< आमाल 7 >
1 फिर सरदार काहिन ने कहा, “क्या ये बातें इसी तरह पर हैं?”
ᏄᎬᏫᏳᏒᏃ ᎠᏥᎸ-ᎨᎶᎯ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎾᏍᎩᏍᎪ ᎤᏃᎯᏳᎯ ᏄᏍᏗ?
2 उस ने कहा, “ऐ भाइयों! और बुज़ुर्गों, सुनें। ख़ुदा ऐ' ज़ुल — जलाल हमारे बुज़ुर्ग अब्रहाम पर उस वक़्त ज़ाहिर हुआ जब वो हारान शहर में बसने से पहले मसोपोतामिया मुल्क में था।“
[ ᏍᏗᏫᏃ ] ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎢᏥᏍᎦᏯ ᎢᏓᏓᏅᏟ ᎠᎴ ᏗᎩᏙᏓ, ᎢᏣᏛᏓᏍᏓ. ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᏥᎸᏉᏗ ᎬᏂᎨᏒ ᏄᏛᏁᎴ ᎢᎩᏙᏓ ᎡᏆᎭᎻ ᎾᏍᎩ ᎾᎯᏳ ᎺᏌᏆᏕᎻ ᏤᎮᎢ, ᎠᏏᏉ ᎨᎳᏂ ᎾᏁᎳᏗᏍᎬᎾ ᏥᎨᏎᎢ;
3 और उस से कहा कि 'अपने मुल्क और अपने कुन्बे से निकल कर उस मुल्क में चला जा'जिसे मैं तुझे दिखाऊँगा।
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎴᎢ; ᏣᏤᎵᎪᎯ ᎯᏄᎪᎢ ᎠᎴ ᎪᎱᏍᏗ ᏗᏨᎿᎭ ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎦᏙᎯ ᎬᏯᏎᎮᏗ ᎨᏒ ᏫᎷᎩ.
4 इस पर वो कसदियों के मुल्क से निकल कर हारान में जा बसा; और वहाँ से उसके बाप के मरने के बाद ख़ुदा ने उसको इस मुल्क में लाकर बसा दिया, जिस में तुम अब बसते हो।
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏓᏅᏎ ᎠᏂᎦᎵᏗ ᎤᎾᏤᎵᎪᎯ, ᎨᎳᏂᏃ ᎤᏁᎳᏕᎢ, ᎾᎿᎭᏃ ᏗᎤᏓᏅᏒ, ᎤᏙᏓ ᎤᏲᎱᏒ, ᎡᏍᎦᏂ ᎤᎷᏤᎴᎢ ᎾᏍᎩ ᎠᏂ ᎪᎯ ᏥᏤᎭ.
5 और उसको कुछ मीरास बल्कि क़दम रखने की भी उस में जगह न दी मगर वा'दा किया कि में ये ज़मीन तेरे और तेरे बाद तेरी नस्ल के क़ब्ज़े में कर दूँगा, हालाँकि उसके औलाद न थी।
ᎠᎴ ᎥᏝ ᎦᏓ ᎠᏂ ᏳᏁᎴᎢ ᏂᎤᏟᏍᏕ ᏏᎳᏏᏅᎯᏉ ᎢᎩᏛ, ᎠᏎᏃ ᎤᏚᎢᏍᏓᏁᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏤᎵ ᎢᏳᏩᏁᏗᏱ ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏁᏢᏔᏅᏛ ᎨᏒ ᎠᏏᏉ ᎤᏪᏥ ᏁᎲᎾ ᎨᏎᎢ.
6 और ख़ुदा ने ये फ़रमाया, तेरी नस्ल ग़ैर मुल्क में परदेसी होगी, वो उसको ग़ुलामी में रख्खेंगे और चार सौ बरस तक उन से बदसुलूकी करेंगे।
ᎤᏁᎳᏅᎯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; “ᏣᏁᏢᏔᏅᏛ ᎠᏁᏙᎯ ᎨᏎᏍᏗ ᎾᎿᎭᎤᎾᏤ-ᎵᎪᎯ ᏂᎨᏒᎾ ᎨᏒᎢ, ᎠᎴ ᎾᎿᎭᎠᏁᎯ ᏙᏓᎬᏩᏂᎾᏢᏂ ᎠᎴ ᎤᏲ ᏅᏓᎬᏩᏅᏁᎵ ᏅᎩᏧᏈ ᏧᏕᏘᏴᏛ.
7 फिर ख़ुदा ने कहा, जिस क़ौम की वो ग़ुलामी में रहेंगे उसको मैं सज़ा दूँगा; और उसके बाद वो निकलकर इसी जगह मेरी इबादत करेंगे।
ᎾᏍᎩᏃ ᏑᎾᏓᎴᎩ ᏴᏫ ᏗᎬᏩᏂᎾᏢᏅᎯ ᏙᏓᎦᏥᏳᎪᏓᏁᎵ, ᎣᏂᏃ ᎤᏂᎾᏄᎪᎢᏍᏗ ᎨᏎᏍᏗ ᎠᎴ ᎠᏂ ᎪᎱᏍᏗ ᎬᏆᏛᏁᏗ ᎨᏎᏍᏗ,” ᎤᏛᏁ ᎤᏁᎳᏅᎯ.
