< दानि 8 >

1 बेलशज़र बादशाह की सल्तनत के तीसरे साल में मुझ को, हाँ, मुझ दानीएल को एक ख़्वाब नज़र आया, या'नी मेरे पहले ख़्वाब के बा'द।
در سال سوم سلطنت بلشصر پادشاه، رویایی بر من دانیال ظاهر شد بعد از آنکه اول به من ظاهر شده بود.۱
2 और मैंने 'आलम — ए — रोया में देखा, और जिस वक़्त मैने देखा, ऐसा मा'लूम हुआ कि मैं महल — ए — सोसन में था, जो सूबा — ए — 'ऐलाम में है। फिर मैने 'आलम — ए — रोया ही में देखा कि मैं दरिया — ए — ऊलाई के किनारे पर हूँ।
و در رویا نظر کردم ومی دیدم که من در دارالسلطنه شوشن که درولایت عیلام می‌باشد بودم و در عالم رویا دیدم که نزد نهر اولای می‌باشم.۲
3 तब मैने आँख उठा कर नज़र की, और क्या देखता हूँ कि दरिया के पास एक मेंढा खड़ा है जिसके दो सींग हैं, दोनों सींग ऊँचे थे, लेकिन एक दूसरे से बड़ा था और बड़ा दूसरे के बाद निकला था।
پس چشمان خود رابرافراشته، دیدم که ناگاه قوچی نزد نهر ایستاده بود که دو شاخ داشت و شاخهایش بلند بود ویکی از دیگری بلندتر و بلندترین آنها آخربرآمد.۳
4 मैने उस मेंढे को देखा कि पश्चिम — और — उत्तर — और — दक्खिन की तरफ़ सींग मारता है, यहाँ तक कि न कोई जानवर उसके सामने खड़ा हो सका और न कोई उससे छुड़ा सका, पर वह जो कुछ चाहता था करता था, यहाँ तक कि वह बहुत बड़ा हो गया।
و قوچ را دیدم که به سمت مغرب وشمال و جنوب شاخ می‌زد و هیچ وحشی با اومقاومت نتوانست کرد و کسی نبود که از دستش رهایی دهد و برحسب رای خود عمل نموده، بزرگ می‌شد.۴
5 और मैं सोच ही रहा था कि एक बकरा पश्चिम की तरफ़ से आकर तमाम ज़मीन पर ऐसा फिरा कि ज़मीन को भी न छुआ, और उस बकरे की दोनों आँखों के बीच एक 'अजीब सींग था।
و حینی که متفکر می‌بودم اینک بز نری ازطرف مغرب بر روی تمامی زمین می‌آمد و زمین را لمس نمی کرد و در میان چشمان بز نر شاخی معتبر بود.۵
6 और वह उस दो सींग वाले मेंढे, के पास, जिसे मैने दरिया के किनारे खड़ा देखा था आया और अपने ज़ोर के क़हर से उस पर हमलावर हुआ।
و به سوی آن قوچ صاحب دو شاخ که آن را نزد نهر ایستاده دیدم آمد و بشدت قوت خویش نزد او دوید.۶
7 और मैने देखा कि वह मेंढे के क़रीब पहुँचा और उसका ग़ज़ब उस पर भड़का और उसने मेंढे को मारा और उसके दोनों सींग तोड़ डाले और मेंढे में उसके मुक़ाबले की हिम्मत न थी, तब उसने उसे ज़मीन पर पटख़ दिया और उसे लताड़ा और कोई न था कि मेंढे को उससे छुड़ा सके।
و او را دیدم که چون نزدقوچ رسید با او بشدت غضبناک شده، قوچ را زد وهر دو شاخ او را شکست و قوچ را یارای مقاومت با وی نبود پس وی را به زمین انداخته، پایمال کردو کسی نبود که قوچ را از دستش رهایی دهد.۷
8 और वह बकरा निहायत बुज़ुर्ग हुआ, और जब वह निहायत ताक़तवर हुआ तो उसका बड़ा सींग टूट गया और उसकी जगह चार अजीब सींग आसमान की चारों हवाओं की तरफ़ निकले।
وبز نر بی‌نهایت بزرگ شد و چون قوی گشت آن شاخ بزرگ شکسته شد و در جایش چهار شاخ معتبر بسوی بادهای اربعه آسمان برآمد.۸
