< 2 सला 9 >

1 और इलीशा' नबी ने अम्बियाज़ादों में से एक को बुलाकर उससे कहा, अपनी कमर बाँध, और तेल की ये कुप्पी अपने हाथ में ले, और रामात जिल'आद को जा।
وَاسْتَدْعَى أَلِيشَعُ النَّبِيُّ أَحَدَ الأَنْبِيَاءِ وَقَالَ لَهُ: «تَمَنْطَقْ بِحِزَامِكَ وَخُذْ قِنِّينَةَ الزَّيْتِ مَعَكَ، وَانْطَلِقْ إِلَى رَامُوتِ جِلْعَادَ.١
2 और जब तू वहाँ पहुँचे तो याहू — बिन — यहूसफ़त बिन — निमसी को पूछ, और अन्दर जाकर उसे उसके भाइयों में से उठा और अन्दर की कोठरी में ले जा।
وَحَالَمَا تَصِلُ إِلَى هُنَاكَ ابْحَثْ عَنْ يَاهُو بْنِ يَهُوشَافَاطَ بْنِ نِمْشِي، وَانْتَحِ بِهِ فِي مُخْدَعٍ دَاخِلِيٍّ،٢
3 फिर तेल की यह कुप्पी लेकर उसके सिर पर डाल और कह, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि मैंने तुझे मसह करके इस्राईल का बादशाह बनाया है,' फिर तू दरवाज़ा खोल कर भागना और ठहरना मत।”
وَصُبَّ مِنْ قِنِّينَةِ الزَّيْتِ عَلَى رَأْسِهِ وَقُلْ لَهُ: هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: قَدِ اخْتَرْتُكَ لِتَكُونَ مَلِكاً عَلَى إِسْرَائِيلَ. ثُمَّ افْتَحِ الْبَابَ وَأَسْرِعْ بِالْهَرَبِ مِنْ غَيْرِ تَوَانٍ».٣
4 तब वह जवान, या'नी वह जवान जो नबी था, रामात जिल'आद को गया।
فَمَضَى النَّبِيُّ الشَّابُّ إِلَى رَامُوتِ جِلْعَادَ،٤
5 जब वह पहुँचा तो लश्कर के सरदार बैठे हुए थे उसने कहा, “ऐ सरदार, मेरे पास तेरे लिए एक पैग़ाम है।” याहू ने कहा, “हम सभों में से किसके लिए?” उसने कहा, “ऐ सरदार, तेरे लिए।”
وَدَخَلَ حَيْثُ كَانَ الْقَادَةُ جُلُوساً. فَقَالَ: «لِي حَدِيثٌ خَاصٌّ مَعَكَ أَيُّهَا الْقَائِدُ» فَسَأَلَهُ يَاهُو: «مَعَ أَيِّ قَائِدٍ مِنَّا؟» فَأَجَابَ: «مَعَكَ أَنْتَ أَيُّهَا الْقَائِدُ».٥
6 तब वह उठ कर उस घर में गया, तब उसने उसके सिर पर वह तेल डाला, और उससे कहा, “ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि मैंने तुझे मसह करके ख़ुदावन्द की क़ौम या'नी इस्राईल का बादशाह बनाया है।
فَنَهَضَ وَتَبِعَهُ إِلَى مُخْدَعٍ دَاخِلِيٍّ، حَيْثُ صَبَّ النَّبِيُّ الزَّيْتَ عَلَى رَأْسِهِ وَقَالَ لَهُ: «هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: قَدِ اخْتَرْتُكَ لِتَكُونَ مَلِكاً عَلَى شَعْبِ الرَّبِّ إِسْرَائِيلَ،٦
7 इसलिए तू अपने मालिक अख़ीअब के घराने को मार डालना, ताकि मैं अपने बन्दों, नबियों के ख़ून का और ख़ुदावन्द के सब बन्दों के ख़ून का इन्तिक़ाम ईज़बिल के हाथ से लूँ।
