< 2 तवा 32 >

1 इन बातों और इस ईमानदारी के बाद शाह — ए — असूर सनहेरिब चढ़ आया और यहूदाह में दाख़िल हुआ, और फ़सीलदार शहरों के मुक़ाबिल ख़ेमाज़न हुआ और उनको अपने क़ब्ज़े में लाना चाहा।
Nach diesen Geschichten und Treue kam Sanherib, der König zu Assur, und zog nach Juda und lagerte sich vor die festen Städte und gedachte, sie zu sich zu reißen.
2 जब हिज़क़ियाह ने देखा कि सनहेरिब आया है और उसका 'इरादा है कि येरूशलेम से लड़े
Und da Hiskia sah, daß Sanherib kam und sein Angesicht stund, zu streiten wider Jerusalem,
3 तो उसने अपने सरदारों और बहादुरों के साथ सलाह की कि उन चश्मों के पानी को जो शहर से बाहर थे बन्द कर दे, और उन्होंने उसकी मदद की।
ward er Rats mit seinen Obersten und Gewaltigen, zuzudecken die Wasser von den Brunnen, die draußen vor der Stadt waren; und sie halfen ihm.
4 बहुत लोग जमा' हुए और सब चश्मों को और उस नदी को जो उस सरज़मीन के बीच बहती थी, यह कह कर बन्द कर दिया, “असूर के बादशाह आकर बहुत सा पानी क्यूँ पाएँ?”
Und es versammelte sich ein groß Volk und deckten zu alle Brunnen und fließenden Wasser mitten im Lande und sprachen: Daß die Könige von Assur nicht viel Wassers finden, wenn sie kommen!
5 और उसने हिम्मत बाँधी और सारी दीवार को जो टूटी थी बनाया, और उसे बुर्जों के बराबर ऊँचा किया और बाहर से एक दूसरी दीवार उठाई, और दाऊद के शहर में मिल्लो को मज़बूत किया और बहुत से हथियार और ढालें बनाई।
Und er ward getrost und bauete alle Mauern, wo sie lückicht waren, und machte Türme drauf; und bauete draußen noch eine andere Mauer und befestigte Millo an der Stadt Davids; und machte viel Waffen und Schilde.
6 और उसने लोगों पर सर लश्कर ठहराए और शहर के फाटक के पास के मैदान में उनको अपने पास इकट्ठा किया, और उनसे हिम्मत अफ़ज़ाई की बातें कीं और कहा,
Und stellete die Hauptleute zum Streit neben das Volk; und sammelte sie zu sich auf die breite Gasse am Tor der Stadt und redete herzlich mit ihnen und sprach:
7 “हिम्मत बाँधो और हौसला रखो, और असूर के बादशाह और उसके साथ के सारे गिरोह की वजह से न डरो न हिरासा न हो; क्यूँकि वह जो हमारे साथ है, उससे बड़ा है जो उसके साथ है।
Seid getrost und frisch, fürchtet euch nicht und zaget nicht vor dem Könige von Assur, noch vor all dem Haufen, der bei ihm ist; denn es ist ein größerer mit uns als mit ihm.
8 उसके साथ बशर का हाथ है लेकिन हमारे साथ ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा है कि हमारी मदद करे और हमारी लड़ाईयाँ लड़े।” तब लोगों ने शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह की बातों पर भरोसा किया।
Mit ihm ist ein fleischlicher Arm; mit uns aber ist der HERR, unser Gott, daß er uns helfe und führe unsern Streit. Und das Volk verließ sich auf die Worte Hiskias, des Königs Judas.
9 उसके बाद शाह — ए — असूर सनहेरिब ने जो अपने सारे लश्कर' के साथ लकीस के मुक़ाबिल पड़ा था, अपने नौकर येरूशलेम को शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह के पास और पूरे यहूदाह के पास जो येरूशलेम में थे, यह कहने को भेजे कि;
Danach sandte Sanherib, der König zu Assur, seine Knechte gen Jerusalem (denn er lag vor Lachis und alle seine HERRSChaft mit ihm) zu Hiskia, dem Könige Judas, und zum ganzen Juda, das zu Jerusalem war, und ließ ihm sagen:
10 शाह — ए — असूर सनहेरिब यू फ़रमाता है कि तुम्हारा किस पर भरोसा है कि तुम येरूशलेम में घेरे को झेल रहे हो?
