< इस्त 15 >
1 'हर सात साल के बाद तू छुटकारा दिया करना।
১তুমি প্রত্যেক সাত বছরের শেষে ঋণ বাদ দেবে। সেই ঋণ ক্ষমার এই ব্যবস্থা;
2 और छुटकारा देने का तरीक़ा ये हो, कि अगर किसी ने अपने पड़ोसी को कुछ क़र्ज़ दिया हो तो वह उसे छोड़ दे, और अपने पड़ोसी से या भाई से उसका मुताल्बा न करे; क्यूँकि ख़ुदावन्द के नाम से इस छुटकारे का 'ऐलान हुआ है।
২যে কোনো মহাজন নিজের প্রতিবেশীকে ঋণ দিয়েছে, সে নিজের দেওয়া সেই ঋণ বাদ দেবে, নিজের প্রতিবেশী কিংবা ভাইয়ের কাছ থেকে ঋণ আদায় করবে না, কারণ সদাপ্রভুর আদেশ ঋণ বাদ দেওয়ার ঘোষণা হয়েছে!
3 परदेसी से तू उसका मुताल्बा कर सकता है, पर जो कुछ तेरा तेरे भाई पर आता हो उसकी तरफ़ से दस्तबरदार हो जाना।
৩তুমি বিদেশীর কাছে আদায় করতে পার; কিন্তু তোমার ভাইয়ের কাছে তোমার যা আছে, তা তুমি ছেড়ে দেবে।
4 तेरे बीच कोई कंगाल न रहे; क्यूँकि ख़ुदावन्द तुझको इस मुल्क में ज़रूर बरकत बख़्शेगा, जिसे ख़ुद ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा मीरास के तौर पर तुझको क़ब्ज़ा करने को देता है।
৪প্রকৃত পক্ষে তোমাদের মধ্যে কেউ যেন গরিব না থাকে; কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার অধিকারের জন্যে যে দেশ দিচ্ছেন, সেই দেশে সদাপ্রভু তোমাকে নিশ্চয়ই আশীর্বাদ করবেন;
5 बशर्ते कि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात मान कर इन सब अहकाम पर चलने की एहतियात रख्खे, जो मैं आज तुझको देता हूँ।
৫শুধু আমি আজ তোমাকে এই যে সব আদেশ দিচ্ছি, এটা যত্নসহকারে পালনের জন্যে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর রবে কান দিতে হবে।
6 क्यूँकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा, जैसा उसने तुझ से वा'दा किया है, तुझको बरकत बख़्शेगा और तू बहुत सी क़ौमों को क़र्ज़ देगा, पर तुझको उनसे क़र्ज़ लेना न पड़ेगा; और तू बहुत सी क़ौमों पर हुक्मरानी करेगा, लेकिन वह तुझ पर हुक्मरानी करने न पाएँगी।
৬কারণ তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু যেমন তোমার কাছে প্রতিজ্ঞা করেছেন, তেমনি তোমাকে আশীর্বাদ করবেন; আর তুমি অনেক জাতিকে ঋণ দেবে, কিন্তু নিজে ঋণ নেবে না এবং অনেক জাতির ওপরে শাসন করবে, কিন্তু তারা তোমার ওপরে শাসন করবে না।
7 जो मुल्क ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको देता है, अगर उसमें कहीं तेरे फाटकों के अन्दर तेरे भाइयों में से कोई ग़रीब हो, तो तू अपने उस ग़रीब भाई की तरफ़ से न अपना दिल सख़्त करना और न अपनी मुट्ठी बन्द कर लेना;
৭তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে দেশ দিচ্ছেন, সেখানকার কোনো শহরের দরজার ভিতরে যদি তোমার কাছে অবস্থিত কোনো ভাই গরিব হয়, তবে তুমি নিজের হৃদয় কঠিন কর না বা গরিব ভাইয়ের প্রতি নিজের হাত বন্ধ কর না;
8 बल्कि उसकी ज़रूरत दूर करने को जो चीज़ उसे दरकार हो, उसके लिए तू ज़रूर खुले दिल से उसे क़र्ज़ देना।
