< आमाल 15 >
1 फिर कुछ लोग यहूदिया से आ कर भाइयों को यह तालीम देने लगे, “ज़रूरी है कि आप का मूसा की शरी'अत के मुताबिक़ ख़तना किया जाए, वर्ना आप नजात नहीं पा सकेंगे।”
ⲁ̅ⲁⲩⲱ ⲁϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ϯⲟⲩⲇⲁⲓⲁ ⲁⲩϯⲥⲃⲱ ⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ. ϫⲉ ⲉⲓⲙⲏⲧⲓ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲃ̅ⲃⲉⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲙⲟⲟϣⲉ ϩⲙ̅ⲡⲥⲱⲛⲧ̅ ⲙ̅ⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ ⲙⲛ̅ϭⲟⲙ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲉⲟⲩϫⲁⲓ̈.
2 पस, जब पौलुस और बरनबास की उन से बहुत तकरार और बहस हुई तो कलीसिया ने ये ठहराया कि पौलुस और बरनबास और उन में से चन्द शख़्स इस मस्ले के लिए रसूलों और बुज़ुर्गों के पास येरूशलेम जाएँ।
ⲃ̅ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉⲟⲩⲥⲧⲁⲥⲓⲥ ⲇⲉ ϣⲱⲡⲉ ⲙⲛ̅ⲟⲩⲛⲟϭ ⲛ̅ⲍⲏⲧⲏⲥⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲩ. ⲁⲩⲧⲉϣⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲁⲩⲱ ϩⲉⲛⲕⲉⲥⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ. ⲉⲧⲣⲉⲩⲃⲱⲕ ϣⲁⲛⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ ⲉⲧϩⲛ̅ⲑⲓⲗⲏ̅ⲙ̅ ⲉⲧⲃⲉⲡⲉⲓ̈ⲍⲏⲧⲏⲙⲁ.
3 पस, कलीसिया ने उनको रवाना किया और वो ग़ैर क़ौमों को रुजू लाने का बयान करते हुए फ़ीनिके और सामरिया सूबे से गुज़रे और सब भाइयों को बहुत ख़ुश करते गए।
ⲅ̅ⲛ̅ⲧⲟⲟⲩ ϭⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲑⲡⲟⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲉⲕⲕⲗⲏⲥⲓⲁ. ⲁⲩⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲉⲫⲟⲓⲛⲓⲕⲏ ⲙⲛ̅ⲧⲥⲁⲙⲁⲣⲓⲁ. ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲡⲉⲕⲧⲟ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ. ⲁⲩⲱ ⲉⲩⲉⲓⲣⲉ ⲛ̅ⲟⲩⲛⲟϭ ⲛ̅ⲣⲁϣⲉ ϩⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ⲧⲏⲣⲟⲩ.
4 जब येरूशलेम में पहुँचे तो कलीसिया और रसूल और बुज़ुर्ग उन से ख़ुशी के साथ मिले। और उन्हों ने सब कुछ बयान किया जो ख़ुदा ने उनके ज़रिए किया था।
ⲇ̅ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲃⲱⲕ ⲇⲉ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲟⲗⲩⲙⲁ. ⲁⲩϣⲟⲡⲟⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲉⲙⲁⲧⲉ ⲛ̅ϭⲓⲧⲉⲕⲕⲗⲏⲥⲓⲁ. ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲁⲩⲱ ⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ. ⲁⲩⲧⲁⲙⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲁⲁⲩ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲩ ϩⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ·
5 मगर फ़रीसियों के फ़िर्के में से जो ईमान लाए थे, उन में से कुछ ने उठ कर कहा “कि उनका ख़तना कराना और उनको मूसा की शरी'अत पर अमल करने का हुक्म देना ज़रूरी है।”
ⲉ̅ⲁⲩⲧⲱⲟⲩⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲛ̅ϭⲓϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲛⲧⲁⲩⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲑⲁⲓⲣⲉⲥⲓⲥ ⲛ̅ⲛⲉⲫⲁⲣⲓⲥⲁⲓⲟⲥ ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ϣ̅ϣⲉ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲉⲧⲣⲉⲩⲥⲃ̅ⲃⲏⲧⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲥⲉⲡⲁⲣⲁⲅⲅⲓⲗⲉ ⲛⲁⲩ ⲉϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲡⲛⲟⲙⲟⲥ ⲙ̅ⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ.
