< 2 समु 11 >
1 और ऐसा हुआ कि दूसरे साल जिस वक़्त बादशाह जंग के लिए निकलते हैं, दाऊद ने योआब और उसके साथ अपने ख़ादिमों और सब इस्राईलियों को भेजा, और उन्होंने बनी अम्मोन को क़त्ल किया और रब्बा को जा घेरा पर दाऊद येरूशलेम ही में रहा।
A la vuelta del año, en el tiempo en que salen los reyes, David envió con él a Joab y a sus siervos, y a todo Israel; y destruyeron a los hijos de Amón y sitiaron Rabá. Pero David se quedó en Jerusalén.
2 और शाम के वक़्त दाऊद अपने पलंग पर से उठकर बादशाही महल की छत पर टहलने लगा, और छत पर से उसने एक 'औरत को देखा जो नहा रही थी, और वह 'औरत निहायत ख़ूबसूरत थी।
Al anochecer, David se levantó de su cama y se paseó por el tejado de la casa real. Desde el tejado vio a una mujer bañándose, y la mujer era muy hermosa de ver.
3 तब दाऊद ने लोग भेजकर उस 'औरत का हाल दरयाफ़्त किया, और किसी ने कहा, “क्या वह इलीआम की बेटी बतसबा नहीं जो हित्ती ऊरिय्याह की बीवी है?”
David envió a preguntar por la mujer. Le dijo: “¿No es ésta Betsabé, la hija de Eliam, esposa de Urías el hitita?”.
4 और दाऊद ने लोग भेजकर उसे बुला लिया, वह उसके पास आई और उसने उससे सोहबत की (क्यूँकि वह अपनी नापाकी से पाक हो चुकी थी) फिर वह अपने घर को चली गई।
David envió mensajeros, y la tomó; ella entró a él, y él se acostó con ella (pues estaba purificada de su impureza); y ella volvió a su casa.
5 और वह औरत हाम्ला हो गई, तब उसने दाऊद के पास ख़बर भेजी कि “मैं हाम्ला हूँ।”
La mujer concibió, y envió a avisar a David, diciendo: “Estoy embarazada”.
6 और दाऊद ने योआब को कहला भेजा कि “हित्ती ऊरिय्याह को मेरे पास भेज दे।” इसलिए योआब ने ऊरिय्याह को दाऊद के पास भेज दिया।
David envió a Joab: “Envíame a Urías el hitita”. Joab envió a Urías a David.
7 और जब ऊरिय्याह आया तो दाऊद ने पूछा कि योआब कैसा है और लोगों का क्या हाल है और जंग कैसी हो रही है?
Cuando Urías llegó a él, David le preguntó cómo le había ido a Joab, cómo le había ido al pueblo y cómo había prosperado la guerra.
8 फिर दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा कि “अपने घर जा और अपने पाँव धो।” और ऊरिय्याह बादशाह के महल से निकला और बादशाह की तरफ़ से उसके पीछे पीछे एक ख़्वान भेजा गया।
David le dijo a Urías: “Baja a tu casa y lávate los pies”. Urías salió de la casa del rey, y se envió tras él un regalo del rey.
9 लेकिन ऊरिय्याह बादशाह के घर के आस्ताना पर अपने मालिक के और सब ख़ादिमों के साथ सोया और अपने घर न गया।
Pero Urías durmió a la puerta de la casa del rey con todos los servidores de su señor, y no bajó a su casa.
10 और जब उन्होंने दाऊद को यह बताया कि “ऊरिय्याह अपने घर नहीं गया। तो दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, क्या तू सफ़र से नहीं आया? तब तू अपने घर क्यों नहीं गया?”
Cuando se lo contaron a David, diciendo: “Urías no bajó a su casa”, David le dijo a Urías: “¿No vienes de viaje? ¿Por qué no has bajado a tu casa?”
11 ऊरिय्याह ने दाऊद से कहा कि “संदूक़ और इस्राईल और यहूदाह झोंपड़ियों में रहते हैं और मेरा मालिक योआब और मेरे मालिक के ख़ादिम खुले मैदान में डेरे डाले हुए हैं तो क्या मैं अपने घर जाऊँ और खाऊँ पियूँ और अपनी बीवी के साथ सोऊँ? तेरी हयात और तेरी जान की क़सम मुझसे यह बात न होगी।”
Urías dijo a David: “El arca, Israel y Judá están en tiendas, y mi señor Joab y los servidores de mi señor están acampados en el campo. ¿Debo, pues, entrar en mi casa para comer y beber, y acostarme con mi mujer? Mientras vivas tú y tu alma, no haré esto”.
12 फिर दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा कि “आज भी तू यहीं रह जा, कल मैं तुझे रवाना कर दूँगा।” इसलिए ऊरिय्याह उस दिन और दूसरे दिन भी येरूशलेम में रहा।
David le dijo a Urías: “Quédate aquí también hoy, y mañana te dejaré partir”. Así que Urías se quedó en Jerusalén ese día y el siguiente.
13 और जब दाऊद ने उसे बुलाया तो उसने उसके सामने खाया पिया और उसने उसे पिलाकर मतवाला किया और शाम को वह बाहर जाकर अपने मालिक के और ख़ादिमों के साथ अपने बिस्तर पर सो रहा पर अपने घर को न गया।
Cuando David lo llamó, comió y bebió delante de él, y lo embriagó. Al anochecer, salió a acostarse en su cama con los servidores de su señor, pero no bajó a su casa.