৮কিন্তু তার প্রতি মুক্ত হাতে তার অভাবের জন্য প্রয়োজন অনুসারে তাকে অবশ্য ঋণ দিও।
9 ख़बरदार रहना कि तेरे दिल में ये बुरा ख़याल न गुज़रने पाए कि सातवाँ साल, जो छुटकारे का साल है, नज़दीक है और तेरे ग़रीब भाई की तरफ़ से तेरी नज़र बद हो जाए और तू उसे कुछ न दे; और वह तेरे ख़िलाफ़ ख़ुदावन्द से फ़रियाद करे और ये तेरे लिए गुनाह ठहरे।
৯সাবধান, সপ্তম বছর অর্থাৎ ক্ষমার বছর কাছাকাছি, এটা বলে তোমার হৃদয়ে যেন খারাপ চিন্তা মনে না আসে; তুমি যদি নিজে গরিব ভাইয়ের প্রতি খারাপভাবে তাকিয়ে তাকে কিছু না দাও, তবে সে তোমার বিরুদ্ধে সদাপ্রভুর কাছে প্রার্থনা করলে তোমার পাপ হবে।
10 बल्कि तुझको उसे ज़रूर देना होगा; और उसको देते वक़्त तेरे दिल को बुरा भी न लगे, इसलिए कि ऐसी बात की वजह से ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे सब कामों में, और सब मु'आमिलों में जिनको तू अपने हाथ में लेगा तुझको बरकत बख़्शेगा।
১০তুমি তাকে অবশ্যই দেবে, দেবার দিনের হৃদয়ে দুঃখিত হবে না; কারণ এই কাজের জন্য তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার সব কাজে এবং তুমি যাতে যাতে হাত দেবে, সেই সব কিছুতে তোমাকে আশীর্বাদ করবেন।
11 और चूँकि मुल्क में कंगाल हमेशा पाए जाएँगे, इसलिए मैं तुझको हुक्म करता हूँ कि तू अपने मुल्क में अपने भाई या'नी कंगालों और मुहताजों के लिए अपनी मुट्ठी खुली रखना।
১১কারণ তোমার দেশের মধ্যে গরিবের অভাব হবে না; অতএব আমি তোমাকে এই আদেশ দিচ্ছি, তুমি নিজের দেশে তোমার ভাইয়ের প্রতি, তোমার দুঃখী ও দীনহীনের প্রতি, তোমার হাত অবশ্য খুলে রাখবে।
12 'अगर तेरा कोई भाई, चाहे वह 'इब्रानी मर्द हो या 'इब्रानी 'औरत तेरे हाथ बिके और वह छ: बरस तक तेरी ख़िदमत करे, तो तू सातवें साल उसको आज़ाद होकर जाने देना।
১২তোমার ভাই অর্থাৎ কোনো ইব্রীয় পুরুষ কিংবা ইব্রীয় মহিলা যদি তোমার কাছে বিক্রীত হয় এবং ছয় বছর পর্যন্ত তোমার সেবা করবে; তবে সপ্তম বছরে তুমি তাকে ছেড়ে দিয়ে নিজের কাছ থেকে বিদায় দেবে।
13 और जब तू उसे आज़ाद कर के अपने पास से रुख़्सत करे, तो उसे ख़ाली हाथ न जाने देना।
১৩আর ছেড়ে দিয়ে তোমার কাছ থেকে বিদায় দেবার দিনের তুমি তাকে খালি হাতে বিদায় করবে না;
14 बल्कि तू अपनी भेड़ बकरी और खत्ते और कोल्हू में से दिल खोलकर उसे देना, या'नी ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने जैसी बरकत तुझको दी हो उसके मुताबिक़ उसे देना।
১৪তুমি নিজের পাল, শস্য ও আঙ্গুর কুণ্ড থেকে তাকে প্রচুর পুরষ্কার দেবে; তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যেমন আশীর্বাদ করেছেন, সেই অনুসারে তাকে দেবে।
15 और याद रखना कि मुल्क — ए — मिस्र में तू भी ग़ुलाम था, और ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको छुड़ाया; इसीलिए मैं तुझको इस बात का हुक्म आज देता हूँ।
১৫আর মনে রাখবে, তুমি মিশর দেশে দাস ছিলে এবং তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে মুক্ত করেছেন; এই জন্য আমি আজ তোমাকে এই আদেশ দিচ্ছি।