6 पस, रसूल और बुज़ुर्ग इस बात पर ग़ौर करने के लिए जमा हुए।
ⲋ̅ⲁⲩⲥⲱⲟⲩϩ ⲇⲉ ⲛ̅ϭⲓⲛⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ ⲉⲛⲁⲩ ⲉⲧⲃⲉⲡⲉⲓ̈ϣⲁϫⲉ.
7 और बहुत बहस के बाद पतरस ने खड़े होकर उन से कहा कि ऐ भाइयों तुम जानते हो कि बहुत अर्सा हुआ जब ख़ुदा ने तुम लोगों में से मुझे चुना कि ग़ैर क़ौमें मेरी ज़बान से ख़ुशख़बरी का कलाम सुनकर ईमान लाएँ।
ⲍ̅ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉⲟⲩⲛⲟϭ ⲇⲉ ⲛ̅ⲍⲏⲧⲏⲥⲓⲥ ϣⲱⲡⲉ. ⲁⲡⲉⲧⲣⲟⲥ ⲧⲱⲟⲩⲛ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛ̅ⲣⲱⲙⲉ ⲛⲁⲥⲛⲏⲩ. ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ϫⲉ ϫⲓⲛⲛⲉϩⲟⲟⲩ ⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲥⲱⲧⲡ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲁⲧⲁⲡⲣⲟ ⲉⲧⲣⲉⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲡϣⲁϫⲉ ⲙ̅ⲡⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲟⲛ ⲛ̅ⲥⲉⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ.
8 और ख़ुदा ने जो दिलों को जानता है उनको भी हमारी तरह रूह — उल — क़ुद्दूस दे कर उन की गवाही दी।
ⲏ̅ⲁⲩⲱ ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲧⲥⲟⲟⲩⲛ̅ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲏⲧ ⲁϥⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲉ. ⲉⲁϥϯ ⲛⲁⲩ ⲙ̅ⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ϩⲱⲱⲛ ⲛ̅ⲧⲁϥⲧⲁⲁϥ ⲛⲁⲛ.
9 और ईमान के वसीले से उन के दिल पाक करके हम में और उन में कुछ फ़र्क़ न रख्खा।
ⲑ̅ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲡϥ̅ϯⲡⲱⲣϫ̅ ⲗⲁⲁⲩ ⲟⲩⲧⲱⲛ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲩ ϩⲛ̅ⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ ⲁϥⲧⲃ̅ⲃⲉⲛⲉⲩϩⲏⲧ.
10 पस, अब तुम शागिर्दों की गर्दन पर ऐसा जुआ रख कर जिसको न हमारे बाप दादा उठा सकते थे, न हम ख़ुदा को क्यूँ आज़माते हो?
ⲓ̅ⲧⲉⲛⲟⲩ ϭⲉ ⲉⲧⲃⲉⲟⲩ ⲧⲉⲧⲛ̅ⲡⲓⲣⲁⲍⲉ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ⲉⲟⲩⲉϩⲟⲩⲛⲁϩⲃ̅ ⲉϫⲙ̅ⲡⲙⲁⲕϩ̅ ⲛ̅ⲙ̅ⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ. ⲡⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲙ̅ⲡⲉⲛⲉⲛⲉⲓⲟⲧⲉ ⲟⲩⲇⲉ ⲁⲛⲟⲛ ϣϭⲙ̅ϭⲟⲙ ⲉϥⲓ ϩⲁⲣⲟϥ.
11 हालाँकि हम को यक़ीन है कि जिस तरह वो ख़ुदावन्द ईसा के फ़ज़ल ही से नजात पाएँगे, उसी तरह हम भी पाएँगे।
ⲓ̅ⲁ̅ⲁⲗⲗⲁ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲧⲉⲭⲁⲣⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲉⲛϫⲟⲉⲓⲥ ⲓ̅ⲥ̅. ⲧⲛ̅ⲡⲓⲥⲧⲉⲩⲉ ⲉⲟⲩϫⲁⲓ̈. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲛ̅ⲧⲟⲟⲩ ϩⲱⲟⲩ.
