< आमाल 15 >

1 फिर कुछ लोग यहूदिया से आ कर भाइयों को यह तालीम देने लगे, “ज़रूरी है कि आप का मूसा की शरी'अत के मुताबिक़ ख़तना किया जाए, वर्ना आप नजात नहीं पा सकेंगे।”
یِہُودادیشاتْ کِیَنْتو جَنا آگَتْیَ بھْراترِگَنَمِتّھَں شِکْشِتَوَنْتو مُوساوْیَوَسْتھَیا یَدِ یُشْماکَں تْوَکْچھیدو نَ بھَوَتِ تَرْہِ یُویَں پَرِتْرانَں پْراپْتُں نَ شَکْشْیَتھَ۔
2 पस, जब पौलुस और बरनबास की उन से बहुत तकरार और बहस हुई तो कलीसिया ने ये ठहराया कि पौलुस और बरनबास और उन में से चन्द शख़्स इस मस्ले के लिए रसूलों और बुज़ुर्गों के पास येरूशलेम जाएँ।
پَولَبَرْنَبَّو تَیح سَہَ بَہُونْ وِچارانْ وِواداںشْچَ کرِتَوَنْتَو، تَتو مَنْڈَلِییَنوکا ایتَسْیاح کَتھایاسْتَتّوَں جْناتُں یِرُوشالَمْنَگَرَسْتھانْ پْریرِتانْ پْراچِیناںشْچَ پْرَتِ پَولَبَرْنَبّاپْرَبھرِتِینْ کَتِپَیَجَنانْ پْریشَیِتُں نِشْچَیَں کرِتَوَنْتَح۔
3 पस, कलीसिया ने उनको रवाना किया और वो ग़ैर क़ौमों को रुजू लाने का बयान करते हुए फ़ीनिके और सामरिया सूबे से गुज़रे और सब भाइयों को बहुत ख़ुश करते गए।
تے مَنْڈَلْیا پْریرِتاح سَنْتَح پھَینِیکِیشومِرونْدیشابھْیاں گَتْوا بھِنَّدیشِییاناں مَنَحپَرِوَرْتَّنَسْیَ وارْتَّیا بھْراترِناں پَرَماہْلادَمْ اَجَنَیَنْ۔
4 जब येरूशलेम में पहुँचे तो कलीसिया और रसूल और बुज़ुर्ग उन से ख़ुशी के साथ मिले। और उन्हों ने सब कुछ बयान किया जो ख़ुदा ने उनके ज़रिए किया था।
یِرُوشالَمْیُپَسْتھایَ پْریرِتَگَنینَ لوکَپْراچِینَگَنینَ سَماجینَ چَ سَمُپَگرِہِیتاح سَنْتَح سْوَیرِیشْوَرو یانِ کَرْمّانِ کرِتَوانْ تیشاں سَرْوَّورِتّانْتانْ تیشاں سَمَکْشَمْ اَکَتھَیَنْ۔
5 मगर फ़रीसियों के फ़िर्के में से जो ईमान लाए थे, उन में से कुछ ने उठ कर कहा “कि उनका ख़तना कराना और उनको मूसा की शरी'अत पर अमल करने का हुक्म देना ज़रूरी है।”
کِنْتُ وِشْواسِنَح کِیَنْتَح پھِرُوشِمَتَگْراہِنو لوکا اُتّھایَ کَتھامیتاں کَتھِتَوَنْتو بھِنَّدیشِییاناں تْوَکْچھیدَں کَرْتُّں مُوساوْیَوَسْتھاں پالَیِتُنْچَ سَمادیشْٹَوْیَمْ۔
6 पस, रसूल और बुज़ुर्ग इस बात पर ग़ौर करने के लिए जमा हुए।
