< 2 सला 23 >

1 और बादशाह ने लोग भेजे, और उन्होंने यहूदाह और येरूशलेम के सब बुज़ुर्गों को उसके पास जमा' किया।
וַיִּשְׁלַח הַמֶּלֶךְ וַיַּאַסְפוּ אֵלָיו כׇּל־זִקְנֵי יְהוּדָה וִירוּשָׁלָֽ͏ִם׃
2 और बादशाह ख़ुदावन्द के घर को गया, और उसके साथ यहूदाह के सब लोग, और येरूशलेम के सब बाशिन्दे, और काहिन, और नबी, और सब छोटे बड़े आदमी थे, और उसने जो 'अहद की किताब ख़ुदावन्द के घर में मिली थी, उसकी सब बातें उनको पढ़ सुनाई।
וַיַּעַל הַמֶּלֶךְ בֵּית־יְהֹוָה וְכׇל־אִישׁ יְהוּדָה וְכׇל־יֹשְׁבֵי יְרוּשָׁלַ͏ִם אִתּוֹ וְהַכֹּֽהֲנִים וְהַנְּבִיאִים וְכׇל־הָעָם לְמִקָּטֹן וְעַד־גָּדוֹל וַיִּקְרָא בְאׇזְנֵיהֶם אֶת־כׇּל־דִּבְרֵי סֵפֶר הַבְּרִית הַנִּמְצָא בְּבֵית יְהֹוָֽה׃
3 और बादशाह सुतून के बराबर खड़ा हुआ, और उसने ख़ुदावन्द की पैरवी करने और उसके हुक्मों और शहादतों और तौर तरीक़े को अपने सारे दिल और सारी जान से मानने, और इस 'अहद की बातों पर जो उस किताब में लिखी हैं 'अमल करने के लिए ख़ुदावन्द के सामने 'अहद बाँधा, और सब लोग उस 'अहद पर क़ायम हुए।
וַיַּֽעֲמֹד הַמֶּלֶךְ עַֽל־הָעַמּוּד וַיִּכְרֹת אֶֽת־הַבְּרִית ׀ לִפְנֵי יְהֹוָה לָלֶכֶת אַחַר יְהֹוָה וְלִשְׁמֹר מִצְוֺתָיו וְאֶת־עֵדְוֺתָיו וְאֶת־חֻקֹּתָיו בְּכׇל־לֵב וּבְכׇל־נֶפֶשׁ לְהָקִים אֶת־דִּבְרֵי הַבְּרִית הַזֹּאת הַכְּתֻבִים עַל־הַסֵּפֶר הַזֶּה וַיַּעֲמֹד כׇּל־הָעָם בַּבְּרִֽית׃
4 फिर बादशाह ने सरदार काहिन ख़िलक़ियाह को, और उन काहिनों को जो दूसरे दर्जे के थे, और दरबानों को हुक्म किया कि उन सब बर्तनों को जो बा'ल और यसीरत और आसमान की सारी फ़ौज के लिए बनाए गए थे, ख़ुदावन्द की हैकल से बाहर निकालें, और उसने येरूशलेम के बाहर क़िद्रोन के खेतों में उनको जला दिया और उनकी राख बैतएल पहुँचाई।
וַיְצַו הַמֶּלֶךְ אֶת־חִלְקִיָּהוּ הַכֹּהֵן הַגָּדוֹל וְאֶת־כֹּהֲנֵי הַמִּשְׁנֶה וְאֶת־שֹׁמְרֵי הַסַּף לְהוֹצִיא מֵהֵיכַל יְהֹוָה אֵת כׇּל־הַכֵּלִים הָֽעֲשׂוּיִם לַבַּעַל וְלָאֲשֵׁרָה וּלְכֹל צְבָא הַשָּׁמָיִם וַֽיִּשְׂרְפֵם מִחוּץ לִירוּשָׁלַ͏ִם בְּשַׁדְמוֹת קִדְרוֹן וְנָשָׂא אֶת־עֲפָרָם בֵּֽית־אֵֽל׃