8 और उसने उससे ख़तने का 'अहद बाँधा; और इसी हालत में अब्रहाम से इज़्हाक़ पैदा हुआ, और आठवें दिन उसका ख़तना किया गया; और इज़्हाक़ से या'क़ूब और याक़ूब से बारह क़बीलों के बुज़ुर्ग पैदा हुए।
ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗᏃ ᎤᏁᎴ ᎠᎱᏍᏕᏍᏗ ᎨᏒ ᎤᎬᏩᎵ; ᎡᏆᎭᎻᏃ ᎤᏕᏁᎴ ᎡᏏᎩ, ᎤᎱᏍᏕᏎᎴᏃ ᏧᏁᎵᏁ ᎢᎦ, ᎡᏏᎩᏃ ᏤᎦᏈ, ᏤᎦᏈᏃ ᏔᎳᏚ ᎢᏯᏂᏛ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᎢ.
9 और बुज़ुर्गों ने हसद में आकर युसूफ़ को बेचा कि मिस्र में पहुँच जाए; मगर ख़ुदा उसके साथ था।
ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᏃ ᎠᏅᏳᏤᎲ ᏅᏗᎤᎵᏍᏙᏔᏁ ᎤᏂᎾᏗᏅᏎ ᏦᏩ ᎢᏥᏈᏱ ᏩᎦᏘᏅᏍᏙᏗᏱ; ᎠᏎᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏚᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎮᎢ,
10 और उसकी सब मुसीबतों से उसने उसको छुड़ाया; और मिस्र के बादशाह फिर'औन के नज़दीक उसको मक़बूलियत और हिक्मत बख़्शी, और उसने उसे मिस्र और अपने सारे घर का सरदार कर दिया।
ᎠᎴ ᎤᏭᏓᎴᏍᎨ ᏂᎦᏛ ᎤᏲ ᏄᎵᏍᏓᏁᎵᏕᎬᎢ, ᎠᎴ ᎤᏁᎴ ᎣᏏᏳ ᎠᎦᏓᏅᏖᏗᏱ ᎠᎴ ᎠᎦᏔᎿᎭᎢᏳ ᎨᏒ ᎠᎦᏔᎲ ᏇᎵᏲ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᏥᏈᏱ, ᎠᎴ ᏄᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᏄᏩᏁᎴ ᎢᏥᏈᏱ, ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎦᏁᎸᎢ.
11 फिर मिस्र के सारे मुल्क और कनान में काल पड़ा, और बड़ी मुसीबत आई; और हमारे बाप दादा को खाना न मिलता था।
ᏂᎬᎾᏛᏃ ᎢᏥᏈᏱ ᎠᎴ ᎨᎾᏂ ᏚᎪᏄᎶᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏣᏘ ᎠᎩᎵᏯ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᏃ ᎤᎾᏠᎨ ᎤᎾᎵᏍᏓᏴᏗ.
12 लेकिन याक़ूब ने ये सुनकर कि, मिस्र में अनाज है; हमारे बाप दादा को पहली बार भेजा।
ᏤᎦᏈᏃ ᎤᏛᎦᏅ ᎤᏣᎴᏍᏗ ᎡᎲ ᎢᏥᏈᏱ, ᏕᎤᏅᏎ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᎩᎳ ᎾᎨᏎᎢ.
13 और दूसरी बार यूसुफ़ अपने भाइयों पर ज़ाहिर हो गया और यूसुफ़ की क़ौमियत फिर'औन को मा'लूम हो गई।
ᏔᎵᏁᏃ ᏦᏩ ᎠᎾᎵᏅᏟ ᎬᏬᎵᏤᎢ, ᎠᎴ ᏇᎵᏲ ᏕᎤᎦᏙᎥᏎ ᏦᏩ ᎪᎱᏍᏗ ᏧᏩᎿᎭ
14 फिर यूसुफ़ ने अपने बाप याक़ूब और सारे कुन्बे को जो पछहत्तर जाने थीं; बुला भेजा।
ᏦᏩᏃ ᎤᏓᏅᏎ ᏭᏯᏅᎮ ᎤᏙᏓ ᏤᎦᏈ ᎠᎴ ᏂᎦᏛ ᎤᏩᏒ ᎪᎱᏍᏗ ᏧᏩᎿᎭ ᎾᏍᎩ ᎦᎵᏆᏍᎪᎯ ᎯᏍᎩᎦᎵ ᎢᏯᏂᎢ.
15 और याक़ूब मिस्र में गया वहाँ वो और हमारे बाप दादा मर गए।
ᏤᎦᏈᏃ ᎢᏥᏈᏱ ᏭᎶᏎᎢ, ᎤᏲᎱᏎᏃ, ᎠᎴ ᎾᏍᏉ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᎢ.