تَتَح پْریرِتا لوکَپْراچِیناشْچَ تَسْیَ وِویچَناں کَرْتُّں سَبھایاں سْتھِتَوَنْتَح۔
7 और बहुत बहस के बाद पतरस ने खड़े होकर उन से कहा कि ऐ भाइयों तुम जानते हो कि बहुत अर्सा हुआ जब ख़ुदा ने तुम लोगों में से मुझे चुना कि ग़ैर क़ौमें मेरी ज़बान से ख़ुशख़बरी का कलाम सुनकर ईमान लाएँ।
بَہُوِچاریشُ جاتَشُ پِتَرَ اُتّھایَ کَتھِتَوانْ، ہے بھْراتَرو یَتھا بھِنَّدیشِییَلوکا مَمَ مُکھاتْ سُسَںوادَں شْرُتْوا وِشْوَسَنْتِ تَدَرْتھَں بَہُدِناتْ پُورْوَّمْ اِیشْوَروسْماکَں مَدھْیے ماں ورِتْوا نِیُکْتَوانْ۔
8 और ख़ुदा ने जो दिलों को जानता है उनको भी हमारी तरह रूह — उल — क़ुद्दूस दे कर उन की गवाही दी।
اَنْتَرْیّامِیشْوَرو یَتھاسْمَبھْیَں تَتھا بھِنَّدیشِیییبھْیَح پَوِتْرَماتْمانَں پْرَدایَ وِشْواسینَ تیشامْ اَنْتَحکَرَنانِ پَوِتْرانِ کرِتْوا
9 और ईमान के वसीले से उन के दिल पाक करके हम में और उन में कुछ फ़र्क़ न रख्खा।
تیشامْ اَسْماکَنْچَ مَدھْیے کِمَپِ وِشیشَں نَ سْتھاپَیِتْوا تانَدھِ سْوَیَں پْرَمانَں دَتَّوانْ اِتِ یُویَں جانِیتھَ۔
10 पस, अब तुम शागिर्दों की गर्दन पर ऐसा जुआ रख कर जिसको न हमारे बाप दादा उठा सकते थे, न हम ख़ुदा को क्यूँ आज़माते हो?
اَتَایواسْماکَں پُورْوَّپُرُشا وَیَنْچَ سْوَیَں یَدْیُگَسْیَ بھارَں سوڈھُں نَ شَکْتاح سَمْپْرَتِ تَں شِشْیَگَنَسْیَ سْکَنْدھیشُ نْیَسِتُں کُتَ اِیشْوَرَسْیَ پَرِیکْشاں کَرِشْیَتھَ؟
11 हालाँकि हम को यक़ीन है कि जिस तरह वो ख़ुदावन्द ईसा के फ़ज़ल ही से नजात पाएँगे, उसी तरह हम भी पाएँगे।
پْرَبھو رْیِیشُکھْرِیشْٹَسْیانُگْرَہینَ تے یَتھا وَیَمَپِ تَتھا پَرِتْرانَں پْراپْتُمْ آشاں کُرْمَّح۔
12 फिर सारी जमा'अत चुप रही और पौलुस और बरनबास का बयान सुनने लगी, कि ख़ुदा ने उनके ज़रिए ग़ैर क़ौमों में कैसे कैसे निशान और अजीब काम ज़हिर किए।
اَنَنْتَرَں بَرْنَبّاپَولابھْیامْ اِیشْوَرو بھِنَّدیشِییاناں مَدھْیے یَدْیَدْ آشْچَرْیَّمْ اَدْبھُتَنْچَ کَرْمَّ کرِتَوانْ تَدْورِتّانْتَں تَو سْوَمُکھابھْیامْ اَوَرْنَیَتاں سَبھاسْتھاح سَرْوّے نِیرَواح سَنْتَح شْرُتَوَنْتَح۔
13 जब वो ख़ामोश हुए तो या'क़ूब कहने लगा कि, “ऐ भाइयों मेरी सुनो!”
