< आमाल 24 >

1 पाँच दिन के बाद हननियाह सरदार काहिन के कुछ बुज़ुर्गों और तिरतुलुस नाम एक वकील को साथ ले कर वहाँ आया, और उन्होंने हाकिम के सामने पौलुस के ख़िलाफ़ फ़रियाद की।
Y CINCO días después descendió el sumo sacerdote Ananías, con algunos de los ancianos, y un cierto Tértulo, orador; y parecieron delante del gobernador contra Pablo.
2 जब वो बुलाया गया तो तिरतुलुस इल्ज़ाम लगा कर कहने लगा कि ऐ फ़ेलिक्स बहादुर चूँकि तेरे वसीले से हम बड़े अमन में हैं और तेरी दूर अन्देशी से इस क़ौम के फ़ाइदे के लिए ख़राबियों की इस्लाह होती है।
Y citado que fué, Tértulo comenzó á acusar, diciendo: Como por causa tuya vivamos en grande paz, y muchas cosas sean bien gobernadas en el pueblo por tu prudencia,
3 हम हर तरह और हर जगह कमाल शुक्र गुज़ारी के साथ तेरा एहसान मानते हैं।
Siempre y en todo lugar lo recibimos con todo hacimiento de gracias, oh excelentísimo Félix.
4 मगर इस लिए कि तुझे ज़्यादा तकलीफ़ न दूँ, मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि तू मेहरबानी से दो एक बातें हमारी सुन ले।
Empero por no molestarte más largamente, ruégote que nos oigas brevemente conforme á tu equidad.
5 क्यूँकि हम ने इस शख़्स को फ़साद करने वाला और दुनिया के सब यहूदियों में फ़ितना अंगेज़ और नासरियों की बिद'अती फ़िरक़े का सरगिरोह पाया।
Porque hemos hallado que este hombre es pestilencial, y levantador de sediciones entre todos los Judíos por todo el mundo, y príncipe de la secta de los Nazarenos:
6 इस ने हैकल को नापाक करने की भी कोशिश की थी, और हम ने इसे पकड़ा। और हम ने चाहा कि अपनी शरी'अत के मुवाफ़िक़ इस की अदालत करें।
El cual también tentó á violar el templo; y prendiéndole, le quisimos juzgar conforme á nuestra ley:
7 लेकिन लूसियास सरदार आकर बड़ी ज़बरदस्ती से उसे हमारे हाथ से छीन ले गया।
Mas interviniendo el tribuno Lisias, con grande violencia le quitó de nuestras manos,
8 और उसके मुद्दइयों को हुक्म दिया कि तेरे पास जाएँ इसी से तहक़ीक़ करके तू आप इन सब बातों को मालूम कर सकता है, जिनका हम इस पर इल्ज़ाम लगाते हैं।
Mandando á sus acusadores que viniesen á ti; del cual tú mismo juzgando, podrás entender todas estas cosas de que le acusamos.
9 और दूसरे यहूदियों ने भी इस दा'वे में मुत्तफ़िक़ हो कर कहा कि ये बातें इसी तरह हैं।
Y contendían también los Judíos, diciendo ser así estas cosas.
10 जब हाकिम ने पौलुस को बोलने का इशारा किया तो उस ने जवाब दिया, चूँकि मैं जानता हूँ, कि तू बहुत बरसों से इस क़ौम की अदालत करता है, इसलिए मैं ख़ुद से अपना उज़्र बयान करता हूँ।
Entonces Pablo, haciéndole el gobernador señal que hablase, respondió: Porque sé que muchos años ha eres gobernador de esta nación, con buen ánimo satisfaré por mí.
11 तू मालूम कर सकता है, कि बारह दिन से ज़्यादा नहीं हुए कि मैं येरूशलेम में इबादत करने गया था।
Porque tú puedes entender que no hace más de doce días que subí á adorar á Jerusalem;
12 और उन्होंने मुझे न हैकल में किसी के साथ बहस करते या लोगों में फ़साद कराते पाया न इबादतख़ानों में न शहर में।
Y ni me hallaron en el templo disputando con ninguno, ni haciendo concurso de multitud, ni en sinagogas, ni en la ciudad;
13 और न वो इन बातों को जिन का मुझ पर अब इल्ज़ाम लगाते हैं, तेरे सामने साबित कर सकते हैं।
Ni te pueden probar las cosas de que ahora me acusan.
14 लेकिन तेरे सामने ये इक़रार करता हूँ, कि जिस तरीक़े को वो बिद'अत कहते हैं, उसी के मुताबिक़ मैं अपने बाप दादा के ख़ुदा की इबादत करता हूँ, और जो कुछ तौरेत और नबियों के सहीफ़ों में लिखा है, उस सब पर मेरा ईमान है।
Esto empero te confieso, que conforme á aquel Camino que llaman herejía, así sirvo al Dios de mis padres, creyendo todas las cosas que en la ley y en los profetas están escritas;
15 और ख़ुदा से उसी बात की उम्मीद रखता हूँ, जिसके वो ख़ुद भी मुन्तज़िर हैं, कि रास्तबाज़ों और नारास्तों दोनों की क़यामत होगी।
Teniendo esperanza en Dios que ha de haber resurrección de los muertos, así de justos como de injustos, la cual también ellos esperan.
