< इस्त 1 >
1 यह वही बातें हैं जो मूसा ने यरदन के उस पार वीराने में, या'नी उस मैदान में जो सूफ़ के सामने और फ़ारान और तोफ़ल और लाबन और हसीरात और दीज़हब के बीच है, सब इस्राईलियों से कहीं।
οὗτοι οἱ λόγοι οὓς ἐλάλησεν Μωυσῆς παντὶ Ισραηλ πέραν τοῦ Ιορδάνου ἐν τῇ ἐρήμῳ πρὸς δυσμαῖς πλησίον τῆς ἐρυθρᾶς ἀνὰ μέσον Φαραν Τοφολ καὶ Λοβον καὶ Αυλων καὶ καταχρύσεα
2 कोह — ए — श'ईर की राह से होरिब से क़ादिस बर्नी'अ तकग्यारह दिन की मन्ज़िल है।
ἕνδεκα ἡμερῶν ἐν Χωρηβ ὁδὸς ἐπ’ ὄρος Σηιρ ἕως Καδης Βαρνη
3 और चालीसवें बरस के ग्यारहवें महीने की पहली तारीख़ को मूसा ने उन सब अहकाम के मुताबिक़ जो ख़ुदावन्द ने उसे बनी — इस्राईल के लिए दिए थे, उनसे यह बातें कहीं:
καὶ ἐγενήθη ἐν τῷ τεσσαρακοστῷ ἔτει ἐν τῷ ἑνδεκάτῳ μηνὶ μιᾷ τοῦ μηνὸς ἐλάλησεν Μωυσῆς πρὸς πάντας υἱοὺς Ισραηλ κατὰ πάντα ὅσα ἐνετείλατο κύριος αὐτῷ πρὸς αὐτούς
4 या'नी जब उसने अमोरियों के बादशाह सीहोन को जो हस्बोन में रहता था मारा, और बसन के बादशाह 'ओज को जो 'इस्तारात में रहता था, अदराई में क़त्ल किया;
μετὰ τὸ πατάξαι Σηων βασιλέα Αμορραίων τὸν κατοικήσαντα ἐν Εσεβων καὶ Ωγ βασιλέα τῆς Βασαν τὸν κατοικήσαντα ἐν Ασταρωθ καὶ ἐν Εδραϊν
5 तो इसके बाद यरदन के पार मोआब के मैदान में मूसा इस शरी'अत को यूँ बयान करने लगा कि,
ἐν τῷ πέραν τοῦ Ιορδάνου ἐν γῇ Μωαβ ἤρξατο Μωυσῆς διασαφῆσαι τὸν νόμον τοῦτον λέγων
6 “ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने होरिब में हमसे यह कहा था, कि तुम इस पहाड़ पर बहुत रह चुके हो
κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἐλάλησεν ἡμῖν ἐν Χωρηβ λέγων ἱκανούσθω ὑμῖν κατοικεῖν ἐν τῷ ὄρει τούτῳ
7 इसलिए अब फिरो और कूच करो और अमोरियों के पहाड़ी मुल्क, और उसके आस — पास के मैदान और पहाड़ी क़ता'अ और नशेब की ज़मीन और दख्खिनी अतराफ़ में, और समन्दर के साहिल तक जो कना'नियों का मुल्क है बल्कि कोह — ए — लुबनान और दरिया — ए — फ़रात तक जो एक बड़ा दरिया है, चले जाओ।
ἐπιστράφητε καὶ ἀπάρατε ὑμεῖς καὶ εἰσπορεύεσθε εἰς ὄρος Αμορραίων καὶ πρὸς πάντας τοὺς περιοίκους Αραβα εἰς ὄρος καὶ πεδίον καὶ πρὸς λίβα καὶ παραλίαν γῆν Χαναναίων καὶ Ἀντιλίβανον ἕως τοῦ ποταμοῦ τοῦ μεγάλου Εὐφράτου
8 देखो, मैंने इस मुल्क को तुम्हारे सामने कर दिया है। इसलिए जाओ और उस मुल्क को अपने क़ब्ज़े में कर लो, जिसके बारे में ख़ुदावन्द ने तुम्हारे बाप — दादा अब्रहाम, इस्हाक़, और या'क़ूब से क़सम खाकर यह कहा था, कि वह उसे उनको और उनके बाद उनकी नसल को देगा।”