16 और वो शहर ऐ सिकम में पहुँचाए गए और उस मक़्बरे में दफ़्न किए गए' जिसको अब्रहाम ने सिक्म में रुपऐ देकर बनी हमूर से मोल लिया था।
ᏌᎩᎻᏃ ᏫᏗᎨᏥᏅᏍᏔᏁᎢ ᎠᎴ ᏕᎨᏥᏂᏌᏁ ᎠᏤᎵᏍᏛ ᎾᏍᎩ ᎡᏆᎭᎻ ᎠᏕᎸ ᏧᎫᏴᏔᏁ ᏥᏚᏩᏎᎴ ᎡᎹ ᏧᏪᏥ, ᎾᏍᎩ ᏌᎩᎻ ᎤᏙᏓ.
17 लेकिन जब उस वादे की मी'आद पुरी होने को थी, जो ख़ुदा ने अब्रहाम से फ़रमाया था तो मिस्र में वो उम्मत बढ़ गई; और उनका शुमार ज़्यादा होता गया।
ᎠᏚᎢᏍᏛᏃ ᎤᏍᏆᎸᎯᏗᏎᎢ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏎᎵᏔᏅᎯ ᏧᏁᏤᎴ ᎡᏆᎭᎻ, ᎾᏍᎩ ᎤᏂᏁᏉᏤ ᏴᏫ ᎠᎴ ᎤᏂᏣᏔᏅᎯ ᏄᎾᎵᏍᏔᏁ ᎢᏥᏈᏱ.
18 उस वक़्त तक कि दूसरा बादशाह मिस्र पर हुक्मरान हुआ; जो यूसुफ़ को न जानता था।
ᎬᏂ ᏅᏩᏓᎴ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᎾᏄᎪᏨ ᎾᏍᎩ ᏄᎦᏔᎲᎾ ᏦᏩ.
19 उसने हमारी क़ौम से चालाकी करके हमारे बाप दादा के साथ यहाँ तक बदसुलूकी की कि उन्हें अपने बच्चे फेंकने पड़े ताकि ज़िन्दा न रहें।
ᎾᏍᎩ ᏓᏏᎾᏌᏅᏤᎮ ᎪᎱᏍᏗ ᏗᎬᎿᎭ ᎠᎴ ᎤᏲ ᏂᏚᏩᏁᎴ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᎢ, ᎾᏍᎩ ᏗᎨᎦᏓᎢᏅᏗᏱ ᏧᎾᏍᏗ ᏧᏁᏥ, ᏗᎬᏩᎾᏛᎯᏍᏗ ᏂᎨᏒᎾ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ.
20 इस मौक़े पर मूसा पैदा हुआ; जो निहायत ख़ूबसूरत था, वो तीन महीने तक अपने बाप के घर में पाला गया।
ᎾᎯᏳ ᎼᏏ ᎤᏕᏁᎢ, ᎠᎴ ᎤᏩᏔᏅᎯ ᎤᏬᏚᎯᏳ ᎨᏎᎢ, ᎠᎴ ᎠᏥᏍᏆᏂᎪᏔᏁ ᎤᏙᏓ ᎦᏁᎸᎢ ᏦᎢ ᎢᏯᏅᏙ.
21 मगर जब फेंक दिया गया, तो फिर'औन की बेटी ने उसे उठा लिया और अपना बेटा करके पाला।
ᎠᎦᏓᎢᏅᏃ ᏇᎵᏲ ᎤᏪᏥ ᎠᎨᏴ ᎤᏁᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᏍᏆᏂᎪᏔᏁᎢ ᎤᏩᏒ ᎤᏪᏥ ᎤᏰᎸᏁᎢ.
22 और मूसा ने मिस्रियों के, तमाम इल्मो की ता'लीम पाई, और वो कलाम और काम में ताक़त वाला था।
ᏱᏏᏃ ᎠᎨᏲᏅᎯ ᎨᏎ ᏂᎦᎥ ᎠᏂᎦᏔᎿᎭᎢᏳ ᎨᏒ ᎢᏥᏈᏱ ᎠᏁᎯ, ᎠᎴ ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏎ ᎤᏁᎢᏍᏗᏱ ᎠᎴ ᏧᎸᏫᏍᏓᏁᏗᏱ.
23 और जब वो तक़रीबन चालीस बरस का हुआ, तो उसके जी में आया कि मैं अपने भाइयों बनी इस्राईल का हाल देखूँ।
ᏅᎦᏍᎪᎯᏃ ᎢᏳᏕᏘᏴᏛ ᏄᎵᏍᏔᏅ, ᎤᏓᏅᏖᎴ ᏧᏩᏛᎲᏍᏗᏱ ᎠᎾᎵᏅᏟ ᎢᏏᎵ ᏧᏪᏥ.
