< 2 समु 4 >

1 जब साऊल के बेटे इश्बोसत ने सुना कि अबनेर हब्रून में मर गया तो उसके हाथ ढीले पड़ गए, और सब इस्राईली घबरा गए।
Und als der Sohn Sauls hörte, daß Abner zu Hebron gestorben war, da wurden seine Hände schlaff, und ganz Israel war bestürzt.
2 और साऊल के बेटे इश्बोसत के दो आदमी थे जो फ़ौजों के सरदार थे, एक का नाम बा'ना और दूसरे का रेकाब था, यह दोनों बिनयमीन की नसल के बैरूती रिम्मोंन के बेटे थे, क्यूँकि बैरूत भी बनी बिनयमीन का गिना जाता है।
Und zwei Männer waren Oberste der Scharen des Sohnes Sauls, der Name des einen war Baana, und der Name des anderen Rekab, Söhne Rimmons, des Beerothiters, von den Kindern Benjamin. Denn auch Beeroth wird zu Benjamin gerechnet;
3 और बैरूती जित्तीम को भाग गए थे चुनाँचे आज के दिन तक वह वहीं रहते हैं।
aber die Beerothiter entflohen nach Gittaim und haben sich dort als Fremdlinge aufgehalten bis auf diesen Tag.
4 और साऊल के बेटे यूनतन का एक लंगड़ा बेटा था, जब साऊल और यूनतन की ख़बर यज़र'एल से पहुँची तो एह पाँच बरस का था, तब उसकी दाया उसको उठा कर भागी और और उसने जो भागने में जल्दी की तो ऐसा हुआ कि वह गिर पड़ा और वह लंगड़ा हो गया उसका नाम मिफ़ीबोसत था।
Und Jonathan, der Sohn Sauls, hatte einen Sohn, der an den Füßen lahm war. Er war fünf Jahre alt, als die Nachricht von Saul und Jonathan aus Jisreel kam; da nahm seine Amme ihn auf und floh. Und es geschah, als sie ängstlich floh, daß er fiel und lahm wurde; und sein Name war Mephiboseth.
5 और बैरूती रिम्मोन के बेटे रेकाब और बा'ना चले और कड़ी धूप के वक़्त इश्बोसत के घर आए जब दोपहर को आराम कर रहा था।
Und die Söhne Rimmons, des Beerothiters, Rekab und Baana, gingen hin und kamen um die Hitze des Tages in das Haus Isboseths, während er seine Mittagsruhe hielt.
6 तब वह वहाँ घर के अन्दर गेंहूँ लेने के बहाने से घुसे और उसके पेट में मारा और रेकाब और उसका भाई बा'ना भाग निकले।
Und sie kamen dahin, bis in das Innere des Hauses, als wollten sie Weizen holen, und sie schlugen ihn in den Bauch. Und Rekab und sein Bruder Baana entrannen.
7 जब वह घर में घुसे तो वह अपनी आरामगाह में अपने बिस्तर पर सोता था, तब उन्होंने उसे मारा और क़त्ल किया और उसका सिर काट दिया और उसका सिर लेकर तमाम रात मैदान की राह चले।
Sie kamen in das Haus, während er in seinem Schlafgemach auf seinem Bette lag, und sie schlugen ihn und töteten ihn und hieben ihm den Kopf ab; und sie nahmen seinen Kopf und gingen den Weg der Ebene die ganze Nacht hindurch.
8 और इश्बोसत का सिर हब्रून में दाऊद के पास ले आए और बादशाह से कहा, “तेरा दुश्मन साऊल जो तेरी जान का तालिब था यह उसके बेटे इश्बोसत का सिर है, इसलिए ख़ुदावन्द ने आज के दिन मेरे मालिक बादशाह का बदला साऊल और उसकी नसल से लिया।”
Und sie brachten den Kopf Isboseths zu David nach Hebron und sprachen zu dem König: Siehe da, der Kopf Isboseths, des Sohnes Sauls, deines Feindes, der nach deinem Leben trachtete; und so hat Jehova meinem Herrn, dem König, an diesem Tage Rache verliehen an Saul und an seinem Samen.
9 तब दाऊद ने रेकाब और उसके भाई बा'ना को बैरूती रिममोन के बेटे थे जवाब दिया कि “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मेरी जान को हर मुसीबत से रिहाई दी है।
Da antwortete David Rekab und Baana, seinem Bruder, den Söhnen Rimmons, des Beerothiters, und sprach zu ihnen: So wahr Jehova lebt, der meine Seele erlöst hat aus aller Bedrängnis, den, der mir berichtete und sprach:
10 जब एक शख्स़ ने मुझसे कहा कि देख साऊल मर गया और समझा कि ख़ुशख़बरी देता है तो मैंने उसे पकड़ा और सिक़लाज में उसे क़त्ल किया यही सज़ा मैंने उसे उसकी ख़बर के बदले दिया।
Siehe, Saul ist tot! und der in seinen Augen ein guter Bote war, den ergriff ich und tötete ihn zu Ziklag, um ihm so Botenlohn zu geben;
11 तब जब बदकारों ने एक सच्चे इंसान को उसी के घर में उसके बिस्तर पर क़त्ल किया है, तो क्या मैं अब उसके ख़ून का बदला तुमसे ज़रूर न लूँ और तुमको ज़मीन पर से मिटा न डालूँ?”
wieviel mehr, da gottlose Männer einen gerechten Mann in seinem Hause auf seiner Lagerstätte ermordet haben, sollte ich jetzt nicht sein Blut von eurer Hand fordern und euch wegschaffen von der Erde?
12 तब दाऊद ने अपने जवानों को हुक्म दिया, और उन्होंने उनको क़त्ल किया और उनके हाथ और पाँव काट डाले, और उनको हब्रून में तालाब के पास टाँग दिया और इश्बोसत के सिर को लेकर उन्होंने हब्रून में अबनेर की क़ब्र में दफ़न किया।
Und David gebot seinen Knechten, und sie erschlugen sie und hieben ihnen die Hände und die Füße ab, und hängten sie auf am Teiche zu Hebron; das Haupt Isboseths aber nahmen sie und begruben es in dem Begräbnis Abners zu Hebron.

< 2 समु 4 >