ἴδετε παραδέδωκα ἐνώπιον ὑμῶν τὴν γῆν εἰσπορευθέντες κληρονομήσατε τὴν γῆν ἣν ὤμοσα τοῖς πατράσιν ὑμῶν τῷ Αβρααμ καὶ Ισαακ καὶ Ιακωβ δοῦναι αὐτοῖς καὶ τῷ σπέρματι αὐτῶν μετ’ αὐτούς
9 उस वक़्त मैंने तुमसे कहा था, कि मैं अकेला तुम्हारा बोझ नहीं उठा सकता।
καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ λέγων οὐ δυνήσομαι μόνος φέρειν ὑμᾶς
10 ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुमको बढ़ाया है और आज के दिन आसमान के तारों की तरह तुम्हारी कसरत है।
κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν ἐπλήθυνεν ὑμᾶς καὶ ἰδού ἐστε σήμερον ὡσεὶ τὰ ἄστρα τοῦ οὐρανοῦ τῷ πλήθει
11 ख़ुदावन्द तुम्हारे बाप — दादा का ख़ुदा तुमको इससे भी हज़ार चँद बढ़ाए, और जो वा'दा उसने तुमसे किया है उसके मुताबिक़ तुमको बरकत बख़्शे।
κύριος ὁ θεὸς τῶν πατέρων ὑμῶν προσθείη ὑμῖν ὡς ἐστὲ χιλιοπλασίως καὶ εὐλογήσαι ὑμᾶς καθότι ἐλάλησεν ὑμῖν
12 मैं अकेला तुम्हारे जंजाल और बोझ और झंझट को कैसे उठा सकता हूँ?
πῶς δυνήσομαι μόνος φέρειν τὸν κόπον ὑμῶν καὶ τὴν ὑπόστασιν ὑμῶν καὶ τὰς ἀντιλογίας ὑμῶν
13 इसलिए तुम अपने — अपने क़बीले से ऐसे आदमियों को चुनो जो दानिश्वर और 'अक़्लमन्द और मशहूर हों, और मैं उनको तुम पर सरदार बना दूँगा।
δότε ἑαυτοῖς ἄνδρας σοφοὺς καὶ ἐπιστήμονας καὶ συνετοὺς εἰς τὰς φυλὰς ὑμῶν καὶ καταστήσω ἐφ’ ὑμῶν ἡγουμένους ὑμῶν
14 इसके जवाब में तुमने मुझसे कहा था, कि जो कुछ तूने फ़रमाया है उसका करना बेहतर है।
καὶ ἀπεκρίθητέ μοι καὶ εἴπατε καλὸν τὸ ῥῆμα ὃ ἐλάλησας ποιῆσαι
15 इसलिए मैंने तुम्हारे क़बीलों के सरदारों को जो 'अक़्लमन्द और मशहूर थे, लेकर उनको तुम पर मुक़र्रर किया ताकि वह तुम्हारे क़बीलों के मुताबिक़ हज़ारों के सरदार, और सैकड़ों के सरदार, और पचास — पचास के सरदार, और दस — दस के सरदार हाकिम हों।
καὶ ἔλαβον ἐξ ὑμῶν ἄνδρας σοφοὺς καὶ ἐπιστήμονας καὶ συνετοὺς καὶ κατέστησα αὐτοὺς ἡγεῖσθαι ἐφ’ ὑμῶν χιλιάρχους καὶ ἑκατοντάρχους καὶ πεντηκοντάρχους καὶ δεκαδάρχους καὶ γραμματοεισαγωγεῖς τοῖς κριταῖς ὑμῶν
16 और उसी मौक़े' पर मैंने तुम्हारे क़ाज़ियों से ताकीदन ये कहा, कि तुम अपने भाइयों के मुक़द्दमों को सुनना, पर चाहे भाई — भाई का मुआ'मिला हो या परदेसी का तुम उनका फैसला इन्साफ़ के साथ करना।
καὶ ἐνετειλάμην τοῖς κριταῖς ὑμῶν ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ λέγων διακούετε ἀνὰ μέσον τῶν ἀδελφῶν ὑμῶν καὶ κρίνατε δικαίως ἀνὰ μέσον ἀνδρὸς καὶ ἀνὰ μέσον ἀδελφοῦ καὶ ἀνὰ μέσον προσηλύτου αὐτοῦ
