< दानि 11 >
1 और दारा मादी की सल्तनत के पहले साल में, मैं ही उसको क़ायम करने और ताक़त देने को खड़ा हुआ।
Im ersten Jahr des medischen Darius besaß ich schon das Amt, zu helfen und ihm beizustehen.
2 और अब मैं तुझको हक़ीक़त बताता हूँ। फ़ारस में अभी तीन बादशाह और खड़े होंगे, और चौथा उन सबसे ज़्यादा दौलतमन्द होगा, और जब वो अपनी दौलत से ताक़त पाएगा, तो सब को यूनान की सल्तनत के ख़िलाफ़ उभारेगा।
Nun will ich dir's im wesentlichen künden: Noch stehen drei Könige in Persien auf. Der vierte bringt noch größeren Reichtum als die andern all zusammen, und, im Vertraun auf seinen Reichtum, setzt er dem ganzen Griechenreiche zu.
3 लेकिन एक ज़बरदस्त बादशाह खड़ा होगा, जो बड़े तसल्लुत से हुक्मरान होगा और जो कुछ चाहेगा करेगा।
Dann steht ein großer König auf, beherrscht ein großes Reich und tut, was ihm gefällt.
4 और उसके खड़े होते ही उसकी सल्तनत को ज़वाल आएगा, और आसमान की चारों हवाओं की अतराफ़ पर तक़सीम हो जाएगी लेकिन न उसकी नसल को मिलेगी न उसका एक बाल भी बाक़ी रहेगा बल्कि वह सल्तनत जड़ से उखड़ जाएगी और ग़ैरों के लिए होगी।
Steht er auf seiner Höhe, wird sein Reich zertrümmert und nach vier Himmelswinden aufgeteilt, nicht aber unter seine Nachkommen und nicht mehr von der Macht, die er besessen. Wird doch sein Reich zerrissen und verteilt an andere als jene.
5 और शाह — ए — जुनूब ज़ोर पकड़ेगा, और उसके हाकिम में से एक उससे ज़्यादा ताक़त — ओ — इख़्तियार हासिल करेगा और उसकी सल्तनत बहुत बड़ी होगी।
Und mächtig wird des Südens König. Von seinen Fürsten aber wird noch einer mächtiger als dieser. Er wird ein großes Reich beherrschen.
6 और चन्द साल के बाद वह आपस में मेल करेंगे, क्यूँकि शाह — ए — जुनूब की बेटी शाह — ए — शिमाल के पास आएगी, ताकि इत्तिहाद क़ायम हो; लेकिन उसमें क़ुव्वत — ए — बाज़ू न रहेगी और न वह बादशाह क़ायम रहेगा न उसकी ताक़त, बल्कि उन दिनों में वह अपने बाप और अपने लाने वालों और ताक़त देने वाले के साथ छोड़ दी जाएगी।
Dann nach Verlauf von Jahren treten sie in engere Verbindung. Des Königs Tochter aus dem Süden kommt zum Könige des Nordens, um die Freundschaft zu festigen. Den starken Beistand wird sie nicht behalten; denn weder er noch seine Macht sind mehr von Dauer. So wird sie hingeopfert, sie und die sie hinbegleitet hatten, ihr Sohn und die ihr in Gefahren Hilfe leisten wollten.
7 लेकिन उसकी जड़ों की एक शाख़ से एक शख़्स उसकी जगह खड़ा होगा, वह सिपहसालार होकर शाह — ए — शिमाल के क़िले' में दाख़िल होगा, और उन पर हमला करेगा और ग़ालिब आएगा।
Aus ihrem Wurzelschoße steht an seiner Stelle einer auf. Er stellt sich an des Heeres Spitze, zieht gegen des Nordkönigs Festungen und greift sie an und überwältigt sie.
8 और उनके बुतों और ढाली हुई मूरतों को, सोने चाँदी के क़ीमती बर्तन के साथ ग़ुलाम करके मिस्र को ले जाएगा; और चन्द साल तक शाह — ए — शिमाल से अलग रहेगा।
Auch ihre Götter samt den Gußbildern, mitsamt den kostbaren Geräten, Gold und Silber bringt er dann als Beute nach Ägypten. Er ist dem Könige des Nordens während ein paar Jahren überlegen.