5 और उसने उन बुत परस्त काहिनों को, जिनको शाहान — ए — यहूदाह ने यहूदाह के शहरों के ऊँचे मक़ामों और येरूशलेम के आस — पास के मक़ामों में ख़ुशबू जलाने को मुक़र्रर किया था, और उनको भी जो बा'ल और चाँद और सूरज और सय्यारे और आसमान के सारे लश्कर के लिए ख़ुशबू जलाते थे, मौक़ूफ़ किया।
וְהִשְׁבִּית אֶת־הַכְּמָרִים אֲשֶׁר נָֽתְנוּ מַלְכֵי יְהוּדָה וַיְקַטֵּר בַּבָּמוֹת בְּעָרֵי יְהוּדָה וּמְסִבֵּי יְרֽוּשָׁלָ͏ִם וְאֶת־הַֽמְקַטְּרִים לַבַּעַל לַשֶּׁמֶשׁ וְלַיָּרֵחַ וְלַמַּזָּלוֹת וּלְכֹל צְבָא הַשָּׁמָֽיִם׃
6 और वह यसीरत को ख़ुदावन्द के घर से येरूशलेम के बाहर क़िद्रोन के नाले पर ले गया, और उसे क़िद्रोन के नाले पर जला दिया और उसे कूट कूटकर ख़ाक बना दिया और उसे 'आम लोगों की क़ब्रों पर फेंक दिया।
וַיֹּצֵא אֶת־הָאֲשֵׁרָה מִבֵּית יְהֹוָה מִחוּץ לִירֽוּשָׁלַ͏ִם אֶל־נַחַל קִדְרוֹן וַיִּשְׂרֹף אֹתָהּ בְּנַחַל קִדְרוֹן וַיָּדֶק לְעָפָר וַיַּשְׁלֵךְ אֶת־עֲפָרָהּ עַל־קֶבֶר בְּנֵי הָעָֽם׃
7 उसने लूतियों के मकानों को जो ख़ुदावन्द के घर में थे, जिनमें 'औरतें यसीरत के लिए पर्दे बुना करती थीं, ढा दिया।
וַיִּתֹּץ אֶת־בָּתֵּי הַקְּדֵשִׁים אֲשֶׁר בְּבֵית יְהֹוָה אֲשֶׁר הַנָּשִׁים אֹרְגוֹת שָׁם בָּתִּים לָאֲשֵׁרָֽה׃
8 और उसने यहूदाह के शहरों से सब काहिनों को लाकर, जिबा' से बैरसबा' तक उन सब ऊँचे मक़ामों में जहाँ काहिनों ने ख़ुशबू जलाया था, नजासत डलवाई; और उसने फाटकों के उन ऊँचे मक़ामों को जो शहर के नाज़िम यशू'आ के फाटक के मदखल, या'नी शहर के फाटक के बाएँ हाथ को थे, गिरा दिया।
וַיָּבֵא אֶת־כׇּל־הַכֹּֽהֲנִים מֵעָרֵי יְהוּדָה וַיְטַמֵּא אֶת־הַבָּמוֹת אֲשֶׁר קִטְּרֽוּ־שָׁמָּה הַכֹּהֲנִים מִגֶּבַע עַד־בְּאֵר שָׁבַע וְנָתַץ אֶת־בָּמוֹת הַשְּׁעָרִים אֲשֶׁר־פֶּתַח שַׁעַר יְהוֹשֻׁעַ שַׂר־הָעִיר אֲשֶֽׁר־עַל־שְׂמֹאול אִישׁ בְּשַׁעַר הָעִֽיר׃
9 तोभी ऊँचे मक़ामों के काहिन येरूशलेम में ख़ुदावन्द के मज़बह के पास न आए, लेकिन वह अपने भाइयों के साथ बेख़मीरी रोटी खा लेते थे।
אַךְ לֹא יַעֲלוּ כֹּהֲנֵי הַבָּמוֹת אֶל־מִזְבַּח יְהֹוָה בִּירֽוּשָׁלָ͏ִם כִּי אִם־אָכְלוּ מַצּוֹת בְּתוֹךְ אֲחֵיהֶֽם׃
10 और उसने तूफ़त में जो बनी — हिन्नूम की वादी में है, नजासत फिंकवाई ताकि कोई शख़्स मोलक के लिए अपने बेटे या बेटी को आग में न जला सके।
וְטִמֵּא אֶת־הַתֹּפֶת אֲשֶׁר בְּגֵי (בני) [בֶן־]הִנֹּם לְבִלְתִּי לְהַעֲבִיר אִישׁ אֶת־בְּנוֹ וְאֶת־בִּתּוֹ בָּאֵשׁ לַמֹּֽלֶךְ׃