تَیوح کَتھایاں سَماپْتایاں سَتْیاں یاکُوبْ کَتھَیِتُمْ آرَبْدھَوانْ
14 शमौन ने बयान किया कि ख़ुदा ने पहले ग़ैर क़ौमों पर किस तरह तवज्जह की ताकि उन में से अपने नाम की एक उम्मत बना ले।
ہے بھْراتَرو مَمَ کَتھایامْ مَنو نِدھَتَّ۔ اِیشْوَرَح سْوَنامارْتھَں بھِنَّدیشِییَلوکانامْ مَدھْیادْ ایکَں لوکَسَںگھَں گْرَہِیتُں مَتِں کرِتْوا یینَ پْرَکارینَ پْرَتھَمَں تانْ پْرَتِ کرِپاوَلیکَنَں کرِتَوانْ تَں شِمونْ وَرْنِتَوانْ۔
15 और नबियों की बातें भी इस के मुताबिक़ हैं। चुनाँचे लिखा है कि।
بھَوِشْیَدْوادِبھِرُکْتانِ یانِ واکْیانِ تَیح سارْدّھَمْ ایتَسْیَیکْیَں بھَوَتِ یَتھا لِکھِتَماسْتے۔
16 इन बातों के बाद मैं फिर आकर दाऊद के गिरे हुए खेमों को उठाऊँगा, और उस के फ़टे टूटे की मरम्मत करके उसे खड़ा करूँगा।
سَرْوّیشاں کَرْمَّناں یَسْتُ سادھَکَح پَرَمیشْوَرَح۔ سَ ایویدَں وَدیدْواکْیَں شیشاح سَکَلَمانَواح۔ بھِنَّدیشِییَلوکاشْچَ یاوَنْتو مَمَ نامَتَح۔ بھَوَنْتِ ہِ سُوِکھْیاتاسْتے یَتھا پَرَمیشِتُح۔
17 ताकि बाक़ी आदमी या'नी सब क़ौमें जो मेरे नाम की कहलाती हैं ख़ुदावन्द को तलाश करें'
تَتْوَں سَمْیَکْ سَمِیہَنْتے تَنِّمِتَّمَہَں کِلَ۔ پَراورِتْیَ سَماگَتْیَ دایُودَح پَتِتَں پُنَح۔ دُوشْیَمُتّھاپَیِشْیامِ تَدِییَں سَرْوَّوَسْتُ چَ۔ پَتِتَں پُنَرُتھاپْیَ سَجَّیِشْیامِ سَرْوَّتھا۔۔
18 ये वही ख़ुदावन्द फ़रमाता है जो दुनिया के शुरू से इन बातों की ख़बर देता आया है। (aiōn g165)
آ پْرَتھَمادْ اِیشْوَرَح سْوِییانِ سَرْوَّکَرْمّانِ جاناتِ۔ (aiōn g165)
19 पस, मेरा फ़ैसला ये है, कि जो ग़ैर क़ौमों में से ख़ुदा की तरफ़ रुजू होते हैं हम उन्हें तकलीफ़ न दें।
اَتَایوَ مَمَ نِویدَنَمِدَں بھِنَّدیشِییَلوکاناں مَدھْیے یے جَنا اِیشْوَرَں پْرَتِ پَراوَرْتَّنْتَ تیشامُپَرِ اَنْیَں کَمَپِ بھارَں نَ نْیَسْیَ
20 मगर उन को लिख भेजें कि बुतों की मकरूहात और हरामकारी और गला घोंटे हुए जानवरों और लहू से परहेज़ करें।
دیوَتاپْرَساداشُچِبھَکْشْیَں وْیَبھِچارَکَرْمَّ کَنْٹھَسَمْپِیڈَنَمارِتَپْرانِبھَکْشْیَں رَکْتَبھَکْشْیَنْچَ ایتانِ پَرِتْیَکْتُں لِکھامَح۔
21 क्यूँकि पुराने ज़माने से हर शहर में मूसा की तौरेत का ऐलान करने वाले होते चले आए हैं: और वो हर सबत को इबादतख़ानों में सुनाई जाती हैं।
یَتَح پُورْوَّکالَتو مُوساوْیَوَسْتھاپْرَچارِنو لوکا نَگَرے نَگَرے سَنْتِ پْرَتِوِشْرامَوارَنْچَ بھَجَنَبھَوَنے تَسْیاح پاٹھو بھَوَتِ۔
22 इस पर रसूलों और बुज़ुर्गों ने सारी कलीसिया समेत मुनासिब जाना कि अपने में से चन्द शख़्स चुन कर पौलुस और बरनबास के साथ अन्ताकिया को भेजें, या'नी यहूदाह को जो बरसब्बा कहलाता है। और सीलास को ये शख़्स भाइयों में मुक़द्दम थे।
