< इस्त 28 >
1 और अगर तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात को जांफिशानी से मान कर उसके इन सब हुक्मों पर, जो आज के दिन मैं तुझको देता हूँ, एहतियात से 'अमल करे तो ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा दुनिया की सब क़ौमों से ज़्यादा तुझको सरफ़राज़ करेगा।
And it shall come to pass, if you will indeed hear the voice of the Lord your God, to observe and do all these commands, which I charge you this day, that the Lord your God shall set you on high above all the nations of the earth;
2 और अगर तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात सुने तो यह सब बरकतें तुझ पर नाज़िल होंगी और तुझको मिलेंगी।
and all these blessings shall come upon you, and shall find you. If you will indeed hear the voice of the Lord your God,
3 शहर में भी तू मुबारक होगा, और खेत में भी मुबारक होगा।
blessed [shall] you [be] in the city, and blessed shall you be in the field.
4 तेरी औलाद, और तेरी ज़मीन की पैदावार, और तेरे चौपायों के बच्चे, या'नी गाय — बैल की बढ़ती और तेरी भेड़ — बकरियों के बच्चे मुबारक होंगे।
Blessed shall be the offspring of your body, and the fruits of your land, and the herds of your oxen, and the flocks of your sheep.
5 तेरा टोकरा और तेरी कठौती दोनों मुबारक होंगे।
Blessed shall be your barns, and your stores.
6 और तू अन्दर आते वक़्त मुबारक होगा, और बाहर जाते वक़्त भी मुबारक होगा।
Blessed shall you be in your coming in, and blessed shall you be in your going out.
7 ख़ुदावन्द तेरे दुश्मनों को जो तुझ पर हमला करें, तेरे सामने शिकस्त दिलाएगा; वह तेरे मुक़ाबले को तो एक ही रास्ते से आएँगे, लेकिन सात सात रास्तों से हो कर तेरे आगे से भागेंगे।
The Lord deliver your enemies that withstand you utterly broken before your face: they shall come out against you one way, and they shall flee seven ways from before you.
8 ख़ुदावन्द तेरे अम्बारख़ानों में और सब कामों में जिनमें तू हाथ लगाये बरकत का हुक्म देगा, और ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा उस मुल्क में जिसे वह तुझको देता है तुझको बरकत बख़्शेगा।
The Lord send upon you his blessing in your barns, and on all on which you shall put your hand, in the land which the Lord your God gives you.
9 अगर तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्मों को माने और उसकी राहों पर चले, तो ख़ुदावन्द अपनी उस क़सम के मुताबिक़ जो उसने तुझ से खाई तुझको अपनी पाक क़ौम बना कर क़ाईम रख्खेगा।
The Lord raise you up for himself a holy people, as he sware to your fathers; if you will hear the voice of the Lord your God, and walk in all his ways.
10 और दुनिया की सब क़ौमें यह देखकर कि तू ख़ुदावन्द के नाम से कहलाता है, तुझ से डर जाएँगी।
And all the nations of the earth shall see you, that the name of the Lord is called upon you, and they shall stand in awe of you.
11 और जिस मुल्क को तुझको देने की क़सम ख़ुदावन्द ने तेरे बाप — दादा से खाई थी, उसमें ख़ुदावन्द तेरी औलाद को और तेरे चौपायों के बच्चों को और तेरी ज़मीन की पैदावार को ख़ूब बढ़ा कर तुझको बढ़ाएगा।
And the Lord your God shall multiply you for good in the offspring of your body, and in the offspring of your cattle, and in the fruits of your land, on your land which the Lord sware to your fathers to give to you.
12 ख़ुदावन्द आसमान को जो उसका अच्छा ख़ज़ाना है तेरे लिए खोल देगा कि तेरे मुल्क में वक़्त पर मेंह बरसाए, और वह तेरे सब कामों में जिनमें तू हाथ लगाए बरकत देगा; और तू बहुत सी क़ौमों को क़र्ज़ देगा, लेकिन ख़ुद क़र्ज़ नहीं लेगा।
May the Lord open to you his good treasure, the heaven, to give rain to your land in season: may he bless all the works of your hands: so shall you lend to many nations, but you shall not borrow; and you shall rule over many nations, but they shall not rule over you.