17 तुम्हारे फ़ैसले में किसी की रू — रि'आयत न हो, जैसे बड़े आदमी की बात सुनोगे वैसे ही छोटे की सुनना और किसी आदमी का मुँह देख कर डर न जाना; क्यूँकि यह 'अदालत ख़ुदा की है; और जो मुक़द्दमा तुम्हारे लिए मुश्किल हो उसे मेरे पास ले आना मैं उसे सुनूँगा
οὐκ ἐπιγνώσῃ πρόσωπον ἐν κρίσει κατὰ τὸν μικρὸν καὶ κατὰ τὸν μέγαν κρινεῖς οὐ μὴ ὑποστείλῃ πρόσωπον ἀνθρώπου ὅτι ἡ κρίσις τοῦ θεοῦ ἐστιν καὶ τὸ ῥῆμα ὃ ἐὰν σκληρὸν ᾖ ἀφ’ ὑμῶν ἀνοίσετε αὐτὸ ἐπ’ ἐμέ καὶ ἀκούσομαι αὐτό
18 और मैंने उसी वक़्त सब कुछ जो तुमको करना है बता दिया।
καὶ ἐνετειλάμην ὑμῖν ἐν τῷ καιρῷ ἐκείνῳ πάντας τοὺς λόγους οὓς ποιήσετε
19 और हम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्म के मुताबिक़ होरिब से सफ़र करके उस बड़े और ख़तरनाक वीराने में से होकर गुज़रे, जिसे तुमने अमोरियों के पहाड़ी मुल्क के रास्ते में देखा। फिर हम क़ादिस बर्नी'अ में पहुँचे।
καὶ ἀπάραντες ἐκ Χωρηβ ἐπορεύθημεν πᾶσαν τὴν ἔρημον τὴν μεγάλην καὶ τὴν φοβερὰν ἐκείνην ἣν εἴδετε ὁδὸν ὄρους τοῦ Αμορραίου καθότι ἐνετείλατο κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἡμῖν καὶ ἤλθομεν ἕως Καδης Βαρνη
20 वहाँ मैंने तुमको कहा, कि तुम अमोरियों के पहाड़ी मुल्क तक आ गए हो जिसे ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा हमको देता है।
καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς ἤλθατε ἕως τοῦ ὄρους τοῦ Αμορραίου ὃ ὁ κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν δίδωσιν ὑμῖν
21 देख, उस मुल्क को ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तेरे सामने कर दिया है। इसलिए तू जा, और जैसा ख़ुदावन्द तेरे बाप — दादा के ख़ुदा ने तुझ से कहा है तू उस पर क़ब्ज़ा कर और न ख़ौफ़ खा न हिरासान हो।
ἴδετε παραδέδωκεν ὑμῖν κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν πρὸ προσώπου ὑμῶν τὴν γῆν ἀναβάντες κληρονομήσατε ὃν τρόπον εἶπεν κύριος ὁ θεὸς τῶν πατέρων ὑμῶν ὑμῖν μὴ φοβεῖσθε μηδὲ δειλιάσητε
22 तब तुम सब मेरे पास आकर मुझसे कहने लगे, कि हम अपने जाने से पहले वहाँ आदमी भेजें, जो जाकर हमारी ख़ातिर उस मुल्क का हाल दरियाफ़्त करें और आकर हमको बताएँ के हमको किस राह से वहाँ जाना होगा और कौन — कौन से शहर हमारे रास्ते में पड़ेंगे।