9 और उनमें से एक से एक छोटा सींग निकला, जो दक्खिन और पूरब और जलाली मुल्क की तरफ़ बे निहायत बढ़ गया।
و ازیکی از آنها یک شاخ کوچک برآمد و به سمت جنوب و مشرق و فخر زمینها بسیار بزرگ شد.۹
10 और वह बढ़ कर अजराम — ए — फ़लक तक पहुँचा, और उसने कुछ अजराम — ए — फ़लक और सितारों को ज़मीन पर गिरा दिया और उनको लताड़ा।
و به ضد لشکر آسمانها قوی شده، بعضی ازلشکر و ستارگان را به زمین انداخته، پایمال نمود.۱۰
11 बल्कि उसने अजराम के फ़रमाँरवाँ तक अपने आप को बलन्द किया, और उससे दाइमी क़ुर्बानी को छीन लिया और उसका मक़दिस गिरा दिया।
و به ضد سردار لشکر بزرگ شد و قربانی دایمی از او گرفته شد و مکان مقدس او منهدم گردید.۱۱
12 और अजराम ख़ताकारी की वजह से क़ायम रहने वाली क़ुर्बानी के साथ उसके हवाले किए गए, और उसने सच्चाई को ज़मीन पर पटख़ दिया और वह कामयाबी के साथ यूँ ही करता रहा।
و لشکری به ضد قربانی دایمی، به‌سبب عصیان (قوم به وی ) داده شد و آن (لشکر)راستی را به زمین انداختند و او (موافق رای خود) عمل نموده، کامیاب گردید.۱۲
13 तब मैने एक फ़रिश्ते को कलाम करते सुना, और दूसरे फ़रिश्ते ने उसी फ़रिश्ते से जो कलाम करता था पूछा कि दाइमी क़ुर्बानी और वीरान करने वाली ख़ताकारी की रोया जिसमें मक़दिस और अजराम पायमाल होते हैं, कब तक रहेगी?
و مقدسی را شنیدم که سخن می‌گفت و مقدس دیگری از آن یک که سخن می‌گفت، پرسید که رویا درباره قربانی دایمی و معصیت مهلک که قدس و لشکررا به پایمال شدن تسلیم می‌کند تا بکی خواهدبود.۱۳
14 और उसने मुझ से कहा, कि “दो हज़ार तीन सौ सुबह — और — शाम तक, उसके बाद मक़दिस पाक किया जाएगा।”
و او به من گفت: «تا دو هزار و سیصد شام وصبح، آنگاه مقدس تطهیر خواهد شد.»۱۴
15 फिर यूँ हुआ कि जब मैं दानीएल ने यह रोया देखी, और इसकी ता'बीर की फ़िक्र में था, तो क्या देखता हूँ कि मेरे सामने कोई इंसान सूरत खड़ा है।
و چون من دانیال رویا را دیدم و معنی آن راطلبیدم، ناگاه شبیه مردی نزد من بایستاد.۱۵
16 और मैने ऊलाई में से आदमी की आवाज़ सुनी, जिसने बलन्द आवाज़ से कहा, कि “ऐ जबराईल, इस शख़्स को इस रोया के मा'ने समझा दे।”
وآواز آدمی را از میان (نهر) اولای شنیدم که نداکرده، می‌گفت: «ای جبرائیل این مرد را از معنی‌این‌رویا مطلع ساز.»۱۶
17 चुनाँचे वह जहाँ मैं खड़ा था नज़दीक आया, और उसके आने से मैं डर गया और मुँह के बल गिरा, पर उसने मुझसे कहा, “ऐ आदमज़ाद! समझ ले कि यह रोया आख़िरी ज़माने के ज़रिए' है।”
پس او نزد جایی که ایستاده بودم آمد و چون آمد من ترسان شده، به روی خود درافتادم و او مرا گفت: «ای پسر انسان بدانکه این‌رویا برای زمان آخر می‌باشد.»۱۷
18 और जब वह मुझसे बातें कर रहा था, मैं गहरी नींद में मुँह के बल ज़मीन पर पड़ा था, लेकिन उसने मुझे पकड़ कर सीधा खड़ा किया,