13 और ख़ुदावन्द तुझको दुम नहीं बल्कि सिर ठहराएगा, और तू पस्त नहीं बल्कि सरफ़राज़ ही रहेगा; बशर्ते कि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्मों को, जो मैं तुझको आज के दिन देता हूँ, सुनो और एहतियात से उन पर 'अमल करो,
The Lord your God make you the head, and not the tail; and you shall then be above and you shall not be below, if you will listen to the voice of the Lord your God, in all things that I charge you this day to observe.
14 और जिन बातों का मैं आज के दिन तुझको हुक्म देता हूँ, उनमें से किसी से दहने या बाएँ हाथ मुड़ कर और मा'बूदों की पैरवी और इबादत न करे।
You shall not turn aside from any of the commandments, which I charge you this day, to the right hand or to the left, to go after other gods to serve them.
15 “लेकिन अगर तू ऐसा न करे, कि ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात सुनकर उसके सब अहकाम और आईन पर जो आज के दिन मैं तुझको देता हूँ एहतियात से 'अमल करे, तो यह सब ला'नतें तुझ पर नाज़िल होंगी और तुझको लगेंगी।
But it shall come to pass, if you will not listen to the voice of the Lord your God, to observe all his commandments, as many as I charge you this day, then all these curses shall come on you, and overtake you.
16 शहर में भी तू ला'नती होगा, और खेत में भी ला'नती होगा।
Cursed [shall] you [be] in the city, and cursed shall you be in the field.
17 तेरा टोकरा और तेरी कठौती दोनों ला'नती ठहरेंगे।
Cursed shall be your barns and your stores.
18 तेरी औलाद और तेरी ज़मीन की पैदावार, और तेरे गाय — बैल की बढ़ती और तेरी भेड़ — बकरियों के बच्चे ला'नती होंगे।
Cursed shall be the offspring of your body, and the fruits of your land, the herds of your oxen, and the flocks of your sheep.
19 तू अन्दर आते ला'नती ठहरेगा, और बाहर जाते भी ला'नती ठहरेगा।
Cursed shall you be in your coming in, and cursed shall you be in your going out.
20 ख़ुदावन्द उन सब कामों में जिनको तू हाथ लगाए, ला'नत और इज़तिराब और फटकार को तुझ पर नाज़िल करेगा जब तक कि तू हलाक होकर जल्द बर्बाद न हो जाए, यह तेरी उन बद'आमालियों की वजह से होगा जिनको करने की वजह से तू मुझको छोड़ देगा।
The Lord send upon you lack, and famine, and consumption of all things on which you shall put your hand, until he shall have utterly destroyed you, and until he shall have consumed you quickly because of your evil devices, because you have forsaken me.
21 ख़ुदावन्द ऐसा करेगा कि वबा तुझ से लिपटी रहेगी, जब तक कि वह तुझको उस मुल्क से जिस पर क़ब्ज़ा करने को तू वहाँ जा रहा है फ़ना न कर दे।
The Lord cause the pestilence to cleave to you, until he shall have consumed you off the land into which you go to inherit it.
22 ख़ुदावन्द तुझको तप — ए — दिक़ और बुख़ार और सोज़िश और शदीद हरारत और तलवार और बाद — ए — समूम और गेरूई से मारेगा, और यह तेरे पीछे पड़े रहेंगे जब तक कि तू फ़ना न हो जाये।
The Lord strike you with distress, and fever, and cold, and inflammation, and blighting, and paleness, and they shall pursue you until they have destroyed you.
23 और आसमान जो तेरे सिर पर है पीतल का, और ज़मीन जो तेरे नीचे है लोहे की हो जाएगी।
And you shall have over your head a sky of brass, and the earth under you shall be iron.
24 ख़ुदावन्द मेंह के बदले तेरी ज़मीन पर ख़ाक और धूल बरसाएगा; यह आसमान से तुझ पर पड़ती ही रहेगी, जब तक कि तू हलाक न हो जाये।
The Lord your God make the rain of your land dust; and dust shall come down from heaven, until it shall have destroyed you, and until it shall have quickly consumed you.
25 “ख़ुदावन्द तुझको तेरे दुश्मनों के आगे शिकस्त दिलाएगा; तू उनके मुक़ाबले के लिए तो एक ही रास्ते से जाएगा, और उनके सामने से सात — सात रास्तों से होकर भागेगा, और दुनिया की तमाम सल्तनतों में तू मारा — मारा फिरेगा।
The Lord give you up for slaughter before your enemies: you shall go out against them one way, and flee from their face seven ways; and you shall be a dispersion in all the kingdoms of the earth.
