< 2 समु 19 >

1 और योआब को बताया गया कि “देख बादशाह अबीसलोम के लिए नौहा और मातम कर रहा है।”
যোয়াবকে বলা হল, “রাজামশাই অবশালোমের জন্য কাঁদছেন ও শোকপ্রকাশ করছেন।”
2 इसलिए तमाम लोगों के लिए उस दिन की फ़तह मातम से बदल गई क्यूँकि लोगों ने उस दिन यह कहते सुना कि “बादशाह अपने बेटे के लिए दुखी है।”
আর সমস্ত সৈন্যদলের কাছে সেদিন সেই বিজয় শোকে পরিণত হল, কারণ সেদিন সৈন্যসামন্তরা শুনতে পেয়েছিল, “রাজামশাই তাঁর ছেলের জন্য খুব দুঃখ পেয়েছেন।”
3 इसलिए वह लोग उस दिन चोरी से शहर में घुसे जैसे वह लोग जो लड़ाई से भागते हैं शर्म के मारे चोरी चोरी चलते हैं।
লোকজন সেদিন নিঃশব্দে এমনভাবে নগরে প্রবেশ করল, যে মনে হচ্ছিল একদল লোক যেন লজ্জিত হয়ে যুদ্ধক্ষেত্র ছেড়ে পালিয়ে চুপিচুপি নগরে প্রবেশ করছে।
4 और बादशाह ने अपना मुँह ढाँक लिया और बादशाह ऊँची आवाज़ से चिल्लाने लगा कि “हाय मेरे बेटे अबीसलोम! हाय अबीसलोम मेरे बेटे! मेरे बेटे।”
রাজামশাই মুখ ঢেকে জোর গলায় কেঁদে কেঁদে বলছিলেন, “বাছা অবশালোম! হে অবশালোম, আমার ছেলে, আমার ছেলে!”
5 तब योआब घर में बादशाह के पास जाकर कहने लगा कि “तूने आज अपने सब ख़ादिमों को शर्मिन्दा किया, जिन्होंने आज के दिन तेरी जान और तेरे बेटों और तेरी बेटियों की जानें और तेरी बीवियों की जानें और तेरी बाँदियों की जानें बचायीं।
তখন যোয়াব প্রাসাদে রাজার কাছে গিয়ে বললেন, “আজ আপনি আপনার সেইসব লোকজনকে অপমান করেছেন, যারা এইমাত্র আপনার প্রাণ ও আপনার ছেলেমেয়েদের প্রাণ ও আপনার স্ত্রী ও উপপত্নীদের প্রাণরক্ষা করেছে।
6 क्यूँकि तू अपने 'अदावत रखने वालों को प्यार करता है, और अपने दोस्तों से 'अदावत रखता है, इसलिए कि तूने आज के दिन ज़ाहिर कर दिया कि सरदार और ख़ादिम तेरे नज़दीक बेक़द्र हैं, क्यूँकि आज के दिन मैं देखता हूँ कि अगर अबीसलोम जीता रहता और हम सब मर जाते, तो तू बहुत ख़ुश होता।
আপনি তাদেরই ভালোবাসেন যারা আপনাকে ঘৃণা করে ও তাদেরই ঘৃণা করেন যারা আপনাকে ভালোবাসে। আজ আপনি স্পষ্ট করে দিয়েছেন যে আপনার কাছে সেনাপতি ও তাদের লোকজন কোনো কিছুই নয়। আমি দেখতে পাচ্ছি আজ যদি অবশালোম জীবিত থাকত ও আমরা সবাই মারা যেতাম, তবেই আপনি খুশি হতেন।
7 इसलिए उठ बाहर निकल और अपने ख़ादिमों से तसल्ली बख़्श बातें कर क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द की क़सम खाता हूँ कि अगर तू बाहर न जाए तो आज रात को एक आदमी भी तेरे साथ न रहेगा और यह तेरे लिए उन सब आफतों से बदतर होगा जो तेरी नौजवानी से लेकर अब तक तुझ पर आई है।”
