< 2 समु 21 >

1 और दाऊद के दिनों में लगातार तीन साल काल पड़ा, और दाऊद ने ख़ुदावन्द से दरियाफ़्त किया, ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, “यह साऊल और उसके ख़ूँरेज़ घराने की वजह से है, क्यूँकि उसने जिब'ऊँनियों को क़त्ल किया।”
וַיְהִ֣י רָעָב֩ בִּימֵ֨י דָוִ֜ד שָׁלֹ֣שׁ שָׁנִ֗ים שָׁנָה֙ אַחֲרֵ֣י שָׁנָ֔ה וַיְבַקֵּ֥שׁ דָּוִ֖ד אֶת־פְּנֵ֣י יְהוָ֑ה ס וַיֹּ֣אמֶר יְהוָ֗ה אֶל־שָׁאוּל֙ וְאֶל־בֵּ֣ית הַדָּמִ֔ים עַל־אֲשֶׁר־הֵמִ֖ית אֶת־הַגִּבְעֹנִֽים׃
2 तब बादशाह ने जिब'ऊँनियों को बुलाकर उनसे बात की, यह जिब'ऊनी बनी इस्राईल में से नहीं बल्कि बचे हुए अमूरियों में से थे और बनी इस्राईल ने उनसे क़सम खाई थी और साऊल ने बनी इस्राईल और बनी यहूदाह की ख़ातिर अपनी गरम जोशी में उनको क़त्ल कर डालना चाहा था।
וַיִּקְרָ֥א הַמֶּ֛לֶךְ לַגִּבְעֹנִ֖ים וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֑ם וְהַגִּבְעֹנִ֞ים לֹ֣א מִבְּנֵ֧י יִשְׂרָאֵ֣ל הֵ֗מָּה כִּ֚י אִם־מִיֶּ֣תֶר הָאֱמֹרִ֔י וּבְנֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ נִשְׁבְּע֣וּ לָהֶ֔ם וַיְבַקֵּ֤שׁ שָׁאוּל֙ לְהַכֹּתָ֔ם בְּקַנֹּאת֥וֹ לִבְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל וִיהוּדָֽה׃
3 इसलिए दाऊद ने जिब'ऊनियों से कहा, “मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ और मैं किस चीज़ से कफ़्फ़ारा दूँ, ताकि तुम ख़ुदावन्द की मीरास को दुआ दो?”
וַיֹּ֤אמֶר דָּוִד֙ אֶל־הַגִּבְעֹנִ֔ים מָ֥ה אֶעֱשֶׂ֖ה לָכֶ֑ם וּבַמָּ֣ה אֲכַפֵּ֔ר וּבָרְכ֖וּ אֶת־נַחֲלַ֥ת יְהוָֽה׃
4 जिब'ऊनियों ने उससे कहा कि “हमारे और साऊल या उसके घराने के दरमियान चाँदी या सोने का कोई मु'आमला नहीं और न हमको यह इख़्तियार है कि हम इस्राईल के किसी आदमी को जान से मारें।” उसने कहा, “जो कुछ तुम कहो मैं वही तुम्हारे लिए करूँगा।”
וַיֹּ֧אמְרוּ ל֣וֹ הַגִּבְעֹנִ֗ים אֵֽין־לָ֜נוּ כֶּ֤סֶף וְזָהָב֙ עִם־שָׁא֣וּל וְעִם־בֵּית֔וֹ וְאֵֽין־לָ֥נוּ אִ֖ישׁ לְהָמִ֣ית בְּיִשְׂרָאֵ֑ל וַיֹּ֛אמֶר מָֽה־אַתֶּ֥ם אֹמְרִ֖ים אֶעֱשֶׂ֥ה לָכֶֽם׃
5 उन्होंने बादशाह को जवाब दिया कि “जिस शख़्स ने हमारा नास किया और हमारे ख़िलाफ़ ऐसी तदबीर निकाली कि हम मिटा दिए जायें, और इस्राईल की किसी बादशाहत में बाक़ी न रहें।