فَتَقْضِي عَلَى بَيْتِ آخْابَ سَيِّدِكَ وَتَنْتَقِمُ لِدِمَاءِ عَبِيدِي الأَنْبِيَاءِ وَدِمَاءِ جَمِيعِ أَتْقِيَاءِ الرَّبِّ مِنْ إِيزَابِل،٧
8 क्यूँकि अख़ीअब का सारा घराना हलाक होगा, और मैं अख़ीअब की नस्ल के हर एक लड़के को, और उसको जो इस्राईल में बन्द है और उसको जो आज़ाद छूटा हुआ है, काट डालूँगा।
وَبِذَلِكَ تُفْنِي كُلَّ بَيْتِ آخْابَ، وَتَسْتَأْصِلُ مِنْ بَيْتِ آخْابَ كُلَّ ذَكَرٍ، حُرّاً كَانَ أَمْ عَبْداً.٨
9 और मैं अख़ीअब के घर को नबात के बेटे युरब'आम के घर और अखि़याह के बेटे बाशा के घर की तरह कर दूँगा।
وَتَجْعَلُ مَصِيرَ بَيْتِ آخْابَ كَمَصِيرِ بَيْتِ يَرُبْعَامَ بْنِ نَبَاطَ، وَكَمَصِيرِ بَيْتِ بَعْشَا بْنِ أَخِيَّا.٩
10 और ईज़बिल को यज़र'एल के इलाके़ में कुत्ते खाएँगे, वहाँ कोई न होगा जो उसे दफ़्न करे।” फिर वह दरवाज़ा खोल कर भागा।
وَتَلْتَهِمُ الْكِلابُ إِيزَابِلَ فِي حَقْلِ يَزْرَعِيلَ، وَلَنْ تَجِدَ مَنْ يَدْفِنُهَا». ثُمَّ فَتَحَ الْبَابَ وَلاذَ بِالْفِرَارِ.١٠
11 तब याहू अपने मालिक के ख़ादिमों के पास बाहर आया; और एक ने उससे पूछा, “सब खै़र तो है? यह दीवाना तेरे पास क्यूँ आया था?” उसने उनसे कहा, “तुम उस शख़्स से और उसके पैग़ाम से वाक़िफ हो।”
وَعِنْدَمَا رَجَعَ يَاهُو إِلَى حَيْثُ يَجْتَمِعُ رِجَالُ سَيِّدِهِ سُئِلَ: «أَخَيْرٌ؟ لِمَاذَا جَاءَكَ هَذَا الْمَجْنُونُ؟» فَأَجَابَهُمْ: «أَنْتُمْ تَعْرِفُونَ الرَّجُلَ وَمَا يَهْذِي بِهِ».١١
12 उन्होंने कहा, “यह झूठ है; अब हम को हाल बता।” उसने कहा, “उसने मुझ से इस तरह की बात की और कहा, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि “मैंने तुझे मसह करके इस्राईल का बादशाह बनाया है।’”
فَقَالُوا: «هَذَا لَيْسَ صَحِيحاً. أَخْبِرْنَا الصِّدْقَ». فَقَالَ: «إِلَيْكُمْ مَا خَاطَبَنِي بِهِ: قَالَ: هَذَا مَا صَدَرَ عَنِ الرَّبِّ: قَدِ اخْتَرْتُكَ لِتَكُونَ مَلِكاً عَلَى إِسْرَائِيلَ».١٢
13 तब उन्होंने जल्दी की और हर एक ने अपनी पोशाक लेकर उसके नीचे सीढ़ियों की चोटी पर बिछाई, और तुरही फूंककर कहने लगे, “याहू बादशाह है।”
فَبَادَرَ كُلُّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ وَفَرَشَ ثَوْبَهُ فَوْقَ دَرَجَاتِ السُّلَّمِ حَيْثُ كَانَ يَقِفُ، وَنَفَخُوا بِالأَبْوَاقِ قَائِلِينَ: «قَدْ مَلَكَ يَاهُو».١٣
14 तब याहू — बिन — यहूसफ़त — बिन — निमसी ने यूराम के ख़िलाफ़ साज़िश की। और यूराम सारे इस्राईल के साथ अराम के बादशाह हज़ाएल की वजह से रामात जिल'आद की हिमायत कर रहा था;