12 फिर सारी जमा'अत चुप रही और पौलुस और बरनबास का बयान सुनने लगी, कि ख़ुदा ने उनके ज़रिए ग़ैर क़ौमों में कैसे कैसे निशान और अजीब काम ज़हिर किए।
ⲓ̅ⲃ̅ⲁⲡⲙⲏⲏϣⲉ ⲧⲏⲣϥ̅ ⲕⲁⲣⲱⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲁⲩϫⲓⲥⲙⲏ ⲉⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲙⲛ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ. ⲉⲩⲧⲁⲩⲟ ⲛ̅ⲙ̅ⲙⲁⲉⲓⲛ ⲙⲛ̅ⲛⲉϣⲡⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲁⲁⲩ ϩⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲟⲩ.
13 जब वो ख़ामोश हुए तो या'क़ूब कहने लगा कि, “ऐ भाइयों मेरी सुनो!”
ⲓ̅ⲅ̅ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲥⲁⲧⲣⲉⲩⲕⲁⲣⲱⲟⲩ ⲇⲉ ⲁⲓ̈ⲁⲕⲱⲃⲟⲥ ⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲉϥϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ. ϫⲉ ⲛ̅ⲣⲱⲙⲉ ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟⲓ̈.
14 शमौन ने बयान किया कि ख़ुदा ने पहले ग़ैर क़ौमों पर किस तरह तवज्जह की ताकि उन में से अपने नाम की एक उम्मत बना ले।
ⲓ̅ⲇ̅ⲥⲩⲙⲉⲱⲛ ⲁϥϫⲱ ⲉⲣⲟⲛ ⲛ̅ⲑⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϭⲙ̅ⲡϣⲓⲛⲉ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲉϫⲓⲟⲩⲗⲁⲟⲥ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲙ̅ⲡⲉϥⲣⲁⲛ.
15 और नबियों की बातें भी इस के मुताबिक़ हैं। चुनाँचे लिखा है कि।
ⲓ̅ⲉ̅ⲁⲩⲱ ⲛ̅ϣⲁϫⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲥⲩⲙⲫⲱⲛⲓ ⲛ̅ⲧⲉⲓ̈ϩⲉ. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲉⲧⲥⲏϩ
16 इन बातों के बाद मैं फिर आकर दाऊद के गिरे हुए खेमों को उठाऊँगा, और उस के फ़टे टूटे की मरम्मत करके उसे खड़ा करूँगा।
ⲓ̅ⲋ̅ϫⲉ ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲥⲁⲛⲁⲓ̈ ϯⲛⲁⲕⲧⲟⲓ̈. ⲧⲁⲕⲱⲧ ⲛ̅ⲧⲉⲥⲕⲩⲛⲏ ⲛ̅ⲇⲁⲩⲉⲓⲇ ⲧⲉⲛⲧⲁⲥϩⲉ. ⲁⲩⲱ ϯⲛⲁⲕⲱⲧ ⲛ̅ⲛⲉⲛⲧⲁⲩϣⲟⲣϣⲣ̅ ⲛ̅ϩⲏⲧⲥ̅. ⲁⲩⲱ ⲧⲁⲧⲁϩⲟⲥ ⲉⲣⲁⲧⲥ̅.
17 ताकि बाक़ी आदमी या'नी सब क़ौमें जो मेरे नाम की कहलाती हैं ख़ुदावन्द को तलाश करें'
ⲓ̅ⲍ̅ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲣⲉⲡⲕⲉⲥⲉⲉⲡⲉ ⲛ̅ⲛ̅ⲣⲱⲙⲉ ϣⲓⲛⲉ ⲛⲥⲁⲡϫⲟⲉⲓⲥ. ⲁⲩⲱ ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲧⲏⲣⲟⲩ ⲛ̅ⲧⲁⲩⲉⲡⲓⲕⲁⲗⲉⲓ ⲙ̅ⲡⲁⲣⲁⲛ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉϫⲱⲟⲩ ⲡⲉϫⲉⲡϫⲟⲉⲓⲥ.