וַיֹּֽאמְרוּ֙ אֶל־הַמֶּ֔לֶךְ הָאִישׁ֙ אֲשֶׁ֣ר כִּלָּ֔נוּ וַאֲשֶׁ֖ר דִּמָּה־לָ֑נוּ נִשְׁמַ֕דְנוּ מֵֽהִתְיַצֵּ֖ב בְּכָל־גְּבֻ֥ל יִשְׂרָאֵֽל׃
6 उसी के बेटों में से सात आदमी हमारे हवाले कर दिए जायें, और हम उनको ख़ुदावन्द के लिए चुने हुए साऊल के जिबा' में लटका देंगे।” बादशाह ने कहा, “मैं दे दूँगा।”
יֻתַּן לָ֜נוּ שִׁבְעָ֤ה אֲנָשִׁים֙ מִבָּנָ֔יו וְהוֹקַֽעֲנוּם֙ לַֽיהוָ֔ה בְּגִבְעַ֥ת שָׁא֖וּל בְּחִ֣יר יְהוָ֑ה ס וַיֹּ֥אמֶר הַמֶּ֖לֶךְ אֲנִ֥י אֶתֵּֽן׃
7 लेकिन बादशाह ने मिफ़ीबोसत बिन यूनतन बिन साऊल को ख़ुदावन्द की क़सम की वजह से जो उनके दाऊद और साऊल के बेटे यूनतन के दरमियान हुई थी बचा रख्खा।
וַיַּחְמֹ֣ל הַמֶּ֔לֶךְ עַל־מְפִי־בֹ֖שֶׁת בֶּן־יְהוֹנָתָ֣ן בֶּן־שָׁא֑וּל עַל־שְׁבֻעַ֤ת יְהוָה֙ אֲשֶׁ֣ר בֵּֽינֹתָ֔ם בֵּ֣ין דָּוִ֔ד וּבֵ֖ין יְהוֹנָתָ֥ן בֶּן־שָׁאֽוּל׃
8 लेकिन बादशाह ने अय्याह की बेटी रिस्फ़ह के दोनों बेटों अरमोनी और मिफ़ीबोसत को जो साऊल से हुए थे और साऊल की बेटी मीकल के पाँचों बेटों को जो बरज़िली महूलाती के बेटे 'अदरीएल से हुए थे लेकर।
וַיִּקַּ֣ח הַמֶּ֡לֶךְ אֶת־שְׁ֠נֵי בְּנֵ֨י רִצְפָּ֤ה בַת־אַיָּה֙ אֲשֶׁ֣ר יָלְדָ֣ה לְשָׁא֔וּל אֶת־אַרְמֹנִ֖י וְאֶת־מְפִבֹ֑שֶׁת וְאֶת־חֲמֵ֗שֶׁת בְּנֵי֙ מִיכַ֣ל בַּת־שָׁא֔וּל אֲשֶׁ֥ר יָלְדָ֛ה לְעַדְרִיאֵ֥ל בֶּן־בַּרְזִלַּ֖י הַמְּחֹלָתִֽי׃
9 उनको जिब'ऊनियों के हवाले किया और उन्होंने उनको पहाड़ पर ख़ुदावन्द के सामने लटका दिया, इसलिए वह सातों एक साथ मारे, यह सब फ़सल काटने के दिनों में या'नी जौ की फ़सल के शुरू' में मारे गये।
וַֽיִּתְּנֵ֞ם בְּיַ֣ד הַגִּבְעֹנִ֗ים וַיֹּקִיעֻ֤ם בָּהָר֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה וַיִּפְּל֥וּ שְׁבַעְתָּ֖ם יָ֑חַד וְהֵ֨מָּה הֻמְת֜וּ בִּימֵ֤י קָצִיר֙ בָּרִ֣אשֹׁנִ֔ים בִּתְחִלַּ֖ת קְצִ֥יר שְׂעֹרִֽים׃
10 तब अय्याह की बेटी रिस्फ़ह ने टाट लिया और फ़सल के शुरू' से उसको अपने लिए चट्टान पर बिछाए रही जब तक आसमान से उन पर बारिश न हुई और उसने न तो दिन के वक़्त हवा के परिन्दों को और न रात के वक़्त जंगली दरिन्दों को उन पर आने दिया।
וַתִּקַּ֣ח רִצְפָּה֩ בַת־אַיָּ֨ה אֶת־הַשַּׂ֜ק וַתַּטֵּ֨הוּ לָ֤הּ אֶל־הַצּוּר֙ מִתְּחִלַּ֣ת קָצִ֔יר עַ֛ד נִתַּךְ־מַ֥יִם עֲלֵיהֶ֖ם מִן־הַשָּׁמָ֑יִם וְלֹֽא־נָתְנָה֩ ע֨וֹף הַשָּׁמַ֜יִם לָנ֤וּחַ עֲלֵיהֶם֙ יוֹמָ֔ם וְאֶת־חַיַּ֥ת הַשָּׂדֶ֖ה לָֽיְלָה׃
