< 2 थिस्सलुनीकियों 3 >

1 ग़रज़ ऐ भाइयों और बहनों! हमारे हक़ में दुआ करो कि ख़ुदावन्द का कलाम जल्द ऐसा फैल जाए और जलाल पाए; जैसा तुम में।
De cetero fratres orate pro nobis ut sermo Dei currat, et clarificetur, sicut et apud vos:
2 और कजरौ और बुरे आदमियों से बचे रहें क्यूँकि सब में ईमान नहीं।
et ut liberemur ab importunis, et malis hominibus: non enim omnium est fides.
3 मगर ख़ुदावन्द सच्चा है वो तुम को मज़बूत करेगा; और उस शरीर से महफ़ूज़ रख्खेगा।
Fidelis autem Deus est, qui confirmabit vos, et custodiet a malo.
4 और ख़ुदावन्द में हमें तुम पर भरोसा है; कि जो हुक्म हम तुम्हें देते हैं उस पर अमल करते हो और करते भी रहोगे।
Confidimus autem de vobis, in Domino, quoniam quæ præcepimus, et facitis, et facietis.
5 ख़ुदावन्द तुम्हारे दिलों को ख़ुदा की मुहब्बत और मसीह के सब्र की तरफ़ हिदायत करे।
Dominus autem dirigat corda vestra in charitate Dei, et patientia Christi.
6 ऐ भाइयों! हम अपने ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के नाम से तुम्हें हुक्म देते हैं कि हर एक ऐसे भाई से किनारा करो जो बे क़ाइदा चलता है और उस रिवायत पर अमल नहीं करता जो उस को हमारी तरफ़ से पहुँची।
Denunciamus autem vobis fratres in nomine Domini nostri Iesu Christi, ut subtrahatis vos ab omni fratre ambulante inordinate, et non secundum traditionem, quam acceperunt a nobis.
7 क्यूँकि आप जानते हो कि हमारी तरह किस तरह बनना चाहिए इसलिए कि हम तुम में बे क़ाइदा न चलते थे।
Ipsi enim scitis quemadmodum oporteat imitari nos: quoniam non inquieti fuimus inter vos:
8 और किसी की रोटी मुफ़्त न खाते थे, बल्कि मेहनत और मशक़्क़त से रात दिन काम करते थे ताकि तुम में से किसी पर बोझ न डालें।
neque gratis panem manducavimus ab aliquo, sed in labore, et in fatigatione, nocte et die operantes, ne quem vestrum gravaremus.
9 इसलिए नहीं कि हम को इख़्तियार न था बल्कि इसलिए कि अपने आपको तुम्हारे वास्ते नमूना ठहराएँ ताकि तुम हमारी तरह बनो
Non quasi non habuerimus potestatem, sed ut nosmetipsos formam daremus vobis ad imitandum nos.
10 और जब हम तुम्हारे पास थे उस वक़्त भी तुम को ये हुक्म देते थे; कि जिसे मेहनत करना मन्ज़ूर न हो वो खाने भी न पाए।
Nam et cum essemus apud vos, hoc denunciabamus vobis: quoniam si quis non vult operari, nec manducet.
11 हम सुनते हैं कि तुम में कुछ बेक़ाइदा चलते हैं और कुछ काम नहीं करते; बल्कि औरों के काम में दख़ल अंदाज़ी करते हैं।
Audivimus enim inter vos quosdam ambulare inquiete, nihil operantes, sed curiose agentes.
12 ऐसे शख़्सों को हम ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह में हुक्म देते और सलाह देते हैं कि चुप चाप काम कर के अपनी ही रोटी खाएँ।
Iis autem, qui eiusmodi sunt, denunciemus, et obsecramus in Domino Iesu Christo, ut cum silentio operantes, suum panem manducent.
13 और तुम ऐ भाइयों! नेक काम करने में हिम्मत न हारो।
Vos autem fratres nolite deficere benefacientes.
14 और अगर कोई हमारे इस ख़त की बात को न मानें तो उसे निगाह में रख्खो और उस से त'अल्लुक़ न रख्खो ताकि वो शर्मिन्दा हो।
Quod si quis non obedit verbo nostro per epistolam, hunc notate, et ne commisceamini cum illo ut confundatur:
15 लेकिन उसे दुश्मन न जानो बल्कि भाई समझ कर नसीहत करो।
et nolite quasi inimicum existimare, sed corripite ut fratrem.
16 अब ख़ुदावन्द जो इत्मीनान का चश्मा है आप ही तुम को हमेशा और हर तरह से इत्मीनान बख़्शे; ख़ुदावन्द तुम सब के साथ रहे।
Ipse autem Dominus pacis det vobis pacem sempiternam in omni loco. Dominus sit cum omnibus vobis.
17 मैं, पौलुस अपने हाथ से सलाम लिखता हूँ; हर ख़त में मेरा यही निशान है; मैं इसी तरह लिखता हूँ।
Salutatio, mea manu Pauli: quod est signum in omni epistola. ita scribo.
18 हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम सब पर होता रहे।
Gratia Domini nostri Iesu Christi cum omnibus vobis. Amen.

< 2 थिस्सलुनीकियों 3 >