تَتَح پَرَں پْریرِتَگَنو لوکَپْراچِینَگَنَح سَرْوّا مَنْڈَلِی چَ سْویشاں مَدھْیے بَرْشَبّا نامْنا وِکھْیاتو مَنونِیتَو کرِتْوا پَولَبَرْنَبّابھْیاں سارْدّھَمْ آنْتِیَکھِیانَگَرَں پْرَتِ پْریشَنَمْ اُچِتَں بُدّھوا تابھْیاں پَتْرَں پْرَیشَیَنْ۔
23 और उनके हाथ ये लिख भेजा कि “अन्ताकिया और सूरिया और किलकिया के रहने वाले भाइयों को जो ग़ैर क़ौमों में से हैं। रसूलों और बुज़ुर्ग भाइयों का सलाम पहूँचे।”
تَسْمِنْ پَتْرے لِکھِتَمِںدَ، آنْتِیَکھِیا-سُرِیا-کِلِکِیادیشَسْتھَبھِنَّدیشِییَبھْراترِگَنایَ پْریرِتَگَنَسْیَ لوکَپْراچِینَگَنَسْیَ بھْراترِگَنَسْیَ چَ نَمَسْکارَح۔
24 चूँकि हम ने सुना है, कि कुछ ने हम में से जिनको हम ने हुक्म न दिया था, वहाँ जाकर तुम्हें अपनी बातों से घबरा दिया। और तुम्हारे दिलों को उलट दिया।
وِشیشَتوسْماکَمْ آجْنامْ اَپْراپْیاپِ کِیَنْتو جَنا اَسْماکَں مَدھْیادْ گَتْوا تْوَکْچھیدو مُوساوْیَوَسْتھا چَ پالَیِتَوْیاوِتِ یُشْمانْ شِکْشَیِتْوا یُشْماکَں مَنَسامَسْتھَیرْیَّں کرِتْوا یُشْمانْ سَسَنْدیہانْ اَکُرْوَّنْ ایتاں کَتھاں وَیَمْ اَشرِنْمَ۔
25 इसलिए हम ने एक दिल होकर मुनासिब जाना कि कुछ चुने हुए आदमियों को अपने अज़ीज़ों बरनबास और पौलुस के साथ तुम्हारे पास भेजें।
تَتْکارَنادْ وَیَمْ ایکَمَنْتْرَناح سَنْتَح سَبھایاں سْتھِتْوا پْرَبھو رْیِیشُکھْرِیشْٹَسْیَ نامَنِمِتَّں مرِتْیُمُکھَگَتابھْیامَسْماکَں
26 ये दोनों ऐसे आदमी हैं, जिन्होंने अपनी जानें हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के नाम पर निसार कर रख्खी हैं।
پْرِیَبَرْنَبّاپَولابھْیاں سارْدّھَں مَنونِیتَلوکاناں کیشانْچِدْ یُشْماکَں سَنِّدھَو پْریشَنَمْ اُچِتَں بُدّھَوَنْتَح۔
27 चुनाँचे हम ने यहूदाह और सीलास को भेजा है, वो यही बातें ज़बानी भी बयान करेंगे।
اَتو یِہُوداسِیلَو یُشْمانْ پْرَتِ پْریشِتَوَنْتَح، ایتَیو رْمُکھابھْیاں سَرْوّاں کَتھاں جْناسْیَتھَ۔
28 क्यूँकि रूह — उल — क़ुद्दूस ने और हम ने मुनासिब जाना कि इन ज़रूरी बातों के सिवा तुम पर और बोझ न डालें
دیوَتاپْرَسادَبھَکْشْیَں رَکْتَبھَکْشْیَں گَلَپِیڈَنَمارِتَپْرانِبھَکْشْیَں وْیَبھِچارَکَرْمَّ چیمانِ سَرْوّانِ یُشْمابھِسْتْیاجْیانِ؛ ایتَتْپْرَیوجَنِییاجْناوْیَتِریکینَ یُشْماکَمْ اُپَرِ بھارَمَنْیَں نَ نْیَسِتُں پَوِتْرَسْیاتْمَنوسْماکَنْچَ اُچِتَجْنانَمْ اَبھَوَتْ۔
29 कि तुम बुतों की क़ुर्बानियों के गोश्त से और लहू और गला घोंटे हुए जानवरों और हरामकारी से परहेज़ करो। अगर तुम इन चीज़ों से अपने आप को बचाए रख्खोगे, तो सलामत रहोगे, वस्सलामत।
اَتَایوَ تیبھْیَح سَرْوّیبھْیَح سْویشُ رَکْشِتیشُ یُویَں بھَدْرَں کَرْمَّ کَرِشْیَتھَ۔ یُشْماکَں مَنْگَلَں بھُویاتْ۔
30 पस, वो रुख़्सत होकर अन्ताकिया में पहुँचे और जमा'अत को इकट्ठा करके ख़त दे दिया।