καὶ προσήλθατέ μοι πάντες καὶ εἴπατε ἀποστείλωμεν ἄνδρας προτέρους ἡμῶν καὶ ἐφοδευσάτωσαν ἡμῖν τὴν γῆν καὶ ἀναγγειλάτωσαν ἡμῖν ἀπόκρισιν τὴν ὁδόν δῑ ἧς ἀναβησόμεθα ἐν αὐτῇ καὶ τὰς πόλεις εἰς ἃς εἰσπορευσόμεθα εἰς αὐτάς
23 यह बात मुझे बहुत पसन्द आई चुनाँचे मैंने क़बीले पीछे एक — एक आदमी के हिसाब से बारह आदमी चुने।
καὶ ἤρεσεν ἐναντίον μου τὸ ῥῆμα καὶ ἔλαβον ἐξ ὑμῶν δώδεκα ἄνδρας ἄνδρα ἕνα κατὰ φυλήν
24 और वह रवाना हुए और पहाड़ पर चढ़ गए और वादी — ए — इसकाल में पहुँच कर उस मुल्क का हाल दरियाफ़्त किया।
καὶ ἐπιστραφέντες ἀνέβησαν εἰς τὸ ὄρος καὶ ἤλθοσαν ἕως Φάραγγος βότρυος καὶ κατεσκόπευσαν αὐτήν
25 और उस मुल्क का कुछ फल हाथ में लेकर उसे हमारे पास लाए, और हमको यह ख़बर दी कि जो मुल्क ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा हमको देता है वह अच्छा है।
καὶ ἐλάβοσαν ἐν ταῖς χερσὶν αὐτῶν ἀπὸ τοῦ καρποῦ τῆς γῆς καὶ κατήνεγκαν πρὸς ἡμᾶς καὶ ἔλεγον ἀγαθὴ ἡ γῆ ἣν κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν δίδωσιν ἡμῖν
26 “तो भी तुम वहाँ जाने पर राज़ी न हुए, बल्कि तुमने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के हुक्म से सरकशी की,
καὶ οὐκ ἠθελήσατε ἀναβῆναι καὶ ἠπειθήσατε τῷ ῥήματι κυρίου τοῦ θεοῦ ὑμῶν
27 और अपने ख़ेमों में कुड़कुड़ाने और कहने लगे, कि ख़ुदावन्द को हमसे नफ़रत है इसीलिए वह हमको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया ताकि वह हमको अमोरियों के हाथ में गिरफ़्तार करा दे और वह हमको हलाक कर डालें।
καὶ διεγογγύζετε ἐν ταῖς σκηναῖς ὑμῶν καὶ εἴπατε διὰ τὸ μισεῖν κύριον ἡμᾶς ἐξήγαγεν ἡμᾶς ἐκ γῆς Αἰγύπτου παραδοῦναι ἡμᾶς εἰς χεῖρας Αμορραίων ἐξολεθρεῦσαι ἡμᾶς
28 हम किधर जा रहे हैं? हमारे भाइयों ने तो यह बता कर हमारा हौसला तोड़ दिया है, कि वहाँ के लोग हमसे बड़े — बड़े और लम्बे हैं; और उनके शहर बड़े — बड़े और उनकी फ़सीलें आसमान से बातें करती हैं। इसके अलावा हमने वहाँ 'अनाक़ीम की औलाद को भी देखा।
ποῦ ἡμεῖς ἀναβαίνομεν οἱ ἀδελφοὶ ὑμῶν ἀπέστησαν ὑμῶν τὴν καρδίαν λέγοντες ἔθνος μέγα καὶ πολὺ καὶ δυνατώτερον ἡμῶν καὶ πόλεις μεγάλαι καὶ τετειχισμέναι ἕως τοῦ οὐρανοῦ ἀλλὰ καὶ υἱοὺς γιγάντων ἑωράκαμεν ἐκεῖ
29 तब मैंने तुमको कहा, कि ख़ौफ़ज़दा मत हो और न उनसे डरो।
καὶ εἶπα πρὸς ὑμᾶς μὴ πτήξητε μηδὲ φοβηθῆτε ἀπ’ αὐτῶν
30 ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा जो तुम्हारे आगे आगे चलता है, वही तुम्हारी तरफ़ से जंग करेगा जैसे उसने तुम्हारी ख़ातिर मिस्र में तुम्हारी आँखों के सामने सब कुछ किया