14 सुबह को दाऊद ने योआब के लिए ख़त लिखा और उसे ऊरिय्याह के हाथ भेजा।
Por la mañana, David escribió una carta a Joab y la envió por mano de Urías.
15 और उसने ख़त में यह लिखा कि “ऊरिय्याह को जंग में सबसे आगे रखना और तुम उसके पास से हट जाना ताकि वह मारा जाए और जाँ बहक़ हो।”
En la carta le decía: “Envía a Urías a la vanguardia de la batalla más caliente, y retírate de él, para que sea golpeado y muera”.
16 और यूँ हुआ कि जब योआब ने उस शहर का जाइज़ा कर लिया तो उसने ऊरिय्याह को ऐसी जगह रख्खा जहाँ वह जानता था कि बहादुर मर्द हैं।
Cuando Joab vigilaba la ciudad, destinó a Urías al lugar donde sabía que había hombres valientes.
17 और उस शहर के लोग निकले ओर योआब से लड़े और वहाँ दाऊद के ख़ादिमों में से थोड़े से लोग काम आए और हित्ती ऊरिय्याह भी मर गया।
Los hombres de la ciudad salieron y lucharon con Joab. Algunos de ellos cayeron, incluso de los siervos de David, y también murió Urías el hitita.
18 तब योआब ने आदमी भेज कर जंग का सब हाल दाऊद को बताया।
Entonces Joab envió a contarle a David todo lo concerniente a la guerra;
19 और उसने क़ासिद को नसीहत कर दी कि “जब तू बादशाह से जंग का सब हाल बयां कर चुके।
y le ordenó al mensajero que dijera: “Cuando termines de contarle al rey todo lo concerniente a la guerra,
20 तब अगर ऐसा हो कि बादशाह को ग़ुस्सा आ जाये और वह तुझसे कहने लगे कि तुम लड़ने को शहर के ऐसे नज़दीक क्यों चले गये? क्या तुम नहीं जानते थे कि वह दीवार पर से तीर मारेंगे?
sucederá que, si se levanta la ira del rey y te pregunta: ‘¿Por qué te acercaste tanto a la ciudad para pelear? ¿No sabías que iban a disparar desde la muralla?
21 यरोब्बुसत के बेटे अबीमलिक को किसने मारा? क्या एक 'औरत ने चक्की का पात दीवार परसे उसके ऊपर ऐसा नहीं फेंका कि वह तैबिज़ में मर गया? इसलिए तुम शहर की दीवार के नज़दीक क्यों गये? तो फिर तू कहना कि तेरा ख़ादिम हित्ती ऊरिय्याह भी मर गया।”
¿Quién golpeó a Abimelec, hijo de Jerubbeshet? ¿No le arrojó una mujer una piedra de molino desde el muro, para que muriera en Tebas? ¿Por qué te acercaste tanto a la muralla?” Entonces dirás: “Tu siervo Urías el hitita también ha muerto”.
22 तब वह क़ासिद चला और आकर जिस काम के लिए योआब ने उसे भेजा था वह सब दाऊद को बताया।
El mensajero fue, y vino y le mostró a David todo lo que Joab le había enviado.
23 और उस क़ासिद ने दाऊद से कहा “कि वह लोग हमपर ग़ालिब हुए और निकल कर मैदान में हमारे पास आगए, फिर हम उनको दौड़ाते हुए फाटक के मदख़ल तक चले गये।
El mensajero dijo a David: “Los hombres se impusieron a nosotros, y salieron al campo; y estuvimos sobre ellos hasta la entrada de la puerta.
24 तब तीरंदाज़ों ने दीवार पर से तेरे ख़ादिमों पर तीर छोड़े, इसलिए बादशाह के थोड़े ख़ादिम भी मरे और तेरा ख़ादिम हित्ती ऊरिय्याह भी मर गया।”
Los tiradores dispararon contra tus siervos desde el muro; y algunos de los siervos del rey han muerto, y tu siervo Urías el hitita también ha muerto.”
25 तब दाऊद ने क़ासिद से कहा कि, “तू योआब से यूँ कहना कि तुझे इस बात से ना ख़ुशी न हो इसलिए कि तलवार जैसा एक को उड़ाती है वैसा ही दूसरे को, इसलिए तू शहर से और सख़्त जंग करके उसे ढा दे और तू उसे हिम्मत देना।”
Entonces David dijo al mensajero: “Dile a Joab: ‘No dejes que esto te disguste, pues la espada devora a uno como a otro. Haz que tu batalla sea más fuerte contra la ciudad, y derríbala’. Anímalo”.
26 जब और्य्याह की बीवी ने सुना कि उसका शौहर ऊरिय्याह मर गया तो वह अपने शौहर के लिए मातम करने लगी।
Cuando la mujer de Urías se enteró de que su marido había muerto, hizo duelo por su marido.
27 और जब मातम के दिन गुज़र गए तो दाऊद ने बुलवाकर उसको अपने महल में रख लिया और वह उसकी बीवी हो गई और उससे उसके एक लड़का हुआ पर उस काम से जिसे दाऊद ने किया था ख़ुदावन्द नाराज़ हुआ।
Cuando pasó el luto, David la envió y la llevó a su casa, y ella se convirtió en su esposa y le dio un hijo. Pero lo que David había hecho desagradó a Yahvé.