde pasas el Jordán para poseerla.”
14 फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “देख, तेरे मरने के दिन आ पहुँचे। इसलिए तू यशू'अ को बुला ले और तुम दोनों ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में हाज़िर हो जाओ, ताकि मैं उसे हिदायत करूँ।” चुनाँचे मूसा और यशू'अ रवाना होकर ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में हाज़िर हुए।
Yahvé dijo a Moisés: “He aquí que se acercan tus días en que debes morir. Llama a Josué y preséntense en la Tienda del Encuentro, para que yo lo comisione”. Moisés y Josué fueron y se presentaron en la Tienda del Encuentro.
15 और ख़ुदावन्द बादल के सुतून में होकर ख़ेमे में नमूदार हुआ, और बादल का सुतून ख़ेमे के दरवाज़े पर ठहर गया।
Yahvé apareció en la Tienda en una columna de nube, y la columna de nube se puso sobre la puerta de la Tienda.
16 तब ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “देख, तू अपने बाप — दादा के साथ सो जाएगा; और यह लोग उठकर उस मुल्क के अजनबी मा'बूदों की पैरवी में, जिनके बीच वह जाकर रहेंगे ज़िनाकार हो जाएँगे और मुझको छोड़ देंगे, और उस 'अहद को जो मैंने उनके साथ बाँधा है तोड़ डालेंगे।
Yahvé dijo a Moisés: “He aquí que tú dormirás con tus padres. Este pueblo se levantará y se prostituirá en pos de los dioses extraños de la tierra a la que va para estar en medio de ellos, y me abandonará y romperá mi pacto que he hecho con ellos.
17 तब उस वक़्त मेरा क़हर उन पर भड़केगा, और मैं उन को छोड़ दूँगा और उनसे अपना मुँह छिपा लूँगा; और वह निगल लिए जाएँगे और बहुत सी बलाएँ और मुसीबतें उन पर आएँगी, चुनाँचे वह उस दिन कहेंगे, 'क्या हम पर यह बलाएँ इसी वजह से नहीं आईं कि हमारा ख़ुदा हमारे बीच नहीं?'
Entonces mi ira se encenderá contra ellos en aquel día, y los abandonaré, y esconderé mi rostro de ellos, y serán devorados, y les sobrevendrán muchos males y angustias; de modo que dirán en aquel día: “¿No nos han sobrevenido estos males porque nuestro Dios no está en medio de nosotros?”
18 उस वक़्त उन सब बदियों की वजह से, जो और मा'बूदों की तरफ़ माइल होकर उन्होंने की होंगी मैं ज़रूर अपना मुँह छिपा लूँगा।
Ciertamente esconderé mi rostro en aquel día por todo el mal que han hecho, por haberse convertido a otros dioses.
19 इसलिए तुम यह गीत अपने लिए लिख लो, और तुम उसे बनी — इस्राईल को सिखाना और उनको हिफ़्ज़ करा देना, ताकि यह गीत बनी इस्राईल के ख़िलाफ़ मेरा गवाह रहे।
“Ahora, pues, escribid este cántico para vosotros y enseñadlo a los hijos de Israel. Ponedlo en sus bocas, para que este cántico sea testigo a mi favor contra los hijos de Israel.
20 इसलिए कि जब मैं उनको उस मुल्क में, जिस की क़सम मैंने उनके बाप — दादा से खाई और जहाँ दूध और शहद बहता है पहुँचा दूँगा, और वह ख़ूब खा — खाकर मोटे हो जाएँगे; तब वह और मा'बूदों की तरफ़ फिर जाएँगे और उनकी इबादत करेंगे और मुझको हक़ीर जानेंगे और मेरे 'अहद को तोड़ डालेंगे।
Porque cuando los haya introducido en la tierra que juré a sus padres, que fluye leche y miel, y hayan comido y se hayan saciado y engordado, entonces se volverán a otros dioses y los servirán, y me despreciarán y romperán mi pacto.