κύριος ὁ θεὸς ὑμῶν ὁ προπορευόμενος πρὸ προσώπου ὑμῶν αὐτὸς συνεκπολεμήσει αὐτοὺς μεθ’ ὑμῶν κατὰ πάντα ὅσα ἐποίησεν ὑμῖν ἐν γῇ Αἰγύπτῳ
31 और वीराने में भी तुमने यही देखा के जिस तरह इंसान अपने बेटे को उठाए हुए चलता है उसी तरह ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा तेरे इस जगह पहुँचने तक सारे रास्ते जहाँ — जहाँ तुम गए तुमको उठाए रहा
καὶ ἐν τῇ ἐρήμῳ ταύτῃ ἣν εἴδετε ὡς ἐτροφοφόρησέν σε κύριος ὁ θεός σου ὡς εἴ τις τροφοφορήσει ἄνθρωπος τὸν υἱὸν αὐτοῦ κατὰ πᾶσαν τὴν ὁδόν ἣν ἐπορεύθητε ἕως ἤλθετε εἰς τὸν τόπον τοῦτον
32 तो भी इस बात में तुमने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा का यक़ीन न किया,
καὶ ἐν τῷ λόγῳ τούτῳ οὐκ ἐνεπιστεύσατε κυρίῳ τῷ θεῷ ὑμῶν
33 जो राह में तुमसे आगे — आगे तुम्हारे वास्ते ख़ेमे लगाने की जगह तलाश करने के लिए, रात को आग में और दिन को बादल में होकर चला, ताकि तुमको वह रास्ता दिखाए जिस से तुम चलो।
ὃς προπορεύεται πρότερος ὑμῶν ἐν τῇ ὁδῷ ἐκλέγεσθαι ὑμῖν τόπον ὁδηγῶν ὑμᾶς ἐν πυρὶ νυκτὸς δεικνύων ὑμῖν τὴν ὁδόν καθ’ ἣν πορεύεσθε ἐπ’ αὐτῆς καὶ ἐν νεφέλῃ ἡμέρας
34 'और ख़ुदावन्द तुम्हारी बातें सुन कर गज़बनाक हुआ और उसने क़सम खाकर कहा, कि
καὶ ἤκουσεν κύριος τὴν φωνὴν τῶν λόγων ὑμῶν καὶ παροξυνθεὶς ὤμοσεν λέγων
35 इस बुरी नसल के लोगों में से एक भी उस अच्छे मुल्क को देखने नहीं पाएगा, जिसे उनके बाप — दादा को देने की क़सम मैंने खाई है,
εἰ ὄψεταί τις τῶν ἀνδρῶν τούτων τὴν ἀγαθὴν ταύτην γῆν ἣν ὤμοσα τοῖς πατράσιν αὐτῶν
36 सिवा यफुना के बेटे कालिब के; वह उसे देखेगा, और जिस ज़मीन पर उसने क़दम रख्खा है उसे मैं उसकी और उसकी नसल को दूँगा; इसलिए के उसने ख़ुदावन्द की पैरवी पूरे तौर पर की,
πλὴν Χαλεβ υἱὸς Ιεφοννη οὗτος ὄψεται αὐτήν καὶ τούτῳ δώσω τὴν γῆν ἐφ’ ἣν ἐπέβη καὶ τοῖς υἱοῖς αὐτοῦ διὰ τὸ προσκεῖσθαι αὐτὸν τὰ πρὸς κύριον
37 और तुम्हारी ही वजह से ख़ुदावन्द मुझ पर भी नाराज़ हुआ और यह कहा, कि तू भी वहाँ जाने न पाएगा।
καὶ ἐμοὶ ἐθυμώθη κύριος δῑ ὑμᾶς λέγων οὐδὲ σὺ οὐ μὴ εἰσέλθῃς ἐκεῖ
38 नून का बेटा यशू'अ जो तेरे सामने खड़ा रहता है वहाँ जाएगा, इसलिए तू उसकी हौसला अफ़ज़ाई कर क्यूँकि वही बनी इस्राईल को उस मुल्क का मालिक बनाएगा।
Ἰησοῦς υἱὸς Ναυη ὁ παρεστηκώς σοι οὗτος εἰσελεύσεται ἐκεῖ αὐτὸν κατίσχυσον ὅτι αὐτὸς κατακληρονομήσει αὐτὴν τῷ Ισραηλ