So spricht Sanherib, der König zu Assur: Wes vertröstet ihr euch, die ihr wohnet in dem belagerten Jerusalem?
11 क्या हिज़क़ियाह तुम को कहत और प्यास की मौत के हवाले करने को तुम को नहीं बहका रहा है कि “ख़ुदा वन्द हमारा ख़ुदा हम को शाह — ए — असूर के हाथ से बचा लेगा?”
Hiskia beredet euch, daß er euch gebe in den Tod, Hunger und Durst, und spricht: Der HERR, unser Gott, wird uns erretten von der Hand des Königs zu Assur.
12 क्या इसी हिज़क़ियाह ने उसके ऊँचे मक़ामों और मज़बहों को दूर करके, यहूदाह और येरूशलेम को हुक्म नहीं दिया कि तुम एक ही मज़बह के आगे सिज्दा करना और उसी पर ख़ुशबू जलाना?
Ist er nicht der Hiskia, der seine Höhen und Altäre weggetan hat und gesagt zu Juda und Jerusalem: Vor einem Altar sollt ihr anbeten und drauf räuchern?
13 क्या तुम नहीं जानते कि मैंने और मेरे बाप — दादा ने और मुल्कों के सब लोगों से क्या क्या किया है? क्या उन मुल्कों की क़ौमों के मा'बूद अपने मुल्क को किसी तरह से मेरे हाथ से बचा सके?
Wisset ihr nicht, was ich und meine Väter getan haben allen Völkern in Ländern? Haben auch die Götter der Heiden in Ländern mögen ihre Länder erretten von meiner Hand?
14 जिन क़ौमों को मेरे बाप — दादा ने बिल्कुल हलाक कर डाला, उनके मा'बूदों में कौन ऐसा निकला जो अपने लोगों को मेरे हाथ से बचा सका कि तुम्हारा मा'बूद तुम को मेरे हाथ से बचा सकेगा?
Wer ist unter allen Göttern dieser Heiden, die meine Väter verbannet haben, der sein Volk habe mögen erretten von meiner Hand, daß euer Gott euch sollte mögen erretten aus meiner Hand?
15 फिर हिज़क़ियाह तुम को फ़रेब न देने पाए और न इस तौर पर बहकाए और न तुम उसका यक़ीन करो; क्यूँकि किसी क़ौम या मुल्क का मा'बूद अपने लोगों को मेरे हाथ से और मेरे बाप — दादा के हाथ से बचा नहीं सका, तो कितना कम तुम्हारा मा'बूद तुम को मेरे हाथ से बचा सकेगा।
So laßt euch nun Hiskia nicht aufsetzen und laßt euch solches nicht bereden und glaubet ihm nicht. Denn so kein Gott aller Heiden und Königreiche hat sein Volk mögen von meiner und meiner Väter Hand erretten, so werden auch euch eure Götter nicht erretten von meiner Hand.
16 उसके नौकरों ने ख़ुदावन्द ख़ुदा के ख़िलाफ़ और उसके बन्दे हिज़क़ियाह के ख़िलाफ़ बहुत सी और बातें कहीं।
Dazu redeten seine Knechte noch mehr wider den HERRN, den Gott, und wider seinen Knecht Hiskia.
17 और उसने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की बे'इज्ज़ती करने और उसके हक़ में कुफ़्र बकने के लिए, इस मज़मून के ख़त भी लिखे: “जैसे और मुल्कों की क़ौमों के मा'बूदों ने अपने लोगों को मेरे हाथ से नहीं बचाया है, वैसे ही हिज़क़ियाह का मा'बूद भी अपने लोगों को मेरे हाथ से नहीं बचा सकेगा।”
Auch schrieb er Briefe, Hohn zu sprechen dem HERRN, dem Gott Israels, und redete von ihm und sprach: Wie die Götter der Heiden in Ländern ihr Volk nicht haben errettet von meiner Hand, so wird auch der Gott Hiskias sein Volk nicht erretten von meiner Hand.