18 ये वही ख़ुदावन्द फ़रमाता है जो दुनिया के शुरू से इन बातों की ख़बर देता आया है। (aiōn )
ⲓ̅ⲏ̅ⲡⲉⲧⲟⲩⲱⲛϩ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈ ϫⲓⲛⲉⲛⲉϩ. (aiōn )
19 पस, मेरा फ़ैसला ये है, कि जो ग़ैर क़ौमों में से ख़ुदा की तरफ़ रुजू होते हैं हम उन्हें तकलीफ़ न दें।
ⲓ̅ⲑ̅ⲉⲧⲃⲉⲡⲁⲓ̈ ⲁⲛⲟⲕ ϩⲱ ϯⲕⲣⲓⲛⲉ ⲉⲧⲙ̅ϯϩⲓⲥⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲕⲱⲧ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ.
20 मगर उन को लिख भेजें कि बुतों की मकरूहात और हरामकारी और गला घोंटे हुए जानवरों और लहू से परहेज़ करें।
ⲕ̅ⲁⲗⲗⲁ ⲥϩⲁⲓ̈ ⲛⲁⲩ ⲉⲧⲣⲉⲩⲥⲁϩⲱⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛ̅ϫⲱϩⲙ̅ ⲛ̅ⲛ̅ⲉⲓⲇⲱⲗⲟⲛ. ⲁⲩⲱ ⲧⲡⲟⲣⲛⲓⲁ ⲙⲛ̅ⲟⲩⲛ̅ⲕⲁ ⲉϥⲙⲟⲟⲩⲧ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲥⲛⲟϥ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲉⲛ̅ⲥⲉⲟⲩⲁϣϥ̅ ⲁⲛ ⲉⲧⲣⲉϥϣⲱⲡⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲧⲣⲉⲩⲁⲁϥ ⲛ̅ϭⲉ.
21 क्यूँकि पुराने ज़माने से हर शहर में मूसा की तौरेत का ऐलान करने वाले होते चले आए हैं: और वो हर सबत को इबादतख़ानों में सुनाई जाती हैं।
ⲕ̅ⲁ̅ⲙⲱⲩ̈ⲥⲏⲥ ⲅⲁⲣ ϫⲓⲛⲛ̅ⲅⲉⲛⲉⲁ ⲛ̅ⲛⲁⲣⲭⲁⲓⲟⲛ. ⲟⲩⲛ̅ⲧⲁϥ ⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲕⲩⲣⲏⲥⲥⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲕⲁⲧⲁⲡⲟⲗⲓⲥ. ϩⲣⲁⲓ̈ ϩⲛ̅ⲛ̅ⲥⲩⲛⲁⲅⲱⲅⲏ ⲉⲩⲱϣ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲕⲁⲧⲁⲥⲁⲃⲃⲁⲧⲟⲛ ⲛⲓⲙ.
22 इस पर रसूलों और बुज़ुर्गों ने सारी कलीसिया समेत मुनासिब जाना कि अपने में से चन्द शख़्स चुन कर पौलुस और बरनबास के साथ अन्ताकिया को भेजें, या'नी यहूदाह को जो बरसब्बा कहलाता है। और सीलास को ये शख़्स भाइयों में मुक़द्दम थे।
ⲕ̅ⲃ̅ⲧⲟⲧⲉ ⲁⲥⲛ̅ⲇⲟⲕⲓ (ⲛ̅)ⲛ̅ⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲧⲉⲕⲕⲗⲏⲥⲓⲁ ⲧⲏⲣⲥ̅. ⲉⲧⲣⲉⲩⲥⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ϩⲉⲛⲣⲱⲙⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ. ⲛ̅ⲥⲉϫⲟⲟⲩⲥⲉ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲧⲁⲛⲧⲓⲟⲭⲓⲁ ⲙⲛ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲁⲩⲱ ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲉⲧⲉⲓ̈ⲟⲩⲇⲁⲥ ⲡⲉϣⲁⲩⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲃⲁⲣⲥⲁⲃⲁⲥ. ⲁⲩⲱ ⲥⲓⲗⲁⲥ ϩⲉⲛⲣⲱⲙⲉ ⲛ̅ⲛⲟϭ ϩⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ.