9 फिर वह शाह — ए — जुनूब की ममलुकत में दाख़िल होगा, पर अपने मुल्क को वापस जाएगा।
Der kommt ins Reich des Königs in den Süden, kehrt dann aber heim.
10 लेकिन उसके बेटे बरअंगेख़्ता होंगे, जो बड़ा लश्कर जमा' करेंगे और वह चढ़ाई करके फैलेगा, और गुज़र जाएगा और वह लौट कर उसके क़िले' तक लड़ेंगे।
Doch seine Söhne werden kriegerischer sein und große Heere sammeln. Losbrechen wird der eine, überflutend kommen und bis zu seiner Festung wiederholt den Krieg vortragen.
11 और शाह — ए — जुनूब ग़ज़बनाक होकर निकलेगा और शाह — ए — शिमाल से जंग करेगा, और वह बड़ा लश्कर लेकर आएगा और वह बड़ा लश्कर उसके हवाले कर दिया जाएगा।
Erbittert zieht darauf des Südens König auch zu Feld, um mit des Nordens König nun zu kämpfen. Er wird ein großes Heer aufstellen, und dies wird seinem eigenen Befehle untergeben sein.
12 और जब वह लश्कर तितर बितर कर दिया जाएगा, तो उसके दिल में ग़ुरूर समाएगा; वह लाखों को गिराएगा लेकिन ग़ालिब न आएगा।
Das Heer, begeistert und voll hohen Muts, streckt Tausende zu Boden, und doch behält er nicht die Oberhand.
13 और शाह — ए — शिमाल फिर हमला करेगा और पहले से ज़्यादा लश्कर जमा' करेगा, और कुछ साल के बाद बहुत से लश्कर — और — माल के साथ फिर हमलावर होगा।
Des Nordens König stellt ein größer Heer auf, als das erste je gewesen, und kommt nach Jahren dann mit einem großen Heer und vielem Kriegsgerät.
14 'और उन दिनों में बहुत से शाह — ए — जुनूब पर चढ़ाई करेंगे, और तेरी क़ौम के क़ज़्ज़ाक़ भी उठेंगे कि उस ख्व़ाब को पूरा करें; लेकिन वह गिर जाएँगे।
In jenen Zeiten stehn Irrlehrer wider den König aus dem Süden auf. Aufrührer deines Volkes befördern voll Vermessenheit dann des Gesichts Erfüllung und ihr Ende.
15 चुनाँचे शाह — ए — शिमाल आएगा और दमदमा बाँधेगा और हसीन शहर ले लेगा, और जुनूब की ताक़त क़ायम न रहेगी और उसके चुने हुए मर्दों में मुक़ाबले की हिम्मत न होगी।
Des Nordens König zieht heran und kommt, er wirft dann Dämme auf und nimmt so eine feste Stadt. Des Südens Kräfte werden nichts vermögen, und auch das auserlesene Volk hat nicht die Kraft, sich zu behaupten.
16 और हमलावर जो कुछ चाहेगा करेगा, और कोई उसका मुक़ाबला न कर सकेगा; वह उस जलाली मुल्क में क़याम करेगा, और उसके हाथ में तबाही होगी।
So tut, der gegen ihn gezogen, was er will, und niemand kann sich vor ihm halten. Dann rückt er in das Wunderland, und dies fällt ganz in seine Hände.
17 और वह यह इरादा करेगा कि अपनी ममलुकत की तमाम शौकत के साथ उसमें दाख़िल हो, और सच्चे उसके साथ होंगे; वह कामयाब होगा और वह उसे जवान कुँवारी देगा कि उसकी बर्बादी का ज़रिया' हो, लेकिन यह तदबीर क़ायम न रहेगी और उसको इससे कुछ फ़ाइदा न होगा।
Dann faßt er den Entschluß, mit seines Reiches ganzer Macht zu kommen. Doch muß er mit ihm Frieden machen. Er gibt ihm eine Tochter, damit sie dort verderblich wirke. Doch kommt es nicht zustande, es gelingt ihm nicht.
18 फिर वह समंदरी — मुमालिक का रुख़ करेगा और बहुत से ले लेगा, लेकिन एक सरदार उसकी मलामत को मौकू़फ़ करेगा, बल्कि उसे उसी के सिर पर डालेगा।
Nun wendet er sich nach den Küstenländern und erobert ihrer viele. Ein Fürst jedoch macht seinem Hohn ein Ende, ja, er gibt ihm seinen Hohn zurück.
