< 2 तवा 34 >
1 यूसियाह आठ साल का था, जब वह हुकूमत करने लगा, और उसने इकतीस साल येरूशलेम में हुकूमत की।
DE OCHO años era Josías cuando comenzó á reinar, y treinta y un años reinó en Jerusalem.
2 उसने वह काम किया जो ख़ुदावन्द की नज़र में ठीक था, और अपने बाप दाऊद के रास्तों पर चला और दहने या बाएँ हाथ को न मुड़ा।
Este hizo lo recto en ojos de Jehová, y anduvo en los caminos de David su padre, sin apartarse á la diestra ni á la siniestra.
3 क्यूँकि अपनी हुकूमत के आठवें साल जब वह लड़का ही था, वह अपने बाप दाऊद के ख़ुदा का तालिब हुआ, और बारहवें साल में यहूदाह और येरूशलेम को ऊँचे मक़ामों और यसीरतों और तराशे हुए बुतों और ढाली हुई मूरतों से पाक करने लगा।
A los ocho años de su reinado, siendo aún muchacho, comenzó á buscar al Dios de David su padre; y á los doce años comenzó á limpiar á Judá y á Jerusalem de los altos, bosques, esculturas, é imágenes de fundición.
4 और लोगों ने उसके सामने बा'लीम के मज़बहों को ढा दिया, और सूरज की मूरतों को जो उनके ऊपर ऊँचे पर थीं उसने काट डाला, और यासीरतों और तराशी हुई और ढाली हुई मूरतों को उसने टुकड़े टुकड़े करके उनको धूल बना दिया, और उसको उनकी क़ब्रों पर बिथराया जिन्होंने उनके लिए क़ुर्बानियाँ अदा की थीं।
Y derribaron delante de él los altares de los Baales, é hizo pedazos las imágenes del sol, que estaban puestas encima; despedazó también los bosques, y las esculturas y estatuas de fundición, y desmenuzólas, y esparció [el polvo] sobre los sepulcros de los que las habían sacrificado.
5 उसने उन काहिनों की हड्डियाँ उन्हीं के मज़बहों पर जलाई, और यहूदाह और येरूशलेम को पाक किया।
Quemó además los huesos de los sacerdotes sobre sus altares, y limpió á Judá y á Jerusalem.
6 और मनस्सी और इफ़्राईम और शमौन के शहरों में, बल्कि नफ़्ताली तक उनके आस — पास खण्डरों में उसने ऐसा ही किया,
[Lo mismo hizo] en las ciudades de Manasés, Ephraim, y Simeón, hasta en Nephtalí, con sus lugares asolados alrededor.
7 और मज़बहों को ढा दिया, और यसीरतों और तराशी हुई मूरतों को तोड़ कर धूल कर दिया, और इस्राईल के पूरे मुल्क में सूरज की सब मूरतों को काट डाला, तब येरूशलेम को लोटा।
Y como hubo derribado los altares y los bosques, y quebrado y desmenuzado las esculturas, y destruído todos los ídolos por toda la tierra de Israel, volvióse á Jerusalem.
8 अपनी हुकूमत के अठारहवें बरस, जब वह मुल्क और हैकल को पाक कर चुका, तो उसने असलियाह के बेटे साफ़न को और शहर के हाकिम मासियाह और यूआख़ज़ के बेटे यूआख मुवरिंख को भेजा कि ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के घर की मरम्मत करें।
A los dieciocho años de su reinado, después de haber limpiado la tierra, y la casa, envió á Saphán hijo de Asalías, y á Maasías gobernador de la ciudad, y á Joah hijo de Joachâz, canciller, para que reparasen la casa de Jehová su Dios.
9 वह ख़िलक़ियाह सरदार काहिन के पास आए, और वह नक़दी जो ख़ुदा के घर में लाई गई थी जिसे दरबान लावियों ने मनस्सी और इफ़्राईम और इस्राईल के सब बाक़ी लोगों से और पूरे यहूदाह और बिनयमीन और येरूशलेम के बाशिंदों से लेकर जमा' किया था, उसके सुपुर्द की।
Los cuales vinieron á Hilcías, gran sacerdote, y dieron el dinero que había sido metido en la casa de Jehová, que los Levitas que guardaban la puerta habían recogido de mano de Manasés y de Ephraim y de todas las reliquias de Israel, y de todo Judá y Benjamín, habiéndose después vuelto á Jerusalem.