11 और उसने उन घोड़ों को दूर कर दिया जिनको यहूदाह के बादशाहों ने सूरज के लिए मख़्सूस करके ख़ुदावन्द के घर के आसताने पर, नातन मलिक ख़्वाजासरा की कोठरी के बराबर रख्खा था जो हैकल की हद के अन्दर थी, और सूरज के रथों को आग से जला दिया।
וַיַּשְׁבֵּת אֶת־הַסּוּסִים אֲשֶׁר נָתְנוּ מַלְכֵי יְהוּדָה לַשֶּׁמֶשׁ מִבֹּא בֵית־יְהֹוָה אֶל־לִשְׁכַּת נְתַן־מֶלֶךְ הַסָּרִיס אֲשֶׁר בַּפַּרְוָרִים וְאֶת־מַרְכְּבוֹת הַשֶּׁמֶשׁ שָׂרַף בָּאֵֽשׁ׃
12 और उन मज़बहों को जो आख़ज़ के बालाख़ाने की छत पर थे, जिनको शाहान — ए — यहूदाह ने बनाया था और उन मज़बहों को जिनको मनस्सी ने ख़ुदावन्द के घर के दोनों सहनों में बनाया था, बादशाह ने ढा दिया और वहाँ से उनको चूर — चूर करके उनकी ख़ाक को क़िद्रोन के नाले में फिकवा दिया।
וְאֶת־הַֽמִּזְבְּחוֹת אֲשֶׁר עַל־הַגָּג עֲלִיַּת אָחָז אֲשֶׁר־עָשׂוּ ׀ מַלְכֵי יְהוּדָה וְאֶת־הַֽמִּזְבְּחוֹת אֲשֶׁר־עָשָׂה מְנַשֶּׁה בִּשְׁתֵּי חַצְרוֹת בֵּית־יְהֹוָה נָתַץ הַמֶּלֶךְ וַיָּרׇץ מִשָּׁם וְהִשְׁלִיךְ אֶת־עֲפָרָם אֶל־נַחַל קִדְרֽוֹן׃
13 और बादशाह ने उन ऊँचे मक़ामों पर नजासत डलवाई जो येरूशलेम के मुक़ाबिल कोह — ए — आलायश की दहनी तरफ़ थे, जिनको इस्राईल के बादशाह सुलेमान ने सैदानियों की नफ़रती 'अस्तारात और मोआबियों, के नफ़रती कमूस और बनी 'अम्मोंन के नफरती मिल्कोम के लिए बनाया था।
וְֽאֶת־הַבָּמוֹת אֲשֶׁר ׀ עַל־פְּנֵי יְרוּשָׁלַ͏ִם אֲשֶׁר מִימִין לְהַר־הַמַּשְׁחִית אֲשֶׁר בָּנָה שְׁלֹמֹה מֶלֶךְ־יִשְׂרָאֵל לְעַשְׁתֹּרֶת ׀ שִׁקֻּץ צִידֹנִים וְלִכְמוֹשׁ שִׁקֻּץ מוֹאָב וּלְמִלְכֹּם תּוֹעֲבַת בְּנֵֽי־עַמּוֹן טִמֵּא הַמֶּֽלֶךְ׃
14 और उसने सुतूनों को टुकड़े — टुकड़े कर दिया और यसीरतों को काट डाला, और उनकी जगह में मुर्दों की हड्डियाँ भर दीं।
וְשִׁבַּר אֶת־הַמַּצֵּבוֹת וַיִּכְרֹת אֶת־הָאֲשֵׁרִים וַיְמַלֵּא אֶת־מְקוֹמָם עַצְמוֹת אָדָֽם׃
15 फिर बैतएल का वह मज़बह और वह ऊँचा मक़ाम जिसे नबात के बेटे युरब'आम ने बनाया था, जिसने इस्राईल से गुनाह कराया, इसलिए इस मज़बह और ऊँचे मक़ाम दोनों को उसने ढा दिया, और ऊँचे मक़ाम को जला दिया और उसे कूट — कूटकर ख़ाक कर दिया, और यसीरत को जला दिया।