وَهَكَذَا تَمَرَّدَ يَاهُو بْنُ يَهُوشَافَاطَ بْنِ نِمْشِي عَلَى يُورَامَ. وَكَانَ يُورَامُ مَعَ سَائِرِ جَيْشِ إِسْرَائِيلَ يُدَافِعُونَ عَنْ رَامُوتِ جِلْعَادَ ضِدَّ هَجَمَاتِ حَزَائِيلَ مَلِكِ أَرَامَ.١٤
15 लेकिन यूराम बादशाह लौट गया था, ताकि यज़र'एल में उन ज़ख़्मों का इलाज कराए जो अराम के बादशाह हज़ाएल से लड़ते वक़्त अरामियों के हाथ से लगे थे। तब याहू ने कहा, “अगर तुम्हारी मर्ज़ी यही है, तो कोई यज़र'एल जाकर ख़बर करने के लिए इस शहर से भागने और निकलने न पाए।”
وَكَانَ يَهُورَامُ الْمَلِكُ قَدْ لَجَأَ إِلَى يَزْرَعِيلَ رَيْثَمَا يَبْرَأُ مِنَ الْجِرَاحِ الَّتِي أَصَابَهُ بِها الأَرَامِيُّونَ فِي حَرْبِهِ مَعَ حَزَائِيلَ مَلِكِ أَرَامَ. فَقَالَ يَاهُو: «إِنْ كَانَتْ هَذِهِ رَغْبَتَكُمْ فَلا تَدَعُوا أَحَداً يَنْسَلُّ مِنَ الْمَدِينَةِ لِيُذِيعَ الْخَبَرَ فِي يَزْرَعِيلَ».١٥
16 और याहू रथ पर सवार होकर यज़र'एल को गया, क्यूँकि यूराम वहीं पड़ा हुआ था। और यहूदाह का बादशाह अख़ज़ियाह यूराम की मुलाक़ात को आया हुआ था।
ثُمَّ امْتَطَى مَرْكَبَتَهُ وَانْطَلَقَ إِلَى يَزْرَعِيلَ حَيْثُ كَانَ يُورَامُ مُضْطَجِعاً هُنَاكَ، وَقَدْ جَاءَ أَخَزْيَا مَلِكُ يَهُوذَا لِيَزُورَهُ.١٦
17 यज़र'एल में निगहबान बुर्ज पर खड़ा था, और उसने जो याहू के लश्कर को आते हुए देखा, तो कहा, “मुझे एक लश्कर दिखाई देता है।” यूराम ने कहा, एक सवार को लेकर उनसे मिलने को भेज, वह ये पूछे, “ख़ैर है?”
وَكَانَ الرَّقِيبُ قَائِماً عَلَى بُرْجِ يَزْرَعِيلَ، فَشَاهَدَ جَمَاعَةَ يَاهُو مُقْبِلِينَ، فَقَالَ لِلْمَلِكِ: «إِنِّي أَرَى قَوْماً قَادِمِينَ». فَأَمَرَهُ يَهُورَامُ: «أَرْسِلْ فَارِساً لِلِقَائِهِمْ، فَيَسْأَلَهُمْ: أَلِلْخَيْرِ قُدُومُهُمْ؟»١٧
18 चुनाँचे एक शख़्स घोड़े पर उससे मिलने को गया और कहा, बादशाह पूछता है, 'ख़ैर है?' “याहू ने कहा, तुझ को खै़र से क्या काम? मेरे पीछे हो ले।” फिर निगहबान ने कहा, “क़ासिद उनके पास पहुँच तो गया, लेकिन वापस नहीं आता।”
فَانْدَفَعَ فَارِسٌ لِلِقَائِهِمْ قَائِلاً: «إِنَّ الْمَلِكَ يَسْأَلُ: أَلِلْخَيْرِ قُدُومُكُمْ؟» فَأَجَابَهُ يَاهُو: «مَا شَأْنُكَ بِالْخَيْرِ؟ دُرْ وَانْضَمَّ إِلَيَّ». فَقَالَ الرَّقِيبُ لِلْمَلِكِ: «قَدْ وَصَلَ الرَّسُولُ إِلَيْهِمْ وَلَمْ يَرْجِعْ».١٨
19 तब उसने दूसरे को घोड़े पर रवाना किया, जिसने उनके पास जाकर उनसे कहा, बादशाह यूँ कहता है, 'ख़ैर है?' “याहू ने जवाब दिया, तुझे ख़ैर से क्या काम? मेरे पीछे हो ले।”