এখন তাই বাইরে গিয়ে আপনার লোকজনকে উৎসাহিত করুন। আমি সদাপ্রভুর নামে শপথ করে বলছি, যদি আপনি বাইরে না যান, তবে সন্ধ্যা পর্যন্ত একজনও আপনার সঙ্গে থাকবে না। আপনার যৌবনকাল থেকে শুরু করে এখন পর্যন্ত আপনার উপর যত বিপর্যয় এসেছে, সেসবের তুলনায় এটি আরও মন্দ হবে।”
8 तब बादशाह उठकर फाटक में जा बैठा और सब लोगों को बताया गया कि देखो बादशाह फाटक में बैठा है, तब सब लोग बादशाह के सामने आए और इस्राईली अपने अपने डेरे को भाग गये थे।
তাই রাজামশাই উঠে সিংহদুয়ারের কাছে গিয়ে বসেছিলেন। লোকজনকে যখন বলা হল, “মহারাজ সিংহদুয়ারের কাছে বসে আছেন,” তখন তারা সবাই তাঁর সামনে এসেছিল। এদিকে, ইস্রায়েলীরা নিজের নিজের বাসায় পালিয়ে গেল।
9 और इस्राईल के क़बीलों के सब लोगों में झगड़ा था और वह कहते थे कि “बादशाह ने हमारे दुश्मनों के हाथ से और फ़िलिस्तियों के हाथ से बचाया और अब वह अबीसलोम के सामने से मुल्क छोड़ कर भाग गया।
ইস্রায়েলের গোষ্ঠীদের মধ্যে সর্বত্র, সব লোকজন নিজেদের মধ্যে তর্কাতর্কি করে বলাবলি করছিল, “মহারাজ শত্রুদের হাত থেকে আমাদের রক্ষা করলেন; তিনিই ফিলিস্তিনীদের হাত থেকে আমাদের উদ্ধার করলেন। কিন্তু এখন তিনি অবশালোমের হাত থেকে অব্যাহতি পাওয়ার জন্য দেশ ছেড়ে পালিয়েছেন;
10 और अबीसलोम जिसे हमने मसह करके अपना हाकिम बनाया था, लड़ाई में मर गया है इसलिए तुम अब बादशाह को वापस लाने की बात क्यों नहीं करते?”
এবং যাকে আমরা আমাদের উপর শাসনকর্তারূপে অভিষিক্ত করলাম, সেই অবশালোমও যুদ্ধে মারা গিয়েছে। তবে তোমরা মহারাজকে ফিরিয়ে আনার বিষয়ে কোনও কথা বলছ না কেন?”
11 तब दाऊद बादशाह ने सदूक़ और अबीयातर काहिनों को कहला भेजा कि “यहूदाह के बुज़ुर्गों से कहो कि तुम बादशाह को उसके महल में पहुँचाने के लिए सबसे पीछे क्यों होते हो जिस हाल कि सारे इस्राईल की बात उसे उसके महल में पहुँचाने के बारे में बादशाह तक पहुँची है।
রাজা দাউদ যাজকদ্বয় সাদোক ও অবিয়াথরের কাছে এই খবর পাঠালেন: “যিহূদার প্রাচীনদের জিজ্ঞাসা করো, ‘রাজাকে তাঁর প্রাসাদে ফিরিয়ে আনার ক্ষেত্রে আপনারা কেন সবার পিছনে পড়ে থাকবেন, যেহেতু ইস্রায়েলে সর্বত্র যা বলাবলি হচ্ছে তা রাজার সৈন্যশিবিরে তাঁর কানে গিয়েছে?
12 तुम तो मेरे भाई और मेरी हड्डी हो फिर तुम बादशाह को वापस ले जाने के लिए सबसे पीछे क्यों हो?