23 और उनके हाथ ये लिख भेजा कि “अन्ताकिया और सूरिया और किलकिया के रहने वाले भाइयों को जो ग़ैर क़ौमों में से हैं। रसूलों और बुज़ुर्ग भाइयों का सलाम पहूँचे।”
ⲕ̅ⲅ̅ⲉⲁⲩⲥϩⲁⲓ̈ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧⲟⲩ ⲛ̅ⲟⲩⲉⲡⲓⲥⲧⲟⲗⲏ ⲛ̅ⲧⲉⲓ̈ϩⲉ· ⲛⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲙⲛ̅ⲛⲉⲡⲣⲉⲥⲃⲩⲧⲉⲣⲟⲥ. ⲉⲩⲥϩⲁⲓ̈ ⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ⲉⲧϩⲛ̅ⲧⲁⲛⲧⲓⲟⲭⲓⲁ ⲙⲛ̅ⲧⲥⲩⲣⲓⲁ ⲙⲛ̅ⲧⲕⲩⲗⲓⲕⲓⲁ. ⲛⲉⲧϣⲟⲟⲡ (ⲉⲃⲟⲗ) ϩⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ. ⲭⲁⲓⲣⲉⲧⲉ.
24 चूँकि हम ने सुना है, कि कुछ ने हम में से जिनको हम ने हुक्म न दिया था, वहाँ जाकर तुम्हें अपनी बातों से घबरा दिया। और तुम्हारे दिलों को उलट दिया।
ⲕ̅ⲇ̅ⲉⲡⲉⲓⲇⲏ ⲁⲛⲥⲱⲧⲙ̅ ϫⲉ ⲁϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲛ̅ ⲉⲓ ϣⲁⲣⲱⲧⲛ̅ ⲁⲩϣⲧⲣ̅ⲧⲣ̅ⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ϩⲛ̅ϩⲉⲛϣⲁϫⲉ ⲉⲩϯⲙ̅ⲕⲁϩ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲙ̅ⲯⲩⲭⲏ ⲙ̅ⲡⲛ̅ϩⲱⲛ ⲉⲧⲟⲟⲧⲟⲩ.
25 इसलिए हम ने एक दिल होकर मुनासिब जाना कि कुछ चुने हुए आदमियों को अपने अज़ीज़ों बरनबास और पौलुस के साथ तुम्हारे पास भेजें।
ⲕ̅ⲉ̅ⲁⲥⲛ̅ⲇⲟⲕⲓ ⲛⲁⲛ ⲉⲁⲛⲉⲓ ⲉⲩⲙⲁ ⲛ̅ⲟⲩⲱⲧ ϩⲓⲟⲩⲥⲟⲡ ⲉⲧⲣⲉⲛⲥⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ϩⲉⲛⲣⲱⲙⲉ ⲛ̅ⲧⲛ̅ⲧⲁⲩⲟⲟⲩ ϣⲁⲣⲱⲧⲛ̅. ⲙⲛ̅ⲛⲉⲛⲙⲉⲣⲁⲧⲉ ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲙⲛ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ.
26 ये दोनों ऐसे आदमी हैं, जिन्होंने अपनी जानें हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के नाम पर निसार कर रख्खी हैं।
ⲕ̅ⲋ̅ϩⲉⲛⲣⲱⲙⲉ ⲉⲁⲩϯ ⲛ̅ⲛⲉⲩⲯⲩⲭⲏ ϩⲁⲡⲣⲁⲛ ⲙ̅ⲡⲉⲛϫⲟⲉⲓⲥ ⲓ̅ⲥ̅.
27 चुनाँचे हम ने यहूदाह और सीलास को भेजा है, वो यही बातें ज़बानी भी बयान करेंगे।
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲛⲧⲛ̅ⲛⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲛ̅ⲓ̈ⲟⲩⲇⲁⲥ ⲙⲛ̅ⲥⲓⲗⲁⲥ. ⲛ̅ⲧⲟⲟⲩ ϩⲱⲟⲩ ⲟⲛ ϩⲓⲧⲙ̅ⲡϣⲁϫⲉ ⲉⲩⲛⲁϫⲱ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈.
28 क्यूँकि रूह — उल — क़ुद्दूस ने और हम ने मुनासिब जाना कि इन ज़रूरी बातों के सिवा तुम पर और बोझ न डालें
ⲕ̅ⲏ̅ⲁⲥⲛ̅ⲇⲟⲕⲓ ⲅⲁⲣ ⲙ̅ⲡⲉⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ ⲁⲩⲱ ⲛⲁⲛ. ⲉⲧⲙ̅ⲧⲁⲗⲉⲗⲁⲁⲩ ⲛ̅ⲃⲁⲣⲟⲥ ⲉϫⲛ̅ⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲥⲁⲛⲁⲓ̈ ϩⲛ̅ⲟⲩϩⲧⲟⲣ.