فَأَرْسَلَ فَارِساً آخَرَ. فَلَمَّا الْتَقَاهُمْ قَالَ: «إِنَّ الْمَلِكَ يَسْأَلُ: أَلِلْخَيْرِ قُدُومُكُمْ؟» فَأَجَابَهُ يَاهُو: «مَا شَأْنُكَ بِالْخَيْرِ؟ دُرْ وَانْضَمَّ إِلَيَّ».١٩
20 फिर निगहबान ने कहा, “वह भी उनके पास पहुँच तो गया, लेकिन वापस नहीं आता। और रथ का हाँकना ऐसा है जैसे निमसी के बेटे याहू का हाँकना होता है, क्यूँकि वही सुस्ती से हाँकता है।”
فَقَالَ الرَّقِيبُ لِلْمَلِكِ: «قَدْ وَصَلَ الرَّسُولُ إِلَيْهِمْ وَلَمْ يَرْجِعْ. وَقِيَادَةُ الْمَرْكَبَةِ شَبِيهَةٌ بِقِيَادَةِ يَاهُو بْنِ نِمْشِي، لأَنَّهُ يَقُودُهَا كَرَجُلٍ مَجْنُونٍ».٢٠
21 तब यूराम ने फ़रमाया, “जोत ले।” तब उन्होंने उसके रथ को जोत लिया। तब इस्राईल का बादशाह यूराम और यहूदाह का बादशाह अख़ज़ियाह अपने — अपने रथ पर निकले और याहू से मिलने को गए, और यज़र'एली नबोत की मिल्कियत में उससे दो चार हुए।
فَأَمَرَ يَهُورَامُ بِتَجْهِيزِ مَرْكَبَتِهِ، وَخَرَجَ يُصَاحِبُهُ أَخَزْيَا مَلِكُ يَهُوذَا، كُلٌّ فِي مَرْكَبَتِهِ، لِلِقَاءِ يَاهُو. فَصَادَفَاهُ عِنْدَ حَقْلِ نَابُوتَ الْيَزْرَعِيلِيِّ٢١
22 यूराम ने याहू को देखकर कहा, “ऐ याहू, खै़र है?” उसने जवाब दिया, “जब तक तेरी माँ ईज़बिल की ज़िनाकारियाँ और उसकी जादूगरियाँ इस क़दर हैं, तब तक कैसी ख़ैर?”
فَلَمَّا رَأَى يَهُورَامُ يَاهُو سَأَلَهُ: «أَلِلْخَيْرِ قُدُومُكَ؟» فَأَجَابَهُ يَاهُو: «أَيُّ خَيْرٍ مَادَامَ فُجُورُ أُمِّكَ إِيزَابِلَ وَسِحْرُهَا مُتَفَشِّيَيْنِ؟»٢٢
23 तब यूराम ने बाग़' मोड़ी और भागा, और अख़ज़ियाह से कहा, “ऐ अख़ज़ियाह यह धोखा है।”
فَأَمْسَكَ يَهُورَامُ زِمَامَ الْمَرْكَبَةِ وَأَطْلَقَ الْعِنَانَ لِخُيُولِهِ هَارِباً هَاتِفاً بِأَخَزْيَا: «خِيَانَةً يَا أَخَزْيَا!»٢٣
24 तब याहू ने अपने सारे ज़ोर से कमान खेंची', और यूराम के दोनों शानों के बीच ऐसा मारा के तीर उसके दिल से पार हो गया और वह अपने रथ में गिरा।
فَأَطْلَقَ يَاهُو سَهْماً عَلَى يَهُورَامَ اخْتَرَقَ ظَهْرَهُ وَنَفَذَ مِنْ قَلْبِهِ، فَأَرْدَاهُ قَتِيلاً فِي مَرْكَبَتِهِ،٢٤
25 तब याहू ने अपने लश्कर के सरदार बिदक़र से कहा, उसे लेकर यज़र'एली नबोत की मिल्कियत के खेत में डाल दे; क्यूँकि याद कर कि जब मैं और तू उसके बाप अख़ीअब के पीछे पीछे सवार होकर चल रहे थे, तो ख़ुदावन्द ने ये फ़तवा उस पर दिया था,