আপনারা তো আমার আত্মীয়স্বজন, আমার নিজের রক্তমাংস। তাই রাজাকে ফিরিয়ে আনার ক্ষেত্রে আপনারা কেন পিছিয়ে থাকবেন?’
13 और 'अमासा से कहना क्या तू मेरी हड्डी और गोश्त नहीं? इसलिए अगर तू योआब की जगह मेरे सामने हमेशा के लिए लश्कर का सरदार न हो तो ख़ुदा मुझसे ऐसा ही बल्कि इससे भी ज़्यादा करे।”
অমাসাকেও বোলো, ‘তুমি কি আমার নিজের রক্তমাংস নও? যদি যোয়াবের স্থানে তুমি সারা জীবনের জন্য আমার সৈন্যদলের সেনাপতি না হও, তবে ঈশ্বর যেন আমাকে কঠোর দণ্ড দেন।’”
14 और उसने सब बनी यहूदाह का दिल एक आदमी के दिल की तरह माएल कर लिया चुनाँचे उन्होंने बादशाह को पैग़ाम भेजा कि “तू अपने सब ख़ादिमों को साथ लेकर लौट आ।”
তিনি যিহূদার লোকজনের মন এমনভাবে জিতে নিয়েছিলেন যে তারা সকলে একমত হল। তারা রাজামশাইকে খবর দিয়ে পাঠিয়েছিল, “আপনি ও আপনার সব লোকজন ফিরে আসুন।”
15 इसलिए बादशाह लौट कर यरदन पर आया और सब बनी यहूदाह ज़िल्जाल को गये कि बादशाह का इस्तक़बाल करें और उसे यरदन के पार ले आयें।
তখন রাজামশাই ফিরে এলেন ও জর্ডন নদী পর্যন্ত চলে গেলেন। এদিকে যিহূদার লোকজন রাজার সঙ্গে দেখা করে তাঁকে জর্ডন নদী পার করিয়ে আনার জন্য গিল্‌গলে গেল।
16 और जीरा के बेटे बिनयमीनी सिम'ई ने जो बहूरीम का था जल्दी की और बनी यहूदाह के साथ दाऊद बादशाह के इस्तक़बाल को आया।
বহুরীমের অধিবাসী গেরার ছেলে বিন্যামীনীয় শিমিয়ি রাজা দাউদের সঙ্গে দেখা করার জন্য তড়িঘড়ি যিহূদার লোকজনের সাথে মিলে সেখানে এসেছিল।
17 और उसके साथ एक हज़ार बिनयमीनी जवान थे और साऊल के घराने का ख़ादिम ज़ीबा अपने पन्दरह बेटों और बीस नौकरों समेत आया और बादशाह के सामने यरदन के पार उतरे।
তার সঙ্গে ছিল এক হাজার জন বিন্যামীনীয় লোক, শৌলের পারিবারিক দাস সীব, এবং সীবের পনেরোজন ছেলে ও কুড়ি জন দাস। রাজামশাই যেখানে ছিলেন, তারা জর্ডন নদীর সেই পারে দৌড়ে গেল।
18 और एक कश्ती पार गई कि बादशाह के घराने को ले आये और जो काम उसे मुनासिब मा'लूम हो उसे करे और ज़ीरा का बेटा सिम'ई बादशाह के सामने जैसे ही वह यरदन पार हुआ औंधा हो कर गिरा।
রাজার পরিবারকে আনার ও তাঁর ইচ্ছামতো সবকিছু করার জন্য তারা নদীর অগভীর স্থানটি পার হয়ে গেল। গেরার ছেলে শিমিয়ি জর্ডন নদী পার করে উবুড় হয়ে রাজামশাইকে প্রণাম করল
