< इस्त 14 >

1 “तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के फ़र्ज़न्द हो, तुम मुर्दों की वजह से अपने आप को ज़ख़्मी न करना, और न अपने अबरू के बाल मुंडवाना।
You are the people of the LORD your God: you shall not cut yourselves, nor make any baldness between your eyes for the dead.
2 क्यूँकि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की मुक़द्दस क़ौम है और ख़ुदावन्द ने तुझको इस ज़मीन की और सब क़ौमों में से चुन लिया है ताकि तू उसकी ख़ास क़ौम ठहरे।
For you are a holy people to the LORD your God, and the LORD has chosen you to be a people for his own possession, above all peoples who are on the face of the earth.
3 “तू किसी घिनौनी चीज़ को मत खाना।
You shall not eat any abominable thing.
4 जिन चौपायों को तुम खा सकते हो वह ये हैं, या'नी गाय — बैल, और भेड़, और बकरी,
These are the animals which you may eat: the ox, the sheep, and the goat,
5 और चिकारे और हिरन, और छोटा हिरन और बुज़कोही और साबिर और नीलगाय और, जंगली भेड़।
the deer, and the gazelle, and the roebuck, and the wild goat, and the ibex, and the antelope, and the chamois.
6 और चौपायों में से जिस जिस के पाँव अलग और चिरे हुए हैं और वह जुगाली भी करता हो तुम उसे खा सकते हो।
Every animal that parts the hoof, and has the hoof cloven in two and chews the cud, among the animals, that may you eat.
7 लेकिन उनमें से जो जुगाली करते हैं या उनके पाँव चिरे हुए हैं तुम उनको, या'नी ऊँट, और ख़रगोश, और साफ़ान को न खाना, क्यूँकि ये जुगाली करते हैं लेकिन इनके पाँव चिरे हुए नहीं हैं; इसलिए ये तुम्हारे लिए नापाक हैं।
Nevertheless these you shall not eat of them that chew the cud, or of those who have the hoof cloven: the camel, and the hare, and the rabbit; because they chew the cud but do not part the hoof, they are unclean to you.
8 और सूअर तुम्हारे लिए इस वजह से नापाक है कि उसके पाँव तो चिरे हुए हैं लेकिन वह जुगाली नहीं करता। तुम न तो उनका गोश्त खाना और न उनकी लाश को हाथ लगाना।
The pig, because it has a split hoof, but doesn't chew the cud, is unclean to you: of their flesh you shall not eat, and their carcasses you shall not touch.
9 'आबी जानवरों में से तुम उन ही को खाना जिनके पर और छिल्के हों।
These you may eat of all that are in the waters: whatever has fins and scales may you eat;
10 लेकिन जिसके पर और छिल्के न हों तुम उसे मत खाना, वह तुम्हारे लिए नापाक हैं।
and whatever doesn't have fins and scales you shall not eat; it is unclean to you.
11 “पाक परिन्दों में से तुम जिसे चाहो खा सकते हो,
Of all clean birds you may eat.
12 लेकिन इनमें से तुम किसी को न खाना, या'नी 'उक़ाब, और उस्तुख़्वानख़्वार, और बहरी 'उक़ाब,
But these are they of which you shall not eat: the eagle, and the vulture, and the osprey,
13 और चील और बाज़ और गिद्ध और उनकी क़िस्म के:
and the kite, and the buzzard, and the vulture after its kind,
14 हर क़िस्म का कौवा,
and every raven after its kind,
15 और शुतुरमुर्ग़ और चुग़द और कोकिल और क़िस्म क़िस्म के शाहीन,
and the ostrich, and the owl, and the seagull, and the hawk after its kind,
16 और बूम, और उल्लू, और क़ाज़,
the little owl, and the great owl, and the horned owl,
17 और हवासिल, और रख़म, और हड़गीला,
and the pelican, and the vulture, and the cormorant,
18 और लक़ — लक़, और हर क़िस्म का बगुला, और हुद — हुद, और चमगादड़।
and the stork, and the heron after its kind, and the hoopoe, and the bat.