وَقَالَ لِبِدْقَرَ قَائِدِ مَرْكَبَتِهِ: «ارْفَعْهُ وَاطْرَحْهُ فِي حَقْلِ نَابُوتَ الْيَزْرَعِيلِيِّ، وَتَذَكَّرْ كَيْفَ أَنَّ الرَّبَّ، حِينَ كُنْتُ أَنَا وَأَنْتَ رَاكِبَيْنِ خَلْفَ أَبِيهِ آخْابَ قَدْ قَضَى عَلَيْهِ بِهَذَا الْعِقَابِ،٢٥
26 “यक़ीनन मैंने कल नबोत के ख़ून और उसके बेटों के ख़ून को देखा है, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; और मैं इसी खेत में तुझे बदला दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है। इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है, उसे लेकर उसी जगह डाल दे।”
فَالرَّبُّ يَقُولُ: لَقَدْ رَأَيْتُ أَمْساً دَمَ نَابُوتَ وَدِمَاءَ أَبْنَائِهِ، لِهَذَا لابُدَّ أَنْ أُعَاقِبَكَ فِي هَذَا الْحَقْلِ. فَالآنَ ارْفَعْهُ وَاطْرَحْهُ فِي الْحَقْلِ حَسَبَ قَوْلِ الرَّبِّ».٢٦
27 लेकिन जब यहूदाह के बादशाह अख़ज़ियाह ने ये देखा, तो वह बाग़ की बारह दरी के रास्ते से निकल भागा। और याहू ने उसका पीछा किया और कहा, “उसे भी रथ ही में मार दो।” चुनाँचे उन्होंने उसे जूर की चढ़ाई पर, जो इबली'आम के क़रीब है मारा; और वो मजिही को भागा, और वहीं मर गया।
وَعِنْدَمَا رَأَى أَخَزْيَا مَلِكُ يَهُوذَا هَذَا، فَرَّ هَارِباً فِي الطَّرِيقِ الْمُفْضِيَةِ إِلَى بَيْتِ الْبُسْتَانِ، فَتَعَقَّبَهُ يَاهُو هَاتِفاً: «اقْتُلُوهُ». فَأَصَابُوهُ بِجِرَاحٍ مُمِيتَةٍ وَهُوَ فِي مَرْكَبَتِهِ عِنْدَ عَقَبَةِ جُورَ الْقَرِيبَةِ مِنْ يِبْلَعَامَ، وَلَكِنَّهُ تَابَعَ هَرَبَهُ إِلَى مَجِدُّو حَيْثُ مَاتَ هُنَاكَ.٢٧
28 और उसके ख़ादिम उसको एक रथ में येरूशलेम को ले गए, और उसे उसकी क़ब्र में दाऊद के शहर में उसके बाप — दादा के साथ दफ़न किया।
فَنَقَلَهُ رِجَالُهُ فِي مَرْكَبَتِهِ إِلَى أُورُشَلِيمَ حَيْثُ دَفَنُوهُ فِي قَبْرِهِ مَعَ آبَائِهِ فِي مَدِينَةِ دَاوُدَ.٢٨
29 और अख़ीअब के बेटे यूराम के ग्यारहवें साल अख़ज़ियाह यहूदाह का बादशाह हुआ।
وَكَانَ أَخَزْيَا قَدْ مَلَكَ عَلَى يَهُوذَا فِي السَّنَةِ الْحَادِيَةِ عَشْرَةَ مِنْ حُكْمِ يُورَامَ بْنِ آخْابَ عَلَى إِسْرَائِيلَ.٢٩
30 जब याहू यज़र'एल में आया, तो ईज़बिल ने सुना और अपनी आँखों में सुरमा लगा, और अपना सिर संवार खिड़की से झाँकने लगी।
وَتَوَجَّهَ يَاهُو إِلَى يَزْرَعِيلَ. فَلَمَّا عَلِمَتْ إِيزَابِلُ بِذَلِكَ كَحَّلَتْ عَيْنَيْهَا وَزَيَّنَتْ شَعْرَهَا وَأَطَلَّتْ مِنَ الكُوَّةِ.٣٠
31 और जैसे ही याहू फाटक में दाखिल हुआ, वह कहने लगी, “ऐ ज़िमरी। अपने आक़ा के क़ातिल, खै़र तो है?”