18 और उन्होंने बड़ी आवाज़ से पुकार कर यहूदियों की ज़बान में येरूशलेम के लोगों को जो दीवार पर थे यह बातें कह सुनाये ताकि उनको डराएँ और परेशान करें और शहर को ले लें।
Und sie riefen mit lauter Stimme auf jüdisch zum Volk zu Jerusalem, das auf der Mauer war, sie furchtsam zu machen und zu erschrecken, daß sie die Stadt gewönnen;
19 उन्होंने येरूशलेम के ख़ुदा का ज़िक्र ज़मीन की क़ौमों के मा'बूदों की तरह किया, जो आदमी के हाथ की कारीगरी हैं।
und redeten wider den Gott Jerusalems wie wider die Götter der Völker auf Erden, die Menschenhände-Werk waren.
20 इसी वजह से हिज़क़ियाह बादशाह और आमूस के बेटे यसायाह नबी ने दुआ की, और आसमान की तरफ़ चिल्लाए।
Aber der König Hiskia und der Prophet Jesaja, der Sohn Amoz, beteten dawider und schrieen gen Himmel.
21 और ख़ुदावन्द ने एक फ़रिश्ते को भेजा, जिसने शाह — ए — असूर के लश्कर में सब ज़बरदत सूर्माओं और रहनुमाओं और सरदारों को हलाक कर डाला। फिर वह शर्मिन्दा होकर अपने मुल्क को लौटा; और जब वह अपने मा'बूद के इबादत खाना में गया तो उन ही ने जो उसके सुल्ब से निकले थे, उसे वहीं तलवार से क़त्ल किया।
Und der HERR sandte einen Engel, der vertilgete alle Gewaltigen des Heers und Fürsten und Obersten im Lager des Königs zu Assur, daß er mit Schanden wieder in sein Land zog. Und da er in seines Gottes Haus ging, fälleten ihn daselbst durchs Schwert, die von seinem eigenen Leibe kommen waren.
22 यूँ ख़ुदावन्द ने हिज़क़ियाह को और येरूशलेम के बाशिन्दों को शाह — ए — असूर सनहेरिब के हाथ से और सभों के हाथ से बचाया और हर तरफ़ उनकी रहनुमाई की।
Also half der HERR Hiskia und denen zu Jerusalem aus der Hand Sanheribs, des Königs zu Assur, und aller anderen und enthielt sie vor allen umher,
23 और बहुत लोग येरूशलेम में ख़ुदावन्द के लिए हदिये और शाह — ए — यहूदाह हिज़क़ियाह के लिए क़ीमती चीजें लाए, यहाँ तक कि वह उस वक़्त से सब क़ौमों की नज़र में मुम्ताज़ हो गया।
daß viele dem HERRN Geschenke brachten gen Jerusalem und Kleinode Hiskia, dem Könige Judas. Und er ward danach erhaben vor allen Heiden.
24 उन दिनों में हिज़क़ियाह ऐसा बीमार पड़ा कि मरने के क़रीब हो गया, और उसने ख़ुदावन्द से दुआ की तब उसने उससे बातें कीं और उसे एक निशान दिया।
Zu der Zeit ward Hiskia todkrank; und er bat den HERRN. Der redete ihm und gab ihm ein Wunder.
25 लेकिन हिज़क़ियाह ने उस एहसान के लायक़ जो उस पर किया गया 'अमल न किया, क्यूँकि उसके दिल में घमण्ड समा गया; इसलिए उस पर, और यहूदाह और येरूशलेम पर क़हर भड़का।
Aber Hiskia vergalt nicht, wie ihm gegeben war; denn sein Herz erhub sich. Darum kam der Zorn über ihn und über Juda und Jerusalem.
