< 2 थिस्सलुनीकियों 3 >
1 ग़रज़ ऐ भाइयों और बहनों! हमारे हक़ में दुआ करो कि ख़ुदावन्द का कलाम जल्द ऐसा फैल जाए और जलाल पाए; जैसा तुम में।
2 और कजरौ और बुरे आदमियों से बचे रहें क्यूँकि सब में ईमान नहीं।
3 मगर ख़ुदावन्द सच्चा है वो तुम को मज़बूत करेगा; और उस शरीर से महफ़ूज़ रख्खेगा।
4 और ख़ुदावन्द में हमें तुम पर भरोसा है; कि जो हुक्म हम तुम्हें देते हैं उस पर अमल करते हो और करते भी रहोगे।
5 ख़ुदावन्द तुम्हारे दिलों को ख़ुदा की मुहब्बत और मसीह के सब्र की तरफ़ हिदायत करे।
6 ऐ भाइयों! हम अपने ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के नाम से तुम्हें हुक्म देते हैं कि हर एक ऐसे भाई से किनारा करो जो बे क़ाइदा चलता है और उस रिवायत पर अमल नहीं करता जो उस को हमारी तरफ़ से पहुँची।
7 क्यूँकि आप जानते हो कि हमारी तरह किस तरह बनना चाहिए इसलिए कि हम तुम में बे क़ाइदा न चलते थे।
8 और किसी की रोटी मुफ़्त न खाते थे, बल्कि मेहनत और मशक़्क़त से रात दिन काम करते थे ताकि तुम में से किसी पर बोझ न डालें।
9 इसलिए नहीं कि हम को इख़्तियार न था बल्कि इसलिए कि अपने आपको तुम्हारे वास्ते नमूना ठहराएँ ताकि तुम हमारी तरह बनो
10 और जब हम तुम्हारे पास थे उस वक़्त भी तुम को ये हुक्म देते थे; कि जिसे मेहनत करना मन्ज़ूर न हो वो खाने भी न पाए।
11 हम सुनते हैं कि तुम में कुछ बेक़ाइदा चलते हैं और कुछ काम नहीं करते; बल्कि औरों के काम में दख़ल अंदाज़ी करते हैं।
12 ऐसे शख़्सों को हम ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह में हुक्म देते और सलाह देते हैं कि चुप चाप काम कर के अपनी ही रोटी खाएँ।
13 और तुम ऐ भाइयों! नेक काम करने में हिम्मत न हारो।
14 और अगर कोई हमारे इस ख़त की बात को न मानें तो उसे निगाह में रख्खो और उस से त'अल्लुक़ न रख्खो ताकि वो शर्मिन्दा हो।
15 लेकिन उसे दुश्मन न जानो बल्कि भाई समझ कर नसीहत करो।
16 अब ख़ुदावन्द जो इत्मीनान का चश्मा है आप ही तुम को हमेशा और हर तरह से इत्मीनान बख़्शे; ख़ुदावन्द तुम सब के साथ रहे।
17 मैं, पौलुस अपने हाथ से सलाम लिखता हूँ; हर ख़त में मेरा यही निशान है; मैं इसी तरह लिखता हूँ।
18 हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम सब पर होता रहे।