16 इसलिए मैं ख़ुद भी कोशिश में रहता हूँ, कि ख़ुदा और आदमियों के बारे में मेरा दिल मुझे कभी मलामत न करे।
Y por esto, procuro yo tener siempre conciencia sin remordimiento acerca de Dios y acerca de los hombres.
17 बहुत बरसों के बाद मैं अपनी क़ौम को ख़ैरात पहुँचाने और नज़्रें चढ़ाने आया था।
Mas pasados muchos años, vine á hacer limosnas á mi nación, y ofrendas,
18 उन्होंने बग़ैर हँगामे या बवाल के मुझे तहारत की हालत में ये काम करते हुए हैकल में पाया, यहाँ आसिया के चन्द यहूदी थे।
Cuando me hallaron purificado en el templo (no con multitud ni con alboroto) unos Judíos de Asia;
19 और अगर उन का मुझ पर कुछ दा'वा था, तो उन्हें तेरे सामने हाज़िर हो कर फ़रियाद करना वाजिब था।
Los cuales debieron comparecer delante de ti, y [acusarme], si contra mí tenían algo.
20 या यही ख़ुद कहें, कि जब मैं सद्र — ए — अदालत के सामने खड़ा था, तो मुझ में क्या बुराई पाई थी।
O digan estos mismos si hallaron en mí alguna cosa mal hecha, cuando yo estuve en el concilio,
21 सिवा इस बात के कि मैं ने उन में खड़े हो कर बुलन्द आवाज़ से कहा था कि मुर्दों की क़यामत के बारे में आज मुझ पर मुक़द्दमा हो रहा है।
Si no sea que, estando entre ellos prorrumpí en alta voz: Acerca de la resurrección de los muertos soy hoy juzgado de vosotros.
22 फ़ेलिक्स ने जो सहीह तौर पर इस तरीक़े से वाक़िफ़ था “ये कह कर मुक़द्दमे को मुल्तवी कर दिया कि जब पलटन का सरदार लूसियास आएगा तो मैं तुम्हारा मुक़द्दमा फ़ैसला करूँगा।”
Entonces Félix, oídas estas cosas, estando bien informado de esta secta, les puso dilación, diciendo: Cuando descendiere el tribuno Lisias acabaré de conocer de vuestro negocio.
23 और सुबेदार को हुक्म दिया कि उस को क़ैद तो रख मगर आराम से रखना और इसके दोस्तों में से किसी को इसकी ख़िदमत करने से मनह' न करना।
Y mandó al centurión que Pablo fuese guardado, y aliviado [de las prisiones]; y que no vedase á ninguno de sus familiares servirle, ó venir á él.
24 और चन्द रोज़ के बाद फ़ेलिक्स अपनी बीवी दुसिल्ला को जो यहूदी थी, साथ ले कर आया, और पौलुस को बुलवा कर उस से मसीह ईसा के दीन की कैफ़ियत सुनी।
Y algunos días después, viniendo Félix con Drusila, su mujer, la cual era Judía, llamó á Pablo, y oyó de él la fe que es en Jesucristo.
25 और जब वो रास्तबाज़ी और परहेज़गारी और आइन्दा अदालत का बयान कर रहा था, तो फ़ेलिक्स ने दहशत खाकर जवाब दिया, कि इस वक़्त तू जा; फ़ुरसत पाकर तुझे फिर बुलाउँगा।
Y disertando él de la justicia, y de la continencia, y del juicio venidero, espantado Félix, respondió: Ahora vete; mas en teniendo oportunidad te llamaré:
26 उसे पौलुस से कुछ रुपऐ मिलने की उम्मीद भी थी, इसलिए उसे और भी बुला बुला कर उस के साथ गुफ़्तगू किया करता था।
Esperando también con esto, que de parte de Pablo le serían dados dineros, porque le soltase; por lo cual, haciéndole venir muchas veces, hablaba con él.
27 लेकिन जब दो बरस गुज़र गए तो पुरकियुस फ़ेस्तुस फ़ेलिक्स की जगह मुक़र्रर हुआ और फ़ेलिक्स यहूदियों को अपना एहसान मन्द करने की ग़रज़ से पौलुस को क़ैद ही में छोड़ गया।
Mas al cabo de dos años recibió Félix por sucesor á Porcio Festo: y queriendo Félix ganar la gracia de los Judíos, dejó preso á Pablo.

< आमाल 24 >