19 और बादशाह से कहने लगा कि मेरा मालिक मेरी तरफ़ गुनाह मंसूब न करे और जिस दिन मेरा मालिक बादशाह येरूशलेम से निकला उस दिन जो कुछ तेरे ख़ादिम ने बद मिज़ाजी से किया उसे ऐसा याद न रख कि बादशाह उसको अपने दिल में रख्खे।
ও তাঁকে বলল, “মহারাজ যেন আমায় দোষী সাব্যস্ত না করলেন। আমার প্রভু মহারাজ যেদিন জেরুশালেম ছেড়ে গেলেন, সেদিন আপনার দাস যে অপরাধ করেছিল, তা মনে রাখবেন না। মহারাজ যেন তা মন থেকে বের করে ফেলেন।
20 क्यूँकि तेरा बन्दा यह जानता है कि “मैंने गुनाह किया है और देख आज के दिन मैं ही यूसुफ़ के घराने में से पहले आया हूँ कि अपने मालिक बादशाह का इस्तक़बाल करूँ।
কারণ আপনার দাস আমি জানি যে আমি পাপ করেছি, কিন্তু আজ আমিই যোষেফের বংশ থেকে প্রথমজন হয়ে এখানে আমার প্রভু মহারাজের সঙ্গে দেখা করার জন্য নেমে এসেছি।”
21 और ज़रोयाह के बेटे अबीशै ने जवाब, दिया क्या सिम'ई इस वजह से मारा न जाए कि उसने ख़ुदावन्द के ममसूह पर ला'नत की?”
তখন সরূয়ার ছেলে অবীশয় বলল, “এজন্য কি শিমিয়িকে মেরে ফেলা হবে না? সে তো সদাপ্রভুর অভিষিক্ত ব্যক্তিকে অভিশাপ দিয়েছিল।”
22 दाऊद ने कहा, “ऐ ज़रोयाह के बेटो! मुझे तुमसे क्या काम कि तुम आज के दिन मेरे मुखालिफ़ हुए हो? क्या इस्राईल में से कोई आदमी आज के दिन क़त्ल किया जाए? क्या मैं यह नहीं जानता कि मैं आज के दिन इस्राईल का बादशाह हूँ?”
দাউদ উত্তর দিলেন, “হে সরূয়ার ছেলেরা, এতে তোমাদের কী? তোমাদের কি অনধিকারচর্চা করার কোনও অধিকার আছে? আজ কি ইস্রায়েলে কাউকে মেরে ফেলা উচিত হবে? আমি কি জানি না যে আজ আমি ইস্রায়েলের রাজা?”
23 और बादशाह ने सिम'ई से कहा, तू मारा नहीं जाएगा “और बादशाह ने उससे क़सम खाई।
তাই রাজামশাই শিমিয়িকে বললেন, “তুমি মরবে না।” রাজামশাই শপথ করে তার কাছে প্রতিজ্ঞা করলেন।
24 फिर साऊल का बेटा मिफ़ीबोसत बादशाह के इस्तक़बाल को आया, उसने बादशाह के चले जाने के दिन से लेकर उसे सलामत घर आजाने के दिन तक न तो अपने पाँव पर पट्टियाँ बाँधी और न अपनी दाढ़ी कतरवाई और न अपने कपड़े धुलवाए थे।
শৌলের নাতি মফীবোশৎও রাজার সঙ্গে দেখা করতে নেমে গেলেন। যেদিন রাজামশাই চলে গেলেন, সেদিন থেকে শুরু করে নিরাপদে তাঁর ফিরে আসার দিন পর্যন্ত মফীবোশৎ তাঁর পায়ের যত্ন নেননি বা তাঁর দাড়ি-গোঁফ ছাঁটেননি বা তাঁর কাপড়চোপড়ও ধোয়াধুয়ি করেননি।
25 और ऐसा हुआ कि जब वह येरूशलेम में बादशाह से मिलने आया तो बादशाह ने उससे कहा, ऐ मिफ़ीबोसत तू मेरे साथ क्यों नहीं गया था?”