26 और तेरी लाश हवा के परिन्दों और ज़मीन के दरिन्दों की ख़ुराक होगी, और कोई उनको हंका कर भगाने को भी न होगा।
And your dead men shall be food to the birds of the sky, and to the beasts of the earth; and there shall be none to scare them away.
27 ख़ुदावन्द तुझको मिस्र के फोड़ों, और बवासीर, और खुजली, और ख़ारिश में ऐसा मुब्तिला करेगा कि तू कभी अच्छा भी नहीं होने का।
The Lord strike you with the botch of Egypt in the seat, and with a malignant scab, and itch, so that you can not be healed.
28 ख़ुदावन्द तुझको जुनून और नाबीनाई और दिल की घबराहट में भी मुब्तिला कर देगा।
The Lord strike you with insanity, and blindness, and astonishment of mind.
29 और जैसे अंधा अँधेरे में टटोलता है वैसे ही तू दोपहर दिन को टटोलता फिरेगा और तू अपने धन्धों में नाकाम रहेगा; और तुझ पर हमेशा जुल्म ही होगा, और तू लुटता ही रहेगा और कोई न होगा जो तुझको बचाए।
And you shall grope at mid-day, as a blind man would grope in the darkness, and you shall not prosper in your ways; and then you shall be unjustly treated, and plundered continually, and there shall be no helper.
30 'औरत से मंगनी तो तू करेगा लेकिन दूसरा उससे मुबाश्रत करेगा, तू घर बनाएगा लेकिन उसमें बसने न पाएगा, तू ताकिस्तान लगाएगा लेकिन उसका फल इस्ते'माल न करेगा।
you shall take a wife, and another man shall have her; you shall build a house, and you shall not dwell in it; you shall plant a vineyard, and shall not gather the grapes of it.
31 तेरा बैल तेरी आँखों के सामने ज़बह किया जाएगा लेकिन तू उसका गोश्त खाने न पाएगा, तेरा गधा तुझ से जबरन छीन लिया जाएगा और तुझको फिर न मिलेगा, तेरी भेड़ें तेरे दुश्मनों के हाथ लगेंगी और कोई न होगा जो तुझको बचाए।
Your calf [shall be] slain before you, and you shall not eat of it; your ass shall be violently taken away from you, and shall not be restored to you: your sheep shall be given to your enemies, and you shall have no helper.
32 तेरे बेटे और बेटियाँ दूसरी क़ौम को दी जाएँगी, और तेरी आँखें देखेंगी और सारे दिन उनके लिए तरसते — तरसते रह जाएँगी; और तेरा कुछ बस नहीं चलेगा।
Your sons and your daughters shall be given to another nation, and your eyes wasting away shall look for them: your hand shall have no strength.
33 तेरी ज़मीन की पैदावार और तेरी सारी कमाई को एक ऐसी क़ौम खाएगी जिससे तू वाक़िफ़ नहीं; और तू हमेशा मज़लूम और दबा ही रहेगा,
A nation which you know not shall eat the produce of your land, and all your labours; and you shall be injured and crushed always.
34 यहाँ तक कि इन बातों को अपनी आँखों से देख देखकर दीवाना हो जाएगा।
And you shall be distracted, because of the sights of your eyes which you shall see.
35 ख़ुदावन्द तेरे घुटनों और टाँगों में ऐसे बुरे फोड़े पैदा करेगा, कि उनसे तू पाँव के तलवे से लेकर सिर की चाँद तक शिफ़ा न पा सकेगा।
The Lord strike you with an evil sore, on the knees and the legs, so that you shall not be able to be healed from the sole of your foot to the crown of your head.
36 ख़ुदावन्द तुझको और तेरे बादशाह को, जिसे तू अपने ऊपर मुक़र्रर करेगा, एक ऐसी क़ौम के बीच ले जाएगा जिसे तू और तेरे बाप — दादा जानते भी नहीं; और वहाँ तू और मा'बूदों की जो महज़ लकड़ी और पत्थर है इबादत करेंगे।
The Lord carry away you and your princes, whom you shall set over you, to a nation which neither you nor your fathers know; and you shall there serve other gods, wood and stone.
