< आमू 2 >

1 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: “मोआब के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा, क्यूँकि उसने शाह — ए — अदोम की हड्डियों को जलाकर चूना बना दिया है।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Moab, y por cuatro, no le daré perdón: Porque quemó los huesos del rey de Edom, hasta calcinarlos,
2 इसलिए मैं मोआब पर आग भेजूँगा, और वह करयूत के क़स्रों को खा जाएगी; और मोआब ललकार और नरसिंगे की आवाज़, और शोर — ओ — ग़ौग़ा के बीच मरेगा।
enviaré fuego contra Moab, que devorará los palacios de Kiryat; y morirá Moab con estruendo, entre alaridos y sonido de trompeta.
3 और मैं क़ाज़ी को उसके बीच से काट डालूँगा और उसके तमाम हाकिमों को उसके साथ क़त्ल करूँगा,” ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
Exterminaré a su juez de en medio de él, y junto con él mataré a todos sus príncipes”, dice Yahvé.
4 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि “यहूदाह के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा क्यूँकि उन्होंने ख़ुदावन्द की शरी'अत को रद्द किया, और उसके अहकाम की पैरवी न की और उनके झूटे मा'बूदों ने जिनकी पैरवी उनके बाप — दादा ने की, उनको गुमराह किया है।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Judá, y por cuatro, no le doy perdón: Porque han desechado la ley de Yahvé, despreciando sus mandamientos, y porque se dejaron extraviar por sus mentiras tras las cuales anduvieron sus padres,
5 इसलिए मैं यहूदाह पर आग भेजूँगा, जो येरूशलेम के क़स्रों को खा जाएगी।”
enviaré fuego contra Judá, que devorará los palacios de Jerusalén.”
6 ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: इस्राईल के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने सादिक़ को रुपये की ख़ातिर, और ग़रीब को जूतियों के जोड़े की ख़ातिर बेच डाला।
Así dice Yahvé: “Por tres pecados de Israel, y por cuatro, no le doy perdón: Porque venden al justo por dinero, y al pobre por un par de sandalias;
7 वह ग़रीबों के सिर पर की गर्द का भी लालच रखते हैं, और हलीमों को उनकी राह से गुमराह करते हैं और बाप बेटा एक ही 'औरत के पास जाने से मेरे पाक नाम की तकफ़ीर करते हैं।
porque aplastan sobre el polvo de la tierra la cabeza de los desvalidos, y tuercen el camino de los humildes; porque un hijo y su padre se llegan a la misma joven, profanando mi santo Nombre;
8 और वह हर मज़बह के पास गिरवी लिए हुए कपड़ों पर लेटते हैं, और अपने ख़ुदा के घर में जुर्माने से ख़रीदी हुई मय पीते हैं।
porque sobre las ropas tomadas en prenda se acuestan al lado de todo altar, y en la casa de su dios beben el vino de aquellos a quienes han condenado.
9 हालाँकि मैं ही ने उनके सामने से अमोरियों को हलाक किया, जो देवदारों की तरह बलंद और बलूतों की तरह मज़बूत थे; हाँ, मैं ही ने ऊपर से उनका फल बर्बाद किया, और नीचे से उनकी जड़ें काटीं।
Y con todo, soy Yo quien extermine ante ellos a los amorreos, altos como cedros y fuertes como encinas. Yo destruí su fruto de la parte de arriba, y sus raíces de la parte de abajo.
10 और मैं ही तुमको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, और चालीस बरस तक वीराने में तुम्हारी रहबरी की, ताकि तुम अमोरियों के मुल्क पर क़ाबिज़ हो जाओ।
Soy Yo asimismo quien os saqué de la tierra de Egipto, y os conduje por el desierto durante cuarenta años, para que heredarais el país de los amorreos.
11 और मैंने तुम्हारे बेटों में से नबी, और तुम्हारे जवानों में से नज़ीर खड़े किए, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ बनी इस्राईल, क्या ये सच नहीं?
Yo suscité profetas entre vuestros hijos, y nazareos entre vuestros jóvenes. ¿No es así, oh hijos de Israel?”, dice Yahvé.
12 लेकिन तुम ने नज़ीरों को मय पिलाई, और नबियों को हुक्म दिया के नबुव्वत न करें।
“Vosotros disteis de beber vino a los nazareos, y a los profetas les mandasteis: «No profeticéis».
13 देखो, मैं तुम को ऐसा दबाऊँगा, जैसे पूलों से लदी हुई गाड़ी दबाती है।
He aquí que os haré crujir, como cruje el carro cargado de gavillas.
14 तब तेज़ रफ़्तार से भागने की ताक़त जाती रहेगी, और ताक़तवर का ज़ोर बेकार होगा, और बहादुर अपनी जान न बचा सकेगा।
Ni el hombre más ligero será capaz de huir, el fuerte no tendrá más fuerza, y el valiente no podrá salvarse.
15 और कमान खींचने वाला खड़ा न रहेगा, और तेज़ क़दम और सवार अपनी जान न बचा सकेंगे;
No resistirá el que maneja el arco, y el ligero de pies no escapará; ni podrá ponerse en salvo el de a caballo.
16 और पहलवानों में से जो कोई दिलावर है, नंगा निकल भागेगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
En aquel día el más valeroso entre los valientes huirá desnudo”, dice Yahvé.

< आमू 2 >