< इस्त 13 >

1 अगर तेरे बीच कोई नबी या ख्व़ाब देखने वाला ज़ाहिर हो और तुझको किसी निशान या अजीब बात की ख़बर दे।
Si se levanta entre vosotros un profeta o un soñador de sueños, y os da una señal o un prodigio,
2 और वह निशान या 'अजीब बात जिसकी उसने तुझको ख़बर दी वजूद में आए और वह तुझ से कहे, कि आओ हम और मा'बूदों की जिनसे तुम वाक़िफ़ नहीं पैरवी करके उनकी पूजा करें;
y se realiza la señal o el prodigio del que os ha hablado, diciendo: “Vayamos en pos de otros dioses” (que no habéis conocido) “y sirvámosles”,
3 तो तू हरगिज़ उस नबी या ख़्वाब देखने वाले की बात को न सुनना; क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा तुमको आज़माएगा, ताकि जान ले कि तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से अपने सारे दिल और अपनी सारी जान से मुहब्बत रखते हो या नहीं।
no escucharéis las palabras de ese profeta, ni de ese soñador de sueños, porque Yahvé vuestro Dios os está probando, para saber si amáis a Yahvé vuestro Dios con todo vuestro corazón y con toda vuestra alma.
4 तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की पैरवी करना, और उसका ख़ौफ़ मानना, और उसके हुक्मों पर चलना, और उसकी बात सुनना; तुम उसी की बन्दगी करना और उसी से लिपटे रहना।
Caminarás en pos de Yahvé vuestro Dios, lo temerás, guardarás sus mandamientos y obedecerás su voz. Le servirás y te aferrarás a él.
5 वह नबी या ख़्वाब देखने वाला क़त्ल किया जाए, क्यूँकि उसने तुमको ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा से जिसने तुमको मुल्क — ए — मिस्र से निकाला और तुझको ग़ुलामी के घर से रिहाई बख़्शी, बग़ावत करने की तरगीब दी ताकि तुझको उस राह से जिस पर ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको चलने का हुक्म दिया है बहकाए। यूँ तुम अपने बीच में से ऐसे गुनाह को दूर कर देना।
Ese profeta, o ese soñador de sueños, morirá, porque ha hablado con rebeldía contra el Señor, tu Dios, que te sacó de la tierra de Egipto y te rescató de la casa de servidumbre, para apartarte del camino que el Señor, tu Dios, te mandó seguir. Así, eliminarás el mal de entre vosotros.
6 “अगर तेरा भाई, या तेरी माँ का बेटा, या तेरा बेटा या बेटी, या तेरी हमआग़ोश बीवी, या तेरा दोस्त जिसको तू अपनी जान के बराबर 'अज़ीज़ रखता है, तुझको चुपके चुपके फुसलाकर कहे, कि चलो, हम और मा'बूदों की पूजा करें जिनसे तू और तेरे बाप — दादा वाक़िफ़ भी नहीं,
Si tu hermano, el hijo de tu madre, o tu hijo, o tu hija, o la mujer de tu seno, o tu amigo que es como tu propia alma, te seduce en secreto, diciendo: “Vamos a servir a otros dioses” — que no has conocido, tú ni tus padres
7 या'नी उन लोगों के मा'बूद जो तेरे चारों तरफ़ तेरे नज़दीक रहते हैं, या तुझ से दूर ज़मीन के इस सिरे से उस सिरे तक बसे हुए हैं;
de los dioses de los pueblos que están en vuestros alrededores, cerca o lejos de ti, desde un extremo de la tierra hasta el otro extremo de la tierra —
8 तो तू इस पर उसके साथ रज़ामन्द न होना, और न उनकी बात सुनना। तू उस पर तरस भी न खाना और न उसकी रि'आयत करना और न उसे छिपाना।
no lo consentirás ni lo escucharás; ni tu ojo se apiadará de él, ni lo perdonarás, ni lo ocultarás;
9 बल्कि तू उसको ज़रूर क़त्ल करना और उसको क़त्ल करते वक़्त पहले तेरा हाथ उस पर पड़े, इसके बाद सब क़ौम का हाथ।
sino que lo matarás. Tu mano será la primera en ponerlo a morir, y después las manos de todo el pueblo.