وَعِنْدَمَا اجْتَازَ يَاهُو عَتَبَةَ بَابِ سَاحَةِ الْقَصْرِ قَالَتْ: «أَجِئْتَ مُسَالِماً يَا زِمْرِي يَا قَاتِلَ سَيِّدِهِ؟»٣١
32 पर उसने खिड़की की तरफ़ मुँह उठा कर कहा, “मेरी तरफ़ कौन है, कौन?” तब दो तीन ख़्वाजासराओं ने इसकी तरफ़ देखा।
فَرَفَعَ وَجْهَهُ إِلَيْهَا وَصَاحَ: «مَنْ هُنَا مَعِي؟» فَأَشْرَفَ عَلَيْهِ اثْنَانِ أَوْ ثَلاثَةٌ مِنَ الْخِصْيَانِ.٣٢
33 इसने कहा, “उसे नीचे गिरा दो।” तब उन्होंने उसे नीचे गिरा दिया, और उसके ख़ून के छींटें दीवार पर और घोड़ों पर पड़ीं, और इसने उसे पैरों तले रौदा।
فَقَالَ: «اطْرَحُوهَا». فَأَلْقَوْا بِها مِنَ الكُوَّةِ فَتَنَاثَرَ بَعْضُ دَمِهَا عَلَى الْجِدَارِ وَعَلَى الْخَيْلِ الَّتِي دَاسَتْهَا بِحَوَافِرِهَا.٣٣
34 जब ये अन्दर आया, तो इसने खाया पिया; फिर कहने लगा, “जाओ, उस ला'नती 'औरत को देखो, और उसे दफ़्न करो क्यूँकि वह शहज़ादी है।”
وَدَخَلَ بَعْدَ ذَلِكَ إِلَى الْقَصْرِ حَيْثُ أَكَلَ وَشَرِبَ ثُمَّ قَالَ: «اذْهَبُوا وَافْتَقِدُوا هَذِهِ الْمَرْأَةَ الْمَلْعُونَةَ وَادْفِنُوهَا، لأَنَّهَا بِنْتُ مَلِكٍ».٣٤
35 और वह उसे दफ़्न करने गए, पर सिर और उसके पैर और हथेलियों के सिवा उसका और कुछ उनको न मिला।
وَعِنْدَمَا خَرَجُوا لِيَدْفِنُوهَا لَمْ يَجِدُوا مِنْ أَشْلائِهَا سِوَى الْجُمْجُمَةِ وَالرِّجْلَيْنِ وَكَفَّيِ الْيَدَيْنِ،٣٥
36 इसलिए वह लौट आए और उसे ये बताया, इसने कहा, ये ख़ुदावन्द का वही सुख़न है, जो उसने अपने बन्दे एलियाह तिशबी के मा'रिफ़त फ़रमाया था, 'यज़र'एल के इलाके़ में कुत्ते ईज़बिल का गोश्त खाएँगे;
فَرَجَعُوا وَأَخْبَرُوهُ، فَقَالَ: «هَذَا إِتْمَامٌ لِقَضَاءِ الرَّبِّ الَّذِي نَطَقَ بِهِ عَلَى لِسَانِ إِيلِيَّا التِّشْبِيِّ قَائِلاً: إِنَّ الْكِلابَ سَتَلْتَهِمُ لَحْمَ إِيزَابِلَ فِي حَقْلِ يَزْرَعِيلَ.٣٦
37 और ईज़बिल की लाश यज़र'एल के इलाके़ में खेत में खाद की तरह पड़ी रहेगी, यहाँ तक कि कोई न कहेगा कि “यह ईज़बिल है।”
وَتُصْبِحُ جُثَّةُ إِيزَابِلَ كَالزِّبْلِ عَلَى وَجْهِ حَقْلِ يَزْرَعِيلَ بِحَيْثُ لَا يَتَعَرَّفُ عَلَيْهَا أَحَدٌ فَيَقُولُ: هَذِهِ إِيزَابِلُ».٣٧

< 2 सला 9 >