< 2 समु 8 >

1 इसके बाद दाऊद ने फ़िलिस्तियों को मारा, और उनको मग़लूब किया और दाऊद ने दारुल हुकूमत 'इनान फ़िलिस्तियों के हाथ से छीन ली।
And after this it came to pass, that David smote the Philistines, and subdued them: and David took Metheg-ammah out of the hand of the Philistines.
2 और उसने मोआब को मारा और उनको ज़मीन पर लिटा कर रस्सी से नापा, तब उसने क़त्ल करने के लिए दो रस्सियों से नापा और जीता छोड़ने के लिए एक पूरी रस्सी से, यूँ मोआबी दाऊद के ख़ादिम बनकर हदिये लाने लगे।
And he smote Moab, and measured them with a line, casting them down to the ground; even with two lines measured he to put to death, and with one full line to keep alive. And [so] the Moabites became David’s servants, [and] brought gifts.
3 और दाऊद ने ज़ोबाह के बादशाह रहोब के बेटे हदद'अज़र को भी जब वह दरिया — ए — फ़रात पर बादशाहत पर भी क़ब्ज़ा करने को जा रहा था मार लिया।
David smote also Hadadezer, the son of Rehob, king of Zobah, as he went to recover his border at the river Euphrates.
4 और दाऊद ने उसके एक हज़ार सात सौ सवार और बीस हज़ार पियादे पकड़ लिए और दाऊद ने रथों के सब घोड़ों की नालें काटीं पर उनमें से सौ रथों के लिए घोड़े बचा रख्खे।
And David took from him a thousand [chariots], and seven hundred horsemen, and twenty thousand footmen: and David houghed all the chariot [horses], but reserved of them [for] an hundred chariots.
5 और जब दमिश्क़ के अरामी ज़ोबाह के बादशाह हदद अज़र की मदद को आए तो दाऊद ने अरामियों के बाईस हज़ार आदमी क़त्ल किए।
And when the Syrians of Damascus came to succour Hadadezer king of Zobah, David slew of the Syrians two and twenty thousand men.
6 जब दाऊद ने दमिश्क़ के आराम में सिपाहियों की चौकियाँ बिठाईं तब अरामी भी दाऊद के ख़ादिम बन कर हदिये लाने लगे, और ख़ुदावन्द ने दाऊद को जहाँ कहीं वह गया फ़तह बख़्शी।
Then David put garrisons in Syria of Damascus: and the Syrians became servants to David, [and] brought gifts. And the LORD preserved David whithersoever he went.
7 और दाऊद ने हदद'अज़र के मुलाज़िमों की सोने की ढालें छीन लीं और उनको येरूशलेम में ले आया।
And David took the shields of gold that were on the servants of Hadadezer, and brought them to Jerusalem.
8 और दाऊद बादशाह बताह और बैरूती से जो हदद'अज़र के शहर थे बहुत सा पीतल ले आया।
And from Betah, and from Berothai, cities of Hadadezer, king David took exceeding much brass.
9 और जब हमात के बादशाह तूग़ी ने सुना कि दाऊद ने हदद'अज़र का सारा लश्कर मार लिया।
When Toi king of Hamath heard that David had smitten all the host of Hadadezer,
10 तो तूग़ी ने अपने बेटे यूराम को दाऊद बादशाह के पास भेजा, कि उसे सलाम कहे और मुबारकबाद दे, इसलिए कि उसने हदद’अज़र तूग़ी से लड़ा करता था और यूराम चाँदी और सोने और पीतल के बरतन अपने साथ लाया।
Then Toi sent Joram his son unto king David, to salute him, and to bless him, because he had fought against Hadadezer, and smitten him: for Hadadezer had wars with Toi. And [Joram] brought with him vessels of silver, and vessels of gold, and vessels of brass:
11 और दाऊद बादशाह ने उनको ख़ुदावन्द के लिए मख़्सूस किया, ऐसे ही उसने उनसब क़ौमों के सोने चाँदी को मख़्सूस किया जिनको उसने मग़लूब किया था।
Which also king David did dedicate unto the LORD, with the silver and gold that he had dedicated of all nations which he subdued;
12 या'नी अरामियों और मोआबियों और बनी अम्मोन और फ़िलिस्तियों और 'अमालीकियों के सोने चाँदी और ज़ोबाह के बादशाह रहोब के बेटे हदद'अज़र की लूट को।
Of Syria, and of Moab, and of the children of Ammon, and of the Philistines, and of Amalek, and of the spoil of Hadadezer, son of Rehob, king of Zobah.
13 और दाऊद का बड़ा नाम हुआ जब वह नमक की वादी में अरामियों के अठारह हज़ार आदमी मार कर लौटा।
And David gat [him] a name when he returned from smiting of the Syrians in the valley of salt, [being] eighteen thousand [men].
14 और उसने अदोम में चौकियाँ बिठायीं बल्कि सारे अदोम में चौकियाँ बिठायीं और सब अदूमी दाऊद के ख़ादिम बने और ख़ुदावन्द ने दाऊद को जहाँ कहीं वह गया फ़तह बख़्शी।
And he put garrisons in Edom; throughout all Edom put he garrisons, and all they of Edom became David’s servants. And the LORD preserved David whithersoever he went.
15 और दाऊद ने कुल इस्राईल पर बादशाहत की और दाऊद अपनी सब र’इयत के साथ अदल — ओ — इन्साफ़ करता था
And David reigned over all Israel; and David executed judgment and justice unto all his people.
16 और ज़रोयाह का बेटा योआब लश्कर का सरदार था, और अख़ीलूद का बेटा यहूसफ़त मुवर्रिख़ था।
And Joab the son of Zeruiah [was] over the host; and Jehoshaphat the son of Ahilud [was] recorder;
17 और अख़ीतोब का बेटा सदूक़ और अबीयातर का बेटा अख़ीमलिक काहिन थे और सिरायाह मुंशी था।
And Zadok the son of Ahitub, and Ahimelech the son of Abiathar, [were] the priests; and Seraiah [was] the scribe;
18 और यहूयदाह का बेटा बनायाह करेतियों और फ़िलिस्तियों का सरदार था, और दाऊद के बेटे कहिन थे।
And Benaiah the son of Jehoiada [was over] both the Cherethites and the Pelethites; and David’s sons were chief rulers.

< 2 समु 8 >