16 और अगर वह इस वजह से कि उसे तुझसे और तेरे घराने से मुहब्बत हो और वह तेरे साथ ख़ुशहाल हो, तुझ से कहने लगे कि मैं तेरे पास से नहीं जाता।
১৬কিন্তু তোমার কাছে সুখে থাকাতে সে তোমাকে ও তোমার আত্মীয়দেরকে ভালবাসে বলে যদি বলে, “আমি তোমাকে ছেড়ে যাব না;”
17 तो तू एक सुतारी लेकर उसका कान दरवाज़े से लगाकर छेद देना, तो वह हमेशा तेरा ग़ुलाम बना रहेगा। और अपनी लौंडी से भी ऐसा ही करना।
১৭তবে তুমি এক সুঁচ দিয়ে দরজার সঙ্গে তার কান বেঁধে দেবে, তাতে সে চিরকাল তোমার দাস থাকবে; আর দাসীর প্রতিও সেরকম করবে।
18 और अगर तू उसे आज़ाद करके अपने पास से रुख़्सत करे तो उसे मुश्किल न गरदानना; क्यूँकि उसने दो मज़दूरों के बराबर छ: बरस तक तेरी ख़िदमत की, और ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे सब कारोबार में तुझको बरकत बख़्शेगा।
১৮ছয় বছর পর্যন্ত সে তোমার কাছে বেতনজীবীর বেতন থেকে দ্বিগুন দাসের কাজ করেছ, এই কারণ তাকে মুক্ত করে বিদায় দেওয়া কঠিন মনে করবে না; তাতে তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমার সব কাজে তোমাকে আশীর্বাদ করবেন।
19 “तेरे गाय — बैल और भेड़ — बकरियों में जितने पहलौठे नर पैदा हों, उन सब को ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए मुक़द्दस करना, अपने गाय — बैल के पहलौठे से कुछ काम न लेना और न अपनी भेड़ — बकरी के पहलौठे के बाल कतरना।
১৯তুমি নিজের গরু মেষের পশুপাল থেকে উৎপন্ন সমস্ত প্রথমজাত পুরুষপশুকে নিজের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে পবিত্র করবে; তুমি গরুর প্রথমজন্মানো বাচ্চার মাধ্যমে কোনো কাজ করবে না এবং তোমার প্রথমজন্মানো বাচ্চা মেষের লোম কাটবে না।
20 तू उसे अपने घराने समेत ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने उसी जगह जिसे ख़ुदावन्द चुन ले, साल — ब — साल खाया करना।
২০সদাপ্রভু যে জায়গা মনোনীত করবেন, সেই জায়গায় তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভুর সামনে তুমি সপরিবারে প্রতি বছর তা খাবে।
21 और अगर उसमें कोई नुक़्स हो मसलन वह लंगड़ा या अन्धा हो या उसमें और कोई बुरा 'ऐब हो, तो ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए उसकी क़ुर्बानी न गुज़रानना।
২১যদি তাতে কোনো দোষ থাকে, অর্থাৎ সে যদি খোঁড়া কিংবা অন্ধ হয়, কোনোভাবে দোষী হয়, তবে তুমি নিজের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে তা বলিদান করবে না।
22 तू उसे अपने फाटकों के अन्दर खाना। पाक और नापाक दोनों तरह के आदमी जैसे चिकारे और हिरन को खाते हैं वैसे ही उसे खाएँ।
২২নিজের শহরের দরজার ভিতরে তা খেয়ো অশুচি কি শুচী, উভয় লোকই কৃষ্ণসারের কিংবা হরিণের মতো তা খেতে পারে।
23 लेकिन उसके ख़ून को हरगिज़ न खाना; बल्कि तू उसको पानी की तरह ज़मीन पर उँडेल देना।
২৩তুমি শুধু তার রক্ত খাবে না, তা জলের মতো মাটিতে ঢেলে দেবে।