וְגַם אֶת־הַמִּזְבֵּחַ אֲשֶׁר בְּבֵֽית־אֵל הַבָּמָה אֲשֶׁר עָשָׂה יָרׇבְעָם בֶּן־נְבָט אֲשֶׁר הֶחֱטִיא אֶת־יִשְׂרָאֵל גַּם אֶת־הַמִּזְבֵּחַ הַהוּא וְאֶת־הַבָּמָה נָתָץ וַיִּשְׂרֹף אֶת־הַבָּמָה הֵדַק לְעָפָר וְשָׂרַף אֲשֵׁרָֽה׃
16 और जब यूसियाह मुड़ा तो उसने उन क़ब्रों को देखा जो वहाँ उस पहाड़ पर थीं, इसलिए उसने लोग भेज कर उन क़ब्रों में से हड्डियाँ निकलवाई, और उनको उस मज़बह पर जलाकर उसे नापाक किया। ये ख़ुदावन्द के सुख़न के मुताबिक़ हुआ, जिसे उस मर्द — ए — ख़ुदा ने जिसने इन बातों की ख़बर दी थी सुनाया था।
וַיִּפֶן יֹאשִׁיָּהוּ וַיַּרְא אֶת־הַקְּבָרִים אֲשֶׁר־שָׁם בָּהָר וַיִּשְׁלַח וַיִּקַּח אֶת־הָֽעֲצָמוֹת מִן־הַקְּבָרִים וַיִּשְׂרֹף עַל־הַמִּזְבֵּחַ וַֽיְטַמְּאֵהוּ כִּדְבַר יְהֹוָה אֲשֶׁר קָרָא אִישׁ הָאֱלֹהִים אֲשֶׁר קָרָא אֶת־הַדְּבָרִים הָאֵֽלֶּה׃
17 फिर उसने पूछा, “ये कैसी यादगार है जिसे मैं देखता हूँ?” शहर के लोगों ने उसे बताया, “ये उस मर्द — ए — ख़ुदा की क़ब्र है, जिसने यहूदाह से आकर इन कामों की जो तू ने बैतएल के मज़बह से किए, ख़बर दी।”
וַיֹּאמֶר מָה הַצִּיּוּן הַלָּז אֲשֶׁר אֲנִי רֹאֶה וַיֹּאמְרוּ אֵלָיו אַנְשֵׁי הָעִיר הַקֶּבֶר אִישׁ־הָֽאֱלֹהִים אֲשֶׁר־בָּא מִֽיהוּדָה וַיִּקְרָא אֶת־הַדְּבָרִים הָאֵלֶּה אֲשֶׁר עָשִׂיתָ עַל הַמִּזְבַּח בֵּֽית־אֵֽל׃
18 तब उसने कहा, “उसे रहने दो, कोई उसकी हड्डियों को न सरकाए।” इसलिए उन्होंने उसकी हडिडयाँ उस नबी की हड्डियों के साथ जो सामरिया से आया था रहने दीं।
וַיֹּאמֶר הַנִּיחוּ לוֹ אִישׁ אַל־יָנַע עַצְמוֹתָיו וַֽיְמַלְּטוּ עַצְמוֹתָיו אֵת עַצְמוֹת הַנָּבִיא אֲשֶׁר־בָּא מִשֹּׁמְרֽוֹן׃
19 और यूसियाह ने उन ऊँचे मक़ामों के सब घरों को भी जो सामरिया के शहरों में थे, जिनको इस्राईल के बादशाहों ने ख़ुदावन्द को ग़ुस्सा दिलाने को बनाया था ढाया, और जैसा उसने बैतएल में किया था वैसा ही उनसे भी किया।
וְגַם אֶת־כׇּל־בָּתֵּי הַבָּמוֹת אֲשֶׁר ׀ בְּעָרֵי שֹׁמְרוֹן אֲשֶׁר עָשׂוּ מַלְכֵי יִשְׂרָאֵל לְהַכְעִיס הֵסִיר יֹאשִׁיָּהוּ וַיַּעַשׂ לָהֶם כְּכׇל־הַֽמַּעֲשִׂים אֲשֶׁר עָשָׂה בְּבֵֽית־אֵֽל׃
20 और उसने ऊँचे मक़ामों के सब काहिनों को जो वहाँ थे, उन मज़बहों पर क़त्ल किया और आदमियों की हड्डियाँ उन पर जलाई; फिर वह येरूशलेम को लौट आया।