تے وِسرِشْٹاح سَنْتَ آنْتِیَکھِیانَگَرَ اُپَسْتھایَ لوکَنِوَہَں سَںگرِہْیَ پَتْرَمْ اَدَدَنْ۔
31 वो पढ़ कर उसके तसल्ली बख़्श मज़्मून से ख़ुश हुए।
تَتَسْتے تَتْپَتْرَں پَٹھِتْوا سانْتْوَناں پْراپْیَ سانَنْدا اَبھَوَنْ۔
32 और यहूदाह और सीलास ने जो ख़ुद भी नबी थे, भाइयों को बहुत सी नसीहत करके मज़बूत कर दिया।
یِہُوداسِیلَو چَ سْوَیَں پْرَچارَکَو بھُوتْوا بھْراترِگَنَں نانوپَدِشْیَ تانْ سُسْتھِرانْ اَکُرُتامْ۔
33 वो चन्द रोज़ रह कर और भाइयों से सलामती की दुआ लेकर अपने भेजने वालों के पास रुख़्सत कर दिए गए।
اِتّھَں تَو تَتْرَ تَیح ساکَں کَتِپَیَدِنانِ یاپَیِتْوا پَشْچاتْ پْریرِتاناں سَمِیپے پْرَتْیاگَمَنارْتھَں تیشاں سَنِّدھیح کَلْیانینَ وِسرِشْٹاوَبھَوَتاں۔
34 [लेकिन सीलास को वहाँ ठहरना अच्छा लगा]।
کِنْتُ سِیلَسْتَتْرَ سْتھاتُں وانْچھِتَوانْ۔
35 मगर पौलुस और बरनबास अन्ताकिया ही में रहे: और बहुत से और लोगों के साथ ख़ुदावन्द का कलाम सिखाते और उस का ऐलान करते रहे।
اَپَرَں پَولَبَرْنَبَّو بَہَوَح شِشْیاشْچَ لوکانْ اُپَدِشْیَ پْرَبھوح سُسَںوادَں پْرَچارَیَنْتَ آنْتِیَکھِیایاں کالَں یاپِتَوَنْتَح۔
36 चन्द रोज़ बाद पौलुस ने बरनबास से कहा “कि जिन जिन शहरों में हम ने ख़ुदा का कलाम सुनाया था, आओ फिर उन में चलकर भाइयों को देखें कि कैसे हैं।”
کَتِپَیَدِنیشُ گَتیشُ پَولو بَرْنَبّامْ اَوَدَتْ آگَچّھاواں ییشُ نَگَریشْوِیشْوَرَسْیَ سُسَںوادَں پْرَچارِتَوَنْتَو تانِ سَرْوَّنَگَرانِ پُنَرْگَتْوا بھْراتَرَح کِیدرِشاح سَنْتِیتِ دْرَشْٹُں تانْ ساکْشاتْ کُرْوَّح۔
37 और बरनबास की सलाह थी कि यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है। अपने साथ ले चलें।
تینَ مارْکَنامْنا وِکھْیاتَں یوہَنَں سَنْگِنَں کَرْتُّں بَرْنَبّا مَتِمَکَروتْ،
38 मगर पौलुस ने ये मुनासिब न जाना, कि जो शख़्स पम्फ़ीलिया में किनारा करके उस काम के लिए उनके साथ न गया था; उस को हमराह ले चलें।
کِنْتُ سَ پُورْوَّں تابھْیاں سَہَ کارْیّارْتھَں نَ گَتْوا پامْپھُولِیادیشے تَو تْیَکْتَوانْ تَتْکارَناتْ پَولَسْتَں سَنْگِنَں کَرْتُّمْ اَنُچِتَں جْناتَوانْ۔
39 पस, उन में ऐसी सख़्त तकरार हुई; कि एक दूसरे से जुदा हो गए। और बरनबास मरकुस को ले कर जहाज़ पर कुप्रुस को रवाना हुआ।
اِتّھَں تَیورَتِشَیَوِرودھَسْیوپَسْتھِتَتْواتْ تَو پَرَسْپَرَں پرِتھَگَبھَوَتاں تَتو بَرْنَبّا مارْکَں گرِہِیتْوا پوتینَ کُپْروپَدْوِیپَں گَتَوانْ؛
40 मगर पौलुस ने सीलास को पसन्द किया, और भाइयों की तरफ़ से ख़ुदावन्द के फ़ज़ल के सुपुर्द हो कर रवाना किया।
کِنْتُ پَولَح سِیلَں مَنونِیتَں کرِتْوا بھْراترِبھِرِیشْوَرانُگْرَہے سَمَرْپِتَح سَنْ پْرَسْتھایَ
41 और कलीसिया को मज़बूत करता हुआ सूरिया और किलकिया से गुज़रा।
سُرِیاکِلِکِیادیشابھْیاں مَنْڈَلِیح سْتھِرِیکُرْوَّنْ اَگَچّھَتْ۔

< आमाल 15 >