10 और उन्होंने उसे उन कारिंदों के हाथ में सौंपा जो ख़ुदावन्द के घर की निगरानी करते थे, और उन कारिंदों ने जो ख़ुदावन्द के घर में काम करते थे उसे उस घर की मरम्मत और दुरुस्त करने में लगाया;
Y entregáronlo en mano de los que hacían la obra, que eran sobrestantes en la casa de Jehová; los cuales lo daban á los que hacían la obra y trabajaban en la casa de Jehová, para reparar y restaurar el templo.
11 या'नी उसे बढ़इयों और राजगीर को दिया की गढ़े हुए पत्थर और जोड़ों के लिए लकड़ी ख़रीदें, और उन घरों के लिए जिनको यहूदाह के बादशाहों ने उजाड़ दिया था शहतीर बनाई।
Daban asimismo á los oficiales y albañiles para que comprasen piedra de cantería, y madera para las trabazones, y para entabladura de las casas, las cuales habían destruído los reyes de Judá.
12 वह आदमी दियानत से काम करते थे, और यहत और 'अबदियाह लावी जो बनी मिरारी में से थे उनकी निगरानी करते थे, और बनी क़िहात में से ज़करियाह और मुसल्लाम काम कराते थे, और लावियों में से वह लोग थे जो बाजों में माहिर थे।
Y estos hombres procedían con fidelidad en la obra: y eran sus gobernadores Jahath y Abdías, Levitas de los hijos de Merari; y Zachârías y Mesullam de los hijos de Coath, para que activasen [la obra]; y de los Levitas, todos los entendidos en instrumentos de música.
13 और वह बारबरदारों के भी दारोग़ा थे और सब क़िस्म क़िस्म के काम करने वालों से काम कराते थे, और मुन्शी और मुहतमिम और दरबान लावियों में से थे।
También [velaban] sobre los ganapanes, y [eran] sobrestantes de los que se ocupaban en cualquier clase de obra; y de los Levitas había escribas, gobernadores, y porteros.
14 जब वह उस नक़दी को जो ख़ुदावन्द के घर में लाई गई थी निकाल रहे थे, तो ख़िलक़ियाह काहिन को ख़ुदावन्द की तौरेत की किताब, जो मूसा की ज़रिए' दी गई थी मिली।
Y al sacar el dinero que había sido metido en la casa de Jehová, Hilcías el sacerdote halló el libro de la ley de Jehová dada por mano de Moisés.
15 तब ख़िलक़ियाह ने साफ़न मुन्शी से कहा, “मैंने ख़ुदा वन्द के घर में तौरेत की किताब पाई है।” और ख़िलक़ियाह ने वह किताब साफ़न को दी।
Y dando cuenta Hilcías, dijo á Saphán escriba: Yo he hallado el libro de la ley en la casa de Jehová. Y dió Hilcías el libro á Saphán.
16 और साफ़न वह किताब बादशाह के पास ले गया; फिर उसने बादशाह को यह बताया कि सब कुछ जो तू ने अपने नौकरों के सुपुर्द किया था, उसे वह कर रहे हैं।
Y Saphán lo llevó al rey, y contóle el negocio, diciendo: Tus siervos han cumplido todo lo que les fué dado á cargo.
17 और वह नक़दी जो ख़ुदावन्द के घर में मौजूद थी, उन्होंने लेकर नाज़िरों और कारिंदों के हाथ में सौंपी है।
Han reunido el dinero que se halló en la casa de Jehová, y lo han entregado en mano de los comisionados, y en mano de los que hacen la obra.
18 फिर साफ़न मुन्शी ने बादशाह से कहा कि ख़िलक़िययाह काहिन ने मुझे यह किताब दी है। और साफ़न ने उसमें से बादशाह के सामने पढ़ा।
A más de esto, declaró Saphán escriba al rey, diciendo: El sacerdote Hilcías me dió un libro. Y leyó Saphán en él delante del rey.
