< आमू 7 >
1 ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया और क्या देखता हूँ कि उसने ज़रा'अत की आख़िरी रोईदगी की शुरू' में टिड्डियाँ पैदा कीं; और देखो, ये शाही कटाई के बाद आख़िरी रोईदगी थी।
So ließ der Herr, der Herr, mich's schauen: Er führte junge Heuschrecken herbei zu Anbeginn, da Spätgras wuchs, das Gras, das späte, nach des Königs Mahd.
2 और जब वह ज़मीन की घास को बिल्कुल खा चुकीं, तो मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से मु'आफ़ फ़रमा! या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
Und als sie alles Kraut im Lande fressen wollten, sprach ich: "Herr, o Herr, vergib! Wer hilft nur Jakob auf? Gar schwach ist es."
3 ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और उसने फ़रमाया: “यूँ न होगा।”
Der Herr erbarmte sich. "Es soll nicht sein!" so sprach der Herr.
4 फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आग को बुलाया कि मुक़ाबला करे, और वह बहर — ए — 'अमीक़ को निगल गई, और नज़दीक था कि ज़मीन को खा जाए।
Da ließ der Herr, der Herr, mich schauen: Der Herr, der Herr, rief einen Feuerwind herbei; er fraß das große Meer und wollte auch die Flur verzehren.
5 तब मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से बाज़ आ, या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
Da sprach ich: "Herr, ach Herr, hör auf! Wer hilft nur Jakob auf? Gar schwach ist es."
6 ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने फ़रमाया: “यूँ भी न होगा।”
Der Herr erbarmte sich. "Auch dies soll nimmer sein", so sprach der Herr, der Herr.
7 फिर उसने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द एक दीवार पर, जो साहूल से बनाई गई थी खड़ा है, और साहूल उसके हाथ में है।
Dann ließ er dies mich schauen: Da stand der Herr auf einem Haufen Hartgestein und hatte einen harten Stein in seiner Hand.
8 और ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया कि “ऐ 'आमूस, तू क्या देखता है?” मैंने 'अर्ज़ की, कि साहूल। तब ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, देख, मैं अपनी क़ौम इस्राईल में साहूल लटकाऊँगा, और मैं फिर उनसे दरगुज़र न करूँगा;
Da sprach der Herr zu mir: "Was siehst du, Amos?" Ich sagte: "Einen harten Stein." Da sprach der Herr: "Ich lege einen harten Stein ins Innere meines Volkes Israel und will ihm weiter nicht verzeihen.
9 और इस्हाक़ के ऊँचे मक़ाम बर्बाद होंगे, और इस्राईल के मक़दिस वीरान हो जाएँगे; और मैं युरब'आम के घराने के ख़िलाफ़ तलवार लेकर उढूँगा।
Verwüstet sollen nunmehr werden Isaaks Höhen, die Heiligtümer Israels zerfallen, und wider des Jeroboam Haus erheb ich mich mit meinem Schwert."
10 तब बैतएल के काहिन इम्सियाह ने शाह — ए — इस्राईल युरब'आम को कहला भेजा कि 'आमूस ने तेरे ख़िलाफ़ बनी — इस्राईल में फ़ितना खड़ा किया है, और मुल्क में उसकी बातों की बर्दाश्त नहीं।
Da ließ Amasias, der Priester Betels, Jeroboam, dem Könige von Israel, vermelden: "Verschwörung stiftet Amos gegen dich im Hause Israels; das Land kann seine Reden nicht mehr fassen;
11 क्यूँकि 'आमूस यूँ कहता है, 'कि युरब'आम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा।
denn so spricht Amos: 'Jeroboam stirbt durch das Schwert, und Israel wird weggeführt aus seiner Heimat.'"
12 और इम्सियाह ने 'आमूस से कहा, ऐ गै़बगो, तू यहूदाह के मुल्क को भाग जा; वहीं खा पी और नबुव्वत कर,
Zu Amos aber sprach Amasias: "Auf, Seher, fort! Nach Juda flieh! Dein Brot verdiene dort! Weissage dort!
13 लेकिन बैतएल में फिर कभी नबुव्वत न करना, क्यूँकि ये बादशाह का मक़दिस और शाही महल है।
Zu Betel darfst du doch nicht länger weissagen; denn es ist königliches Heiligtum und Reichstempel."
14 तब 'आमूस ने इम्सियाह को जवाब दिया, कि मैं न नबी हूँ, न नबी का बेटा; बल्कि चरवाहा और गूलर का फल बटोरने वाला हूँ।
Darauf gab Amos Antwort und sprach zu Amasias: "Ich bin doch kein Prophet und kein Prophetensohn. Ein Hirte bin ich nur und Maulbeerfeigenzüchter.
15 और जब मैं गल्ले के पीछे — पीछे जाता था, तो ख़ुदावन्द ने मुझे लिया और फ़रमाया, कि 'जा, मेरी क़ौम इस्राईल से नबुव्वत कर।
Mich hat der Herr gerade von der Herde weggeholt, und also sprach der Herr zu mir: 'Auf! Prophezeie gegen mein Volk Israel!'
16 इसलिए अब तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन। तू कहता है, 'कि इस्राईल के ख़िलाफ़ नबुव्वत और इस्हाक़ के घराने के ख़िलाफ़ कलाम न कर।
Und nun vernimm das Wort des Herrn! Du hast gesagt: 'Du darfst nicht gegen Israel weissagen, nicht gegen Isaaks Haus so predigen!'
17 इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि तेरी बीवी शहर में कस्बी बनेगी, और तेरे बेटे और तेरी बेटियाँ तलवार से मारे जाएँगे; और तेरी ज़मीन जरीब से बाँटी जाएगी, और तू एक नापाक मुल्क में मरेगा; और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा।
Deshalb spricht so der Herr: 'Dein Weib wird öffentlich entehrt, und deine Söhne mit den Töchtern fallen durch das Schwert. Dein Boden wird durchs Los verteilt. Du selber stirbst auf ungeweihtem Boden, und Israel wird fortgeführt aus seiner Heimat.'"