וַיִּזְבַּח אֶת־כׇּל־כֹּהֲנֵי הַבָּמוֹת אֲשֶׁר־שָׁם עַל־הַֽמִּזְבְּחוֹת וַיִּשְׂרֹף אֶת־עַצְמוֹת אָדָם עֲלֵיהֶם וַיָּשׇׁב יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃
21 और बादशाह ने सब लोगों को ये हुक्म दिया, कि “ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए फ़सह मनाओ, जैसा 'अहद की इस किताब में लिखा है।”
וַיְצַו הַמֶּלֶךְ אֶת־כׇּל־הָעָם לֵאמֹר עֲשׂוּ פֶסַח לַיהֹוָה אֱלֹהֵיכֶם כַּכָּתוּב עַל סֵפֶר הַבְּרִית הַזֶּֽה׃
22 और यक़ीनन क़ाजियों के ज़माने से जो इस्राईल की 'अदालत करते थे, और इस्राईल के बादशाहों और यहूदाह के बादशाहों के कुल दिनों में ऐसी 'ईद — ए — फ़सह कभी नहीं हुई थी।
כִּי לֹא נַֽעֲשָׂה כַּפֶּסַח הַזֶּה מִימֵי הַשֹּׁפְטִים אֲשֶׁר שָׁפְטוּ אֶת־יִשְׂרָאֵל וְכֹל יְמֵי מַלְכֵי יִשְׂרָאֵל וּמַלְכֵי יְהוּדָֽה׃
23 यूसियाह बादशाह के अठारहवें बरस ये फ़सह येरूशलेम में ख़ुदावन्द के लिए मनाई गई।
כִּי אִם־בִּשְׁמֹנֶה עֶשְׂרֵה שָׁנָה לַמֶּלֶךְ יֹאשִׁיָּהוּ נַעֲשָׂה הַפֶּסַח הַזֶּה לַיהֹוָה בִּירוּשָׁלָֽ͏ִם׃
24 इसके सिवा यूसियाह ने जिन्नात के यारों और जादूगरों और मूरतों और बुतों, और सब नफ़रती चीज़ों को जो मुल्क — ए — यहूदाह और येरूशलेम में नज़र आई दूर कर दिया, ताकि वह शरी'अत की उन बातों को पूरा करे जो उस किताब में लिखी थी, जो ख़िलक़ियाह काहिन को ख़ुदावन्द के घर में मिली थी।
וְגַם אֶת־הָאֹבוֹת וְאֶת־הַיִּדְּעֹנִים וְאֶת־הַתְּרָפִים וְאֶת־הַגִּלֻּלִים וְאֵת כׇּל־הַשִּׁקֻּצִים אֲשֶׁר נִרְאוּ בְּאֶרֶץ יְהוּדָה וּבִירוּשָׁלַ͏ִם בִּעֵר יֹֽאשִׁיָּהוּ לְמַעַן הָקִים אֶת־דִּבְרֵי הַתּוֹרָה הַכְּתֻבִים עַל־הַסֵּפֶר אֲשֶׁר מָצָא חִלְקִיָּהוּ הַכֹּהֵן בֵּית יְהֹוָֽה׃
25 उससे पहले कोई बादशाह उसकी तरह नहीं हुआ था, जो अपने सारे दिल और अपनी सारी जान और अपने सारे ज़ोर से मूसा की सारी शरी'अत के मुताबिक़ ख़ुदावन्द की तरफ़ रुजू' लाया हो; और न उसके बाद कोई उसकी तरह खड़ा हुआ।
וְכָמֹהוּ לֹא־הָיָה לְפָנָיו מֶלֶךְ אֲשֶׁר־שָׁב אֶל־יְהֹוָה בְּכׇל־לְבָבוֹ וּבְכׇל־נַפְשׁוֹ וּבְכׇל־מְאֹדוֹ כְּכֹל תּוֹרַת מֹשֶׁה וְאַחֲרָיו לֹא־קָם כָּמֹֽהוּ׃