24 चुनाँचे उन में से एक को ज़ुल्म उठाते देखकर उसकी हिमायत की, और मिस्री को मार कर मज़्लूम का बदला लिया।
ᎤᎪᎲᏃ ᎠᏏᏴᏫ ᎦᏰᏥᏐᏢᏛᎢ, ᎤᏍᏕᎸᎮᎢ, ᎠᎴ ᎤᏞᏤᎴ ᎤᏲ ᎢᏯᎬᏁᎸᎯ, ᎠᎴ ᎤᎴ ᎢᏥᏈᏱ ᎡᎯ.
25 उसने तो ख़याल किया कि मेरे भाई समझ लेंगे, कि ख़ुदा मेरे हाथों उन्हें छुटकारा देगा, मगर वो न समझे।
ᎠᎴ ᎯᎠ ᏁᎵᏍᎨᎢ, ᏛᏃᎵᏥ ᎣᏣᎵᏅᏟ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᏴ ᎠᏉᏰᏂ ᏗᎬᏔᏂᏒ ᏙᏗᏍᏕᎸᎯᏒᎢ; ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᏳᏃᎵᏤᎢ.
26 फिर दूसरे दिन वो उन में से दो लड़ते हुओं के पास आ निकला और ये कहकर उन्हें सुलह करने की तरग़ीब दी कि ‘ऐ जवानों तुम तो भाई भाई हो, क्यूँ एक दूसरे पर ज़ुल्म करते हो?’
ᎤᎩᏨᏛᏃ ᏚᎾᏄᎪᏤᎴ ᎠᎾᎵᎲᎢ, ᎠᎴ ᎦᎪᎯᏍᏓᏁᎮ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; “ᎢᏍᏗᏍᎦᏯ, ᏗᏍᏓᏓᏅᏟᏉ; ᎦᏙᏃ ᎤᏲ ᏂᏙᏍᏓᏓᏛᏁᎭ?”
27 लेकिन जो अपने पड़ोसी पर ज़ुल्म कर रहा था, उसने ये कह कर उसे हटा दिया तुझे किसने हम पर हाकिम और क़ाज़ी मुक़र्रर किया?
ᎠᏎᏃ ᎤᏣᏘᏂ ᎢᏳᏛᏁᎸᎯ ᎾᎥ ᎢᏧᎾᏓᎳ ᏗᎤᏪᏌᏙᏰᏉ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᎦᎪ ᏂᏣᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎠᎴ ᏗᏍᎩᏳᎪᏓᏁᎯ ᎢᏣᎧᏅ ᏂᎯ?
28 क्या तू मुझे भी क़त्ल करना चहता है? जिस तरह कल उस मिस्री को क़त्ल किया था।
ᏥᎪ ᎠᏴ ᎾᏍᏉ ᏣᏚᎵ ᏍᎩᎯᏍᏗᏱ ᎾᏍᎩᏯ ᎤᏒᎯ ᏥᎸᎩ ᎢᏥᏈᏱ ᎡᎯ?
29 मूसा ये बात सुन कर भाग गया, और मिदियान के मुल्क में परदेसी रहा, और वहाँ उसके दो बेटे पैदा हुए।
ᎾᏍᎩᏃ ᏄᏪᏒ ᎼᏏ ᎤᎵᏘᏎᎢ, ᎠᎴ ᎻᏗᏂ ᎦᏓ ᎠᎲ ᎡᏙᎯ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎾᎿᎭᏃ ᎠᏂᏔᎵ ᎠᏂᏍᎦᏯ ᏧᏪᏥ ᎬᏩᏕᏁᎴᎢ.
30 और जब पूरे चालीस बरस हो गए, तो कोह-ए-सीना के वीराने में जलती हुई झाड़ी के शो'ले में उसको एक फ़रिश्ता दिखाई दिया।
ᏅᎦᏍᎪᎯᏃ ᏄᏕᏘᏴᎲ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎤᏤᎵᎦ ᎬᏂᎨᏒ ᏄᏛᏁᎴ ᎢᎾᎨ ᏌᎾᏱ ᎣᏓᎸ ᎤᏪᏲᏓᏛ ᎠᏓᏪᎵᎩᏍᎬᎢ.
31 जब मूसा ने उस पर नज़र की तो उस नज़ारे से ताज़्जुब किया, और जब देखने को नज़दीक गया तौ ख़ुदावन्द की आवाज़ आई कि
ᎼᏏᏃ ᎤᎪᎲ ᎤᏍᏆᏂᎪᏎ ᏄᏍᏛ ᎠᎪᏩᏘᏍᎬᎢ. ᎤᎪᎵᏰᏗᏱᏃ ᎤᏰᎸᏅ ᎾᎥ ᏭᎷᏨ ᏗᎪᎵᏰᏎᎢ, ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎧᏁᎬ ᎤᏛᎦᏁ [ ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ]
32 मैं तेरे बाप दादा का ख़ुदा या'नी अब्रहाम इज़्हाक़ और याक़ूब का ख़ुदा हूँ तब मूसा काँप गया और उसको देखने की हिम्मत न रही।
“ᎠᏴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏗᏣᎦᏴᎵᎨ ᎤᎾᏤᎵᎦ, ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎡᏆᎭᎻ ᎤᏤᎵᎦ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎡᏏᎩ ᎤᏤᎵᎦ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏤᎦᏈ ᏅᏤᎵᎦ.” ᎣᏏᏃ ᎤᏪᎿᎭᏪᎢ, ᎠᎴ ᎤᏍᎦᎴ ᎤᎪᎵᏰᏗᏱ.