37 और उन सब क़ौमों में, जहाँ — जहाँ ख़ुदावन्द तुझको पहुँचाएगा, तू बाइस — ए — हैरत और ज़र्ब — उल — मसल और अंगुश्त नुमा बनेगा।
An you shall be there for a wonder, and a parable, and a tale, amongst all the nations, to which the Lord your God shall carry you away.
38 तू खेत में बहुत सा बीज ले जाएगा लोकन थोड़ा सा जमा' करेगा, क्यूँकि टिड्डी उसे चाट लेंगी।
You shall carry forth much seed into the field, and you shall bring in little, because the locust shall devour it.
39 तू ताकिस्तान लगाएगा और उन पर मेहनत करेगा, लेकिन न तो मय पीने और न अंगूर जमा' करने पायेगा; क्यूँकि उनको कीड़े खा जाएँगे।
You shall plant a vineyard, and dress it, and shall not drink the wine, neither shall you delight yourself with it, because the worm shall devour it.
40 तेरी सब हदों में ज़ैतून के दरख़्त लगे होंगे, लेकिन तू उनका तेल नहीं लगाने पाएगा; क्यूँकि तेरे ज़ैतून के दरख़्तों का फल झड़ जाया करेगा।
You shall have olive trees in all your borders, and you shall not anoint you with oil, because your olive shall utterly cast [its fruit].
41 तेरे बेटे और बेटियाँ पैदा होंगी लेकिन वह सब तेरे न रहेंगे, क्यूँकि वह ग़ुलाम हो कर चले जाएँगे।
You shall beget sons and daughters, and they shall not be [your], for they shall depart into captivity.
42 तेरे सब दरख़्तों और तेरी सब ज़मीन की पैदावार पर टिड्डियाँ क़ब्ज़ा कर लेंगी।
All your trees and the fruits of your land shall the blight consume.
43 परदेसी जो तेरे बीच होगा वह तुझसे बढ़ता और सरफ़राज़ होता जाएगा, लेकिन तू पस्त ही पस्त होता जाएगा।
The stranger that is within you shall get up very high, and you shall come down very low.
44 वह तुझको क़र्ज़ देगा, लेकिन तू उसे क़र्ज़ न दे सकेगा; वह सिर होगा और तू दुम ठहरेगा।
He shall lend to you, and you shall not lend to him: he shall be the head, and you shall be the tail.
45 और चूँकि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के उन हुक्मों और आईन पर जिनको उसने तुझको दिया है, 'अमल करने के लिए उसकी बात नहीं सुनेंगे; इसलिए यह सब ला'नतें तुझ पर आएँगी और तेरे पीछे पड़ी रहेंगी और तुझको लगेंगी, जब तक तेरा नास न हो जाए।
And all these curses shall come upon you, and shall pursue you, and shall overtake you, until he shall have consumed you, and until he shall have destroyed you; because you did not listen to the voice of the Lord your God, to keep his commands, and his ordinances which he has commanded you.
46 और वह तुझ पर और तेरी औलाद पर हमेशा निशान और अचम्भे के तौर पर रहेंगी।
And [these things] shall be signs in you, and wonders amongst your seed for ever;
47 और चूँकि तू बावजूद सब चीज़ों की फ़िरावानी के फ़रहत और ख़ुशदिली से ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की इबादत नहीं करेगा।
because you did not serve the Lord your God with gladness and a good heart, because of the abundance of all things.
48 इसलिए भूका और प्यासा और नंगा और सब चीज़ों का मुहताज होकर तू अपने दुश्मनों की ख़िदमत करेगा जिनको ख़ुदावन्द तेरे बरख़िलाफ़ भेजेगा; और ग़नीम तेरी गरदन पर लोहे का जुआ रख्खे रहेगा, जब तक वह तेरा नास न कर दे।
And you shall serve your enemies, which the Lord will send forth against you, in hunger, and in thirst, and in nakedness, and in the lack of all things; and you shall wear upon your neck a yoke of iron until he shall have destroyed you.
49 ख़ुदावन्द दूर से बल्कि ज़मीन के किनारे से एक क़ौम को तुझ पर चढ़ा लाएगा जैसे 'उक़ाब टूट कर आता है, उस क़ौम की ज़बान को तू नहीं समझेगा;
The Lord shall bring upon you a nation from the extremity of the earth, like the swift flying of an eagle, a nation whose voice you shall not understand;
50 उस क़ौम के लोग तुर्शरू होंगे, जो न बुड्ढों का लिहाज़ करेंगे न जवानों पर तरस खाएँगे।
a nation bold in countenance, which shall not respect the person of the aged and shall not pity the young.