39 और तुम्हारे बाल — बच्चे जिनके बारे में तुमने कहा था, कि लूट में जाएँगे, और तुम्हारे लड़के बाले जिनको आज भले और बुरे की भी तमीज़ नहीं, यह वहाँ जाएँगे; और यह मुल्क मैं इन ही को दूँगा और यह उस पर क़ब्ज़ा करेंगे।
καὶ πᾶν παιδίον νέον ὅστις οὐκ οἶδεν σήμερον ἀγαθὸν ἢ κακόν οὗτοι εἰσελεύσονται ἐκεῖ καὶ τούτοις δώσω αὐτήν καὶ αὐτοὶ κληρονομήσουσιν αὐτήν
40 पर तुम्हारे लिए यह है, कि तुम लौटो और बहर — ए — कु़लजु़म की राह से वीराने में जाओ।
καὶ ὑμεῖς ἐπιστραφέντες ἐστρατοπεδεύσατε εἰς τὴν ἔρημον ὁδὸν τὴν ἐπὶ τῆς ἐρυθρᾶς θαλάσσης
41 “तब तुमने मुझे जवाब दिया, कि हमने ख़ुदावन्द का गुनाह किया है और अब जो कुछ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने हमको हुक्म दिया है, उसके मुताबिक़ हम जाएँगे और जंग करेंगे। इसलिए तुम सब अपने — अपने जंगी हथियार बाँध कर पहाड़ पर चढ़ जाने को तैयार हो गए।
καὶ ἀπεκρίθητέ μοι καὶ εἴπατε ἡμάρτομεν ἔναντι κυρίου τοῦ θεοῦ ἡμῶν ἡμεῖς ἀναβάντες πολεμήσομεν κατὰ πάντα ὅσα ἐνετείλατο κύριος ὁ θεὸς ἡμῶν ἡμῖν καὶ ἀναλαβόντες ἕκαστος τὰ σκεύη τὰ πολεμικὰ αὐτοῦ καὶ συναθροισθέντες ἀνεβαίνετε εἰς τὸ ὄρος
42 तब ख़ुदावन्द ने मुझसे कहा, कि उनसे कह दे के ऊपर मत चढ़ो और न जंग करो क्यूँकि मैं तुम्हारे बीच नहीं हूँ; कहीं ऐसा न हो कि तुम अपने दुश्मनों से शिकस्त खाओ।
καὶ εἶπεν κύριος πρός με εἰπὸν αὐτοῖς οὐκ ἀναβήσεσθε οὐδὲ μὴ πολεμήσετε οὐ γάρ εἰμι μεθ’ ὑμῶν καὶ οὐ μὴ συντριβῆτε ἐνώπιον τῶν ἐχθρῶν ὑμῶν
43 और मैंने तुमसे कह भी दिया पर तुमने मेरी न सुनी, बल्कि तुमने ख़ुदावन्द के हुक्म से सरकशी की और शोख़ी से पहाड़ पर चढ़ गए।
καὶ ἐλάλησα ὑμῖν καὶ οὐκ εἰσηκούσατέ μου καὶ παρέβητε τὸ ῥῆμα κυρίου καὶ παραβιασάμενοι ἀνέβητε εἰς τὸ ὄρος
44 तब अमोरी जो उस पहाड़ पर रहते थे तुम्हारे मुक़ाबले को निकले, और उन्होंने शहद की मक्खियों की तरह तुम्हारा पीछा किया और श'ईर में मारते — मारते तुमको हुरमा तक पहुँचा दिया।
καὶ ἐξῆλθεν ὁ Αμορραῖος ὁ κατοικῶν ἐν τῷ ὄρει ἐκείνῳ εἰς συνάντησιν ὑμῖν καὶ κατεδίωξαν ὑμᾶς ὡς εἰ ποιήσαισαν αἱ μέλισσαι καὶ ἐτίτρωσκον ὑμᾶς ἀπὸ Σηιρ ἕως Ερμα
45 तब तुम लौट कर ख़ुदावन्द के आगे रोने लगे, लेकिन ख़ुदावन्द ने तुम्हारी फ़रियाद न सुनी और न तुम्हारी बातों पर कान लगाया।
καὶ καθίσαντες ἐκλαίετε ἔναντι κυρίου καὶ οὐκ εἰσήκουσεν κύριος τῆς φωνῆς ὑμῶν οὐδὲ προσέσχεν ὑμῖν
46 इसलिए तुम क़ादिस में बहुत दिनों तक पड़े रहे, यहाँ तक के एक ज़माना हो गया।
καὶ ἐνεκάθησθε ἐν Καδης ἡμέρας πολλάς ὅσας ποτὲ ἡμέρας ἐνεκάθησθε