19 और ऐसा हुआ कि जब बादशाह ने तौरेत की बातें सुनीं तो अपने कपड़े फाड़े।
Y luego que el rey oyó las palabras de la ley, rasgó sus vestidos;
20 फिर बादशाह ने ख़िलक़ियाह और अख़ीक़ाम बिन साफ़न और अबदून बिन मीकाह और साफ़न मुन्शी और बादशाह के नौकर असायाह को यह हुक्म दिया,
Y mandó á Hilcías y á Ahicam hijo de Saphán, y á Abdón hijo de Michâ, y á Saphán escriba, y á Asaía siervo del rey, diciendo:
21 कि जाओ, और मेरी तरफ़ से और उन लोगों की तरफ़ से जो इस्राईल और यहूदाह में बाक़ी रह गए हैं, इस किताब की बातों के हक़ में जो मिली है ख़ुदावन्द से पूछो; क्यूँकि ख़ुदावन्द का क़हर जो हम पर नाज़िल हुआ है बड़ा है, इसलिए कि हमारे बाप — दादा ने ख़ुदावन्द के कलाम को नहीं माना है कि सब कुछ जो इस किताब में लिखा है उसके मुताबिक़ करते।
Andad, y consultad á Jehová de mí, y de las reliquias de Israel y de Judá, acerca de las palabras del libro que se ha hallado; porque grande es el furor de Jehová que ha caído sobre nosotros, por cuanto nuestros padres no guardaron la palabra de Jehová, para hacer conforme á todo lo que está escrito en este libro.
22 तब ख़िलक़ियाह और वह जिनकी बादशाह ने हुक्म किया था, खुल्दा नबिया के पास जो तोशाख़ाने के दारोग़ा सलूम बिन तोकहत बिन ख़सरा की बीवी थी गए। वह येरूशलेम में मिशना नामी महल्ले में रहती थी, इसलिए उन्होंने उससे वह बातें कहीं।
Entonces Hilcías y los del rey fueron á Hulda profetisa, mujer de Sallum, hijo de Tikvath, hijo de Hasra, guarda de las vestimentas, la cual moraba en Jerusalem en la casa de la doctrina; y dijéronle las palabras dichas.
23 उसने उनसे कहा, ख़ुदा वन्द इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि तुम उस शख़्स से जिसने तुम को मेरे पास भेजा है कहो कि;
Y ella respondió: Jehová el Dios de Israel ha dicho así: Decid al varón que os ha enviado á mí, que así ha dicho Jehová:
24 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है देख, मैं इस जगह पर और इसके बाशिंदों पर आफ़त लाऊँगा, या'नी सब ला'नतें जो इस किताब में लिखी हैं जो उन्होंने शाह — ए — यहूदाह के आगे पढ़ी है।
He aquí yo traigo mal sobre este lugar, y sobre los moradores de él, todas las maldiciones que están escritas en el libro que leyeron delante del rey de Judá:
25 क्यूँकि उन्होंने मुझे छोड़ दिया और ग़ैर — मा'बूदों के आगे ख़ुशबू जलाई और अपने हाथों के सब कामों से मुझे ग़ुस्सा दिलाया, तब मेरा क़हर इस मक़ाम पर नाज़िल हुआ है और धीमा न होगा।
Por cuanto me han dejado, y han sacrificado á dioses ajenos, provocándome á ira en todas las obras de sus manos; por tanto mi furor destilará sobre este lugar, y no se apagará.