51 और वह तेरे चौपायों के बच्चों और तेरी ज़मीन की पैदावार को खाते रहेंगे, जब तक तेरा नास न हो जाए और वह तेरे लिए अनाज, या मय, या तेल, या गाय — बैल की बढ़ती, या तेरी भेड़ — बकरियों के बच्चे कुछ नहीं छोड़ेंगे, जब तक वह तुझको फ़ना न कर दें।
And it shall eat up the young of your cattle, and the fruits of your land, so as not to leave to you corn, wine, oil, the herds of your oxen, and the flocks of your sheep, until it shall have destroyed you;
52 और वह तेरे तमाम मुल्क में तेरा घिराव तेरी ही बस्तियों में किए रहेंगे; जब तक तेरी ऊँची — ऊँची फ़सीलें जिन पर तेरा भरोसा होगा, गिर न जाएँ। तेरा घिराव वह तेरे ही उस मुल्क की सब बस्तियों में करेंगे, जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है।
and have utterly crushed you in your cities, until the high and strong walls be destroyed, in which you trust, in all your land; and it shall afflict you in your cities, which he has given to you.
53 तब उस घिराव के मौक़े' पर और उस आड़े वक़्त में तू अपने दुश्मनों से तंग आकर अपने ही जिस्म के पहले फल को, या'नी अपने ही बेटों और बेटियों का गोश्त जिनको ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको 'अता किया होगा खायेगा।
And you shall eat the fruit of your body, the flesh of your sons and of your daughters, all that he has given you, in your straitness and your affliction, with which your enemy shall afflict you.
54 वह शख़्स जो तुम में नाज़ुक मिज़ाज और नाज़ुक बदन होगा, उसकी भी अपने भाई और अपनी हमआग़ोश बीवी और अपने बाक़ी मांदा बच्चों की तरफ़ बुरी नज़र होगी;
He that is tender and very delicate within you shall look with an evil eye upon his brother, and the wife in his bosom, and the children that are left, which may have been left to him;
55 यहाँ तक कि वह इनमें से किसी को भी अपने ही बच्चों के गोश्त में से, जिनको वह ख़ुद खाएगा कुछ नहीं देगा; क्यूँकि उस घिराव के मौक़े' पर और उस आड़े वक़्त में जब तेरे दुश्मन तुझको तेरी ही सब बस्तियों में तंग कर मारेंगे, तो उसके पास और कुछ बाक़ी न रहेगा।
so as [not] to give to one of them of the flesh of his children, whom he shall eat, because of his having nothing left him in your straitness, and in your affliction, with which your enemies shall afflict you in all your cities.
56 वह 'औरत भी जो तुम्हारे बीच ऐसी नाज़ुक मिज़ाज और नाज़ुक बदन होगी कि नर्मी — ओ — नज़ाकत की वजह से अपने पाँव का तलवा भी ज़मीन से लगाने की जुर'अत न करती हो, उसकी भी अपने पहलू के शौहर और अपने ही बेटे और बेटी,
And she that is tender and delicate amongst you, whose foot has not assayed to go upon the earth for delicacy and tenderness, shall look with an evil eye on her husband in her bosom, and her son and her daughter,
57 और अपने ही नौज़ाद बच्चे की तरफ़ जो उसकी रानों के बीच से निकला हो, बल्कि अपने सब लड़के बालों की तरफ़ जिनको वह जनेगी बुरी नज़र होगी; क्यूँकि वह तमाम चीज़ों की क़िल्लत की वजह से उन्हीं को छुप — छुप कर खाएगी, जब उस घिराव के मौक़े' पर और उस आड़े वक़्त में तेरे दुश्मन तेरी ही बस्तियों में तुझको तंग कर मारेंगे।
and her offspring that comes out between her feet, and the child which she shall bear; for she shall eat them because of the lack of all things, secretly in your straitness, and in your affliction, with which your enemy shall afflict you in your cities.