33 ख़ुदावन्द ने उससे कहा कि अपने पाँव से जूती उतार ले, क्यूँकि जिस जगह तू खड़ा है, वो पाक ज़मीन है।
ᎤᎬᏫᏳᎯᏃ ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎴᎢ; “ᏔᎳᏑᎳᎩ, ᎾᎿᎭᏰᏃ ᏥᏙᎦ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎦᏙᎯ.
34 मैंने वाक़'ई अपनी उस उम्मत की मुसीबत देखी जो मिस्र में है। और उनका आह — व नाला सुना पस उन्हें छुड़ाने उतरा हूँ, अब आ मैं तुझे मिस्र में भेजूँगा।
ᎤᏙᎯᏳᎯᏯ ᎠᎩᎪᎲ ᎤᏲ ᏄᎾᎵᏍᏓᏁᎵᏕᎬ ᏴᏫ ᏗᏆᏤᎵ ᎢᏥᏈᏱ ᏣᏁᎭ, ᎠᎴ ᎠᏆᏛᎦᏅ ᏚᏂᎵᏰᏗᏍᎬᎢ, ᎠᎴ ᎠᏆᏠᎣᏏᎸ ᏕᎫᏓᎴᏏᎸ; Ꭷ ᎿᎭᏉ ᏓᎬᏅᏏ ᎢᏥᏈᏱ.”
35 जिस मूसा का उन्होंने ये कह कर इन्कार किया था, तुझे किसने हाकिम और क़ाज़ी मुक़र्रर किया 'उसी को ख़ुदा ने हाकिम और छुड़ाने वाला ठहरा कर, उस फ़रिश्ते के ज़रिए से भेजा जो उस झाड़ी में नज़र आया था।
ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎼᏏ ᏧᏂᏲᎢᏎᎴ ᎯᎠ ᏥᏄᏂᏪᏎᎢ, ᎦᎪ ᏂᏣᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎠᎴ ᏚᎪᏗᏍᎩ ᏣᎧᏅ, ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏅᏎ ᏄᎬᏫᏳᏌᏕᎩ ᎠᎴ ᎤᏄᏓᎴᏍᎩ ᏄᏩᏁᎴ ᎤᏩᏔᏁ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎬᏂᎨᏒ ᎢᏳᏛᏁᎸᎯ ᎤᏪᏲᏓᏛᎢ.
36 यही शख़्स उन्हें निकाल लाया और मिस्र और बहर — ए — क़ुलज़ूम और वीराने में चालीस बरस तक अजीब काम और निशान दिखाए।
ᎾᏍᎩ ᏚᏘᎿᎭᏫᏛᎮᎢ ᏂᏚᎸᏫᏍᏓᏁᎶ ᎤᏍᏆᏂᎪᏗ ᎠᎴ ᎤᏰᎸᏛ ᎢᏥᏈᏱ ᎠᎴ ᎠᎹ-ᎩᎦᎨᏍᏛᏱ ᎠᎴ ᎢᎾᎨ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏧᏕᏘᏴᏛ.
37 ये वही मूसा है, जिसने बनी इस्राईल से कहा, ख़ुदा तुम्हारे भाइयों में से तुम्हारे लिए मुझ सा एक नबी पैदा करेगा।
ᎯᎠ ᎾᏍᎩ ᎼᏏ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏂᏚᏪᏎᎴ ᎢᏏᎵ ᏧᏪᏥ; ᎤᎬᏫᏳᎯ ᎢᏣᏁᎳᏅᎯ ᏓᏥᎾᏄᎪᏫᏎᎵ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎢᏣᎵᏅᏟ ᎨᏒ ᏓᎦᎾᏄᎪᏥ ᎠᏴ ᎾᏍᎩᏯᎢ; ᎾᏍᎩ ᏓᏰᏣᏛᎦᏁᎵ.
38 ये वही है, जो वीराने की कलीसिया में उस फ़रिश्ते के साथ जो कोह-ए-सीना पर उससे हम कलाम हुआ, और हमारे बाप दादा के साथ था उसी को ज़िन्दा कलाम मिला कि हम तक पहुँचा दे।
ᎯᎠ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᏥᎨᎳᏗᏙᎮ ᎤᎾᏓᏡᏩᏕᎬ ᎢᎾᎨᎢ, ᏔᎵ ᏧᏛᏗᏕᎨ ᏗᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎾᏍᎩ ᏧᏁᏤᎴ ᎣᏓᎸ ᏌᎾᏱ, ᏥᎨᎳᏗᏙᎮ ᎠᏁᏙᎲ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨᎢ, ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᏥᏓᏥᏲᎯᏎᎴ ᎠᏛᏂᏗᏍᏙᏗ ᎧᏃᎮᏛ ᎠᏴ ᎢᎩᏁᏗ.