26 रहा शाह — ए — यहूदाह जिसने तुम को ख़ुदावन्द से दरियाफ़्त करने को भेजा है, तब तुम उससे ऐसा कहना कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा ऐसा फ़रमाता है कि उन बातों के बारे में जो तूने सुनी हैं,
Mas al rey de Judá, que os ha enviado á consultar á Jehová, así le diréis: Jehová el Dios de Israel ha dicho así: [Por cuanto] oiste las palabras [del libro],
27 “चूँकि तेरा दिल मोम हो गया, और तू ने ख़ुदा के सामने आजिज़ी की जब तू ने उसकी वह बातें सुनीं जो उसने इस मक़ाम और इसके बाशिंदों के ख़िलाफ़ कही हैं, और अपने को मेरे सामने ख़ाकसार बनाया और अपने कपड़े फाड़ कर मेरे आगे रोया, इसलिए मैंने भी तेरी सुन ली है। ख़ुदावन्द फ़रमाता है,
Y tu corazón se enterneció, y te humillaste delante de Dios al oir sus palabras sobre este lugar, y sobre sus moradores, y te humillaste delante de mí, y rasgaste tus vestidos, y lloraste en mi presencia, yo también te he oído, dice Jehová.
28 देख, मैं तुझे तेरे बाप — दादा के साथ मिलाऊँगा और तू अपनी क़ब्र में सलामती से पहुँचाया जाएगा, और सारी आफ़त को जो मैं इस मक़ाम और इसके बाशिंदों पर लाऊँगा तेरी आँखें नहीं देखेंगी।” इसलिए उन्होंने यह जवाब बादशाह को पहुँचा दिया।
He aquí que yo te recogeré con tus padres, y serás recogido en tus sepulcros en paz, y tus ojos no verán todo el mal que yo traigo sobre este lugar, y sobre los moradores de él. Y ellos refirieron al rey la respuesta.
29 तब बादशाह ने यहूदाह और येरूशलेम के सब बुज़ुर्गों को बुलवा कर इकट्ठा किया।
Entonces el rey envió y juntó todos los ancianos de Judá y de Jerusalem.
30 और बादशाह और सब अहल — ए — यहूदाह और येरूशलेम के बाशिंदे, काहिन और लावी और सब लोग क्या छोटे क्या बड़े, ख़ुदावन्द के घर को गए, और उसने जो 'अहद की किताब ख़ुदावन्द के घर में मिली थी, उसकी सब बातें उनको पढ़ सुनाई।
Y subió el rey á la casa de Jehová, y con él todos los varones de Judá, y los moradores de Jerusalem, y los sacerdotes, y los Levitas, y todo el pueblo desde el mayor hasta el más pequeño; y leyó á oídos de ellos todas las palabras del libro del pacto que había sido hallado en la casa de Jehová.
31 और बादशाह अपनी जगह खड़ा हुआ, और ख़ुदावन्द के आगे 'अहद किया के वह ख़ुदावन्द की पैरवी करेगा और उसके हुक्मों और उसकी शहादतों और क़ानून को अपने सारे दिल और सारी जान से मानेगा, ताकि उस 'अहद की उन बातों को जो उस किताब में लिखी थीं पूरा करे।
Y estando el rey en pie en su sitio, hizo alianza delante de Jehová de caminar en pos de Jehová, y de guardar sus mandamientos, sus testimonios, y sus estatutos, de todo su corazón y de toda su alma, poniendo por obra las palabras del pacto que estaban escritas en aquel libro.
32 और उसने उन सबको जो येरूशलेम और बिनयमीन में मौजूद थे, उस 'अहद में शरीक किया; और येरूशलेम के बाशिंदों ने ख़ुदा अपने बाप — दादा के ख़ुदा के 'अहद के मुताबिक़ 'अमल किया।
E hizo que se obligaran [á ello] todos los que estaban en Jerusalem y en Benjamín: y los moradores de Jerusalem hicieron conforme al pacto de Dios, del Dios de sus padres.
33 और यूसियाह ने बनी — इस्राईल के सब 'इलाक़ों में से सब मकरूहात को दफ़ा' किया और जितने इस्राईल में मिले उन सभों से 'इबादत, या'नी ख़ुदा वन्द उनके ख़ुदा की 'इबादत, कराई और वह उसके जीते जी ख़ुदावन्द अपने बाप — दादा के ख़ुदा की पैरवी से न हटे।
Y quitó Josías todas las abominaciones de todas las tierras de los hijos de Israel, é hizo á todos los que se hallaron en Israel que sirviesen á Jehová su Dios. No se apartaron de en pos de Jehová el Dios de sus padres, todo el tiempo que él vivió.