و حینی که او با من سخن می‌گفت، من برروی خود بر زمین در خواب سنگین می‌بودم و اومرا لمس نموده، در جایی که بودم برپا داشت.۱۸
19 और कहा कि “देख, मैं तुझे समझाऊँगा कि क़हर के आख़िर में क्या होगा, क्यूँकि यह हुक्म आख़िरी मुक़र्ररा वक़्त के बारे है।
و گفت: «اینک من تو را از آنچه در آخر غضب واقع خواهد شد اطلاع می‌دهم زیرا که انتها درزمان معین واقع خواهد شد.۱۹
20 जो मेंढा तू ने देखा, उसके दोनों सींग मादी और फ़ारस के बादशाह हैं।
اما آن قوچ صاحب دو شاخ که آن را دیدی پادشاهان مادیان و فارسیان می‌باشد.۲۰
21 और वह जसीम बकरा यूनान का बादशाह है, और उसकी आँखों के बीच का बड़ा सींग पहला बादशाह है।
و آن بز نر ستبر پادشاه یونان می‌باشد و آن شاخ بزرگی که در میان دوچشمش بود پادشاه اول است.۲۱
22 और उसके टूट जाने के बा'द, उसकी जगह जो चार और निकले वह चार सल्तनतें हैं जो उसकी क़ौम में क़ायम होंगी, लेकिन उनका इख़्तियार उसकी तरह न होगा।
و اما آن شکسته شدن و چهار در جایش برآمدن، چهارسلطنت از قوم او اما نه از قوت او برپا خواهندشد.۲۲
23 और उनकी सल्तनत के आख़िरी दिनों में जब ख़ताकार लोग हद तक पहुँच जाएँगे, तो एक सख़्त और बेरहम बादशाह खड़ा होगा।
و در آخر سلطنت ایشان چون گناه عاصیان به اتمام رسیده باشد، آنگاه پادشاهی سخت روی و در مکرها ماهر، خواهد برخاست.۲۳
24 यह बड़ा ज़बरदस्त होगा लेकिन अपनी ताक़त से नहीं, और 'अजीब तरह से बर्बाद करेगा और कामयाब होगा और काम करेगा और ताक़तवरों और मुक़द्दस लोगों को हलाक करेगा।
و قوت او عظیم خواهد شد، لیکن نه از توانایی خودش. و خرابیهای عجیب خواهد نمود وکامیاب شده، (موافق رای خود) عمل خواهدنمود و عظما و قوم مقدسان را هلاک خواهدنمود.۲۴
25 और अपनी चतुराई से ऐसे काम करेगा कि उसकी फ़ितरत के मन्सूबे उसके हाथ में खू़ब अन्जाम पाएँगे, और दिल में बड़ा ग़ुरूर करेगा और सुलह के वक़्त में बहुतों को हलाक करेगा; वह बादशाहों के बादशाह से भी मुक़ाबिला करने के लिए उठ खड़ा होगा, लेकिन बे हाथ हिलाए ही शिकस्त खाएगा।
و از مهارت او مکر در دستش پیش خواهد رفت و در دل خود مغرور شده، بسیاری را بغته هلاک خواهد ساخت و با امیر امیران مقاومت خواهد نمود، اما بدون دست، شکسته خواهد شد.۲۵
26 और यह सुबह शाम की रोया जो बयान हुई यक़ीनी है, लेकिन तू इस रोया को बन्द कर रख, क्यूँकि इसका 'इलाक़ा बहुत दूर के दिनों से है।”
پس رویایی که درباره شام و صبح گفته شد یقین است اما تو رویا را بر هم نه زیرا که بعد از ایام بسیار واقع خواهد شد.»۲۶
27 और मुझ दानीएल को ग़श आया, और मैं कुछ रोज़ तक बीमार पड़ा रहा; फिर मैं उठा और बादशाह का कारोबार करने लगा, और मैं ख़्वाब से परेशान था लेकिन इसको कोई न समझा।
آنگاه من دانیال تا اندک زمانی ضعیف وبیمار شدم. پس برخاسته، به‌کارهای پادشاه مشغول گردیدم، اما درباره رویا متحیر ماندم واحدی معنی آن را نفهمید.۲۷

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