26 तब हिज़क़ियाह और येरूशलेम के बाशिन्दों ने अपने दिल के ग़ुरूर के बदले ख़ाकसारी इख़्तियार की, इसलिए हिज़क़ियाह के दिनों में ख़ुदावन्द का क़हर उन पर नाज़िल न हुआ।
Aber Hiskia demütigte sich, daß sein Herz sich erhoben hatte, samt denen zu Jerusalem; darum kam der Zorn des HERRN nicht über sie, weil Hiskia lebte.
27 और हिज़क़ियाह की दौलत और 'इज़्ज़त बहुत फ़रावान थी और उसने चाँदी और सोने और जवाहर और मसाले और ढालों और सब तरह की क़ीमती चीज़ों के लिए ख़ज़ाने
Und Hiskia hatte sehr großen Reichtum und Ehre und machte ihm Schätze von Silber, Gold, Edelsteinen, Würze, Schilden und allerlei köstlichem Geräte
28 और अनाज और शराब और तेल के लिए अम्बारख़ाने, और सब क़िस्म के जानवरों के लिए थान, और भेड़ — बकरियों के लिए बाड़े बनाए।
und Kornhäuser zu dem Einkommen des Getreides, Mosts und Öles und Ställe für allerlei Vieh und Hürden für die Schafe.
29 इसके 'अलावा उसने अपने लिए शहर बसाए और भेड़ बकरियों और गाय — बैलों को कसरत से मुहय्या किया, क्यूँकि ख़ुदा ने उसे बहुत माल बख़्शा था।
Und bauete ihm Städte und hatte Vieh an Schafen und Rindern die Menge; denn Gott gab ihm sehr groß Gut.
30 इसी हिज़क़ियाह ने जैहून के पानी के ऊपर के सोते को बंद कर दिया, और उसे दाऊद के शहर के मग़रिब की तरफ़ सीधा पहुँचाया, और हिज़क़ियाह अपने सारे काम में क़ामयाब हुआ।
Er ist der Hiskia, der die hohe Wasserquelle in Gihon zudeckte und leitete sie hinunter von abendwärts zur Stadt Davids; denn Hiskia war glückselig in allen seinen Werken.
31 तो भी बाबुल के हाकिमों के मु'आमिले में, जिन्होंने अपने क़ासिद उसके पास भेजे ताकि उस मोजिज़ा का हाल जो उस मुल्क में किया गया था दरियाफ़्त करें; ख़ुदा ने उसे आज़माने के लिए छोड़ दिया, ताकि मा'लूम करे के उसके दिल में क्या है।
Da aber die Botschaften der Fürsten von Babel zu ihm gesandt waren, zu fragen nach dem Wunder, das im Lande geschehen war, verließ ihn Gott also, daß er ihn versuchte, auf daß kund würde alles, was in seinem Herzen war.
32 और हिज़क़ियाह के बाक़ी काम और उसके नेक आ'माल आमूस के बेटे यसायाह नबी की ख़्वाब में और यहूदाह और इस्राईल के बादशाहों की किताब में लिखा है।
Was aber mehr von Hiskia zu sagen ist, und seine Barmherzigkeit, siehe, das ist geschrieben in dem Gesicht des Propheten Jesaja, des Sohns Amoz, im Buch der Könige Judas und Israels.
33 और हिज़क़ियाह अपने बाप — दादा के साथ सो गया, और उन्होंने उसे बनी दाऊद की क़ब्रों की चढ़ाई पर दफ़्न किया, और सारे यहूदाह और येरूशलेम के सब बाशिन्दों ने उसकी मौत पर उसकी ताज़ीम की; और उसका बेटा मनस्सी उसकी जगह बादशाह हुआ।
Und Hiskia entschlief mit seinen Vätern, und sie begruben ihn über die Gräber der Kinder Davids. Und ganz Juda und die zu Jerusalem taten ihm Ehre in seinem Tode. Und sein Sohn Manasse ward König an seiner Statt.

< 2 तवा 32 >