58 अगर तू उस शरी'अत की उन सब बातों पर जो इस किताब में लिखी हैं, एहतियात रख कर इस तरह 'अमल न करे कि तुमको ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के जलाली और मुहीब नाम का ख़ौफ़ हो;
If you will not listen to do all the words of this law, which have been written in this book, to fear this glorious and wonderful name, the Lord your God;
59 तो ख़ुदावन्द तुम पर 'अजीब आफ़तें नाज़िल करेगा, और तुम्हारी औलाद की आफ़तों को बढ़ा कर बड़ी और देरपा आफ़तें और सख़्त और देरपा बीमारियाँ कर देगा।
then the Lord shall magnify your plagues, and the plagues of your seed, great and wonderful plagues, and evil and dwelling diseases.
60 और मिस्र के सब रोग जिनसे तू डरता था तुझको लगाएगा और वह तुझको लगे रहेंगे।
And he shall bring upon you all the evil pain of Egypt, of which you were afraid, and they shall cleave to you.
61 और उन सब बीमारियों और आफ़तों को भी जो इस शरी'अत की किताब में मज़कूर नहीं हैं, ख़ुदावन्द तुझको लगाएगा जब तक तेरा नास न हो जाए।
And the Lord shall bring upon you every sickness, and every plague that is not written, and every one that is written in the book of this law, until he shall have destroyed you.
62 और चूँकि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात नहीं सुनेगा, इसलिए कहाँ तो तुम कसरत में आसमान के तारों की तरह हो, और कहाँ शुमार में थोड़े ही से रह जाओगे।
And you shall be left few in number, whereas you were as the stars of the sky in multitude; because you did not listen to the voice of the Lord your God.
63 तब यह होगा कि जैसे तुम्हारे साथ भलाई करने और तुमको बढ़ाने से ख़ुदावन्द ख़ुशनूद हुआ, ऐसे ही तुमको फ़ना कराने और हलाक कर डालने से ख़ुदावन्द ख़ुशनूद होगा; और तुम उस मुल्क से उखाड़ दिए जाओगे, जहाँ तू उस पर क़ब्ज़ा करने को जा रहा है।
And it shall come to pass that as the Lord rejoiced over you to do you good, and to multiply you, so the Lord will rejoice over you to destroy you; and you shall be quickly removed from the land, into which you go to inherit it.
64 और ख़ुदावन्द तुझको ज़मीन के एक सिरे से दूसरे सिरे तक तमाम क़ौमों में तितर — बितर करेगा, वहाँ तू लकड़ी और पत्थर के और मा'बूदों को जिनको तू या तेरे बाप — दादा जानते भी नहीं इबादत करेगा।
And the Lord your God shall scatter you amongst all nations, from one end of the earth to the other; and you shall there serve other gods, wood and stone, which you have not known, nor your fathers.
65 उन क़ौमों के बीच तुझको चैन नसीब न होगा और न तेरे पाँव के तलवे को आराम मिलेगा, बल्कि ख़ुदावन्द तुझको वहाँ दिल — ए — लरज़ाँ और आँखों को धुंधलाहट और जी को कुढ़न देगा।
Moreover amongst those nations he will not give you quiet, neither by any means shall the sole of your foot have rest; and the Lord shall give you there another and a misgiving heart, and failing eyes, and a wasting soul.
66 और तेरी जान शक में अटकी रहेगी और तू रात — दिन डरता रहेगा, और तुम्हारी ज़िन्दगी का कोई ठिकाना न होगा।
And your life shall be in suspense before your eyes; and you shall be afraid by day and by night, and you shall have no assurance of your life.
67 और तू अपने दिली ख़ौफ़ के और उन नज़ारों की वजह से जिनको तू अपनी आँखों से देखेगा, सुबह को कहेगा कि ऐ काश कि शाम होती और शाम को कहेगा ऐ काश कि सुबह होती।
In the morning you shall say, Would it were evening! and in the evening you shall say, Would it were morning! for the fear of your heart with which you shall fear, and for the sights of your eyes which you shall see.
68 और ख़ुदावन्द तुझको किश्तियों में चढ़ा कर उस रास्ते से मिस्र में लौटा ले जाएगा, जिसके बारे में मैंने तुझसे कहा कि तू उसे फिर कभी न देखना; और वहाँ तुम अपने दुश्मनों के ग़ुलाम और लौंडी होने के लिए अपने को बेचोगे लेकिन कोई ख़रीदार न होगा।”
And the Lord shall bring you back to Egypt in ships, by the way of which I said, You shall not see it again; and you shall be sold there to your enemies for bondmen and bondwomen, and none shall buy you.