< 2 तवा 3 >
1 और सुलेमान येरूशलेम में कोह — ए — मोरियाह पर जहाँ उसके बाप दाऊद ने ख़्वाब देखा उसी जगह जैसे दाऊद ने तैयारी कर के मुक़र्रर किया या'नी उरनान यबूसी के खलीहान में ख़ुदावन्द का घर बनाने लगा।
Et cœpit Salomon ædificare domum Domini in Jerusalem in monte Moria, qui demonstratus fuerat David patri ejus, in loco quem paraverat David in area Ornan Jebusæi.
2 और उसने अपनी हुकूमत के चौथे साल के दूसरे महीने की दूसरी तारीख़ को बनाना शूरू' किया।
Cœpit autem ædificare mense secundo, anno quarto regni sui.
3 और जो बुनियाद सुलेमान ने ख़ुदा के घर की ता’मीर के लिए डाली वह यह है उसका तूल हाथों के हिसाब से पहले नाप के मवाफ़िक़ साठ हाथ और 'अरज बीस हाथ था।
Et hæc sunt fundamenta quæ jecit Salomon, ut ædificaret domum Dei: longitudinis cubitos in mensura prima sexaginta, latitudinis cubitos viginti.
4 और घर के सामने के उसारा की लम्बाई घर की चौड़ाई के मुताबिक़ बीस हाथ और ऊँचाई एक सौ बीस हाथ थी और उस ने उसे अन्दर से ख़ालिस सोने से मेंढा।
Porticum vero ante frontem, quæ tendebatur in longum juxta mensuram latitudinis domus, cubitorum viginti: porro altitudo centum viginti cubitorum erat: et deauravit eam intrinsecus auro mundissimo.
5 और उसने बड़े घर की छत सनोबर के तख़्तों से पटवाई, जिन पर चोखा सोना मंढा था और उसके ऊपर खजूर के दरख़्त और ज़न्जीरे बनाई।
Domum quoque majorem texit tabulis ligneis abiegnis, et laminas auri obrizi affixit per totum: sculpsitque in ea palmas, et quasi catenulas se invicem complectentes.
6 और जो ख़ूबसूरती के लिए उस ने उस घर को बेशक़ीमत जवाहर से दुरूस्त किया और सोना परवाइम का सोना था।
Stravit quoque pavimentum templi pretiosissimo marmore, decore multo.
7 और उसने घर को यानी उसके शहतीरों, चौखटों, दिवारो और किवाड़ो को सोने से मंढ़ा और दीवारों पर करुबियों की सूरत कंदा की।
Porro aurum erat probatissimum, de cujus laminis texit domum, et trabes ejus, et postes, et parietes, et ostia: et cælavit cherubim in parietibus.
8 और उसने पाक तरीन मकान बनाया जिसकी लम्बाई घर के चौड़ाई के मुताबिक़ बीस हाथ और उसकी चौड़ाई बीस हाथ थी और उसने उसे छ: सौ क़िन्तार चोखे सोने से मंढ़ा।
Fecit quoque domum Sancti sanctorum: longitudinem juxta latitudinem domus cubitorum viginti: et latitudinem similiter viginti cubitorum: et laminis aureis texit eam, quasi talentis sexcentis.
9 और कीलों का वज़न पचास मिस्क़ाल सोने का था और उसमें ऊपर की कोठरियाँ भी सोने से मंढ़ा।
Sed et clavos fecit aureos, ita ut singuli clavi siclos quinquagenos appenderent: cœnacula quoque texit auro.
10 और उसने पाकतरिन मकान में दो करुबियों को तराशकर बनाया और उन्होंने उनको सोने से मंढ़ा।
Fecit etiam in domo Sancti sanctorum cherubim duos, opere statuario: et texit eos auro.
11 और करुबियों के बाज़ू बीस हाथ लम्बे थे, एक करूबी का एक बाज़ू पाँच हाथ का घर की दीवार तक पहुँचा हुआ और दूसरा बाज़ू भी पाँच हाथ का दूसरे करूबी के बाज़ू तक पहुँचा हुआ था।
Alæ cherubim viginti cubitis extendebantur, ita ut una ala haberet cubitos quinque et tangeret parietem domus: et altera quinque cubitos habens, alam tangeret alterius cherub.
12 और दूसरे करूबी का एक बाज़ू पाँच हाथ का घर की दिवार तक पहुँचा हुआ और दूसरा बाज़ू भी पाँच हाथ का दूसरे करूबी के बाज़ू से मिला हुआ था।
Similiter cherub alterius ala, quinque habebat cubitos, et tangebat parietem: et ala ejus altera quinque cubitorum, alam cherub alterius contingebat.
13 इन करुबियों के पर बीस हाथ तक फैले हुएं थे और वह अपने पाँव पर खड़े थे और उनके मुँह उस घर की तरफ़ थे।
Igitur alæ utriusque cherubim expansæ erant et extendebantur per cubitos viginti: ipsi autem stabant erectis pedibus, et facies eorum erant versæ ad exteriorem domum.
14 और उसने पर्दः आसमानी और अर्गवानी और क़िरमिज़ी कपड़े और महीन कतान से बनाया उस पर करुबियों को कढ़वाया।
Fecit quoque velum ex hyacintho, purpura, cocco, et bysso: et intexuit ei cherubim.
15 और उसने घर के सामने पैंतीस पैंतीस हाथ ऊँचे दो सुतून बनाए, और हर एक के सिरे पर पाँच हाथ का ताज़ था।
Ante fores etiam templi duas columnas, quæ triginta et quinque cubitos habebant altitudinis: porro capita earum, quinque cubitorum.
16 और उसने इल्हामगाह में ज़ंजीरे बनाकर सुतूनों के सिरों पर लगाए और एक सौ अनार बनाकर ज़ंजीरों में लगा दिए।
Necnon et quasi catenulas in oraculo, et superposuit eas capitibus columnarum: malogranata etiam centum, quæ catenulis interposuit.
17 और उसने हैकल के आगे उन सुतूनों को एक दाहिनी और दूसरे को बाई तरफ़ खड़ा किया और जो दहिने था उसका नाम यक़ीन और जो बाएँ था उसका नाम बो'अज़ रखा।
Ipsas quoque columnas posuit in vestibulo templi, unam a dextris, et alteram a sinistris: eam quæ a dextris erat, vocavit Jachin: et quæ ad lævam, Booz.