21 और यूँ होगा कि जब बहुत सी बलाएँ और मुसीबतें उन पर आएँगी, तो ये गीत गवाह की तरह उन पर शहादत देगा; इसलिए कि इसे उनकी औलाद कभी नहीं भूलेगी, क्यूँकि इस वक़्त भी उनको उस मुल्क में पहुँचाने से पहले जिसकी क़सम मैंने खाई है, मैं उनके ख़याल को जिसमें वह हैं जानता हूँ।”
Sucederá que, cuando les hayan sobrevenido muchos males y angustias, este cántico dará testimonio ante ellos, pues no se olvidará de la boca de sus descendientes; porque yo conozco sus caminos y lo que hacen hoy, antes de introducirlos en la tierra que les prometí.”
22 इसलिए मूसा ने उसी दिन इस गीत को लिख लिया और उसे बनी — इस्राईल को सिखाया।
Ese mismo día Moisés escribió este cántico y lo enseñó a los hijos de Israel.
23 और उसने नून के बेटे यशू'अ को हिदायत की और कहा, “मज़बूत हो जा, और हौसला रख; क्यूँकि तू बनी — इस्राईल को उस मुल्क में ले जाएगा जिसकी क़सम मैंने उनसे खाई थी, और मैं तेरे साथ रहूँगा।”
Mandó a Josué, hijo de Nun, y le dijo: “Sé fuerte y valiente, porque llevarás a los hijos de Israel a la tierra que les juré. Yo estaré contigo”.
24 और ऐसा हुआ कि जब मूसा इस शरी'अत की बातों को एक किताब में लिख चुका और वह ख़त्म हो गई,
Cuando Moisés terminó de escribir las palabras de esta ley en un libro, hasta terminarlas,
25 तो मूसा ने लावियों से, जो ख़ुदावन्द के 'अहद के संदूक़ को उठाया करते थे कहा,
Moisés ordenó a los levitas que llevaban el arca de la alianza de Yahvé, diciendo:
26 “इस शरी'अत की किताब को लेकर ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के 'अहद के सन्दूक़ के पास रख दो, ताकि वह तुम्हारे बरख़िलाफ़ गवाह रहे।
“Tomen este libro de la ley y pónganlo al lado del arca de la alianza de Yahvé su Dios, para que esté allí como testigo contra ustedes.
27 क्यूँकि मैं तुम्हारी बग़ावत और गर्दनकशी को जानता हूँ। देखो, अभी तो मेरे जीते जी तुम ख़ुदावन्द से बग़ावत करते रहे हो, तो मेरे मरने के बाद कितना ज़्यादा न करोगे?
Porque yo conozco tu rebeldía y tu rigidez de cerviz. He aquí que, mientras yo vivo con vosotros, os habéis rebelado contra Yahvé. ¿Cuánto más después de mi muerte?
28 तुम अपने क़बीले के सब बुज़ुर्गों और 'उहदेदारों को मेरे पास जमा' करो, ताकि मैं यह बातें उनके कानों में डाल दूँ और आसमान और ज़मीन को उनके बरख़िलाफ़ गवाह बनाऊँ।
Reúnanme a todos los ancianos de sus tribus y a sus oficiales, para que les diga estas palabras en sus oídos, y llame al cielo y a la tierra como testigos contra ellos.
29 क्यूँकि मैं जानता हूँ कि मेरे मरने के बाद तुम अपने को बिगाड़ लोगे, और उस रास्ते से जिसका मैंने तुमको हुक्म दिया है फिर जाओगे; तब आख़िरी दिनों में तुम पर आफ़त टूटेगी, क्यूँकि तुम अपने कामों से ख़ुदावन्द को ग़ुस्सा दिलाने के लिए वह काम करोगे जो उसकी नज़र में बुरा है।”
Porque sé que después de mi muerte os corromperéis por completo y os apartaréis del camino que os he mandado; y os sucederá el mal en los últimos días, porque haréis lo que es malo a los ojos de Yahvé, para provocarlo a la ira con la obra de vuestras manos.”
30 इसलिए मूसा ने इस गीत की बातें इस्राईल की सारी जमा'अत को आख़िर तक कह सुनाई।
Moisés pronunció en los oídos de toda la asamblea de Israel las palabras de este cántico, hasta que las terminó.

< इस्त 31 >