29 कि तुम बुतों की क़ुर्बानियों के गोश्त से और लहू और गला घोंटे हुए जानवरों और हरामकारी से परहेज़ करो। अगर तुम इन चीज़ों से अपने आप को बचाए रख्खोगे, तो सलामत रहोगे, वस्सलामत।
ⲕ̅ⲑ̅ⲉⲥⲁϩⲉⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ⲛ̅ϣⲱⲱⲧ ⲛ̅ⲛ̅ⲉⲓⲇⲱⲗⲟⲛ ⲙⲛ̅ⲡⲉⲥⲛⲟϥ. ⲙⲛ̅ⲛⲉϣⲁⲩⲙⲟⲩ ⲁⲩⲱ ⲧⲡⲟⲣⲛⲓⲁ. ⲙⲛ̅ⲛⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲟⲩⲁϣⲟⲩ ⲁⲛ ⲉⲧⲣⲉⲩϣⲱⲡⲉ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲁⲁⲩ ⲛ̅ϭⲉ. ⲛⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ϣⲁⲛϩⲁⲣⲉϩ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲧⲉⲧⲛⲁⲣ̅ϣⲁⲩ ⲟⲩϫⲁⲓ̈.
30 पस, वो रुख़्सत होकर अन्ताकिया में पहुँचे और जमा'अत को इकट्ठा करके ख़त दे दिया।
ⲗ̅ⲛ̅ⲧⲟⲟⲩ ϭⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲕⲁⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲁⲩⲉⲓ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲧⲁⲛⲧⲓⲟⲭⲓⲁ. ⲁⲩⲥⲉⲩϩⲡⲙⲏⲏϣⲉ. ⲁⲩϯ ⲛⲁⲩ ⲛ̅ⲧⲉⲡⲓⲥⲧⲟⲗⲏ
31 वो पढ़ कर उसके तसल्ली बख़्श मज़्मून से ख़ुश हुए।
ⲗ̅ⲁ̅ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲟϣⲥ̅ ⲁⲩⲣⲁϣⲉ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉϫⲙ̅ⲡⲥⲟⲡⲥ̅.
32 और यहूदाह और सीलास ने जो ख़ुद भी नबी थे, भाइयों को बहुत सी नसीहत करके मज़बूत कर दिया।
ⲗ̅ⲃ̅ⲓ̈ⲟⲩⲇⲁⲥ ⲇⲉ ⲙⲛ̅ⲥⲓⲗⲁⲥ ϩⲉⲛⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ϩⲱⲟⲩ ⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ϩⲁϩ ⲛ̅ϣⲁϫⲉ. ⲁⲩⲥⲉⲡⲥ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ⲁⲩⲱ ⲁⲩⲧⲁϫⲣⲟⲟⲩ.
33 वो चन्द रोज़ रह कर और भाइयों से सलामती की दुआ लेकर अपने भेजने वालों के पास रुख़्सत कर दिए गए।
ⲗ̅ⲅ̅ⲛ̅ⲧⲉⲣⲟⲩⲣ̅ⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲇⲉ ⲁⲩϫⲟⲟⲩⲥⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ϩⲛ̅ⲟⲩⲉⲓⲣⲏⲛⲏ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲑⲓⲗⲏ̅ⲙ̅ ϣⲁⲛⲉⲛⲧⲁⲩⲧⲁⲟⲩⲟⲟⲩ.
34 [लेकिन सीलास को वहाँ ठहरना अच्छा लगा]।
ⲗ̅ⲇ̅ⲁⲥⲛ̅ⲇⲟⲕⲓ ⲇⲉ ⲛ̅ⲥⲓⲗⲁⲥ ⲉⲧⲣⲉϥϭⲱ ⲙ̅ⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ.
35 मगर पौलुस और बरनबास अन्ताकिया ही में रहे: और बहुत से और लोगों के साथ ख़ुदावन्द का कलाम सिखाते और उस का ऐलान करते रहे।
ⲗ̅ⲉ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲇⲉ ⲙⲛ̅ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲛⲉⲩϣⲟⲟⲡ ⲡⲉ ϩⲛⲧⲁⲛⲧⲓⲟⲭⲓⲁ. ⲉⲩϯⲥⲃⲱ ⲁⲩⲱ ⲉⲩⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲍⲉ ⲙⲛ̅ϩⲉⲛⲕⲉⲙⲏⲏϣⲉ ⲙ̅ⲡϣⲁϫⲉ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ.