19 तब वह अपने मुल्क के क़िलों' की तरफ़ मुड़ेगा, लेकिन ठोकर खाकर गिर पड़ेगा और मादूम हो जाएगा।
Er wendet sich zu seines Landes festen Plätzen; dann aber strauchelt er und fällt und ist nicht mehr.
20 और उसकी जगह एक और खड़ा होगा, जो उस खू़बसूरत ममलुकत में महसूल लेने वाले को भेजेगा; लेकिन वह चन्द रोज़ में बे क़हर — ओ — जंग ही हलाक हो जाएगा।
An seine Stelle tritt ein anderer, der Gelderpresser durch das herrlichste der Reiche schickt. Nach wenigen Tagen wird er dann vernichtet, doch nicht im Zorn und nicht im Kampf.
21 फिर उसकी जगह एक पाजी खड़ा होगा जो सल्तनत की 'इज़्ज़त का हक़दार न होगा, लेकिन वह अचानक आएगा और चापलूसी करके ममलुकत पर क़ाबिज़ हो जाएगा।
An seine Stelle setzt sich ein Verworfener, zur Königswürde nicht bestimmt. Er kommt voll List, und so bemächtigt er sich durch Betrug des Reiches.
22 और वह सैलाब — ए — अफ़वाज को अपने सामने दौड़ाएगा और शिकस्त देगा, और अमीर — ए — 'अहद को भी न छोड़ेगा।
Streitkräfte werden weggeschwemmt vor seinem Angesicht; mitsamt dem Bundesfürsten werden sie vernichtet.
23 और जब उसके साथ 'अहद — ओ — पैमान हो जाएगा तो दग़ाबाज़ी करेगा, क्यूँकि वह बढ़ेगा और एक छोटी जमा'अत की मदद से ताक़त हासिल करेगा।
Und hat er sich mit ihm verbündet, dann wird betrügerisch er handeln, mit wenig Kriegsvolk einen Angriff wagen und der Sieger sein.
24 और हुक्म के दिनों में मुल्क के वीरान मक़ामात में दाख़िल होगा, और जो कुछ उसके बाप — दादा और उनके आबा — ओ — अजदाद से न हुआ था कर दिखाएगा; वह ग़नीमत और लूट और माल उनमें तक़सीम करेगा और कुछ 'अरसे तक मज़बूत क़िलों' के ख़िलाफ़ मन्सूबे बाँधेगा।
In ein friedliches, reiches Land kommt er und tut dort, was die Väter seiner Väter nicht getan. Und Beute, Raub und Güter nimmt er ihnen und richtet auf die festen Plätze seine Pläne, jedoch nur für gewisse Zeit.
25 वह अपनी ताक़त और दिल को ऊभारेगा कि बड़ी फ़ौज के साथ शाह — ए — जुनूब पर हमला करे, और शाह — ए — जुनूब निहायत बड़ा और ज़बरदस्त लश्कर लेकर उसके मुक़ाबिले को निकलेगा लेकिन वह न ठहरेगा, क्यूँकि वह उसके ख़िलाफ़ मन्सूबे बाँधेंगे।
Dann stärkt er seine Kraft und seinen Mut zum Angriff auf des Südens König durch ein großes Heer. Den Kampf beginnt des Südens König mit großem und sehr starkem Heer. Doch hält er nimmer stand. Geschmiedet werden Ränke gegen ihn,
26 बल्कि जो उसका दिया खाते हैं, वही उसे शिकस्त देंगे और उसकी फ़ौज तितर बितर होगी और बहुत से क़त्ल होंगे।
und seine Tischgenossen richten ihn zugrunde. Sein Heer wird alles überschwemmen, und fallen werden viele, die erschlagen.
27 और इन दोनों बादशाहों के दिल शरारत की तरफ़ माइल होंगे, वह एक ही दस्तरख़्वान पर बैठ कर झूट बोलेंगे लेकिन कामयाबी न होगी, क्यूँकि ख़ातिमा मुक़र्ररा वक़्त पर होगा।
Es sinnen beide Könige auf Böses; an einer Tafel speisend, belügen sie sich gegenseitig. Doch nimmt's kein günstig Ende. Denn erst zu der bestimmten Zeit erfolgt das Ende.