19 और सब परदार रेंगने वाले जानदार तुम्हारे लिए नापाक हैं, वह खाए न जाएँ।
All winged crawling creatures are unclean to you: they shall not be eaten.
20 और पाक परिन्दों में से तुम जिसे चाहो खाओ।
Of all clean birds you may eat.
21 “जो जानवर आप ही मर जाए तू उसे मत खाना; तू उसे किसी परदेसी को, जो तेरे फाटकों के अन्दर हो खाने को दे सकता है, या उसे किसी अजनबी आदमी के हाथ बेच सकता है; क्यूँकि तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की मुक़द्दस क़ौम है। तू हलवान को उसकी माँ के दूध में न उबालना।
You shall not eat of anything that dies of itself: you may give it to the foreigner living among you who is within your gates, that he may eat it; or you may sell it to a foreigner: for you are a holy people to the LORD your God. You shall not boil a young goat in its mother's milk.
22 “तू अपने ग़ल्ले में से, जो हर साल तुम्हारे खेतों में पैदा हो दहेकी देना।
You shall surely tithe all the increase of your seed, that which comes forth from the field year by year.
23 और तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने उसी मक़ाम में जिसे वह अपने नाम के घर के लिए चुने, अपने ग़ल्ले और मय और तेल की दहेकी को, और अपने गाय — बैल और भेड़ — बकरियों के पहलौठों को खाना, ताकि तू हमेशा ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का ख़ौफ़ मानना सीखे।
You shall eat before the LORD your God, in the place which he shall choose, to cause his name to dwell there, the tithe of your grain, of your new wine, and of your oil, and the firstborn of your herd and of your flock; that you may learn to fear the LORD your God always.
24 और अगर वह जगह जिसको ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा अपने नाम को वहाँ क़ाईम करने के लिए चुने तेरे घर से बहुत दूर हो, और रास्ता भी इस क़दर लम्बा हो कि तू अपनी दहेकी को उस हाल में जब ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तुझको बरकत बख़्शे वहाँ तक न ले जा सके,
If the way is too long for you, so that you are not able to carry it, because the place is too far from you, which the LORD your God shall choose, to set his name there, when the LORD your God shall bless you;
25 तो तू उसे बेच कर रुपये को बाँध, हाथ में लिए हुए उस जगह चले जाना जिसे ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा चुने।
then you shall turn it into money, and bind up the money in your hand, and shall go to the place which the LORD your God shall choose:
26 और इस रुपये से जो कुछ तेरा जी चाहे, चाहे गाय — बैल, या भेड़ — बकरी, या मय, या शराब मोल लेकर उसे अपने घराने समेत वहाँ ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने खाना और ख़ुशी मनाना।
and you shall bestow the money for whatever your soul desires, for cattle, or for sheep, or for wine, or for strong drink, or for whatever your soul asks of you; and you shall eat there before the LORD your God, and you shall rejoice, you and your household.
27 और लावी को जो तेरे फाटकों के अन्दर है छोड़ न देना, क्यूँकि उसका तेरे साथ कोई हिस्सा या मीरास नहीं हैं।
The Levite who is within your gates, you shall not forsake him; for he has no portion nor inheritance with you.
28 'तीन तीन बरस के बाद तू तीसरे बरस के माल की सारी दहेकी निकाल कर उसे अपने फाटकों के अन्दर इकट्ठा करना।
At the end of every three years you shall bring forth all the tithe of your increase in the same year, and shall lay it up within your gates:
29 तब लावी जिसका तेरे साथ कोई हिस्सा या मीरास नहीं, और परदेसी और यतीम और बेवा 'औरतें जो तेरे फाटकों के अन्दर हों आएँ, और खाकर सेर हों, ताकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरे सब कामों में जिनको तू हाथ लगाये तुझको बरकत बख़्शे।
and the Levite, because he has no portion nor inheritance with you, and the foreigner living among you, and the fatherless, and the widow, who are within your gates, shall come, and shall eat and be satisfied; that the LORD your God may bless you in all the work of your hand which you do.

< इस्त 14 >