39 मगर हमारे बाप दादा ने उसके फ़रमाँबरदार होना न चाहा, बल्कि उसको हटा दिया और उनके दिल मिस्र की तरफ़ माइल हुए।
ᎾᏍᎩ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᎥᏝ ᏳᎾᏚᎵᏍᎨ ᎤᏃᎯᏳᏗᏱ, ᎢᏴᏛᏉᏍᎩᏂ ᏄᏅᏁᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᏚᎾᏓᏅᏛ ᎢᏥᏈᏱᏉ ᏫᏂᏚᏅᏁᎢ,
40 और उन्होंने हारून से कहा, हमारे लिए ऐसे मा'बूद बना जो हमारे आगे आगे चलें, क्यूँकि ये मूसा जो हमें मुल्क — ए मिस्र से निकाल लाया, हम नहीं जानते कि वो क्या हुआ।
ᎯᎠ ᏄᏂᏪᏎᎴ ᎡᎳᏂ; ᏗᏍᎩᏲᏢᎾᏏ ᏦᎦᏁᎳᏅᎯ ᏗᎪᎦᏘᏂᏙᎯ, ᎯᎠᏰᏃ ᎼᏏ ᎢᏥᏈᏱ ᏂᏙᏓᏲᎦᏘᏅᏍᏔᏅᎯ ᎥᏝ ᏲᏥᎦᏔᎭ ᏄᎵᏍᏓᏁᎸᎢ.
41 और उन दिनों में उन्होंने एक बछड़ा बनाया, और उस बुत को क़ुर्बानी चढ़ाई, और अपने हाथों के कामों की ख़ुशी मनाई।
ᎾᎯᏳᏃ ᎤᏃᏢᏁ ᏩᎦ ᎠᎩᎾ, ᎾᏍᎩᏃ ᏗᏟᎶᏍᏔᏅᎯ ᎠᏥᎸ-ᎨᎳᏍᏗ ᎤᏂᏲᎮᎴᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᎵᎮᎵᏤᎴ ᎤᏅᏒ ᏧᏃᏰᏂ ᏧᏅᏔᏅᎯ ᎤᏃᏢᏅᎯ.
42 पस ख़ुदा ने मुँह मोड़कर उन्हें छोड़ दिया कि आसमानी फ़ौज को पूजें चुनाँचे नबियों की किताबों में लिखा है ऐ इस्राईल के घराने क्या तुम ने वीराने में चालीस बरस मुझको ज़बीहे और क़ुर्बानियाँ गुज़रानी?
ᎿᎭᏉᏃ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᎦᏔᎲᏎᎢ, ᎠᎴ ᎤᎾᏁᎳᎩ ᏫᏓᏂᎸᏉᏓ ᎤᏂᏣᏘ ᎦᎸᎶ ᎠᏁᎯ ᏚᏪᎵᏎᎴᎢ, ᎾᏍᎩᏯ ᎯᎠ ᏥᏂᎬᏅ ᏥᎪᏪᎳ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᏧᏃᏪᎳᏅᎯ; “ᏂᎯ ᎢᏏᎵ ᏏᏓᏁᎸᎯ ᎨᏒᎢ, ᏥᎪ ᏕᏍᎩᏃᎮᎸ ᏗᎸᎯ ᎦᎾᏝᎢ ᎠᎴ ᎠᏥᎸ-ᎨᎳᏍᏗ ᏅᎦᏍᎪᎯ ᏥᎾᏕᏘᏴ ᎢᎾᎨᎢ?
43 बल्कि तुम मोलक के ख़ेमे और रिफ़ान देवता के तारे को लिए फिरते थे, या'नी उन मूरतों को जिन्हें तुम ने सज्दा करने के लिए बनाया था। पस में तुम्हें बाबुल के परे ले जाकर बसाऊँगा।
ᎢᏥᎲᏒᏰᏃ ᎦᎵᏦᏙᏗ ᎼᎳᎩ ᎤᏤᎵᎦ ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎢᏥᏰᎸᎯ ᎴᎻᏈᏂ ᎤᏤᎵᎦ ᏃᏈᏏ, ᏗᏟᎶᏍᏔᏅᎯ ᎾᏍᎩ ᏗᏦᏢᏅᎯ ᏗᏣᏓᏙᎵᏍᏓᏁᏗ; ᏓᏗᎶᏂᏃ ᎤᏗᏗᏢ ᏫᏙᏓᏨᏯᎧᏂ.”
44 शहादत का ख़ेमा वीराने में हमारे बाप दादा के पास था, जैसा कि मूसा से कलाम करने वाले ने हुक्म दिया था, जो नमूना तूने देखा है, उसी के मुवाफ़िक़ इसे बना।
ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᎢᎾᎨ ᎤᏂᎮ ᎦᎵᏦᏛ ᎠᏙᎴᎰᎯᏍᏙᏗ, ᎾᏍᎩᏯ ᎤᏁᏨᎢ ᎼᏏ ᏧᏁᏤᎴ ᎤᏬᏢᏗᏱ ᏧᏟᎶᏍᏙᏗᏱ ᏄᏍᏛ ᎤᎪᎲᎢ.