36 चन्द रोज़ बाद पौलुस ने बरनबास से कहा “कि जिन जिन शहरों में हम ने ख़ुदा का कलाम सुनाया था, आओ फिर उन में चलकर भाइयों को देखें कि कैसे हैं।”
ⲗ̅ⲋ̅ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲥⲁϩⲉⲛϩⲟⲟⲩ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲉⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲛ̅ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ϫⲉ ⲙⲁⲣⲛ̅ⲕⲟⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲛ̅ϭⲙ̅ⲡϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ ⲕⲁⲧⲁⲡⲟⲗⲓⲥ ⲛⲓⲙ. ⲛⲁⲓ̈ ⲛ̅ⲧⲁⲛⲧⲁϣⲉⲟⲉⲓϣ ⲛⲁⲩ ⲙ̅ⲡϣⲁϫⲉ ⲙ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ϫⲉ ⲥⲉⲣⲟⲩ.
37 और बरनबास की सलाह थी कि यूहन्ना को जो मरकुस कहलाता है। अपने साथ ले चलें।
ⲗ̅ⲍ̅ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲇⲉ ⲛⲉϥⲟⲩⲱϣ ⲉϫⲓ ⲛⲙ̅ⲙⲁϥ ⲛ̅ⲓ̈ⲱϩⲁⲛⲛⲏⲥ ⲡⲉϣⲁⲩⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟϥ ϫⲉ ⲙⲁⲣⲕⲟⲥ.
38 मगर पौलुस ने ये मुनासिब न जाना, कि जो शख़्स पम्फ़ीलिया में किनारा करके उस काम के लिए उनके साथ न गया था; उस को हमराह ले चलें।
ⲗ̅ⲏ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲇⲉ ⲛⲉϥⲁⲝⲓⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ϫⲓⲡⲉⲛⲧⲁϥⲡⲱⲣϫ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ ϫⲓⲛⲛ̅ⲧⲡⲁⲙⲫⲩⲗⲓⲁ ⲙ̅ⲡϥ̅ⲃⲱⲕ ⲛⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲙ̅ⲫⲱⲃ.
39 पस, उन में ऐसी सख़्त तकरार हुई; कि एक दूसरे से जुदा हो गए। और बरनबास मरकुस को ले कर जहाज़ पर कुप्रुस को रवाना हुआ।
ⲗ̅ⲑ̅ⲁⲩⲡⲁⲣⲟⲝⲩⲥⲙⲟⲥ ⲇⲉ ϣⲱⲡⲉ. ϩⲱⲥⲧⲉ ⲛ̅ⲥⲉⲥⲁϩⲱⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲉⲩⲉⲣⲏⲩ. ⲃⲁⲣⲛⲁⲃⲁⲥ ⲙⲉⲛ ⲁϥϫⲓ ⲙ̅ⲙⲁⲣⲕⲟⲥ ⲁϥⲥϭⲏⲣ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲕⲩⲡⲣⲟⲥ.
40 मगर पौलुस ने सीलास को पसन्द किया, और भाइयों की तरफ़ से ख़ुदावन्द के फ़ज़ल के सुपुर्द हो कर रवाना किया।
ⲙ̅ⲡⲁⲩⲗⲟⲥ ⲇⲉ ⲁϥⲥⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ⲥⲓⲗⲁⲥ. ⲁϥⲉⲓ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲩϯ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛ̅ⲧⲉⲭⲁⲣⲓⲥ ⲙ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ϩⲓⲧⲛ̅ⲛⲉⲥⲛⲏⲩ.
41 और कलीसिया को मज़बूत करता हुआ सूरिया और किलकिया से गुज़रा।
ⲙ̅ⲁ̅ⲁϥⲉⲓ ⲇⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲧⲥⲩⲣⲓⲁ ⲙⲛ̅ⲧⲕⲓⲗⲓⲕⲓⲁ. ⲁϥⲧⲁϫⲣⲟ ⲛ̅ⲛⲉⲕⲕⲗⲏⲥⲓⲁ.