< इस्त 22 >

1 तू अपने भाई के बैल या भेड़ को भटकती देख कर उस से मुँह न फेरना, बल्कि ज़रूर तू उसको अपने भाई के पास पहुँचा देना।
Видев телца брата твоего или овцу его заблуждающыя на пути, да не презриши я: но возвращением возвратиши я к брату твоему, и да отдаси ему.
2 और अगर तेरा भाई तेरे नज़दीक न रहता हो या तू उससे वाक़िफ़ न हो, तो तू उस जानवर को अपने घर ले आना और वह तेरे पास रहे जब तक तेरा भाई उसकी तलाश न करे, तब तू उसे उसको दे देना।
Аще же несть близ тебе брат твой, ниже увеси его, собери я внутрь дому твоего, и да будут у тебе, дондеже взыщет их брат твой, и отдаси их ему.
3 तू उसके गधे और उसके कपड़े से भी ऐसा ही करना; ग़रज़ जो कुछ तेरे भाई से खोया जाए और तुझको मिले, तू उससे ऐसा ही करना और मुँह न फेरना।
Такожь сотвориши осляти его, и тако да сотвориши ризе его, и тако да сотвориши всему погубленому брата твоего: елика аще погибнут от него, и обрящеши я, да не возможеши пренебрещи я.
4 तू अपने भाई का गधा या बैल रास्ते में गिरा हुआ देखकर उससे मुँह न फेरना, बल्कि ज़रूर उसके उठाने में उसकी मदद करना।
Аще увидиши осля брата твоего или телца его падшыя на пути, да не презриши я: возставляя да возставиши я с собою.
5 'औरत मर्द का लिबास न पहने और न मर्द 'औरत की पोशाक पहने, क्यूँकि जो ऐसा काम करता है वह ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के नज़दीक मकरूह है।
Да не будет утварь мужеска на жене, ни да облачится муж в ризу женску: яко мерзость есть Господеви Богу твоему всяк творяй сия.
6 अगर राह चलते अचानक किसी परिन्दे का घोंसला दरख़्त या ज़मीन पर बच्चों या अंडों के साथ तुझको मिल जाए, और माँ बच्चों या अंडों पर बैठी हुई हो तो तू बच्चों को माँ के साथ न पकड़ लेना;
Аще же улучиши гнездо птичие пред лицем твоим на пути, или на древе некоем, или на земли, и в нем птенцы или яица, и мати седит на птенцех или яицех, да не возмеши матере со птенцы:
7 बच्चों को तू ले तो ले लेकिन माँ को ज़रूर छोड़ देना, ताकि तेरा भला हो और तेरी उम्र दराज़ हो।
отпущением да отпустиши матерь, птенцы же возмеши себе, да благо тебе будет и долгоденствен будеши.
8 जब तू कोई नया घर बनाये तो अपनी छत पर मुण्डेर ज़रूर लगाना, ऐसा न हो कि कोई आदमी वहाँ से गिरे और तेरी वजह से वह ख़ून तेरे ही घरवालों पर हो।
Аще же созиждеши дом нов, и сотвориши ограждение дому твоему, и да не сотвориши убийства в дому твоем, аще падет падый от него.
9 तू अपने ताकिस्तान में दो क़िस्म के बीज न बोना, ऐसा न हो कि सारा फल या'नी जो बीज तूने बोया और ताकिस्तान की पैदावार दोनों ज़ब्त कर लिए जाएँ।
Да не насееши винограда твоего различна, да не освятится плод, и семя, еже насееши с плодом винограда твоего.
10 तू बैल और गधे दोनों को एक साथ जोत कर हल न चलाना।
Да не ореши юнцем и ослятем вкупе.
11 तू ऊन और सन दोनों की मिलावट का बुना हुआ कपड़ा न पहनना।
Ниже да облечешися в ризу разноличну от льна и волны вкупе ткану.
12 तू अपने ओढ़ने की चादर के चारों किनारों पर झालर लगाया करना।
Тресны да сотвориши себе на четырех краях одежды своея, в нюже облечешися.
13 'अगर कोई मर्द किसी 'औरत को ब्याहे और उसके पास जाए, और बाद उसके उससे नफ़रत करके,
Аще же кто поймет жену и будет с нею, и возненавидит ю,
14 शर्मनाक बातें उसके हक़ में कहे और उसे बदनाम करने के लिए यह दा'वा करे कि 'मैंने इस 'औरत से ब्याह किया, और जब मैं उसके पास गया तो मैंने कुँवारेपन के निशान उसमें नहीं पाए।
и наложит на ню обвинителная словеса, и нанесет на ню имя злое, и возглаголет: жену сию поях, и пришед к ней, не обретох ю девицею:
15 तब उस लड़की का बाप और उसकी माँ उस लड़की के कुँवारेपन के निशानों को उस शहर के फाटक पर बुज़ुर्गों के पास ले जाएँ,
и взем отец девицы и матерь, да изнесут девическая отроковицы пред старейшины ко вратом,
16 और उस लड़की का बाप बुज़ुर्गों से कहे कि 'मैंने अपनी बेटी इस शख़्स को ब्याह दी, लेकिन यह उससे नफ़रत रखता है;
и речет отец отроковицы ко старейшинам: дщерь мою сию дах мужу сему в жену, и ныне возненавидев ю сей,
17 और शर्मनाक बातें उसके हक़ में कहता है, और यह दा'वा करता है कि मैंने तेरी बेटी में कुँवारेपन के निशान नहीं पाए; हालाँकि मेरी बेटी के कुँवारेपन के निशान यह मौजूद हैं। फिर वह उस चादर को शहर के बुज़ुर्गों के आगे फैला दें।
возлагает ей обвинителная словеса, глаголя: не обретох дщере твоея девою: и се, девическая дщере моея: и да разгнут ризы пред старейшины града онаго,
18 तब शहर के बुज़ुर्ग उस शख़्स को पकड़ कर उसे कोड़े लगाएँ,
и да возмут старейшины града онаго мужа того и накажут его,
19 और उससे चाँदी के सौ मिस्क़ाल जुर्माना लेकर उस लड़की के बाप को दें, इसलिए कि उसने एक इस्राईली कुँवारी को बदनाम किया; और वह उसकी बीवी बनी रहे और वह ज़िन्दगी भर उसको तलाक़ न देने पाए।
и да обвинят его стом сиклей, и дадят отцу отроковицы, яко изнесе имя зло на девицу Израилтеску, и (паки) да будет ему жена: не возможет отпустити ю во вся лета.