10 और तू उसे संगसार करना ताकि वह मर जाए; क्यूँकि उसने तुझको ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा से, जो तुझको मुल्क — ए — मिस्र से या'नी ग़ुलामी के घर से निकाल लाया, नाफ़रमान करना चाहा।
Lo apedrearás hasta que muera, porque ha tratado de apartarte del Señor, tu Dios, que te sacó de la tierra de Egipto, de la casa de servidumbre.
11 तब सब इस्राईल सुन कर डरेंगे और तेरे बीच फिर ऐसी शरारत नहीं करेंगे।
Todo Israel oirá y temerá, y no volverá a hacer una maldad como ésta entre vosotros.
12 “और जो शहर ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तुझको रहने को दिए हैं, अगर उनमें से किसी के बारे में तू ये अफ़वाह सुने, कि,
Si oyes hablar de una de tus ciudades, que Yahvé vuestro Dios te da para habitar en ella, que
13 कुछ ख़बीस आदमियों ने तेरे ही बीच में से निकलकर अपने शहर के लोगों को ये कहकर गुमराह कर दिया है, कि चलो, हम और मा'बूदो की जिनसे तू वाक़िफ़ नहीं पूजा करें;
algunos malvados han salido de entre vosotros y han arrastrado a los habitantes de su ciudad, diciendo: “Vamos a servir a otros dioses”, que vosotros no has conocisteis,
14 तो तू दरियाफ़्त और ख़ूब तफ़्तीश करके पता लगाना; और देखो, अगर ये सच हो और क़त'ई यही बात निकले, कि ऐसा मकरूह काम तेरे बीच किया गया,
entonces indagarás, investigarás y preguntarás con diligencia. He aquí, si es cierto, y la cosa es cierta, que tal abominación fue hecha entre vosotros,
15 तो तू उस शहर के बाशिन्दों को तलवार से ज़रूर क़त्ल कर डालना, और वहाँ का सब कुछ और चौपाये वग़ैरा तलवार ही से हलाक कर देना।
ciertamente heriréis a los habitantes de esa ciudad a filo de espada, destruyéndola por completo, con todo lo que hay en ella y su ganado, a filo de espada.
16 और वहाँ की सारी लूट को चौक के बीच जमा' कर के उस शहर को और वहाँ की लूट को, तिनका तिनका ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के सामने आग से जला देना; और वह हमेशा को एक ढेर सा पड़ा रहे, और फिर कभी बनाया न जाए।
Recogerás todo su botín en medio de su calle, y quemarás con fuego la ciudad, con todo su botín, a Yahvé vuestro Dios. Será un montón para siempre. No se volverá a construir.
17 और उनकी मख़्सूस की हुई चीज़ों में से कुछ भी तेरे हाथ में न रहे; ताकि ख़ुदावन्द अपने क़हर — ए — शदीद से बाज़ आए, और जैसा उसने तेरे बाप — दादा से क़सम खाई है, उस के मुताबिक़ तुझ पर रहम करे और तरस खाए और तुझको बढ़ाए।
Nada de lo consagrado se aferrará a tu mano, para que Yahvé se aparte del ardor de su cólera y se apiade de ti y te multiplique, como ha jurado a tus padres,
18 ये तब ही होगा जब तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की बात मान कर उसके हुक्मों पर जो आज मैं तुझको देता हूँ चले, और जो कुछ ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा की नज़र में ठीक है उसी को करे।
cuando escuches la voz de Yahvé vuestro Dios, para cumplir todos sus mandamientos que hoy te ordeno, para hacer lo que es justo a los ojos de Yahvé vuestro Dios.

< इस्त 13 >