28 तब वह बहुत सी ग़नीमत लेकर अपने मुल्क को वापस जाएगा; और उसका दिल 'अहद — ए — मुक़द्दस के ख़िलाफ़ होगा, और वह अपनी मर्ज़ी पूरी करके अपने मुल्क को वापस जाएगा।
Er kehrt nun in sein Land zurück mit großer Habe und richtet auf den heiligen Bund den Sinn. Er führt den Plan auch aus und kehrt dann in sein Land zurück.
29 मुक़र्ररा वक़्त पर वह फिर जुनूब की तरफ़ ख़ुरूज करेगा, लेकिन ये हमला पहले की तरह न होगा।
Zur festgesetzten Zeit zieht er aufs neue in den Süden. Doch ist's das zweitemal nicht so, wie bei dem erstenmal.
30 क्यूँकि अहल — ए — कित्तीम के जहाज़ उसके मुक़ाबिले को निकलेंगे, और वह रंजीदा होकर मुड़ेगा और 'अहद — ए — मुक़द्दस पर उसका ग़ज़ब भड़केगा, और वह उसके मुताबिक़ 'अमल करेगा; बल्कि वह मुड़ कर उन लोगों से जो 'अहद — ए — मुक़द्दस को छोड़ देंगे, इत्तफ़ाक़ करेगा।
Aus Cypern kommen mit ihm Schiffe. Doch eingeschüchtert, läßt er seinen Grimm am heiligen Bunde wieder aus und schenkt Beachtung denen, die am heiligen Bund gefrevelt.
31 और अफ़वाज उसकी मदद करेंगी, और वह मज़बूत मक़दिस को नापाक और दाइमी क़ुर्बानी को रोकेंगे और उजाड़ने वाली मकरूह चीज़ को उसमें नस्ब करेंगे।
Streitkräfte seines Heeres treten auf, und sie entweihn das Heiligtum, die Burg und schaffen ab das täglich Opfer und stellen dann das Götzenscheusal auf.
32 और वह 'अहद — ए — मुक़द्दस के ख़िलाफ़ शरारत करने वालों को खु़शामद करके बरगश्ता करेगा, लेकिन अपने ख़ुदा को पहचानने वाले ताक़त पाकर कुछ कर दिखाएँगे।
Die an dem Bunde freveln, sucht er nun durch Schmeichelei'n zum Abfall zu verleiten. Das Volk jedoch, das seinen Gott noch anerkennt, wird sich zur Tat ermannen.
33 और वह जो लोगों में 'अक़्लमन्द हैं बहुतों को ता'लीम देंगे, लेकिन वह कुछ मुद्दत तक तलवार और आग और ग़ुलामी और लूट मार से तबाह हाल रहेंगे।
Des Volkes Weise werden viele recht belehren. Doch sind sie eine Zeit durch Schwert und Feuer und durch Gefangenschaft und Plünderungen unterlegen.
34 और जब तबाही में पड़ेंगे तो उनको थोड़ी सी मदद से ताक़त पहुँचेगी, लेकिन बहुतेरे खु़शामद गोई से उनमें आ मिलेंगे।
Wenn diese fallen, werden jene Rettung finden durch eine unscheinbare Hilfe. Dann aber schlagen sich zu ihnen viele auf heuchlerische Weise.
35 और बा'ज़ अहल — ए — फ़हम तबाह हाल होंगे ताकि पाक और साफ़ और बुर्राक़ हो जाएँ जब तक आख़िरी वक़्त न आ जाए, क्यूँकि ये मुक़र्ररा वक़्त तक मना' है।
Und von den Weisen fallen manche, um die anderen zu läutern und zu reinigen und fleckenlos zu machen bis auf die Zeit des Endes; denn eine Weile dauert's noch bis zu der festbestimmten Zeit.
36 और बादशाह अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ चलेगा, और तकब्बुर करेगा और सब मा'बूदों से बड़ा बनेगा, और मा'बूदों के ख़ुदा के ख़िलाफ़ बहुत सी हैरत — अंगेज़ बातें कहेगा, और इक़बाल मन्द होगा यहाँ तक कि क़हर की तस्कीन हो जाएगी; क्यूँकि जो कुछ मुक़र्रर हो चुका है वाके़' होगा।
Was ihm beliebt, das tut der König und überhebt sich übermütig gegen jeden Gott; auch gegen Gott, der Götter Gott, führt er vermessene Reden. Er hat Gelingen nur, solange nicht der Zorn wird ausgelassen; denn, was beschlossen, muß geschehen.