জেরুশালেম থেকে যখন তিনি রাজার সঙ্গে দেখা করতে এলেন, রাজামশাই তাঁকে জিজ্ঞাসা করলেন, “মফীবোশৎ, তুমি কেন আমার সঙ্গে যাওনি?”
26 उसने जवाब दिया, ऐ मेरे मालिक बादशाह मेरे नौकर ने मुझसे दग़ा की क्यूँकि तेरे ख़ादिम ने कहा था कि मैं अपने लिए गधे पर जीन कसूँगा ताकि मैं सवार हो कर बादशाह के साथ जाऊँ इसलिए कि तेरा ख़ादिम लंगड़ा है।
তিনি বললেন, “হে আমার প্রভু মহারাজ, যেহেতু আপনার দাস—আমি খঞ্জ, তাই আমি বললাম, ‘আমার গাধায় জিন চাপিয়ে, আমি তাতে চড়ে যাব, যেন আমি মহারাজের সঙ্গেই যেতে পারি।’ কিন্তু আমার দাস সীব আমার সঙ্গে বিশ্বাসঘাতকতা করেছে।
27 तब उसने मेरे मालिक बादशाह के सामने तेरे ख़ादिम पर इल्ज़ाम लगाया, लेकिन मेरा मालिक बादशाह तू ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता की तरह है, इसलिए जो कुछ तुझे अच्छा मा'लूम हो वह कर।
সে আমার প্রভু মহারাজের কাছে আমার বদনামও করেছে। আমার প্রভু মহারাজ এক স্বর্গদূতের মতো মানুষ; তাই আপনার যা ইচ্ছা তাই করুন।
28 क्यूँकि मेरे बाप का सारा घराना, मेरे मालिक बादशाह के आगे मुर्दों के तरह था तो भी तूने अपने ख़ादिम को उन लोगों के बीच बिठाया जो तेरे दस्तरख़्वान पर खाते थे तब क्या अब भी मेरा कोई हक़ है कि मैं बादशाह के आगे फिर फ़रयाद करूँ?
আমার ঠাকুরদাদার সব বংশধরই আমার প্রভু মহারাজের কাছ থেকে মৃত্যু ছাড়া আর কিছুই পাওয়ার যোগ্য নয়, কিন্তু আপনি সেইসব লোকের মাঝখানে আপনার দাসকে এক স্থান করে দিয়েছেন, যারা আপনার টেবিলে বসে ভোজনপান করে। তাই মহারাজের কাছে আর কোনও আবেদন জানানোর অধিকার কি আমার আছে?”
29 बादशाह ने उनसे कहा, “तू अपनी बातें क्यों बयान करता जाता है? मैं कहता हूँ कि तू और ज़ीबा दोनों उस ज़मीन को आपस में बाँट लो।”
রাজামশাই তাঁকে বললেন, “আর কিছু বলবেই বা কেন? আমি তো তোমাকে ও সীবকে জমি ভাগাভাগি করে নেওয়ার আদেশ দিয়েই দিয়েছি।”
30 और मिफ़ीबोसत ने बादशाह से कहा, “वही सब ले ले इसलिए कि मेरा मालिक बादशाह अपने घर में फिर सलामत आ गया है।”
মফীবোশৎ রাজাকে বললেন, “এখন যখন আমার প্রভু মহারাজ নিরাপদে বাসায় ফিরে এসেছেন, তখন সেই সবকিছু নিয়ে নিক।”
31 और बरज़िली जिल'आदी रजिलीम से आया और बादशाह के साथ यरदन पार गया ताकि उसे यरदन के पार पहुँचाये।
গিলিয়দীয় বর্সিল্লয়ও রোগলীম থেকে রাজার সঙ্গী হয়ে জর্ডন নদী পার করে সেখান থেকে তাঁকে পাঠিয়ে দেওয়ার জন্য নেমে এলেন।
32 और यह बरज़िली बहुत ही उम्र दराज़ आदमी या'नी अस्सी बरस का था, उसने बादशाह को जब तक वह मेहनायम में रहा ख़ुराक पहुँचाई थी इसलिए कि वह बहुत बड़ा आदमी था।
বর্সিল্লয় বয়সে বৃদ্ধ ছিলেন, তাঁর বয়স তখন আশি বছর। রাজামশাই যখন মহনয়িমে ছিলেন, তখন বর্সিল্লয় তাঁর জন্য খাবারদাবারের ব্যবস্থা করলেন, কারণ তিনি খুব ধনী লোক ছিলেন।
33 तब बादशाह ने बरज़िली से कहा कि “तू मेरे साथ चल और मैं येरूशलेम में अपने साथ तेरी परवरिश करूँगा।”
রাজামশাই বর্সিল্লয়কে বললেন, “নদী পার হয়ে আমার সঙ্গে গিয়ে জেরুশালেমে থাকুন, আর আমি আপনার জন্য সব ব্যবস্থা করব।”
34 और बरज़िली ने बादशाह को जवाब दिया कि “मेरी ज़िन्दगी के दिन ही कितने हैं जो मैं बादशाह के साथ येरूशलेम को जाऊँ?