11 और दाऊद को बताया गया कि साऊल की बाँदी अय्याह की बेटी रिस्फ़ह ने ऐसा ऐसा किया।
וַיֻּגַּ֖ד לְדָוִ֑ד אֵ֧ת אֲשֶׁר־עָשְׂתָ֛ה רִצְפָּ֥ה בַת־אַיָּ֖ה פִּלֶ֥גֶשׁ שָׁאֽוּל׃
12 तब दाऊद ने जाकर साऊल की हड्डियों और उसके बेटे यूनतन की हड्डियों को यबीस जिल'आद के लोगों से लिया जो उनको बैत शान के चौक में से चुरा लाये थे, जहाँ फ़िलिस्तियों ने उनको जिस दिन कि उन्होंने साऊल को जिलबू'आ में क़त्ल किया टाँग दिया था।
וַיֵּ֣לֶךְ דָּוִ֗ד וַיִּקַּ֞ח אֶת־עַצְמ֤וֹת שָׁאוּל֙ וְאֶת־עַצְמוֹת֙ יְהוֹנָתָ֣ן בְּנ֔וֹ מֵאֵ֕ת בַּעֲלֵ֖י יָבֵ֣ישׁ גִּלְעָ֑ד אֲשֶׁר֩ גָּנְב֨וּ אֹתָ֜ם מֵרְחֹ֣ב בֵּֽית־שַׁ֗ן אֲשֶׁ֨ר תְּלָא֥וּם שָׁ֙מָּה֙ פְּלִשְׁתִּ֔ים בְּי֨וֹם הַכּ֧וֹת פְּלִשְׁתִּ֛ים אֶת־שָׁא֖וּל בַּגִּלְבֹּֽעַ׃
13 इसलिए वह साऊल की हड्डियों और उसके बेटे यूनतन की हड्डियों को वहाँ से ले आया, और उन्होंने उनकी भी हड्डियाँ जमा' कीं जो लटकाए गये थे।
וַיַּ֤עַל מִשָּׁם֙ אֶת־עַצְמ֣וֹת שָׁא֔וּל וְאֶת־עַצְמ֖וֹת יְהוֹנָתָ֣ן בְּנ֑וֹ וַיַּ֣אַסְפ֔וּ אֶת־עַצְמ֖וֹת הַמּוּקָעִֽים׃
14 और उन्होंने साऊल और उसके बेटे यूनतन की हड्डियों को जिला' में जो बिनयमीन की सर ज़मीन में है उसी के बाप क़ैस की क़ब्र में दफ़न किया और उन्होंने जो कुछ बादशाह ने फ़रमाया था सब पूरा किया, इसके बाद ख़ुदा ने उस मुल्क के बारे में दुआ सुनी।
וַיִּקְבְּר֣וּ אֶת־עַצְמוֹת־שָׁא֣וּל וִיהוֹנָֽתָן־בְּ֠נוֹ בְּאֶ֨רֶץ בִּנְיָמִ֜ן בְּצֵלָ֗ע בְּקֶ֙בֶר֙ קִ֣ישׁ אָבִ֔יו וַֽיַּעֲשׂ֔וּ כֹּ֥ל אֲשֶׁר־צִוָּ֖ה הַמֶּ֑לֶךְ וַיֵּעָתֵ֧ר אֱלֹהִ֛ים לָאָ֖רֶץ אַֽחֲרֵי־כֵֽן׃ פ
15 और फ़िलिस्ती फिर इस्राईलियों से लड़े और दाऊद अपने ख़ादिमों के साथ निकला और फ़िलिस्तियों से लड़ा और दाऊद बहुत थक गया।
וַתְּהִי־ע֧וֹד מִלְחָמָ֛ה לַפְּלִשְׁתִּ֖ים אֶת־יִשְׂרָאֵ֑ל וַיֵּ֨רֶד דָּוִ֜ד וַעֲבָדָ֥יו עִמּ֛וֹ וַיִּלָּחֲמ֥וּ אֶת־פְּלִשְׁתִּ֖ים וַיָּ֥עַף דָּוִֽד׃
16 और इश्बी बनोब ने जो देवज़ादों में से था और जिसका नेज़ह वज़न में पीतल की तीन सौ मिस्क़ाल था और वह एक नई तलवार बाँधे था चाहा कि दाऊद को क़त्ल करे।