37 वह अपने बाप — दादा के मा'बूदों की परवाह न करेगा, और न 'औरतों की पसन्द को और न किसी और मा'बूद को मानेगा; बल्कि अपने आप ही को सबसे बेहतर जानेगा।
Er achtet weder seiner Väter Götter, noch achtet er der schönen Weiber, noch irgendeines Gottes achtet er. Denn er erhebt sich gegen jeden.
38 और अपने मकान पर मा'बूद — ए — हिसार की ताज़ीम करेगा, और जिस मा'बूद को उसके बाप — दादा न जानते थे, सोना और चाँदी और क़ीमती पत्थर और नफ़ीस तोहफ़े दे कर उसकी तकरीम करेगा।
Den Gott der Stärke, den wird er an seiner Statt verehren. Den Gott, den seine Väter nicht gekannt, ehrt er mit Gold und Silber, Edelstein und andern Kostbarkeiten.
39 वह बेगाना मा'बूद की मदद से मुहकम क़िलों' पर हमला करेगा; जो उसको कु़बूल करेंगे उनको बड़ी 'इज़्ज़त बख़्शेगा और बहुतों पर हाकिम बनाएगा और रिश्वत में मुल्क को तक़सीम करेगा।
In feste Stellungen bringt er das Volk des fremden Gottes. Und wer ihn anerkennt, den würdigt er gar großer Ehre. Er wird ihm Herrschaft über viele anvertrauen, und Land wird er zum Lohn verteilen.
40 और ख़ातिमे के वक़्त में शाह — ए — जुनूब उस पर हमला करेगा, और शाह — ए — शिमाल रथ और सवार और बहुत से जहाज़ लेकर हवा के झोंके की तरह उस पर चढ़ आएगा, और ममालिक में दाख़िल होकर सैलाब की तरह गुज़रेगा।
Zur Zeit des Endes kämpft mit ihm des Südens König. Auf ihn stürmt ein des Nordens König mit Wagen, Rossen, vielen Schiffen, und überströmend, überschwemmend dringt er in die Länder.
41 और जलाली मुल्क में भी दाख़िल होगा और बहुत से मग़लूब हो जाएँगे, लेकिन अदोम और मोआब और बनी — 'अम्मून के ख़ास लोग उसके हाथ से छुड़ा लिए जाएँगे।
Er kommt auch in das Wunderland, und viele kommen da zu Fall. Nur diese werden seiner Hand entgehen: Edom, Moab, der Söhne Ammons bester Teil.
42 वह दीगर मुमालिक पर भी हाथ चलाएगा और मुल्क — ए — मिस्र भी बच न सकेगा।
An Länder legt er seine Hand; auch das Ägypterland entgeht ihm nicht.
43 बल्कि वह सोने चाँदी के ख़ज़ानों और मिस्र की तमाम नफ़ीस चीज़ों पर क़ाबिज़ होगा, और लूबी और कूशी भी उसके हम — रक़ाब होंगे।
Er wird der Gold- und Silberschätze sich bemächtigen und aller Kostbarkeiten von Ägypten, und die von Lub und Kusch führt er mit sich hinweg.
44 लेकिन पश्चिमी और उत्तरी अतराफ़ से अफ़वाहें उसे परेशान करेंगी, और वह बड़े ग़ज़ब से निकलेगा कि बहुतों को नेस्त — ओ — नाबूद करे।
Dann schrecken ihn Gerüchte aus dem Osten und dem Norden. Er bricht mit großem Grimme auf, um viele zu vernichten und sie zu vertilgen.
45 और वह शानदार मुक़द्दस पहाड़ और समुन्दर के बीच शाही ख़ेमे लगाएगा, लेकिन उसका ख़ातिमा हो जाएगा और कोई उसका मददगार न होगा।
Er spannt sein Lagerzelt dann aus dort zwischen Meeren an dem heiligen, berühmten Berg. Hier findet er sein Ende, niemand wird ihm helfen.'