কিন্তু বর্সিল্লয় রাজাকে উত্তর দিলেন, “আর কয়বছরই বা আমি বাঁচব যে মহারাজের সঙ্গে আমি জেরুশালেমে গিয়ে থাকব?
35 आज मैं अस्सी बरस का हूँ, क्या मैं भले और बुरे में फ़र्क कर सकता हूँ? क्या तेरा बन्दा जो कुछ खाता पीता है उसका मज़ा जान सकता है? क्या मैं गाने वालों और गाने वालियों की फिर आवाज़ सुन सकता हूँ? तब तेरा बन्दा अपने बादशाह पर क्यों बोझ हो?
আমার বয়স এখন আশি বছর। কী উপভোগ্য আর কী নয়, তার পার্থক্য কি এখন আমি করতে পারি? আপনার এই দাস কি খাদ্য বা পানীয়র স্বাদ বুঝতে পারে? আমি কি এখন আর গায়ক ও গায়িকার সুর শুনতে পারি? আপনার এই দাস কেনই বা আমার প্রভু মহারাজের কাছে অতিরিক্ত এক বোঝা হয়ে থাকবে?
36 तेरा बन्दा सिर्फ़ यरदन के पार तक बादशाह के साथ जाना चाहता है, इसलिए बादशाह मुझे ऐसा बड़ा बदला क्यूँ दे?
আপনার এই দাস জর্ডন নদী পার হয়ে অল্প কিছু দূর মহারাজের সঙ্গে যাবে, কিন্তু কেনই বা মহারাজ এভাবে আমাকে পুরস্কৃত করবেন?
37 अपने बन्दा को लौट जाने दे ताकि मैं अपने शहर में अपने बाप और माँ की क़ब्र के पास मरूँ लेकिन देख तेरा बन्दा किम्हाम हाज़िर है, वह मेरे मालिक बादशाह के साथ पार जाए और जो कुछ तुझे अच्छा मा'लूम दे उससे कर।”
আপনার দাসকে ফিরে যেতে দিন, যেন আমি আমার নিজের নগরে আমার মা-বাবার কবরের কাছেই মরতে পারি। কিন্তু এই দেখুন আপনার দাস কিম্‌হম। একেই আমার প্রভু মহারাজের সঙ্গে নদী পার হয়ে যেতে দিন। আপনার যা ইচ্ছা, আপনি এর জন্য তাই করুন।”
38 तब बादशाह ने कहा, “किम्हाम मेरे साथ पार चलेगा और जो कुछ तुझे अच्छा मा'लूम हो वही मैं उसके साथ करूँगा और जो कुछ तू चाहेगा मैं तेरे लिए वही करूँगा।”
রাজামশাই বললেন, “কিম্‌হম তো আমার সঙ্গে নদী পার হয়ে যাবে, এবং আপনি আমার কাছে যা চান, আমি আপনার জন্য তাই করব।”
39 और सब लोग यरदन के पार हो गये और बादशाह भी पार हुआ, फिर बादशाह ने बरज़िली को चूमा और उसे दुआ दी और वह अपनी जगह को लौट गया।
অতএব সব লোকজন জর্ডন নদী পার হয়ে গেল, এবং পরে রাজা নিজে পার হলেন। রাজা বর্সিল্লয়কে চুম্বন করলেন ও তাঁকে বিদায় জানিয়েছিলেন, এবং বর্সিল্লয় নিজের ঘরে ফিরে গেলেন।