26 बावजूद इसके मनस्सी की सब बदकारियों की वजह से, जिनसे उसने ख़ुदावन्द को ग़ुस्सा दिलाया था, ख़ुदावन्द अपने सख़्त — ओ — शदीद क़हर से, जिससे उसका ग़ज़ब यहूदाह पर भड़का था, बाज़ न आया।
אַךְ ׀ לֹא־שָׁב יְהֹוָה מֵחֲרוֹן אַפּוֹ הַגָּדוֹל אֲשֶׁר־חָרָה אַפּוֹ בִּֽיהוּדָה עַל כׇּל־הַכְּעָסִים אֲשֶׁר הִכְעִיסוֹ מְנַשֶּֽׁה׃
27 और ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, कि “मैं यहूदाह को भी अपनी आँखों के सामने से दूर करूँगा, जैसे मैंने इस्राईल को दूर किया; और मैं इस शहर को जिसे मैंने चुना या'नी येरूशलेम को, और इस घर को जिसके ज़रिए' मैंने कहा था की मेरा नाम वहाँ होगा रद्द कर दूँगा”
וַיֹּאמֶר יְהֹוָה גַּם אֶת־יְהוּדָה אָסִיר מֵעַל פָּנַי כַּאֲשֶׁר הֲסִרֹתִי אֶת־יִשְׂרָאֵל וּמָאַסְתִּי אֶת־הָעִיר הַזֹּאת אֲשֶׁר־בָּחַרְתִּי אֶת־יְרוּשָׁלַ͏ִם וְאֶת־הַבַּיִת אֲשֶׁר אָמַרְתִּי יִֽהְיֶה שְׁמִי שָֽׁם׃
28 और यूसियाह के बाक़ी काम और सब कुछ जो उसने किया, इसलिए क्या वह यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखे नहीं?
וְיֶתֶר דִּבְרֵי יֹֽאשִׁיָּהוּ וְכׇל־אֲשֶׁר עָשָׂה הֲלֹא־הֵם כְּתוּבִים עַל־סֵפֶר דִּבְרֵי הַיָּמִים לְמַלְכֵי יְהוּדָֽה׃
29 उसी के अय्याम में शाह — ए — मिस्र फ़िर'औन निकोह शाह — ए — असूर पर चढ़ाई करने के लिए दरिया — ए — फ़रात को गया था; और यूसियाह बादशाह उसका सामना करने को निकला, इसलिए उसने उसे देखते ही मजिद्दो में क़त्ल कर दिया।
בְּיָמָיו עָלָה פַרְעֹה נְכֹה מֶלֶךְ־מִצְרַיִם עַל־מֶלֶךְ אַשּׁוּר עַל־נְהַר־פְּרָת וַיֵּלֶךְ הַמֶּלֶךְ יֹאשִׁיָּהוּ לִקְרָאתוֹ וַיְמִיתֵהוּ בִּמְגִדּוֹ כִּרְאֹתוֹ אֹתֽוֹ׃
30 और उसके मुलाज़िम उसको एक रथ में मजिद्दो से मरा हुआ ले गए, और उसे येरूशलेम में लाकर उसी की क़ब्र में दफ़्न किया। और उस मुल्क के लोगों ने यूसियाह के बेटे यहूआख़ज़ को लेकर उसे मसह किया, और उसके बाप की जगह उसे बादशाह बनाया।
וַיַּרְכִּבֻהוּ עֲבָדָיו מֵת מִמְּגִדּוֹ וַיְבִאֻהוּ יְרוּשָׁלַ͏ִם וַֽיִּקְבְּרֻהוּ בִּקְבֻרָתוֹ וַיִּקַּח עַם־הָאָרֶץ אֶת־יְהֽוֹאָחָז בֶּן־יֹאשִׁיָּהוּ וַיִּמְשְׁחוּ אֹתוֹ וַיַּמְלִיכוּ אֹתוֹ תַּחַת אָבִֽיו׃
31 और यहूआख़ज़ जब सल्तनत करने लगा तो तेईस साल का था, उसने येरूशलेम में तीन महीने सल्तनत की। उसकी माँ का नाम हमूतल था, जो लिबनाही यरमियाह की बेटी थी।