וְיִשְׁבִּ֨י בְּנֹ֜ב אֲשֶׁ֣ר ׀ בִּילִידֵ֣י הָרָפָ֗ה וּמִשְׁקַ֤ל קֵינוֹ֙ שְׁלֹ֤שׁ מֵאוֹת֙ מִשְׁקַ֣ל נְחֹ֔שֶׁת וְה֖וּא חָג֣וּר חֲדָשָׁ֑ה וַיֹּ֖אמֶר לְהַכּ֥וֹת אֶת־דָּוִֽד׃
17 लेकिन ज़रोयाह के बेटे अबीशै ने उसकी मदद की और उस फ़िलिस्ती को ऐसी मार लगाई कि उसे मार दिया, तब दाऊद के लोगों ने क़सम खाकर उससे कहा कि “तू फिर कभी हमारे साथ जंग पर नहीं जाएगा ऐसा न हो कि तू इस्राईल का चराग़ बुझादे।”
וַיַּֽעֲזָר־לוֹ֙ אֲבִישַׁ֣י בֶּן־צְרוּיָ֔ה וַיַּ֥ךְ אֶת־הַפְּלִשְׁתִּ֖י וַיְמִיתֵ֑הוּ אָ֣ז נִשְׁבְּעוּ֩ אַנְשֵׁי־דָוִ֨ד ל֜וֹ לֵאמֹ֗ר לֹא־תֵצֵ֨א ע֤וֹד אִתָּ֙נוּ֙ לַמִּלְחָמָ֔ה וְלֹ֥א תְכַבֶּ֖ה אֶת־נֵ֥ר יִשְׂרָאֵֽל׃ פ
18 इसके बाद फ़िलिस्तियों के साथ जूब में लड़ाई हुई, तब हूसाती सिब्बकी ने सफ़ को जो देवज़ादों में से था क़त्ल किया।
וַֽיְהִי֙ אַֽחֲרֵי־כֵ֔ן וַתְּהִי־ע֧וֹד הַמִּלְחָמָ֛ה בְּג֖וֹב עִם־פְּלִשְׁתִּ֑ים אָ֣ז הִכָּ֗ה סִבְּכַי֙ הַחֻ֣שָׁתִ֔י אֶת־סַ֕ף אֲשֶׁ֖ר בִּילִדֵ֥י הָרָפָֽה׃ פ
19 और फिर फ़िलिस्तियों से जूब में एक और लड़ाई हुई, तब इल्हनान बिन या'अरी अरजीम ने जो बैतुल-हम का था जाती जोलियत को क़त्ल किया जिसके नेज़ह की छड़ जुलाहे के शहतीर की तरह थी।
וַתְּהִי־ע֧וֹד הַמִּלְחָמָ֛ה בְּג֖וֹב עִם־פְּלִשְׁתִּ֑ים וַיַּ֡ךְ אֶלְחָנָן֩ בֶּן־יַעְרֵ֨י אֹרְגִ֜ים בֵּ֣ית הַלַּחְמִ֗י אֵ֚ת גָּלְיָ֣ת הַגִּתִּ֔י וְעֵ֣ץ חֲנִית֔וֹ כִּמְנ֖וֹר אֹרְגִֽים׃ ס
20 फिर जात में लड़ाई हुई और वहाँ एक बड़ा लम्बा शख़्स था, उसके दोनों हाथों और दोनों पावों में छ: छ: उंगलियाँ थीं जो सब की सब गिनती में चौबीस थीं और यह भी उस देव से पैदा हुआ था।
וַתְּהִי־ע֥וֹד מִלְחָמָ֖ה בְּגַ֑ת וַיְהִ֣י ׀ אִ֣ישׁ מָד֗וֹן וְאֶצְבְּעֹ֣ת יָדָיו֩ וְאֶצְבְּעֹ֨ת רַגְלָ֜יו שֵׁ֣שׁ וָשֵׁ֗שׁ עֶשְׂרִ֤ים וְאַרְבַּע֙ מִסְפָּ֔ר וְגַם־ה֖וּא יֻלַּ֥ד לְהָרָפָֽה׃
21 जब इसने इस्राईलियों की फ़ज़ीहत की तो दाऊद के भाई सिमआ के बेटे यूनतन ने उसे क़त्ल किया।
וַיְחָרֵ֖ף אֶת־יִשְׂרָאֵ֑ל וַיַּכֵּ֙הוּ֙ יְה֣וֹנָתָ֔ן בֶּן־שִׁמְעָ֖ה אֲחִ֥י דָוִֽד׃
22 यह चारों उस देव से जात में पैदा हुए थे, और वह दाऊद के हाथ से और उसके ख़ादिमों के हाथ से मारे गये।
אֶת־אַרְבַּ֥עַת אֵ֛לֶּה יֻלְּד֥וּ לְהָרָפָ֖ה בְּגַ֑ת וַיִּפְּל֥וּ בְיַד־דָּוִ֖ד וּבְיַ֥ד עֲבָדָֽיו׃ פ

< 2 समु 21 >