45 उसी ख़ेमे को हमारे बाप दादा अगले बुज़ुर्गों से हासिल करके ईसा के साथ लाए जिस वक़्त उन क़ौमों की मिल्कियत पर क़ब्ज़ा किया जिनको ख़ुदा ने हमारे बाप दादा के सामने निकाल दिया, और वो दाऊद के ज़माने तक रहा।
ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᏗᎨᏥᏲᎯᏎᎸᎯ ᎨᏒ ᏦᏑᏩ ᏧᎾᏖᏉᎶᏎ ᏧᏂᏲᎴ ᏧᎾᏓᎴᏅᏛ ᏴᏫ ᎤᎾᏤᎵᎪᎯ ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏥᏚᎨᎯᏕᎴ ᏗᎩᎦᏴᎵᎨ ᏕᏫ ᏤᎮ ᎢᏯᏍᏗ.
46 उस पर ख़ुदा की तरफ़ से फ़ज़ल हुआ, और उस ने दरख़्वास्त की, कि में याक़ूब के ख़ुदा के वास्ते घर तैयार करूँ।
ᎾᏍᎩ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎣᏏᏳ ᎤᏓᏅᏖᏍᎩ ᏄᎵᏍᏔᏁᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎤᏔᏲᎴ ᎤᏩᏛᏗᏱ ᎤᏁᎳᏗᏍᏗᏱ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏤᎦᏈ ᎤᏤᎵᎦ.
47 मगर सुलैमान ने उस के लिए घर बनाया।
ᎠᏎᏃ ᏐᎵᎹᏅ ᎤᏁᏍᎨᎴᎢ.
48 लेकिन ख़ुदा हाथ के बनाए हुए घरों में नहीं रहता चुनाँचे नबी कहता है कि
ᎥᏝᏍᎩᏂᏃᏅ ᏩᏍᏛ ᎦᎸᎳᏗᏳ ᎡᎯ ᏱᎦᏁᎸ ᏓᏓᏁᎸ ᎩᎶ ᏧᏃᏰᏂ ᏧᏅᏔᏅᎯ ᏧᎾᏁᏍᎨᎲᎯ, ᎾᏍᎩᏯ ᎠᏙᎴᎰᏍᎩ ᎯᎠ ᏥᏂᎦᏪᎠ;
49 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, आसमान मेरा तख़्त और ज़मीन मेरे पाँव तले की चौकी है, तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे, या मेरी आरामगाह कौन सी है?
“ᎦᎸᎳᏗ ᎠᎩᏗᏱ ᎡᎶᎯᏃ ᏗᏆᎳᏏᏗᏱ. ᎦᏙ ᎤᏍᏕᏍᏗ ᎦᎵᏦᏕ ᏓᏍᎩᏯᏁᏍᎨᎵ? ᎠᏗᎭ ᎤᎬᏫᏳᎯ; ᎠᎴ ᎭᏢ ᎠᏆᎵᏙᎯᏍᏙᏗᏱ;
50 क्या ये सब चीज़ें मेरे हाथ से नहीं बनी
ᏝᏍᎪ ᎠᏉᏰᏂ ᎠᏋᏔᏅᎯ ᎠᏉᏢᏅᎯ ᏱᎩ ᎯᎠ ᏂᎦᏛ ᏥᏄᏍᏗᏓᎾ?”
51 ऐ गर्दन कशो, दिल और कान के नामख़्तूनों, तुम हर वक़्त रूह — उल — क़ुद्दूस की मुख़ालिफ़त करते हो; जैसे तुम्हारे बाप दादा करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो।
ᏧᏩᏗᏔᏯ ᏗᏥᎩᎵᎨᏂ, ᎠᎴ ᏂᏕᏥᎤᏍᏕᏎᎸᎾ ᏗᏥᎾᏫ ᎠᎴ ᏕᏥᎵᎷᎬᎢ, ᏂᎪᎯᎸ ᎡᏣᏡᏗᏍᎪ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ; ᏗᏥᎦᏴᎵᎨ ᏄᎾᏛᏁᎸ ᎾᏍᎩᏯ ᏂᎯ ᏂᏣᏛᏁᎰᎢ.
