< 2 कुरिन्थियों 6 >

1 हम जो उस के साथ काम में शरीक हैं, ये भी गुज़ारिश करते हैं कि ख़ुदा का फ़ज़ल जो तुम पर हुआ बे फ़ाइदा न रहने दो।
As fellow-workers, then, with him, we also exhort you that ye receive not the grace of God in vain;
2 क्यूँकि वो फ़रमाता है कि मैंने क़ुबूलियत के वक़्त तेरी सुन ली और नजात के दिन तेरी मदद की; देखो अब क़बूलियत का वक़्त है; देखो ये नजात का दिन है।
(for he saith: “In an accepted time I heard thee, and in the day of salvation I helped thee;” Behold, now is the accepted time, behold, now is the day of salvation; )
3 हम किसी बात में ठोकर खाने का कोई मौक़ा नहीं देते ताकि हमारी ख़िदमत पर हर्फ़ न आए।
giving no occasion for stumbling in anything, that the ministry may not be blamed;
4 बल्कि ख़ुदा के ख़ादिमों की तरह हर बात से अपनी ख़ूबी ज़ाहिर करते हैं बड़े सब्र से मुसीबत, से एहतियात से तंगी से।
but as God's ministers recommending ourselves in all things, in much endurance, in afflictions, in necessities, in distresses,
5 कोड़े खाने से, क़ैद होने से, हँगामों से, मेहनतों से, बेदारी से, फ़ाकों से,
in stripes, in imprisonments, in tumults, in labors, in watchings, in fastings;
6 पाकीज़गी से, इल्म से, तहम्मील से, मेहरबानी से, रूह उल क़ुद्दूस से, बे — रिया मुहब्बत से,
in pureness, in knowledge, in long-suffering, in kindness, in the Holy Spirit, in love unfeigned,
7 कलाम'ए हक़ से, ख़ुदा की क़ुदरत से, रास्तबाज़ी के हथियारों के वसीले से, जो दहने बाएँ हैं।
in the word of truth, in the power of God, by the weapons of righteousness on the right hand and on the left,
8 इज़्ज़त और बे'इज़्ज़ती के वसीले से, बदनामी और नेक नामी के वसीले से, जो गुमराह करने वाले मा'लूम होते हैं फिर भी सच्चे हैं।
through honor and dishonor, through evil report and good report; as deceivers, and true;
9 गुमनामों की तरह हैं, तो भी मशहूर हैं, मरते हुओं की तरह हैं, मगर देखो जीते हैं, मार खानेवालों की तरह हैं, मगर जान से मारे नहीं जाते।
as unknown, and well known; as dying, and behold, we live; as chastened, and not killed;
10 ग़मगीनों की तरह हैं, लेकिन हमेशा ख़ुश रहते हैं, कंगालों की तरह हैं, मगर बहुतेरों को दौलतमन्द कर देतग़ हैं, नादानों की तरह हैं, तौ भी सब कुछ देखते हैं।
as sorrowful, yet always rejoicing; as poor, yet making many rich; as having nothing, and possessing all things.
11 ऐ कुरन्थस के ईमानदारों; हम ने तुम से खुल कर बातें कहीं और हमारा दिल तुम्हारी तरफ़ से ख़ुश हो गया।
Our mouth is open to you, O Corinthians, our heart is enlarged.
12 हमारे दिलों में तुम्हारे लिए तंगी नहीं मगर तुम्हारे दिलों में तंगी है।
Ye have not a narrow place in my heart, but ye have a narrow place for me in yours.
13 पस मैं फ़र्ज़न्द जान कर तुम से कहता हूँ कि तुम भी उसके बदले में कुशादा दिल हो जाओ।
So then in return, I speak to you as children, let your hearts be enlarged.
14 बे'ईमानों के साथ ना हमवार जूए में न जुतो, क्यूँकि रास्तबाज़ी और बेदीनी में क्या मेल जोल? या रौशनी और तारीकी में क्या रिश्ता?
Be not strangely yoked with unbelievers; for what fellowship hath righteousness with unrighteousness? Or what communion hath light with darkness?
15 वो मसीह को बली'आल के साथ क्या मुवाफ़िक़ या ईमानदार का बे'ईमान से क्या वास्ता?
And what concord hath Christ with Beliar? Or what part hath a believer with an unbeliever?
16 और ख़ुदा के मक़्दिस को बुतों से क्या मुनासिबत है? क्यूँकि हम ज़िन्दा ख़ुदा के मक़दिस हैं चुनाँचे ख़ुदा ने फ़रमाया है, “मैं उनमें बसूँगा और उन में चला फिरा करूँगा और मैं उनका ख़ुदा हूँगा और वो मेरी उम्मत होंगे।”
And what agreement hath the temple of God with idols? For ye are the temple of the living God; as God said: “I will dwell among them, and walk among them; and I will be their God, and they shall be my people.”
17 इस वास्ते ख़ुदावन्द फ़रमाता है कि उन में से निकल कर अलग रहो और नापाक चीज़ को न छुओ तो मैं तुम को क़ुबूल करूँगा।
“Wherefore come out from the midst of them, and be separated, saith the Lord, and touch not anything unclean;” “and I will receive you,
18 मैं तुम्हारा बाप हूँगा और तुम मेरे बेटे — बेटियाँ होंगे, ख़ुदावन्द क़ादिर — ए — मुतल्लिक़ का क़ौल है।
and will be to you a father, and ye shall be my sons and daughters, saith the Lord Almighty.”

< 2 कुरिन्थियों 6 >