בֶּן־עֶשְׂרִים וְשָׁלֹשׁ שָׁנָה יְהוֹאָחָז בְּמׇלְכוֹ וּשְׁלֹשָׁה חֳדָשִׁים מָלַךְ בִּירֽוּשָׁלָ͏ִם וְשֵׁם אִמּוֹ חֲמוּטַל בַּֽת־יִרְמְיָהוּ מִלִּבְנָֽה׃
32 और जो — जो उसके बाप — दादा ने किया था उसके मुताबिक़ इसने भी ख़ुदावन्द की नज़र में गुनाह किया।
וַיַּעַשׂ הָרַע בְּעֵינֵי יְהֹוָה כְּכֹל אֲשֶׁר־עָשׂוּ אֲבֹתָֽיו׃
33 इसलिए फ़िर'औन निकोह ने उसे रिबला में, जो मुल्क — ए — हमात में है, क़ैद कर दिया ताकि वह येरूशलेम में सल्तनत न करने पाए; और उस मुल्क पर सौ क़िन्तार चाँदी और एक क़िन्तार सोना ख़िराज मुक़र्रर किया।
וַיַּאַסְרֵהוּ פַרְעֹה נְכֹה בְרִבְלָה בְּאֶרֶץ חֲמָת (במלך) [מִמְּלֹךְ] בִּירוּשָׁלָ͏ִם וַיִּתֶּן־עֹנֶשׁ עַל־הָאָרֶץ מֵאָה כִכַּר־כֶּסֶף וְכִכַּר זָהָֽב׃
34 और फ़िर'औन निकोह ने यूसियाह के बेटे इलियाक़ीम को उसके बाप यूसियाह की जगह बादशाह बनाया, और उसका नाम बदलकर यहूयक़ीम रखा, लेकिन यहूआख़ज़ को ले गया, इसलिए वह मिस्र में आकर वहाँ मर गया।
וַיַּמְלֵךְ פַּרְעֹה נְכֹה אֶת־אֶלְיָקִים בֶּן־יֹאשִׁיָּהוּ תַּחַת יֹאשִׁיָּהוּ אָבִיו וַיַּסֵּב אֶת־שְׁמוֹ יְהוֹיָקִים וְאֶת־יְהוֹאָחָז לָקַח וַיָּבֹא מִצְרַיִם וַיָּמׇת שָֽׁם׃
35 यहूयक़ीम ने वह चाँदी और सोना फ़िर'औन को पहुँचाया, पर इस नक़दी को फ़िर'औन के हुक्म के मुताबिक़ देने के लिए उसने ममलुकत पर ख़िराज मुक़र्रर किया; या'नी उसने उस मुल्क के लोगों से हर शख़्स के लगान के मुताबिक़ चाँदी और सोना लिया ताकि फ़िर'औन निकोह को दे।
וְהַכֶּסֶף וְהַזָּהָב נָתַן יְהֽוֹיָקִים לְפַרְעֹה אַךְ הֶעֱרִיךְ אֶת־הָאָרֶץ לָתֵת אֶת־הַכֶּסֶף עַל־פִּי פַרְעֹה אִישׁ כְּעֶרְכּוֹ נָגַשׂ אֶת־הַכֶּסֶף וְאֶת־הַזָּהָב אֶת־עַם הָאָרֶץ לָתֵת לְפַרְעֹה נְכֹֽה׃
36 यहूयक़ीम जब सल्तनत करने लगा, तो पच्चीस बरस का था, उसने येरूशलेम में ग्यारह बरस सल्तनत की। उसकी माँ का नाम ज़बूदा था, जो रूमाह के फ़िदायाह की बेटी थी।
בֶּן־עֶשְׂרִים וְחָמֵשׁ שָׁנָה יְהוֹיָקִים בְּמׇלְכוֹ וְאַחַת עֶשְׂרֵה שָׁנָה מָלַךְ בִּירוּשָׁלָ͏ִם וְשֵׁם אִמּוֹ (זבידה) [זְבוּדָּה] בַת־פְּדָיָה מִן־רוּמָֽה׃
37 और जो — जो उसके बाप — दादा ने किया था, उसी के मुताबिक़ उसने भी ख़ुदावन्द की नज़र में बुराई की।
וַיַּעַשׂ הָרַע בְּעֵינֵי יְהֹוָה כְּכֹל אֲשֶׁר־עָשׂוּ אֲבֹתָֽיו׃

< 2 सला 23 >