52 नबियों में से किसको तुम्हारे बाप दादा ने नहीं सताया? उन्हों ने तो उस रास्तबाज़ के आने की पेश — ख़बरी देनेवालों को क़त्ल किया, और अब तुम उसके पकड़वाने वाले और क़ातिल हुए।
ᎦᏙ ᎤᏍᏗ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᎾᏙᎴᎰᏍᎩ ᎨᏒ ᏗᏥᎦᏴᎵᎨ ᎥᏝ ᎤᏲ ᎢᏳᏅᏁᎸᎯ ᏱᎩ? ᎠᎴ ᏕᎤᏂᎸ ᎤᎾᏙᎴᎰᏒᎯ ᎬᏂᎨᏒ ᎢᏳᏅᏁᎸᎯ ᎤᎷᎯᏍᏗᏱ ᎾᏍᎦᏅᎾ ᎾᏍᎩ ᏂᎯ ᎡᏥᎶᏄᎡᎸᎯ ᎠᎴ ᎡᏥᎸᎯ ᏥᏄᎵᏍᏔᏅ;
53 तुम ने फ़रिश्तों के ज़रिए से शरी'अत तो पाई, पर अमल नहीं किया।
ᏤᏥᏲᎯᏎᎸᎩ ᏗᎧᎿᎭᏩᏛᏍᏗ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏗᏙᎯ ᎣᏍᏛ ᏄᏅᎿᎭᏕᎬᎢ ᎠᏎᏃ ᎥᏝ ᎢᏥᏍᏆᏂᎪᏔᏅᎯ ᏱᎩ.
54 जब उन्होंने ये बातें सुनीं तो जी में जल गए, और उस पर दाँत पीसने लगे।
ᎾᏍᎩᏃ ᎤᎾᏛᎦᏅ ᏚᏂᏘᎴ ᏧᏂᎾᏫᏱ, ᎠᎴ ᏗᏂᏄᏙᎬ ᏕᎬᏩᏄᏓᎨᎴᎢ.
55 मगर उस ने रूह — उल — क़ुद्दूस से भरपूर होकर आसमान की तरफ़ ग़ौर से नज़र की, और ख़ुदा का जलाल और ईसा को ख़ुदा की दहनी तरफ़ खड़ा देख कर कहा।
ᎠᏎᏃ ᎤᎧᎵᏨᎯ ᎨᏎ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎠᏓᏅᏙ ᎤᏯᏅᏒᎯ ᎦᎸᎳᏗ ᏫᏚᎧᎿᎭᏁᎢ, ᎠᎴ ᏭᎪᎮ ᎦᎸᏉᏗᏳ ᎨᏒ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎤᏤᎵᎦ, ᎠᎴ ᏥᏌ ᎦᏙᎨ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎦᏘᏏᏗᏢ;
56 “देखो मैं आसमान को खुला, और इबने — आदम को ख़ुदा की दहनी तरफ़ खड़ा देखता हूँ”
ᎯᎠᏃ ᏄᏪᏎᎢ; ᎬᏂᏳᏉ ᎦᎸᎳᏗ ᎤᎵᏍᏚᎢᏛ ᏥᎪᏩᏘᎭ, ᎠᎴ ᏴᏫ ᎤᏪᏥ ᎦᏙᎦ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᎠᎦᏘᏏᏗᏢ.
57 मगर उन्होंने बड़े ज़ोर से चिल्लाकर अपने कान बन्द कर लिए, और एक दिल होकर उस पर झपटे।
ᎠᏍᏓᏯᏃ ᎤᏁᎷᏅ ᏗᏏᎴᏂ ᏚᏂᏍᏚᏁᎢ, ᎠᎴ ᎤᎴᏃᏅᎯ ᎤᎾᏁᎷᎩᎡᎴᎢ;
58 और शहर से बाहर निकाल कर उस पर पथराव करने लगे, और गवाहों ने अपने कपड़े साऊल नाम एक जवान के पाँव के पास रख दिए।
ᎦᏚᎲᏃ ᎤᏂᏄᎪᏫᏒ ᏅᏯ ᏚᏅᏂᏍᏔᏁᎢ. ᎠᏂᎦᏔᎯᏃ ᏧᎾᏅᏬ ᏚᏂᏅᏁ ᏚᎳᏍᎬ ᎾᎥ ᎠᏫᏅ ᏐᎳ ᏧᏙᎢᏛ.
59 पस स्तिफ़नुस पर पथराव करते रहे, और वो ये कह कर दुआ करता रहा “ऐ ख़ुदावन्द ईसा मेरी रूह को क़ुबूल कर।”
ᏅᏯᏃ ᏚᏅᏂᏍᏔᏁ ᏍᏗᏫ ᎠᏓᏙᎵᏍᏗᏍᎨᎢ, ᎯᎠ ᏂᎦᏪᏍᎨᎢ; ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᏥᏌ, ᏔᏓᏂᎸᎩ ᎠᏆᏓᏅᏙᎩ.
60 फिर उस ने घुटने टेक कर बड़ी आवाज़ से पुकारा, “ऐ ख़ुदावन्द ये गुनाह इन के ज़िम्मे न लगा।” और ये कह कर सो गया।
ᏚᎵᏂᏆᏅᏅᏃ ᎠᏍᏓᏯ ᎤᏪᎷᏁᎢ, ᎯᎠ ᏄᏪᏎᎢ; ᏣᎬᏫᏳᎯ, ᏞᏍᏗ ᎯᎠ ᎤᏂᏍᎦᏅᏨ ᏱᎦᎯᏍᏔᏁᏍᏗ. ᎾᏍᎩᏃ ᏄᏪᏒ ᎤᎸᏁᎢ.