40 तब बादशाह जिलजाल को रवाना हुआ और किम्हाम उसके साथ चला और यहूदाह के सब लोग और इस्राईल के लोगों में से भी आधे बादशाह को पार लाये।
রাজামশাই যখন নদী পার হয়ে গিল্‌গলে গেলেন, কিমহমও তাঁর সঙ্গে নদী পার হল। যিহূদার সৈন্যদলের সমস্ত সৈন্যসামন্ত ও ইস্রায়েলের সৈন্যদলের অর্ধেক সৈন্যসামন্ত রাজামশাইকে নিয়ে এসেছিল।
41 तब इस्राईल के सब लोग बादशाह के पास आकर उससे कहने लगे कि “हमारे भाई बनी यहूदाह तुझे क्यूँ चोरी से ले आए और बादशाह को और उसके घराने को और दाऊद के साथ जितने थे उनको यरदन के पार से लाये?”
অচিরেই ইস্রায়েলের সব লোকজন রাজার কাছে এসে তাঁকে বলল, “আমাদের ভাইরা, যিহূদার লোকজন কেন মহারাজকে চুরি করে নিয়ে গিয়ে আবার তাঁকে ও তাঁর পরিবার-পরিজনদের তাঁর সব লোকজন সমেত জর্ডন নদী পার করে নিয়ে এসেছে?”
42 तब सब बनी यहूदाह ने बनी इस्राईल को जवाब दिया, “इसलिए कि बादशाह का हमारे साथ नज़दीक का रिश्ता है, तब तुम इस बात की वजह से नाराज़ क्यों हुए? क्या हमने बादशाह के दाम का कुछ खा लिया है या उसने हमको कुछ इन'आम दिया है?”
যিহূদার সব লোকজন ইস্রায়েলের লোকজনকে বলল, “আমরা এরকম করেছি, কারণ মহারাজ আমাদের ঘনিষ্ঠ আত্মীয়। তোমরা এতে রাগ করছ কেন? আমরা কি মহারাজের কিছু খেয়েছি? আমরা কি নিজেদের জন্য কিছু নিয়েছি?”
43 फिर बनी इस्राईल ने बनी यहूदाह को जवाब दिया कि “बादशाह में हमारे दस हिस्से हैं और हमारा हक़ भी दाऊद पर तुम से ज़्यादा है तब तुमने क्यों हमारी हिक़ारत की, कि बादशाह को लौटा लाने में पहले हमसे सलाह नहीं ली?” और बनी यहूदाह की बातें बनी इस्राईल की बातों से ज़्यादा सख्त़ थीं।
তখন ইস্রায়েলের লোকজন যিহূদার লোকজনকে উত্তর দিয়েছিল, “মহারাজের উপর আমাদের দশ ভাগ অধিকার আছে; তাই দাউদের উপর তোমাদের তুলনায় আমাদের বেশি দাবি আছে। তোমরা কেন তবে আমাদের অবজ্ঞার চোখে দেখছ? আমরাই কি প্রথমে আমাদের মহারাজকে ফিরিয়ে আনার কথা বলিনি?” কিন্তু যিহূদার লোকজন তাদের দাবিটি ইস্রায়েলের লোকজনের তুলনায় বেশি জোরালোভাবে পেশ করল।

< 2 समु 19 >