20 लेकिन अगर यह बात सच हो कि लड़की में कुँवारेपन के निशान नहीं पाए गए,
Аще же будет воистинну слово сие, и не обрящутся девическая отроковице,
21 तो वह उस लड़की को उसके बाप के घर के दरवाज़े पर निकाल लाएँ, और उसके शहर के लोग उसे संगसार करें कि वह मर जाए; क्यूँकि उसने इस्राईल के बीच शरारत की, कि अपने बाप के घर में फ़ाहिशापन किया। यूँ तू ऐसी बुराई को अपने बीच से दफ़ा' करना।
и да изведут девицу пред врата дому отца ея, и побиют ю камением мужие градстии, и да умрет, яко сотвори безумие в сынех Израилевых, оскверни дом отца своего: и измите злое от себе самих.
22 अगर कोई मर्द किसी शौहर वाली 'औरत से ज़िना करते पकड़ा जाए तो वह दोनों मार डाले जाएँ, या'नी वह मर्द भी जिसने उस 'औरत से सुहबत की और वह 'औरत भी; यूँ तू इस्राईल में से ऐसी बुराई को दफ़ा' करना।
Аще же обрящется человек лежай с женою мужатою, убийте обоих, человека лежащаго с женою и жену: и измите злое от Израиля.
23 अगर कोई कुंवारी लड़की किसी शख़्स से मन्सूब हो गई हो, और कोई दूसरा आदमी उसे शहर में पाकर उससे सुहबत करे;
Аще же будет дева обрученая мужу, и обрет ю человек (другий) во граде, будет с нею,
24 तो तू उन दोनों को उस शहर के फाटक पर निकाल लाना, और उनको तू संगसार कर देना कि वह मर जाएँ, लड़की को इसलिए कि वह शहर में होते हुए न चिल्लाई, और मर्द को इसलिए कि उसने अपने पड़ोसी की बीवी को बेहुरमत किया। यूँ तू ऐसी बुराई को अपने बीच से दफ़ा' करना।
изведите обоих пред врата града их, и побийте (обоих) камением, и да умрут: отроковицу, понеже не вопила во граде, и мужа, понеже обиде жену ближняго своего: и измите злое от себе самих.
25 लेकिन अगर उस आदमी को वही लड़की जिसकी निस्बत हो चुकी हो किसी मैदान या खेत में मिल जाए, और वह आदमी जबरन उससे सुहबत करे, तो सिर्फ़ वह आदमी ही जिसने सुहबत की मार डाला जाए:
Аще же на поли обрящет человек деву обрученую, и насиловав будет с нею, убийте человека единаго бывшаго с нею:
26 लेकिन उस लड़की से कुछ न करना क्यूँकि लड़की का ऐसा गुनाह नहीं जिससे वह क़त्ल के लायक ठहरे, इसलिए कि यह बात ऐसी है जैसे कोई अपने पड़ोसी पर हमला करे और उसे मार डाले।
а отроковице ничтоже сотворите: несть бо деве греха смертнаго: якоже аще кто бы востал на ближняго своего, и убил бы душу его, тако сие дело:
27 क्यूँकि वह लड़की उसे मैदान में मिली और वह मन्सूबा लड़की चिल्लाई भी लेकिन वहाँ कोई ऐसा न था जो उसे छुड़ाता।
понеже на селе обрете ю, возопи отроковица обрученая, и не бе помогаяй ей.
28 अगर किसी आदमी को कोई कुँवारी लड़की मिल जाए जिसकी निस्बत न हुई हो, और वह उसे पकड़कर उससे सुहबत करे और दोनों पकड़े जाएँ,
Аще же кто обрящет отроковицу деву, яже несть обручена, и насиловав будет с нею, и обличится:
29 तो वह मर्द जिसने उससे सुहबत की हो, लड़की के बाप को चाँदी के पचास मिस्क़ाल दे और वह लड़की उसकी बीवी बने; क्यूँकि उसने उसे बेहुरमत किया, और वह उसे अपनी जिन्दगी भर तलाक़ न देने पाए।
да даст человек бывый с нею отцу отроковицы пятьдесят дидрахм сребра, и тому да будет жена, понеже обиде ю: не возможет отпустити ю во все время.
30 कोई शख़्स अपने बाप की बीवी से ब्याह न करे और अपने बाप के दामन को न खोले।
Да не поймет человек жены отца своего, и да не открыет покровения отца своего.

< इस्त 22 >